श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – विवेक सहित्य # 316 ☆

?  कविता – एक शब्द चित्र भोपाल की गैस त्रासदी…  ? श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ☆

कलम

कहती है

खींचो एक शब्द चित्र भोपाल की गैस त्रासदी का.

बुद्धि कहती है छेड़ो एक जिहाद मौत के सौदागरों के खिलाफ.

निर्दोष, अनजान लोगों को काल कवलित हुये जो,

अब दे ही क्या सकते हो ? श्रद्धांजलि के सिवाय.

लौटा सकते हो एक भी जिंदगी मुकदमों से,

मुआवजों से.

प्रगति के नाम पर कैसा षडयंत्र

रो उठता है दिल

विचार विभ्रम

कुंठित कलम अधूरी रचना… 

© श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ 

म प्र साहित्य अकादमी से सम्मानित वरिष्ठ व्यंग्यकार

संपर्क – ए 233, ओल्ड मिनाल रेजीडेंसी भोपाल 462023

मोब 7000375798, ईमेल [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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