श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”

संस्कारधानी के सुप्रसिद्ध एवं सजग अग्रज साहित्यकार श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज” जी  के साप्ताहिक स्तम्भ  “मनोज साहित्य ” में आज प्रस्तुत है आपकी भावप्रवण कविता “सकल विश्व में शांति हो…। आप प्रत्येक मंगलवार को आपकी भावप्रवण रचनाएँ आत्मसात कर सकेंगे।

✍ मनोज साहित्य # 159 – सकल विश्व में शांति हो… ☆

नया वर्ष मंगल करे, दो हजार पच्चीस।

खुशियों की माला जपें,मिटे दिलों की टीस।।

 *

भारत-भू देती रही, अनुपम यह संदेश।

सकल विश्व में शांति हो, मंगलमय  परिवेश।।

 *

सुख वैभव की कामना, मानव-मन की चाह।

प्रगतिशील जब हम बनें, मिल ही जाती राह।।

 *

सत्य सनातन की विजय, दिखती फिर से आज।

दफन हुए जो निकल कर, उगल रहे हैं राज।।

 *

समृद्धि-मार्ग पर है बढ़ा, भारत अपना देश।

चलने वाला अब नहीं, छल प्रपंच परिवेश।।

 *

महाकुंभ का आगमन, कर गंगा इस्नान।

जात-पात से दूर रह, रख मानवता मान।।

 *

मंगलमय की कामना, हम सब करते आज।

सकल विश्व में हो खुशी, सुखद शांति सरताज।।

©  मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”

संपर्क – 58 आशीष दीप, उत्तर मिलोनीगंज जबलपुर (मध्य प्रदेश)- 482002

मो  94258 62550

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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