सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ’

(संस्कारधानी जबलपुर की सुप्रसिद्ध साहित्यकार सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ ‘जी सेवा निवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, डिविजनल विजिलेंस कमेटी जबलपुर की पूर्व चेअर पर्सन हैं। आपकी प्रकाशित पुस्तकों में पंचतंत्र में नारी, पंख पसारे पंछी, निहिरा (गीत संग्रह) एहसास के मोती, ख़याल -ए-मीना (ग़ज़ल संग्रह), मीना के सवैया (सवैया संग्रह) नैनिका (कुण्डलिया संग्रह) हैं। आप कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित हैं। आप प्रत्येक शुक्रवार सुश्री मीना भट्ट सिद्धार्थ जी की अप्रतिम रचनाओं को उनके साप्ताहिक स्तम्भ – रचना संसार के अंतर्गत आत्मसात कर सकेंगे। आज इस कड़ी में प्रस्तुत है आपकी एक अप्रतिम गीत जीवन है अनमोल

स्वाभिमान मंच पंजाब द्वारा प्रस्तुत एवं सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ’ जी के गीतों पर आधारित कार्यक्रम “चलो माँ के दर्शन को…🙏” 

? रचना संसार # 25 – गीत – जीवन है अनमोल…  ☆ सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ’ ? ?

भटक रहा ये मनवा क्यों है,

दूर करो अँधियार।

ध्यान करोगे प्रभु का जब तुम,

तब होगा उजियार।।

 *

डोरी कच्ची है जीवन की,

कर लो अच्छे काम।

राग द्वेष को छोड़ जपो तुम

निशदिन प्रभु का नाम।।

अंतस के दर्पण में प्राणी,

रख लो श्रेष्ठ विचार।।

 *

धरती से नभ तक है सत्ता,

महिमा प्रभु की जान,

जीव जीव में प्रभु बसते हैं,

सत्य यही पहचान,

सबके पाप पुण्य का लेखा ,

रखते हैं करतार।।

 *

मानवता की ज्योत जलाकर,

कर सबसे अनुराग।

साथ नहीं जाती धन दौलत

अहंकार को त्याग,

खोल झरोखे बुद्धि ज्ञान के,

आत्मशक्ति स्वीकार।।

 *

सदा धर्म की राह चलो हम

जीवन है अनमोल       

दीन दुखी की कर लें सेवा

मीठी वाणी बोल।।

शीलवंत गुणवंत बनें हम

तब होगा उद्धार।।

© सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ’

(सेवा निवृत्त जिला न्यायाधीश)

संपर्क –1308 कृष्णा हाइट्स, ग्वारीघाट रोड़, जबलपुर (म:प्र:) पिन – 482008 मो नं – 9424669722, वाट्सएप – 7974160268

ई मेल नं- [email protected], [email protected]

संपादक – हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकश पाण्डेय ≈

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