श्री संतोष नेमा “संतोष”
(आदरणीय श्री संतोष नेमा जी कवितायें, व्यंग्य, गजल, दोहे, मुक्तक आदि विधाओं के सशक्त हस्ताक्षर हैं. धार्मिक एवं सामाजिक संस्कार आपको विरासत में मिले हैं. आपके पिताजी स्वर्गीय देवी चरण नेमा जी ने कई भजन और आरतियाँ लिखीं थीं, जिनका प्रकाशन भी हुआ है. आप डाक विभाग से सेवानिवृत्त हैं. आपकी रचनाएँ राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में लगातार प्रकाशित होती रहती हैं। आप कई सम्मानों / पुरस्कारों से सम्मानित/अलंकृत हैं. “साप्ताहिक स्तम्भ – इंद्रधनुष” की अगली कड़ी में आज प्रस्तुत है अवध में आए राम लला…। आप श्री संतोष नेमा जी की रचनाएँ प्रत्येक शुक्रवार आत्मसात कर सकते हैं।)
☆ साहित्यिक स्तम्भ – इंद्रधनुष # 201 ☆
☆ अवध में आए राम लला.. ☆ श्री संतोष नेमा ☆
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करेंगे सब का काम भला
अवध में आए राम लला
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लगी दरश की आस हमारी
झूम उठी सारी फुलवारी
हुईं सब निष्फल विघ्न-बला
अवध में आए राम लला
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राम हृदय में जिनके बसते
वही अवध का मर्म समझते
देखता अग-जग राम-कला
अवध में आए राम लला
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रघुनंदन जगती के स्वामी
घट-घट वासी अन्तर्यामी
राम से जग जीवन उजला
अवध में आए राम लला
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राम शरण संतोष पड़ा है
द्वार राम के जगत खड़ा है
कई जन्मों का पुण्य फला
अवध में आए राम लला
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© संतोष कुमार नेमा “संतोष”
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