सुश्री आरूशी दाते
( महाराष्ट्र प्रदेश की साहित्यिक एवं सांस्कृतिक परंपरा का सम्पूर्ण राष्ट्र में अपना एक विशिष्ट स्थान है। यहां दीपावली अंकों के प्रकाशन की परंपरा रही है। प्रदेश के मराठी साहित्यकार दीपावली अंकों में अपनी रचनाएँ प्रकाशित कर गौरवान्वित अनुभव करते हैं। समय के साथ दीपावली अंकों के प्रकाशन की परंपरा में डिजिटल मीडिया ने क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया है। ऐसे में यदि कोई सेलिब्रिटी यदि आपकी रचना पढ़ कर अपनी प्रतिक्रिया दे तो आप कैसा अनुभव करेंगे। निश्चित ही आपका मन मयूर प्रसन्नता से झूम उठेगा। कुछ ऐसा ही अनुभव सुश्री आरूशी दाते जी को हुआ जब सुप्रसिद्ध मराठी गीतकार और ग़ज़लकार श्री वैभव जोशी जी ने उनकी वीडियो अभिव्यक्ति “घर – वास्तू… आणि ती… “पर अपनी प्रतिक्रिया दी। हम उनकी उस प्रसन्नता के क्षण को ही नहीं अपितु उनके उस वीडियो लिंक को भी आपसे साझा कर रहे हैं जिसमे उनकी अभिव्यक्ति ने मुझे अत्यंत प्रभावित किया है और निश्चित ही आप भी कह उठेंगे वाह ! )
☆ घर – वास्तू… आणि ती… ☆
(आरुशी अद्वैत के फेसबुक पेज से साभार)
साहित्यसंपदा दिवाळी डिजिटल अंकाबद्दल मी सुप्रसिद्ध गीतकार आणि गझलकार वैभव जोशी ह्यांना लिंक पाठवली होती, आणि त्यांच्याकडून अभिनंदन आणि शुभेच्छा असा मेसेज आला…