महाकवि कालीदास कृत मेघदूतम का श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद : द्वारा प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
☆ “मेघदूतम्” श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद # मेघदूत ….पूर्वमेघः ॥१.७॥ ☆
संतप्तानां त्वमसि शरणं तत पयोद प्रियायाः
संदेशं मे हर धनपतिक्रोधविश्लेषितस्य
गन्तव्या ते वसतिर अलका नाम यक्षेश्वराणां
बाह्योद्यानस्थितहरशिरश्चन्द्रिकाधौतहर्म्या॥१.७॥
मैं , धनपति के श्राप से दूर प्रिय से
है अलकावती नाम नगरी हमारी
यक्षेश्वरों की, विशद चंद्रिका धौत
प्रासाद , है बन्धु गम्या तुम्हारी
© प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव
A १, विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर. म.प्र. भारत पिन ४८२००८
≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈