डॉ भावना शुक्ल
(डॉ भावना शुक्ल जी (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं वीर सैनिकों को समर्पित कविता “कारगिल विजय दिवस…”।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ # 192 – साहित्य निकुंज ☆
☆ कारगिल विजय दिवस ☆
कारगिल पर विजय दिला,
दिया अपना बलिदान।
वीरों के शौर्य पराक्रम पर
मिला तिरंगे को सम्मान।
सोचा था इन वीरों ने
झुकने इसे न हम देंगे,
मातृभूमि की खातिर,
जान अपनी जरूर देंगे।
छक्के सबके छुड़ा दिए,
खड़े वे सीना तान।
फर्ज निभाया वीरों ने,
हो गए वे कुर्बान।
लक्ष्य विजय का यही था
थे सच्चे वीर जवान।
विजय दिला कर चले गए,
रखा देश का मान।
अर्पण हुए है राष्ट्र हित में,
माताओं के लाल।
नमन उन्हें हम कर रहे,
चमके मां का भाल।
गर्व हमेशा हमें रहेगा।
हम भारत की संतान,
अंत समय तक यही कहा,
विजयी हिंदुस्तान।
इतिहास के पन्नों पर,
अमर हुआ है नाम।
युगों युगों तक याद रहेगा,
कारगिल संग्राम कारगिल संग्राम।।
जय हिंद भारत माता की जय
© डॉ भावना शुक्ल
सहसंपादक… प्राची
प्रतीक लॉरेल, J-1504, नोएडा सेक्टर – 120, नोएडा (यू.पी )- 201307
मोब. 9278720311 ईमेल : [email protected]
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈