श्री एस के कपूर “श्री हंस”

☆ गजल ☆ ।। खुद का चेहरा भी देखना जरूरी है ।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆ 

[1]

आईना पहले देखो फिर दिखाया करो।

झूठ को हमेशा   झूठ ही  बताया करो।।

[2]

खुद का   चेहरा भी   देखना  जरूरी है।

तब कोई इल्जाम किसी पे लगाया करो।।

[3]

उपर वाले की वह  लाठी  दिखती नहीं है।

हमेशा यह सोचके किसीको सताया करो।।

[4]

जो काम हाथ में लो पूरा करना है जरूरी।

यह समझ कर ही जिम्मेदारी उठाया करो।।

[5]

हर  आदमी का मोल और कीमत समझो।

यूं ही   किसी गरीब को  मत नचाया करो।।

[6]

गलत तरीके से मत करो बचाव किसी का।

सामने सच के झूठ को  मत बचाया करो।।

[7]

हंस फूस में चिंगारी तरह सचआता बाहर।

सात पर्दों में यूं सच   को मत छुपाया करो।।

© एस के कपूर “श्री हंस”

बरेली

ईमेल – Skkapoor5067@ gmail.com

मोब  – 9897071046, 8218685464

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈
0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments