श्री प्रदीप शर्मा

(वरिष्ठ साहित्यकार श्री प्रदीप शर्मा जी द्वारा हमारे प्रबुद्ध पाठकों के लिए साप्ताहिक स्तम्भ “अभी अभी” के लिए आभार।आप प्रतिदिन इस स्तम्भ के अंतर्गत श्री प्रदीप शर्मा जी के चर्चित आलेख पढ़ सकेंगे। आज प्रस्तुत है आपका आलेख – “आओ चीन को कोसें “।)  

? अभी अभी # 69 ⇒ आओ चीन को कोसें ? श्री प्रदीप शर्मा  ? 

अगर आप दुश्मन को कमजोर करना चाहते हैं,तो उसे सामूहिक रूप से कोसना शुरू कर दें ! अगर सामूहिक अरदास और प्रार्थना असर करती है तो सामूहिक बददुआ भी बड़ी कारगर होती है ।

कोविड – 19 उर्फ कोरोना वायरस जब से आया है, इंसान का जीना हराम हो गया है । पहले भी जीना हराम होने के हमारे पास कई वाजिब कारण थे, सास बहू के झगडे थे, विपक्ष का रोना था, पाकिस्तान की खुराफात थी, आतंकवाद से लड़ाई में तो खैर पूरी दुनिया हमारे साथ थी । जिस शत्रु से हमारा युद्ध होता है, उसे कोसने की हमें फुर्सत नहीं होती । कोरोना की लड़ाई आमने सामने की लड़ाई नहीं है, पीछे हटने की लड़ाई है । यह पहली ऐसी लड़ाई है,जो हम घर में बैठकर लड़ रहे हैं । दुश्मन के लिए हमने मैदान साफ कर दिया है । वह  आए, सुनसान सड़कों, बंद संस्थानों, वाहनों के जाम चक्कों से अपना सर टकराए,और निराश हो वापस चला जाए ।।

पहले हमने कोरोना को कोसा ! लेकिन जब स्पष्ट हो गया कि इसे कोसने से हमें कुछ हासिल नहीं होने का, तो इसके मां बाप को कोसना शुरू कर दिया । कैसी औलाद पैदा कर दी चीन ने, जिसने दुनिया में तबाही मचा दी । हम इसको नहीं छोड़ेंगे ।

घर के बुजुर्ग ट्रंपवा बहुत खफा हैं चीन पर । चीन की  टट्टी पेशाब बंद कराने की बात कर रहे हैं । याद कीजिए नाइन इलेवन की वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की घटना ! जिसमें ३००० बेकसूर लोग मारे गए थे । लेकिन अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को घर में घुसकर मारा था । इस कोरोना हमले में तो अमरीका के दो लाख से अधिक लोगों की जानें गई है । छोड़ेगा नहीं अमरीका चीन को ।।

दुश्मन का दुश्मन,हमारा दोस्त । फिर हमारा दोस्त अभी अभी  २४ फरवरी को  नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम में इंडिया पधारा था। हमने उससे नमस्ते नहीं की, उसको गले लगाया था । हम यह भी जानते हैं कि हमारा दुश्मन नंबर एक पाकिस्तान चीन से मिला हुआ है । दुश्मन का दोस्त, हमारा दुश्मन ।

जब हम कोरोना वीरों के लिए ताली, थाली बजा सकते हैं, रात्रि को ९ बजे, नौ दीप जला सकते हैं, उन पर पुष्प वर्षा करवा सकते हैं तो कोरोना के पिताजी की नींद हराम क्यों नहीं कर सकते ।।

हमारे  महर्षि दुर्वासा, और  परशुराम के शापों का असर दुनिया ने देखा है ।  क्यों न एक दिन हम चाइना धिक्कार दिवस के रूप में  मनाएं । चाइना तेरा मुंह काला हो, तेरा सत्यानाश हो, तुझे कीड़े पड़ें जैसे आशीर्वचन से जब १३० करोड़ भारतवासी मिलकर चाइना को कोसेंगे, धिक्कारेंगे तो उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो जाएगी ।

हो सकता है इस शुभ कार्य में ट्रंप सहित दुनिया के अन्य देश भी हमारी मदद करें । आखिर पूरी दुनिया को तबाह करने वाला, कोरोना वायरस का जनक चाइना ही तो है ।।

 – सन्दर्भ कोरोना 

♥ ♥ ♥ ♥ ♥

© श्री प्रदीप शर्मा

संपर्क – १०१, साहिल रिजेंसी, रोबोट स्क्वायर, MR 9, इंदौर

मो 8319180002

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

image_printPrint
5 1 vote
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments