श्री राकेश कुमार
(श्री राकेश कुमार जी भारतीय स्टेट बैंक से 37 वर्ष सेवा के उपरांत वरिष्ठ अधिकारी के पद पर मुंबई से 2016 में सेवानिवृत। बैंक की सेवा में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान के विभिन्न शहरों और वहाँ की संस्कृति को करीब से देखने का अवसर मिला। उनके आत्मकथ्य स्वरुप – “संभवतः मेरी रचनाएँ मेरी स्मृतियों और अनुभवों का लेखा जोखा है।” आज प्रस्तुत है आलेख की शृंखला – “देश -परदेश ” की अगली कड़ी।)
☆ आलेख # 78 ☆ देश-परदेश – जंगल में अमंगल ☆ श्री राकेश कुमार ☆
मानव जाति सैकड़ों वर्षों से जंगलों का दोहन करती आ रही है। अब समय बदल चुका है, जंगल में निर्वाह करने वाले अनेक जीव जंतु मानव जीवन में ही प्रवेश कर उसे समाप्त कर चुके हैं।
प्रकृति अपना बदला ले कर रहती है। मानव जाति ने जंगल की संपदा को समेटा है, अब मानव जाति को जंगल के पशु और पक्षी समाप्त कर देंगे।
जंगल में इस बात को लेकर आपात काल लागू कर दिया गया कि कुछ जीव जंगल से पूरी तरह से समाप्त हो गए हैं। जैसे की कौआ, गिरगिट, कुत्ता, लोमड़ी, और चमगादड़। इनकी खोज खबर के लिए जंगल से एक विशेष टीम शहरों में गई और जंगल के राजा को अपनी अंतरिम रिपोर्ट तय समयानुसार जमा करा दी है।
टीम के निष्कर्ष में पाया गया जंगल के सभी कौए दुनिया की विभिन्न टीवी चैनल पर एंकर का कार्य कर रहे हैं। गिरगिट तो जन मानस के नेता के रूप में मज़े ले रहे है।
कुत्ते नर और मादा दोनों आजकल दुनिया के गिरगिटों के मीडिया प्रभारी बन कर कौओं की चैनल पर रात दिन भौं भौं कर गुलछर्रे उड़ा रहे हैं।
विश्व के सभी चमगादड़ मानव जाति में प्रवेश कर किसी काले से रंग के छोटे से डिब्बी नुमा यंत्र को सोते जागते पकड़े रहते हैं। ये यंत्र खाते, पीते इनके हाथ में रह कर मानव जाति के दिमाग को दीमक के समान खोखला करने में लगा रहता है।
लोमड़ी के बारे में बस इतना ही कहा, ये प्रजाति व्हाट्स ऐप के मैसेज का लेनदेन (कॉपी/पेस्ट) बहुत ही होशियारी और चालाकी से कर अपना नाम अर्जित करने में कार्यरत है।
आपके मन में भी किसी जंगल के जीव के बारे में इस प्रकार की जानकारी हो तो, साझा कर ग्रुप के सदस्यों का ज्ञानवर्धन कर सकते हैं।
© श्री राकेश कुमार
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