डॉ प्रेरणा उबाळे

☆ कविता – आज क्यों रूठ गई कविता? ☆  डॉ प्रेरणा उबाळे 

 न प्रेम में शब्द उमड़ते

 न क्रोध में शब्द जुड़ते

जोड़-गाँठ से परे कविता

आज क्यों रूठ गई कविता?

*

प्रसाद, ओज, माधुर्य

सत्व, रज, तम

है भूल गई कविता

आज क्यों रूठ गई कविता?

*

लेखनी बह गई

कागज उड़ गया

अलंकार, छंद छोड़ चली कविता

आज क्यों रूठ गई कविता?

*

हिंडोल मन स्तब्ध कहीं

गम्य-अगम्य बोध नहीं

बुद्धि को पछाड़ देती कविता

आज क्यों रूठ गई कविता?

*

मनाने पर नहीं मानती

समझाने से नहीं समझती

क्यों सूझ नहीं रही कविता

आज क्यों रूठ गई कविता?

*

विगलित मन प्राणपखेरू

पलछिन में भ्रम तोड़ती कविता

“मैं” चूर-चूर मदमस्त सरिता

नयनधारा पीर जान कविता

करें सहज अनुराग अनीता

अब हाथ थाम लेती कविता

अब नहीं रूठती कविता

अब नहीं रूठेगी कविता

■□■□■

© डॉ प्रेरणा उबाळे

03 अगस्त 2024

सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभागाध्यक्षा, मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर,  पुणे ०५

संपर्क – 7028525378 / [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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