डॉ निशा अग्रवाल
☆ “अवध में राम आए हैं…” ☆ डॉ निशा अग्रवाल ☆
☆
मच रही धूम अभिनंदन की
कलियुग में राम आए हैं।
झूम रही धरा अयोध्या की
त्रेता युग राम आए हैं।
*
संग खुशियां समुंदर सी
शांति की लहरें लाए हैं
जन्मभूमि को गुलशन सी
राम महकाने आए हैं
भाग्य चमकाने आए हैं
मच रही धूम अभिनंदन की
अवध में राम आए हैं।
*
सनातन धर्म की आस्था
जग में जगाने आए हैं
हिंदुत्व और एकता का ये
दीप जलाने आए हैं
ये रौशन करने आए हैं
मच रही धूम अभिनंदन की
कलियुग में राम आए हैं
*
यज्ञ, तप, जप, साधना कर
मानव धर्म साथ लाए हैं
अंधेरों का वक्ष चीर कर
ये सूरज साथ लाए हैं
अवध में राम आए हैं
मच रही धूम अभिनंदन की
अवध में राम आए हैं।
*
कलियुग के हनुमानों ने आज
ताकत दुनिया को दिखाई है
खत्म किया राम का बनवास
अवध में राम अगुवाई है
अब गूंज उठी शहनाई है
मच रही धूम अभिनंदन की
अवध में राम आए हैं।
*
संत, महंत, बालक,नर नारी
मन है सबके खिले हुए
आर्यवर्त के मन आंगन में
रामराज्य हैं उदित हुए
खुशियों से मन मुदित हुए
मच रही धूम अभिनंदन की
अवध में राम आए हैं।
*
भंवर में अटकी थी नैया
तारने राम आए हैं
बजाओ शंख मृदंग डमरू
विष्णु अवतार आए हैं
अवध में राम लला आए हैं
मच रही धूम अभिनंदन की
अवध में राम आए हैं।
☆
© डॉ निशा अग्रवाल
(ब्यूरो चीफ ऑफ जयपुर ‘सच की दस्तक’ मासिक पत्रिका)
एजुकेशनिस्ट, स्क्रिप्ट राइटर, लेखिका, गायिका, कवियत्री
जयपुर ,राजस्थान
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈