जबलपुर। व्यंग्य विधा के उन्नयन के लिए समर्पित ‘व्यंग्यम’ जबलपुर द्वारा अपनी मासिक गोष्ठी का आयोजन जय नगर स्थित पाण्डेय निवास में किया गया | जिसमें श्री सुरेश “विचित्र” द्वारा ‘राजनीति में सब जायज है’, श्री ओ. पी. सैनी द्वारा ‘झंडा’, श्री रमाकांत ताम्रकार द्वारा ‘पोस्ट ऑफिस’, श्री जय प्रकाश पाण्डेय द्वारा ‘मामा के ढाबे में चुनाव अखाड़ा’, श्री अभिमन्यु जैन द्वारा ‘शहर हुआ शराबखाना’ तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए देश के प्रख्यात व्यंग्यकार प्रोफेसर श्री कुंदन सिंह परिहार द्वारा ‘सुरक्षित सम्मान की गारंटी’ व्यंग्य का पाठ करते हुए मजाज़ के लेखन पर चर्चा की।.
कार्यक्रम के अंत में ख्यातिलब्ध कवि स्व. मलय जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई । कार्यक्रम का संचालन श्री रमाकांत ताम्रकार ने तथा आभार प्रदर्शन श्री अभिमन्यु जैन ने किया।
साभार – श्री जय प्रकाश पाण्डेय
416 – एच, जय नगर, आई बी एम आफिस के पास जबलपुर – 482002 मोबाइल 9977318765
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
🌸 राज्यस्तरीय एकदिवसीय अनुवाद प्रशिक्षण कार्यशाला (हिंदी, मराठी,अँग्रेजी (सभी के लिए खुला)) 28 जनवरी 2024 ☆ प्रस्तुति – डॉ प्रेरणा उबाळे 🌸
प्रोग्रेसिव एजुकेशन सोसायटी के मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), (हिंदी विभाग), छत्रपति शिवाजीनगर, पुणे – 05 एवं शब्दसृष्टि भारतीय साहित्य, कला व सांस्कृतिक प्रतिष्ठान तथा डॉ. विजया स्मृति अंतरराष्ट्रीय अनुवाद एवं अनुसंधान केंद्र, मुंबई के संयुक्त तत्वावधान में सभी शाखाओं के छात्र, प्राध्यापक, अनुवादक आदि के लिए राज्यस्तरीय एकदिवसीय अनुवाद प्रशिक्षण कार्यशाला (हिंदी, मराठी, अँग्रेजी भाषा के संदर्भ में) आयोजित है।
विशेष –
🌺 प्रातः 9.30 से सायं. 5.00 बजे तक
🌺 साहित्य अकादमी पुरस्कृत अनुवादकों का मार्गदर्शन
🌺 राज्यस्तरीय एकदिवसीय अनुवाद प्रशिक्षण कार्यशाला का प्रमाणपत्र
🌺 250/- रुपयों की अनुवाद की पुस्तक भेंट
🌺 भोजन और चाय की व्यवस्था मौजूद
🌺 पंजीकरण शुल्क – रू 500/-
🌺 कार्यशाला का स्थल- स्वरसम्राज्ञी लता मंगेशकर सभागृह, मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर, पुणे 411005
अनुवाद प्रशिक्षण कार्यशाला में सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए निम्न गूगल फार्म भरें।
गूगल फार्म का लिंक 👇🏻
https://forms.gle/LovMREjgP7FaE3367
अधिक जानकारी हेतु संपर्क –
डॉ. प्रेरणा उबाळे
अध्यक्ष, हिंदी विभागाध्यक्षा, मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर, पुणे ०५
☆ श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जी’ की कहानी ‘बरसात का मजा’ पाठ्यक्रम में सम्मिलित – अभिनंदन ☆
रतनगढ़। नई शिक्षा नीति- 2024 के तहत निर्मित होने वाले पाठ्यक्रम को इसी अनुरूप तैयार किया जा रहा है। इस के तहत रोचक, सरल, सहज व आनंददायक पठन के स्तर के अनुरूप पाठ्य पुस्तकों का निर्माण किया जा रहा है। इस नई शिक्षा नीति के अनुरूप निर्मित नवीन पाठ्यक्रम की निजी विद्यालय की कक्षा 2 री की हिन्दी पाठ्य पुस्तक – नई रंगोली-भाग-2 में ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ की कहानी – बरसात का मजा, को शामिल किया गया है। पाठ्यक्रम समिति की अनुशंसा व चयन उपरांत इस पुस्तक को न्यू सरस्वती हाउस प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित किया गया है।
नीमच जिले के शिक्षक बाल साहित्यकार की कहानी को पाठ्यक्रा में सम्मिलित होकर प्रकाशित होने पर आपको ईष्टमित्रों व साथियों ने हार्दिक बधाई दी हैं।
💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जी को इस विशिष्ट उप्लब्धि के लिए हार्दिक बधाई 💐
≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
🌸 मॉडर्न कॉलेज, पुणे (हिंदी विभाग) द्वारा विश्व हिंदी दिवस और हिंदी फिल्म फेस्टिवल आयोजित 🌸
हिंदी विभाग की ओर से विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित हिंदी फिल्म फेस्टिवल 10 और 11 जनवरी 2024 को मॉडर्न महाविद्यालय (स्वायत्त), छत्रपति शिवाजीनगर, पुणे 05 स्वरसम्राज्ञी लता मंगेशकर सभागृह में संपन्न हुआ l दो दिन के हिंदी फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन प्रो. सुमित पॉल (भाषावेत्ता, लंदन) के करकमलों से संपन्न हुआ l विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर प्रो. सुमित पॉल का “हिंदी फिल्मों का हिंदी भाषा के वैश्विक प्रचार-प्रसार में योगदान” विषय पर प्रासंगिक व्याख्यान हुआ l हिंदी फिल्म और गीतों के अनेक उदाहरण देते हुए हिंदी भाषा कैसे सबकी जुबान पर चढ़ गई और वह व्याप्त हो गई, इसका सरस वर्णन प्रो. सुमित पॉल ने किया l विभिन्न देशों में हिंदी फिल्में देखी जाती हैं l कुछ लोग भाषा से अनभिज्ञ होने पर भी बार-बार गीत सुनकर उसे सीखते हैं l बी.बी.सी. के लिए दिलीपकुमार का साक्षात्कार लेते समय प्रो. सुमित पॉल ने यह जाना कि भाषा सीखने के लिए भाषा एक सरल और प्रभावी माध्यम है l दिलीपकुमार को हिंदी फिल्में मिलना शुरू होने के बाद वे हिंदी भाषा सीखे तब तक वे उर्दू भाषा ही बोलते थे l परंतु हिंदी फिल्म देखकर उन्होंने भाषा अवगत की l इस प्रकार के कई उदाहरण प्रो. पॉल ने बताए l इसके अतिरिक्त मुहम्मद रफ़ी के गीतों में भाषा का प्रयोग, फिल्मों में संवाद लेखन आदि प्रो. पॉल ने प्रकाश डाला l दूसरी तरफ हिंदी फिल्मों ने भाषा के व्याकरण और भाषा की संरचना को कैसे गलत रूप में प्रभावित किया यह भी व्याख्यान में बताया l
10 जनवरी को इस व्याख्यान के अतिरिक्त हिंदी विभाग, मॉडर्न महाविद्यालय द्वारा हिंदी फिल्म फेस्टिवल में ‘ आई ऍम कलाम’ और 11 जनवरी को ‘ हिचकी ’ फिल्में दिखाई गई l शिक्षा को महत्वपूर्ण स्थान देनेवाली दो फिल्में देखकर छात्रों को प्रसन्नता हुई , उन्होंने दोनों फिल्मों पर समीक्षाएं भी लिखीं l
दोनों दिनों के कार्यक्रम के लिए मॉडर्न महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र झुंजारराव उपस्थित थे l उन्होंने प्रासंगिक व्याख्यान और हिंदी फिल्म फेस्टिवल के आयोजन की प्रशंसा की और छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में हिंदी के उपयोग की जानकारी देना आवश्यक माना l उन्होंने विद्यार्थी जीवन में अध्ययन और अन्य गतिविधियों करना उपयुक्त प्रतिपादित किया l प्रोग्रेसिव एज्युकेशन सोसायटी के सचिव और उपप्राचार्य प्रा. शामकांत देशमुख ने हिंदी के साहिर लुधियानवी, गुलजार, जावेद अख्तर के गीतों की भाषा का स्मरण कराया साथ ही विभिन्न अभिनेताओं के संवाद कहने की पद्धति की विशेषताओं पर प्रकाश डाला l कुछ वर्षों पहले फिल्मों के संवादों के कैसेट्स निर्माण होते थे l संवादों का प्रभाव दर्शकों पर गहरा होता था l वाणिज्य शाखा के उपप्राचार्य डॉ. विजय गायकवाड ने वाणिज्य के क्षेत्र में हिंदी भाषा के प्रयोग का महत्त्व प्रतिपादित किया l साथ ही फिल्मों में हिंदी के छात्रों के लिए विभिन्न अवसरों की जानकारी दी l
हिंदी विभागाध्यक्षा डॉ. प्रेरणा उबाळे ने विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित दो दिवसीय हिंदी फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया था l उन्होंने अपनी भूमिका में बताया कि 2016 से हिंदी विभाग द्वारा हिंदी फिल्म क्लब के अंतर्गत प्रति वर्ष 02 फिल्म दिखाई जाती हैं जो हिंदी साहित्य से निर्मित हुई हैं l फिल्म निर्माण पर आधारित कुछ कार्यशालाओं का आयोजन भी हिंदी फिल्म क्लब निरंतर करता है l कार्यक्रम का मंच संचालन हिंदी विभाग की प्राध्यापिका सारिका मुंदड़ा ने किया तथा आभार ज्ञापन प्रा. सूरज बिरादर और प्रा. मुमताज पठान ने किया l विभिन्न शाखाओं के छात्रों ने दोनों दिन बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्शाई l
साभार – डॉ. प्रेरणा उबाळे
सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभागाध्यक्षा, मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर, पुणे ०५
आचार्य भगवत दुबे जी – गायत्री शिखर सम्मान से सम्मानित – अभिनंदन
डॉ. गायत्री तिवारी स्मृति समारोह – समाजतंत्र की कहानियॉ
जबलपुर । प्रतिष्ठित साहित्यकार 50 से अधिक कृतियों के रचयिता, महाकवि आचार्य भगवत दुबे की साहित्यिक साधना का स्तवन करते हुए उन्हें डॉ. ‘गायत्री शिखर सम्मान’ से अलंकृत किया गया। अवसर था ‘पाथेय साहित्य कला अकादमी’ के तत्वावधान में आयोजित कथाकार डॉ. गायत्री तिवारी स्मृति विचार संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का।
समारोह के मुख्य अतिथि डॉ.कृष्णकांत चतुर्वेदी थे।अध्यक्षीय मंगलकामनाये डॉ. राजकुमार ‘सुमित्र’ ने व्यक्त की। विशिष्ट अतिथि साधना उपाध्याय, अशोक मनोध्या, प्रतुल श्रीवास्तव थे।
वक्ताओं ने कहा कि समाजतंत्र से सम्बद्ध ऐसा साहित्य जो समाज के प्रत्येक वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है, वही सार्थक साहित्य होता है। डॉ.गायत्री तिवारी ने अपनी कहानियां एवं कविताओं में इस पक्ष का विशेष ध्यान रखा। प्रारंभ में संयोजक राजेश पाठक ‘प्रवीण’ ने आयोजन की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला।
इन संस्थाओं का हुआ सम्मान
समारोह में आचार्य भगवत दुबे का स्तवन करते हुए नगर में राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रियाशील संस्था गुंजनकला सदन, वर्तिका, मंथनश्री, त्रिवेणी परिषद, अनेकांत, जागरण साहित्य समिति, हिन्दी लेखिका संघ, सृजन पथ, आभा साहित्य संघ, गूँज अंतस, सशक्त हस्ताक्षर, बुन्देली संस्कृति परिषद अंतस एवं अपनी डांस फेमिली को सम्मानित किया गया। यह सम्मान अतिथियों के साथ डॉ.भावना शुक्ल (नोयडा), प्रेमनारायण जी (नोयडा), श्रीमती निर्मला तिवारी, यशोवर्धन पाठक, डॉ.मोहिनी तिवारी, आराध्या प्रियम, विजय जायसवाल, संतोष नेमा सहित अन्य ने प्रदान किया। संचालन राजेश पाठक प्रवीण एवं आभार डॉ. हर्ष तिवारी ने व्यक्त किया।समारोह में अरुण श्रीवास्तव, संतोष नेमा, राजेंद्र मिश्रा, आशुतोष तिवारी, मिथिलेश नायक, चंद्र प्रकाश वैश्य, सुभाष शलभ रत्न ओझा, सिद्धेश्वरी सराफ़, प्रभा विश्वकर्मा शील की सहभागिता की सहभागिता रही।
साभार – श्री संतोष नेमा “संतोष”
ई-अभिव्यक्ति की ओर से इस अभूतपूर्व सम्मान के लिए आचार्य भागवत दुबे जी का अभिनंदन एवं हार्दिक बधाई
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
आपल्या समुहातील ज्येष्ठ लेखिका सौ.राधिका भांडारकर यांना ,मराठी साहित्य मंडळ, ठाणे या संस्थेने राज्यस्तरीय सावित्रीबाई फुले साहित्य भूषण पुरस्कार प्रदान करून गौरविले आहे.
💐 ई-अभिव्यक्ती परिवाराकडून सौ.भांडारकर यांचे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि शुभेच्छा !💐
संपादक मंडळ
ई-अभिव्यक्ती मराठी.
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
🖌️🖌️ श्री आनंदहरी, श्री मुबारक उमराणी आणि डाॅ.सोनिया कस्तुरे पुरस्कृत– अभिनंदन 🖌️🖌️
देशिंग (जि.सांगली) येथे नुकत्याच पार पडलेल्या 21व्या अग्रणी साहित्य संमेलनात आपल्या समुहातील साहित्यिकांना पुरस्कार प्राप्त झाले आहेत.
श्री आनंदहरी यांच्या कातळकोंभ या कथासंग्रहाला अग्रणी उत्कृष्ट कथासंग्रह पुरस्कार, श्री मुबारक उमराणी यांच्या जोखड या काव्यसंग्रहाला अग्रणी प्रेरणा पुरस्कार आणि डाॅ. सोनिया कस्तुरे यांच्या नाही उमगत ती अजूनही या काव्यसंग्रहाला अग्रणी प्रेरणा पुरस्कार प्राप्त झाला आहे.
💐 पुरस्कार प्राप्त सर्व साहित्यिकांचे ई-अभिव्यक्ती परिवाराकडून मनःपूर्वक अभिनंदन आणि पुढील वाटचालीसाठी शुभेच्छा !💐
संपादक मंडळ
ई-अभिव्यक्ती मराठी.
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
☆ कथाकार डॉ अशोक शुक्ल का सम्मान – अभिनंदन ☆ प्रस्तुति – श्री जयप्रकाश पाण्डेय ☆
जबलपुर । ‘नंदिनी का पर्स’ और ‘छड़ी’ जैसी चर्चित कहानियां लिखने वाले कथा जगत के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर डॉ अशोक शुक्ल का ‘व्यंग्यम परिवार’ और माडेलियन 73 जबलपुर की ओर से सम्मान किया गया। अशोक शुक्ल का एक कहानी संग्रह प्रकाशित ही हुआ था कि सरकारी ड्यूटी में रहते हुए तबियत खराब हुई, 17 साल पहले मुंबई में ब्रेन सर्जरी की गई, बच तो गए पर लकवाग्रस्त होकर पिछले सोलह साल से बिस्तर में हैं, ऐसे समय ‘व्यंग्यम’ का सामाजिक दायित्व है कि ऐसे साहित्यकार को जो मुख्य धारा से अलग अकेलेपन का जीवन जी रहा हो उसकी रचनाधर्मिता को याद करते हुए उन्हें सम्मानित कर उनके जीवन में उत्साह और उमंग का संचार भरे।
डॉ अशोक शुक्ल हिंदी के अपनी तरह के अनूठे कथाकार हैं । वे बिजली की कौंध की तरह परिदृश्य में आये और अपनी कुछ कहानियों के मार्फत कथा जगत में अपना स्थान बनाया। उनकी एक कहानी पर चर्चित टेलीफिल्म भी बनी थी।
प्रस्तुति – श्री जय प्रकाश पाण्डेय, जबलपुर
💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से कथाकार डॉ अशोक शुक्ल जी को इस विशिष्ट सम्मान के लिए हार्दिक बधाई 💐
– श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
सांगलीच्या ज्येष्ठ साहित्यिका आणि लोकसाहित्याच्या अभ्यासक श्रीमती तारा भवाळकर यांना महाराष्ट्र फाउंडेशन अमेरिका यांचा 2023 सालासाठीचा दिलीप वि.चित्रे स्मृती साहित्य जीवनगौरव पुरस्कार जाहीर करण्यात आला आहे.
💐 ई अभिव्यक्ती परिवाराकडून श्रीमती भवाळकर यांचे मनःपूर्वक अभिनंदन !!! 💐
श्रीमती भवाळकर यांच्या साहित्यिक कारकिर्दीविषयी सविस्तर मुलाखत आपण यापूर्वी ई अभिव्यक्तीमध्ये वाचली आहे.
पुनश्च अभिनंदन, अभिनंदन !! 💐 संपादक मंडळ
ई-अभिव्यक्ती मराठी.
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
नालंदा बिहार में मिला डॉ निशा अग्रवाल को राष्ट्रकवि दिनकर काव्य साधना सम्मान
बिहार की पावन धरा राजगीर (नालंदा) में 9,10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर द्विदिवसीय साहित्यिक महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम पद्म श्री सम्मानित आचार्य श्री चंदना श्री ( श्री ताई मां) के मुख्य आतिथ्य एवं नवादा सांसद श्री चंदन सिंह के विशिष्ट आतिथ्य में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम में देश विदेश के सैंकड़ों वरिष्ठ साहित्यकार, कवि शामिल हुए। विभिन्न सत्रों में आयोजित इस कार्यक्रम की रूपरेखा ने रोचक और आनंद से भर दिया।
कार्यक्रम में शोध पत्र वाचन, लघु कथा, गज़ल, कविता आदि ने मंच को ऊर्जावान बनाया। पुस्तकों की समीक्षा का सत्र राव शिवराज पाल की अध्यक्षता में प्रभावी रूप से संपन्न हुआ। देश विदेश से आए साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। डॉ निशा अग्रवाल को राष्ट्रकवि दिनकर काव्य साधना सम्मान से नवाजा गया। काव्य संध्या का बेहद प्रभावी और आकर्षक संचालन जयपुर से शामिल हुई डॉ निशा अग्रवाल द्वारा किया गया। कवि सम्मेलन के इस सत्र में कवियों ने अपनी मधुर वाणी और अपनी जादुई कलम से समां बांध दिया। राजगीर के भव्य कार्यक्रम के लिए कार्यक्रम संयोजक श्री ओंकार कश्यप एवं समस्त टीम को हार्दिक बधाई देते हुए एक जुट हुए समस्त साहित्यकारों ने आभार प्रकट किया।
मगध की पुरातन राजधानी रही राजगीर के पर्यटन स्थल सनातन, बौद्ध, जैन धर्म के संगम का दर्शन किया। हजारों वर्ष पूर्व हिंदुस्तान के गौरव रहे अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय के राज कण को छूकर देश भर के हजारों साहित्यकार गौरवान्वित हुए। धर्म, शिक्षा और इतिहास के शाश्वत परिवेश में यह आयोजन एक मिसाल है। प्रेरणा है। ज्योति है।
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈