स्वतन्त्रता दिवस विशेष
डॉ. मुक्ता
(डा. मुक्ता जी हरियाणा साहित्य अकादमी की पूर्व निदेशक एवं माननीय राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित/पुरस्कृत हैं। आज प्रस्तुत है डॉ मुक्ता जी की स्वतन्त्रता दिवस पर एक सामयिक कविता “एक सुखद संयोग ”।)
एक सुखद संयोग
70 वर्ष के पश्चात्
धारा 370 व 35 ए
के साथ-साथ वंशवाद
पड़ोसी देशों के हस्तक्षेप से छुटकारा
आतंकवाद से मुक्ति
एक सुखद संयोग
हृदय को आंदोलित कर सुक़ून से भरता
स्वतंत्रता दिवस से पूर्व स्वतंत्रता
15 अगस्त से पूर्व 5 अगस्त को
दीपावली की दस्तक
जो अयोध्या में 14 वर्ष के पश्चात् हुई थी
दीवाली से पूर्व दीपावली
पूरे राज्य में प्रकाशोत्सव
काश्मीर की 70 वर्ष के पश्चात्
गुलामी की ज़ंजीरों से मुक्ति
फांसी के फंदे की भांति
दमघोंटू वातावरण से निज़ात
निर्बंध काश्मीर बन गया केंद्र शासित राज्य
विशेष राज्य का दर्जा समाप्त
लद्दाख के लोगों की
लंबे अंतराल के पश्चात् इच्छापूर्ति
लद्दाख…एक केन्द्र-शासित प्रदेश
एक लम्बे अंतराल के पश्चात्
स्वतंत्र राज्य के रूप में प्रतिष्ठित
भाषा व समृद्धि की ओर अग्रसर
मात्र चोंतीस वर्षीय युवा सांसद
नामग्याल का भाषण सुन
पक्ष-विपक्ष के नेता अचम्भित
मोदी जी,अमित जी व लोकसभा अध्यक्ष
हुए उसके मुरीद
जश्न का माहौल था
पूरे लद्दाख व काश्मीर में
लहरा रहा था तिरंगा झण्डा गर्व से
आस बंधी थी कश्मीरी पंडितों की
उमंग और साध जगी थी
वर्षों बाद घर लौटने की
अपनी मिट्टी से नाता जोड़ने की
उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था
जो छप्पन इंच के सीने ने कर दिखाया
उसकी कल्पना किसी के ज़ेहन में नहीं थी
परन्तु हर बाशिंदा आशान्वित था
एक दिन भारत के विश्व गुरू बनने
व अखण्ड भारत का साकार होगा स्वप्न
अब देश में होगा सबके लिए
एक कानून,एक ही झण्डा
न होगी दहशत, न होगा आतंक का साया
मलय वायु के झोंके दुलरायेंगे
महक उठेगा मन-आंगन
सृष्टि का कण-कण
भारत माता की जय के नारे गूंजेगे
और वंदे मातरम् सब गायेंगे
डा. मुक्ता
पूर्व निदेशक, हरियाणा साहित्य अकादमी, #239,सेक्टर-45, गुरुग्राम-122003 ईमेल: drmukta51@gmail.com
मो•न• 8588801878