श्री राकेश कुमार
(श्री राकेश कुमार जी भारतीय स्टेट बैंक से 37 वर्ष सेवा के उपरांत वरिष्ठ अधिकारी के पद पर मुंबई से 2016 में सेवानिवृत। बैंक की सेवा में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान के विभिन्न शहरों और वहाँ की संस्कृति को करीब से देखने का अवसर मिला। उनके आत्मकथ्य स्वरुप – “संभवतः मेरी रचनाएँ मेरी स्मृतियों और अनुभवों का लेखा जोखा है।” आज प्रस्तुत है नवीन आलेख की शृंखला – “ परदेश ” की अगली कड़ी।)
☆ आलेख ☆ परदेश – भाग – 5 ☆ श्री राकेश कुमार ☆
श्वान चर्चा
विश्व में उन सभी स्थानों पर जहां मानव जाति पाई जाती है, श्वान भी साथ में ही बसते हैं। महाभारत ग्रंथ में भी युधिष्ठिर और उनके श्वान भक्ति का संदर्भ आज भी लिया जाता हैं।
महाभारत का आरंभ और अंत भी श्वान कथा से ही होता हैं।
प्रातः और सायं भ्रमण के समय यहां अमेरिका की धरती पर भी अपने मालिकों के साथ भ्रमण करते हुए पाए जाते हैं। हमारे देश में अमीरों के श्वान तो उनके सेवकों के भरोसे ही रहते हैं। कुछ सेवक तो उनके दूध में पानी मिला कर हेराफेरी करने में भी अग्रणी होते हैं, और उनको उद्यान में घुमाने के समय चैन को बेंच से बांध कर स्वयं व्हाट्स ऐप में हमारे जैसे फुरसतियों के किस्से पढ़ते रहते हैं।
यहां पर श्वान को भ्रमण के समय चैन/ रस्सी बांध कर ही ले जाना अनिवार्य हैं। यहां अधिकतर श्वानोंं की चैन पतंग की चरखी नुमा यंत्र से नियंत्रित रहती हैं। ढील देने से चैन की लंबाई बढ़ जाती हैं।
श्वानों की नई नई नस्लें देख कर आश्चर्य भी होता हैं। बस दिल में एक कसक है, यहां हमारे देश जैसे सड़कों पर घूमते हुए कारों के पीछे दौड़ते हुए श्वान नहीं दिखे, शायद देसी श्वान की नस्ल को यहां की जलवायु में जीवन असंभव होगा। हमारे देश के अमीर लोग तो ठंडे प्रदेशों के श्वान के लिए पूर्णतः वातानुकूलित व्यवस्था करवा लेते हैं। हो सकता है, यहां के अमीर भी हमारे यहां के देसी श्वान पालते हो और उनके लिए गर्म जलवायु की व्यवस्था करवा लेते हों।
श्वान को घर से बाहर घुमाने लाए हुए सभी व्यक्तियों के हाथ में प्लास्टिक की थैली देखकर प्रथम तो अजीब सा प्रतीत हुआ, बाद में देखा इसका उपयोग उसके द्वारा त्यागे हुए मल को उठाने के लिए किया जाता हैं। सफाई को बनाए रखने में ये एक महत्वपूर्ण व्यवस्था हैं। कुछ स्थानों पर मुफ्त प्लास्टिक थैली उपलब्ध भी होती हैं। हमारे देश के श्वान पालक इन सब से कब संज्ञान लेंगें?
© श्री राकेश कुमार
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