(प्रतिष्ठित साहित्यकार श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ जी के साप्ताहिक स्तम्भ – “विवेक साहित्य ” में हम श्री विवेक जी की चुनिन्दा रचनाएँ आप तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं। श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र जी, मुख्यअभियंता सिविल (म प्र पूर्व क्षेत्र विद्युत् वितरण कंपनी , जबलपुर ) से सेवानिवृत्त हैं। तकनीकी पृष्ठभूमि के साथ ही उन्हें साहित्यिक अभिरुचि विरासत में मिली है। आपको वैचारिक व सामाजिक लेखन हेतु अनेक पुरस्कारो से सम्मानित किया जा चुका है।आज प्रस्तुत है आपका एक विचारणीय संस्मरण – लंदन से 1।
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – विवेक सहित्य # 265 ☆
संस्मरण – लंदन से 1
ब्रिटेन की पार्लियामेंट के सामने ही महात्मा गांधी मिले।
मंद ठंडी बयार में लहराते कामनवेल्थ देशों के झंडे, अन्य अनेक महापुरुषों के बुतों के साथ अपने अंदाज में सत्य की लाठी के साथ डटे हुए।
लंदन में अपनी मांग, आवाज, आंदोलन, इसी पार्क में उठाई जाती हैं। (भारत के जंतर मंतर की तरह)
यद्यपि इंग्लैंड में बब्बर शेर या टाइगर नहीं होते, पर फिर भी इसे इंग्लैंड के राष्ट्रीय पशु के रूप में मान्यता दी गई है।
यहां की महत्वपूर्ण इमारतों के स्वागत द्वार पर शेरों की मूर्तियां लगी हुई हैं।
शेरों को लंबे समय से ताकत के प्रतीक के रूप में जाना जाता है, क्योंकि वह जंगल का सर्वथा शक्तिशाली प्राणी होता है।
इंग्लैंड के इतिहास में 12 वीं सदी से यहां के शासको प्लांटैजेनेट परिवार के समय से सिंह की छबि और मूर्तियों को सत्ता के प्रतीक के रूप में प्रतिपादित किया गया, और यह परंपरा आज तक कायम है।
दरअसल इंग्लैंड की संस्कृति में धरोहर, परंपरा और इतिहास को बहुत महत्व दिया जाता है।
© विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’
म प्र साहित्य अकादमी से सम्मानित वरिष्ठ व्यंग्यकार
लंदन से
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