श्री राजेश कुमार सिंह ‘श्रेयस’
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – श्रेयस साहित्य # 1 ☆
☆ कविता ☆ ~ श्री राम ~ ☆ श्री राजेश कुमार सिंह ‘श्रेयस’ ☆
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आंखें तुमको देखती,
आंखों में है प्राण
रघुवर तेरे अधर पर,
अति मीठी मुस्कान
प्राण तत्व तुम जगत के
कर धारे संधान
रोम रोम में राजते
तुममें रमते प्राण
प्राण प्रिया जू सियाजी
राजे तेरे बाम
तुम प्रिय हो इस दीन के
प्रिय है तेरो नाम
राम नाम है मंत्र मणी
जपते आठो याम
मीरा के तुम राम हो,
कबीरा के भी राम
तुलसी के उर में बसों
घट में श्री रैदास,
गुरु नानक अरदास में
गुरु वाणी में वास
रहिमन दोहन में लिख्यो
ब्रह्म राम को नाम
राम शब्द परमात्मा,
आप सभी के राम
राम नाम महिमा बड़ी,
राम नाम को छाँव
जो जानन सो जान गा
माथ मोहि तोहि पाँव
श्रेयस रचि अति सोचि के
लिखियो शब्द सियराम
रतन महा बहुमूल्य है,
नाम तुम्हारो राम l
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© श्री राजेश कुमार सिंह “श्रेयस”
लखनऊ, उप्र, (भारत )
दिनांक 22-02-2025
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ≈
हृदय से आभार व्यक्त करता हूं