श्री एस के कपूर “श्री हंस”
☆ “श्री हंस” साहित्य # 117 ☆
☆ मुक्तक – ।।हर धड़कन में हिंदी हिंदुस्तान चाहिए।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆
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[1]
हर रंग से भी हमें रंगीन हिंदुस्तान चाहिए।
खिले बागों बहार सा गुलिस्तान चाहिए।।
चाहिए विश्व में नाम ऊँचा भारत का।
विश्व गुरु भारत का सम्मान चाहिए।।
[2]
मंगल चांद को छूता भारत महान चाहिए।
अजेय अखंड विजेता हिंदुस्तान चाहिए।।
दुश्मन नजर उठा कर देख भी न सके।
हर शत्रु का हमको काम तमाम चाहिए।।
[3]
हमें गले मिलते राम और रहमान चाहिए।
एक दूजे के लिए प्रणाम सलाम चाहिए।।
चाहिए हमें मिल कर रहते हुए सब लोग।
एक दूजे के लिए दिलों में एतराम चाहिए।।
[4]
एक सौ पैंतीस करोड़ सुखी अवाम चाहिए।
कश्मीर से कन्याकुमारी प्रेम पैगाम चाहिए।।
चाहिए विविधता में एकता का शक्ति दर्शन।
सम्पूर्ण विश्व में राष्ट्र का यशो गान चाहिए।।
[5]
पुरातन संस्कार मूल्य का गुणगान चाहिए।
हर भारतवासी के चेहरे पर मुस्कान चाहिए।।
चाहिए गर्व और गौरव अपने भारत का।
हर धड़कन में हिन्दी हिंद का पैगाम चाहिए।।
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© एस के कपूर “श्री हंस”
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