प्रो. (डॉ.) शरद नारायण खरे

हनुमानजी पर दोहे☆ प्रो. (डॉ.) शरद नारायण खरे ☆

राम सिया के भक्त हैं, पवनपुत्र हनुमान।

 हैं बेहद ही दिव्य जो, सच में बहुत महान।।

 संकट को हरते सदा, रामदूत हनुमान।

राम काज करते सदा,  हैं बेहद बलवान।। ंंंं

सब अनिष्ट हों दूर नित, आये कभी न आंच।

हनुमत की ताक़त ‘शरद’, कौन सका है बांच।।

बजरंगी जीतें सदा, पराभूत हो पाप।

हनुमत की महती दया, दूर रहें संताप।।

रामभक्त हैं देव वे, फैलाते आलोक।

हर युग में हनुमान जी, परे करें हर शोक।।

बलवीरा हनुमान जी, व्यापक रखें विवेक।

मंगल करते नित्य ही, काम करें नित नेक।।

हनुमत दयानिधान हैं, कर लो उनका जाप।

जीवन हो सुखमय सदा, परे हटे हर शाप।।

कलियुग में है आसरा, परमवीर कपिराज।

करें दया तब ही बजे, अमन-चैन का साज़।।

पवनपुत्र की जय करो, जो हैं बल के धाम।

देवों के हैं देव जो, सदा सुपावन नाम।।

कलियुग में वरदान हैं, हनुमत दयानिधान।

 करते हैं जो भक्त की, सदा सुरक्षित आन।।

© प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे

प्राचार्य, शासकीय महिला स्नातक महाविद्यालय, मंडला, मप्र -481661

(मो.9425484382)

ईमेल – [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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