श्री अरुण कुमार दुबे

(वरिष्ठ साहित्यकार श्री अरुण कुमार दुबे जी, उप पुलिस अधीक्षक पद से मध्य प्रदेश पुलिस विभाग से सेवा निवृत्त हुए हैं । संक्षिप्त परिचय ->> शिक्षा – एम. एस .सी. प्राणी शास्त्र। साहित्य – काव्य विधा गीत, ग़ज़ल, छंद लेखन में विशेष अभिरुचि। आज प्रस्तुत है, आपकी एक भाव प्रवण रचना “वो तो अच्छा हुआ फैला दिया दामन तुमने“)

☆ साहित्यिक स्तम्भ ☆ कविता # 98 ☆

✍ वो तो अच्छा हुआ फैला दिया दामन तुमने… ☆ श्री अरुण कुमार दुबे 

हर मुसाफ़िर के लिए राह की ठोकर होता

ग़ुल अगर तुम न बनाते तो मैं पत्थर होता

 *

वो तो अच्छा हुआ फैला दिया दामन तुमने

वरना अश्क़ों का समंदर ही समंदर होता

 *

अपनी किस्मत की लकीरों को अगर पढ़ सकता

मेरे हाथों में जमाने का मुक़द्दर होता

 *

क्या गुनाहों की सज़ा है ये समझती दुनिया

फैसला इसका अगर क़ब्र के बाहर होता

 *

जिसका पैगाम था उस तक उसे पहुँचा न सका

ये ख़ता मुझसे न होती तो पयम्बर होता

 *

शुक्रिया तेरा के तू भूल गया मुझको अरुण

वरना जीना मेरा मरने के बराबर होता

© श्री अरुण कुमार दुबे

सम्पर्क : 5, सिविल लाइन्स सागर मध्य प्रदेश

सिरThanks मोबाइल : 9425172009 Email : arunkdubeynidhi@gmail. com

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ≈

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