डॉ भावना शुक्ल

(डॉ भावना शुक्ल जी  (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान  किया है। हम ईश्वर से  प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं भावना के दोहे – अम्मा)

☆ साप्ताहिक स्तम्भ  # 249 – साहित्य निकुंज ☆

☆ भावना के दोहे – अम्मा  ☆ डॉ भावना शुक्ल ☆

अम्मा जाती खेत में, करने को वो काम।

दिन भर काटे धान वो, करे नहीं आराम।।

*

नंगे पाँव वो चलती, है मटकी का भार।

पगडंडी का रास्ता, सहे धूप की मार।।

*

अंबवा की डाली हिले, बैठे इसकी छाँव।

मस्त -मस्त बयार चले, है प्यारा ये  गाँव।।

*

हरियाली को देखकर, मन में बसता चित्र।

सखियां आती याद हैं, बिछड़े सारे मित्र।।

© डॉ भावना शुक्ल

सहसंपादक… प्राची

प्रतीक लॉरेल, J-1504, नोएडा सेक्टर – 120,  नोएडा (यू.पी )- 201307

मोब. 9278720311 ईमेल : [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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