श्री अजीत सिंह
(हमारे आग्रह पर श्री अजीत सिंह जी (पूर्व समाचार निदेशक, दूरदर्शन) हमारे प्रबुद्ध पाठकों के लिए विचारणीय आलेख, वार्ताएं, संस्मरण साझा करते रहते हैं। इसके लिए हम उनके हृदय से आभारी हैं। आज प्रस्तुत है श्री अजीत सिंह जी द्वारा पितृ दिवस पर स्वर्गीय पिताजी के साथ उनका आभासी संवाद ‘स्वर्गीय पिता से संवाद…’।)
☆ आलेख – स्वर्गीय पिता से संवाद… ☆ श्री अजीत सिंह, पूर्व समाचार निदेशक, दूरदर्शन ☆
पितृ दिवस पर स्वर्गीय पिता जी के साथ मेरा एक आभासी संवाद (virtual conversation) हुआ। वे शायद स्वर्ग में हैं और स्वर्ग का कोई सही पता ठिकाना मुझे नहीं मालूम। मुझे लगता है कि स्वर्ग मात्र मेरे मानसिक पटल (mental space) पर है।
पिताश्री स्वर्गीय चौधरी मुगला राम
पिताजी से मैंने पूछा कि वे वहां पर कैसे हैं। हम सब यहां उन्हें याद करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं कि यहां कब आयेंगे।
पिताजी का स्वर्ग में भी काफी बड़ा परिवार है। वे इसका जिक्र करते हैं। मैं उन्हें यहां के परिवार के बारे में बताता हूं।
पिताजी कहते हैं कि वे स्वर्ग में अपने परिवार के साथ खूब ठाठ कर रहे हैं। अंत में वे मुझसे पूछते हैं कि मैं स्वयं कब उनके पास जा रहा हूं।
ये सारा किस्सा मैने एक कविता/गीत के रूप में वानप्रस्थ संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुत किया।
☆ स्वर्गीय पिता जी के साथ एक आभासी संवाद (virtual conversation) ☆
बाब्बू बैठा कौन से देस
बदल कर भेस
बता कद आवेगा।
भेज कोई चिट्ठी या संदेश
बता कद आवेगा।
*
पितृ पूजा पे कुनबा
आगया सारा,
वे पूछे हाल तुम्हारा।
बता कद आवेगा।
*
मां भी जाली,
जाली दो बड़नी बांहन,
दो छोटे बीरन भी, जा लिए वहां
तेरे चार पोते, नहीं हैं यहां।
दो बेटी , तेरी विधवा बैठी,
बस एक का सही सुहाग।
बता कद आवेगा।
बाब्बू बैठा कौनसे देस
बदल कर भेस
बता कद आवेगा।
भेज कोई चिट्ठी या संदेश
बता कद आवेगा।
*
एक पोता तेरा अफसर बंग्या,
एक दूजा ट्राला ऑपरेटर,
तीन पोते जमींदारी करते,
चलावें ट्रैक्टर और थ्रेशर।
तेरा एक पड़पोता अमरीका में
दूजा गया ऑस्ट्रेलिया।
एक पोती, एक द्योती तेरी बनी प्रोफेसर,
एक द्योति बनी बीमा मैनेजर
बता कद आवेगा।
बाब्बू बैठा कौनसे देस
बदल कर भेस
बता कद आवेगा।
भेज कोई चिट्ठी या संदेश
बता कद आवेगा।
*
(अब बाब्बू कहता है)
तेरी मां भी मेर पास,
तीन और रानियों के साथ।
जगबीर भरे हुक्का,
सुखपाल सुनावे हाल,
यहां पूरा है जमाल।
पोते सिल्लू, प्रदीप, वेद यहां
घूम रहे हैं।
कुछ तो पी के यहां झूम रहे हैं।
*
बेटा लयूं सु सुरग के ठाठ
देखूं सु तेरी बाट
बता तू कब आवेगा ।
तेरी उम्र अठत्तर होगी,
तेरे बी पी शुगर होगी,
कितने दिन और है जीना,
बता कब आवेगा ।
*
बाब्बू बैठा कौनसे देस
बदल कर भेस
बता कद आवेगा।
पितृ पूजा पे कुनबा
आगया सारा,
वे पूछे हाल तुम्हारा।
बता कद आवेगा।
*
(पिता कथन)
बेटा लयूं सु सुरग के ठाठ
देखूं सु तेरी बाट
बता कब आवेगा ।
तेरी उम्र अठत्तर होगी,
तेरे बी पी शुगर होगी,
कितने दिन और है जीना,
बता कब आवेगा ।
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© श्री अजीत सिंह
पूर्व समाचार निदेशक, दूरदर्शन हिसार।
मो : 9466647037
(लेखक श्री अजीत सिंह हिसार से स्वतंत्र पत्रकार हैं । वे 2006 में दूरदर्शन केंद्र हिसार के समाचार निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए।)
≈ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈