सुश्री प्रभा सोनवणे
कविता
☆ कृष्ण… ☆ सुश्री प्रभा सोनवणे ☆
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कृष्ण मेरा प्यार है
कृष्ण ही आराधना
कृष्ण मेरे जिंदगी की
एकमेव साधना
*
मैं न राधा, ना ही मीरा,
और नही हूँ कुब्जा भी
कृष्ण मेरा है युगों से
यह सत्य जाना है अभी
*
कृष्ण को देखा पहले
घर मैं लगी तस्वीर में
काली आँखे, अंग नीला,
बंसुरी थी हाथ में
*
कृष्ण पढा , कृष्ण देखा
अनगिनत अध्यायों में
कृष्ण ही पिछे खड़ा था
जीवन के हर संघर्ष में
*
कृष्ण बेड़ा पार कराये,
जिंदा रखे संसार में
जीवन मैं है ,मौत में है
कृष्ण ही है मोक्ष में !
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🌹 जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ 🌹
© प्रभा सोनवणे
१६ जून २०२४
संपर्क – “सोनवणे हाऊस”, ३४८ सोमवार पेठ, पंधरा ऑगस्ट चौक, विश्वेश्वर बँकेसमोर, पुणे 411011
मोबाईल-९२७०७२९५०३, email- [email protected]
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ.उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈