सुश्री रुचिता तुषार नीमा
☆ कविता ☆ गणतंत्र दिवस…🇮🇳 ☆ सुश्री रुचिता तुषार नीमा ☆
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दिन आज फिर शक्ति प्रदर्शन का आया,,
देखो गणतंत्र दिवस है आया
लागू हुआ था संविधान इसी दिन,
इसी दिन जनता के हाथ में अधिकार है आया,,
देखो गणतंत्र दिवस है आया।।
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भीमराव का अखण्ड भारत का सपना,,
गणतंत्र में सरोकार हो आया,,,
अनेकता में एकता के सूत्र से,,
भारत देश है जगमगाया,,,
देखो गणतंत्र दिवस है आया।।
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1950 से लेकर आज तक,,
हर जगह भारत का ध्वज है लहराया,,,
अध्यात्म हो, या मनोरंजक गतिविधियाँ,
हर जगह परचम है पहराया
देखो गणतंत्र दिवस है आया।।।
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महामारी के इस दौर में भी,
जागरूकता से निजात है पाया,
देकर कोरोना वैक्सीन दुनिया को
एक बार फिर विश्व गुरु है कहलाया
देखो गणतंत्र दिवस है आया।।
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जल,थल,और वायुसेना का
सर्वश्रेष्ठ सब साधन जुटाया,
ओलम्पिक में भी पाकर स्वर्ण
भारत माँ का गौरव बढ़ाया।।
देखो गणतंत्र दिवस है आया।।।
जय हिंद, जय भारत
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© सुश्री रुचिता तुषार नीमा
इंदौर, मध्य प्रदेश
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈