डॉ. गुलाब चंद पटेल

☆ पुस्तक चर्चा ☆ “युग द्रष्टा अटल” – संपादन –डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक ☆ समीक्षा – डॉ. गुलाब चंद पटेल  ☆

पुस्तक – ‘युग द्रष्टा अटल’ (काव्य-संग्रह)

संपादन – डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक, लुधियाना (पंजाब)

समीक्षक – डॉ. गुलाब चंद पटेल, गांधी नगर (गुजरात)

डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक

स्व. अटल बिहारी बाजपेयी जी एक उच्च कोटी के कवि थे और मूल्य आधारित विचार धारा से चलनेवाले सिद्धांतवादी नेता के साथ ही संवेदनशील राज नेता भी थे ।इनके लिए डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक जी  का यह काव्य संग्रह अटल जी के व्यक्तित्व को उजागर करता है।

युग द्रष्टा अटल जी उम्दा व्यक्तित्व के साथ प्रखर वक्ता, कवि पत्रकार, दूरदर्शी ह्रदयस्पर्शी वाणी के साथ विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उनका जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। वे 1996 मे भारत के प्रधान मंत्री बने थे। इनकी मृत्यु 16 अगस्त 2018 को हुई थी। 

स्व. अटल जी का “मेरी इक्यावन कविताएं“ प्रसिद्ध काव्य संग्रह था। उसका विमोचन दिल्ली मे भारत के पूर्वा प्रधान मंत्री श्री पी वी नरसिंह राव के कर कमलों से हुआ था। ‘यक्ष प्रश्न’ कविता भूतपूर्व प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लिखी थी। वे आज नहीं हे, कल नहीं होंगे। अटल बिहारी जी भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुये थे।

स्व. अटल जी ने राष्ट्र धर्म, दैनिक स्वदेश और वीर अर्जुन पत्र पत्रिकाओ का सम्पादन कार्य कुशलतापूर्वक किया था। अटल जी भारत संघ के ग्यारहवे प्रधान मंत्री बने थे।

ऐसे महान व्यक्तित्व के लिए डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक जी ने इस काव्य संग्रह का बहुत सुंदर संपादन किया है। आपने अटल जी के काव्य के सांस्कृतिक चेतना विषय पर शोध कार्य किया है।

‘युग द्रष्टा अटल’ काव्य-संग्रह मै कुल मिलकर 62 कवियों की रचनाओं को स्थान मिला है। जिसमे गुजरात के डॉ. दिवाकर दिनेश गौड़, डॉ गुलाब चंद पटेल, फोरम महेता और पंजाब की कवयित्री डॉ जसप्रीत कौर फ़लक की रचना को स्थान मिला है। अटल जी का विश्वास और इरादा अटल था।अटल जी के लिए बहुत ही सुंदर रचनाएँ इस काव्य संग्रह मै शामिल हैं। यह काव्य संग्रह भावी युवा पीढ़ी के लिए नवीन ऊर्जा प्रदान करेगा। पाठकों को भी राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने हेतु प्रेरित करेगा।

भारत सरकार के सड़क सुरक्षा, सड़क परिवहन मंत्रालय के सदस्य और भाजपा के प्रवक्ता कमाल जीत सोई ने इस काव्य संग्रह के सृजन को साहित्य के क्षेत्र मै अभूत पूर्व योगदान देनेवाला बताया है। यह काव्य संग्रह बुद्धिजीवी पाठको के साथ-साथ युवा पीढ़ी को देश प्रेम और राष्ट्र निर्माण के प्रति अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करने वाला इनके संदेश में बताया है।

डॉ महेश सोनी भाजपा मण्डल मंत्री जिला पाली राजस्थान ने अपने संदेश मै युग द्रष्टा अटल काव्य संग्रह अटलजी के व्यक्तित्व और सृजनात्मक दृष्टिकोण से प्रेरित काव्य-कृति बताया है।

डॉ राजेंद्र सिंह साहिल, अध्यक्ष (हिन्दी विभाग),  गुरु हरगोविंद सिंह खालसा कॉलेज, लुधियाना पंजाब ने बताया है कि डॉ फ़लक स्वयं भी अटल काव्य की विशेषज्ञ हैं।इन्होने बताया है कि अटल जी के काव्य संग्रह में राष्ट्रीय एवं संस्कृतिक चेतना विषय पर डॉ जसप्रीत कौर फ़लक ने पी एच डी की उपाधि प्राप्त की है। यह इनका सार्थक और सफल प्रयास है। इस सृजनात्मक कार्य के लिए ढेरों बधाइयाँ भी प्रदान की गई हैं।

समपादकीय लेख मे डॉ जसप्रीत कौर फ़लक जी ने बताया है कि इनका कविता के प्रति आकर्षण बचपन से ही था। इन्होने अपने भीतर काव्य का प्रवाह हमेशा महसूस किया है। यही कारण है जिसके लिए इन्हें अटल जी की रचनाओ ने प्रभावित किया है।

काव्य संग्रह के अंत में पुस्तक के पीछे स्व अटल बिहारी वाजपेयी जी की कविता की कुछ पंक्तियाँ इस प्रकार उद्धृत हैं।

जो जितना ऊंचा,

उतना ही एकाकी होता है,

हर भर को स्वयं ही ढोता है,

चेहरे पर मुसकानें चिपका,

मन ही मन रोता है।

 

जरूरी यह है की,

ऊंचाई के साथ विस्तार भी हो,

जिस से मनुष्य ,

ठूंठ–सा खड़ा न रहे ,

औरों से घुले-मिले ,

किसी को साथ ले ,

किसी के संग चले,

अटल जी के जन्मदिवस के अवसर पर उन्हें पुष्पार्पित कर सादर प्रणाम करते हैं।

© डॉ गुलाब चंद पटेल 

कवि, लेखक और अनुवादक

अध्यक्ष महात्मा गांधी साहित्य सेवा संस्था गुजरात Mo 8849794377 <[email protected]>  <[email protected]>

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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