श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”
संस्कारधानी के सुप्रसिद्ध एवं सजग अग्रज साहित्यकार श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज” जी के साप्ताहिक स्तम्भ “मनोज साहित्य ” में आज प्रस्तुत है “मनोज के दोहे…”। आप प्रत्येक मंगलवार को आपकी भावप्रवण रचनाएँ आत्मसात कर सकेंगे।
मनोज साहित्य # 105 – मनोज के दोहे… ☆
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अष्टभुजा सिंह वाहनी, कर जग का कल्याण।
विकट युद्ध है चल रहा, बचें सभी के प्राण।।
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दुर्गा दुर्गति को हरे, सुख शांति विस्तार।
दुश्मन का संहार कर, करे भक्त उद्धार।।
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आतंकों` का अंत हो, सुखद शांति का वास।
आपस में सद्भावना, हो दुश्मन का नास।।
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© मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”
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