श्री एस के कपूर “श्री हंस”
☆ “श्री हंस” साहित्य # 113 ☆
☆ मुक्तक – ।।आपकी ऊंगली छाप से संभव होते देश के ख्वाब।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆
[1]
मत आँकों वोट की कीमत कम सुई नहीं तलवार है।
एक एक वोट से मिल कर ही बनती सरकार है।।
यह भीषण समर और है यह पावन पर्व भी।
बाहर निकल कर वोट देना समय की दरकार है।।
[2]
ऊंगली नहीं यह तो तेरे हाथ में जैसे एक हथियार है।
हटा सकते हो तुम कि अगर कोई खोटी सरकार है।।
तेरे वोट की सही दिशा निश्चित करती देश की दशा।
उचित दृष्टि से देखें तो जनता देश की रचनाकार है।।
[3]
हमारा मत बदल सकता हवा का गलत रुख है।
हमारे वोट से ही निश्चित होता देश का दुख सुख है।।
वोट करता बहुत चोट हटा सकते जिसमें है खोट।
सही मतदान करने से मिलता मन को संतोष सुख है।।
[4]
मतदान करके हम स्वयंऔर राष्ट्र पर करते उपकार।
हम चाहते जैसी सरकार करें वैसा ही मताधिकार।।
वोट डाल कर राष्ट्रधर्म का निर्वहन सबको है करना।
भूमिका रहे न आपकी अधूरी आप भी बने भागीदार।।
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© एस के कपूर “श्री हंस”
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