सुश्री इन्दिरा किसलय
☆ चार क्षणिकाएं ☆ सुश्री इन्दिरा किसलय ☆
1-
भूतपूर्व उग्रवादी
विधायक बन गये
अच्छा किया
पुराने उद्योग को
नया नाम दे दिया।●
2-
पर्यावरण पर
टनों लिखो
पुरस्कार पाओ।
पर
एक ग्राम अपनी
आदत में भी मिलाओ।●
3-
कागज कलम
साथ है
तो लिखते चले जाओगे
सोचोगे नहीं
वक्त के भी हाथ हैं।●
4-
और तेज दौड़ो
पसीना बहाओ।
साहित्य को
हाशिए से
पूरे पेज पर ले आओ।●
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© सुश्री इंदिरा किसलय
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈