सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य की दुनिया ☆ प्रस्तुति – श्री कमलेश भारतीय ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है। देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल / पुस्तक मेले / साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

☆ राजकीय पत्रिकाओं का योगदान कितना ?

देश भर में राजकीय साहित्यिक पत्रिकाओं का प्रकाशन लम्बे समय से हो रहा है। हरियाणा साहित्य अकादमी की हरिगंधा, हिमाचल से हिमप्रस्थ और गिरिराज साप्ताहिक, जम्मू कश्मीर से शिराजा, उत्तर प्रदेश सरकार की उत्तरप्रदेश, राजस्थान साहित्य अकादमी की मधुमति, दिल्ली से इंद्रप्रस्थ भारती, साहित्य अकादमी की समकालीन भारतीय साहित्य, पंजाब के भाषा विभाग से पंजाब सौरभ आदि पत्रिकायें मेरे ध्यान में हैं। इनके अतिरिक्त भी हो सकती हैं। इन पत्रिकाओं में हिमप्रस्थ और शीराजा ने तो विशेषांक भी दिये हैं और हरिगंधा भी महिला विशेषांक नियमित हर वर्ष मार्च माह में प्रकाशित करता है। समकालीन भारतीय साहित्य का तो हर अंक ही विशेषांक के समान होता है। इसी प्रकार केंद्र सरकार की ओर से आजकल भी एक चर्चित पत्रिका है। इसके बावजूद अनेक राजकीय पत्रिकायें लेखकों को दिये जाने वाले पारिश्रमिक से ही वार्षिक शुल्क काटने की पेशकश करती हैं और इस तरह इनकी सर्कुलेशन चलती रहती है जिसे अधिकांश लेखक पसंद तो नहीं करते लेकिन कुछ कह भी नहीं सकते ! क्या इस पर पुनर्विचार की आवश्यकता नहीं ? इन पत्रिकाओं के प्रचार-प्रसार पर अलग से योजना बनाई जानी चाहिए। यह मेरा विचार है। यह मेरा अनुभव भी है जिन दिनों हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष के रूप में जिम्मेवारी मिली और कथा समय मासिक पत्रिका प्रकाशित की। तब इस परंपरा से कुछेक लेखकों ने जब इस तरह शुल्क काटने पर विरोध किया एक लेखक होने के नाते तब मुझे इसकी गंभीरता पता चली। दूसरे इन पत्रिकाओं का निरंतर चर्चा होना चाहिए। बुक स्टाॅल्ज पर रखी जानी चाहिएं। कुछ पत्रिकायें उपलब्ध हैं और बिक्री भी होती है। फिर भी और प्रयास किये जाने चाहिएं।

हिसार में चुपके चुपके महकी गजल :  पाठक मंच की ओर से गीत गजल का कार्यक्रम करवाया गया जिसमें गजल महकी और वह भी चुपके चुपके ! प्रसिद्ध गजल गायक व हिसार के ही मूल निवासी सुशील चावला, राजेश राजपालईशा खन्ना ने अपनी अपनी प्रस्तुतियां  देकर समां बांध दिया जबकि ये रिश्ता क्या कहलाता है, दिल दियां गल्लां, सास बिना ससुराल जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों की लेखिका मुनीष राजपाल ने अपनी लेखन कला व रंगमंच के सफर की शानदार जानकारी दी। सुशील चावला और मुनीषराजेश राजपाल संयोगवश शहर में थे और उन्हें पाठक मंच ने आमंत्रित कर लिया। कार्यक्रम की मुख्यातिथि प्रसिद्ध समाज सेविका पंकज संधीर थीं और उन्होंने कहा कि इस छोटे से कार्यक्रम ने मुझे बहुत ताजगी प्रदान की है और उन्हें यह भी खुशी है कि हिसार के कलाकार मुम्बई में अपनी पहचान ही नहीं बना रहे बल्कि मजबूती से कदम जमा रहे हैं। यह भी खुशी की बात है कि सीनियर माॅडल स्कूल के दो छात्र सुशील चावला और राजेश राजपाल ने कला क्षेत्र में कितना सफर तय कर लिया है। इनके प्रोजेक्ट में भी सहयोग देने का विश्वास दिलाया।

सुशील चावला ने चुपके चुपके रात दिन, मांयें नी मेरिये, चम्बा कितनी कू दूर, मैंनू तेरा शबाब लै बैठा, चमकते चांद को टूटा हुआ तारा बना डाला आदि विभिन्न रंग के गीत व गजल आदि सुनाये और वाह-वाह लूटी। इसी प्रकार डाॅ ईशा खन्ना ने उमराव जान की लोकप्रिय गजल -इन आखों की मस्ती के मस्ताने हजारों हैं और आज जाने की जिद्द न करो जैसे बहुत कर्णप्रिय गीत/गजल प्रस्तुत किये। इसी प्रकार राजेश राजपाल ने आने वाला पल जाने वाला है गाकर सबको आनंदित कर दिया। राजेश राजपाल मुम्बई में फिल्म महोत्सव सीरियल निर्देशक हैं। इस अवसर पर अमरनाथ प्रसाद, पूनम चावला, राकेश मलिक, रश्मि, नीलम सुंडा, गीतकार सतीश कौशिक, नीलम भारती आदि मौजूद थे।

शुभतारिका के दो विशेषांक : हरियाणा के अम्बाला छावनी से पिछले पचास वर्ष से प्रकाशित हो रही मासिक पत्रिका शुभतारिका ने दो विशेषांकों की घोषणा की है – व्यंग्य विशेषांक और लघुकथा विशेषांक। सबसे दिलचस्प बात यह है कि संभवतः अकेली शुभतारिका ऐसी पत्रिका है जिसकी ओर से छठवाँ लघुकथा विशेषांक प्रकाशित किये जाने की घोषणा की गयी है। यह बहुत ही सराहनीय है।

विजय को सम्मान : दिल्ली के रंगकर्मी विजय को पुणे की संस्था ने रंगकर्म के क्षेत्र में किये गये योगदान के लिये सम्मानित किया है। बधाई

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈




सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सौ. नीला देवल – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

सौ. नीला देवल

💐अ भि नं द न 💐

आपल्या समुहातील ज्येष्ठ लेखिका सौ. नीला देवल यांची ‘अग्निशिखा’ ही ऐतिहासिक कादंबरी  नुकतीच प्रकाशित झाली आहे.

💐 सौ.नीला देवल यांचे या अभ्यासपूर्ण कादंबरीबद्द्ल ई-अभिव्यक्ती समुहातर्फे हार्दिक अभिनंदन आणि पुढील लेखनासाठी शुभेच्छा.💐

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈




सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – हेमन्त बावनकर – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

हेमन्त बावनकर

💐अ भि नं द न 💐

ई-अभिव्यक्ती समुहाचे मुख्य संपादक श्री. हेमंतजी बावनकर यांना हिंदी आंदोलन परिवार या संस्थेतर्फे हिंदी साहित्याच्या प्रसाराबद्द्ल ‘हिंदीश्री’ हा सन्मान जाहीर झाला आहे. आपणा सर्वांसाठी ही आनंदाची व अभिमानाची घटना आहे.

💐 अभिव्यक्ती परिवार तर्फे श्री बावनकर यांचे हार्दिक अभिनंदन ! 💐

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈




सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सौ.ज्योत्स्ना तानवडे – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

सौ.ज्योत्स्ना तानवडे

💐अ भि नं द न 💐

आपल्या समूहातील लेखिका व कवयित्री सुश्री ज्योत्स्ना तानवडे यांना सार्वजनिक वाचनालय कल्याण तर्फे जागतिक महिला दिनानिमित्त आयोजित निबंध स्पर्धेत प्रथम क्रमांक प्राप्त झाला आहे. त्याबद्दल संपादक मंडळातर्फे त्यांचे हार्दिक अभिनंदन, व पुढील साहित्यिक वाटचालीसाठी हार्दिक शुभेच्छा. 

निबंधाचा विषयमाझे प्रेरणास्थान “स्फूर्ती देवता” — 

आजच्या व उद्याच्या अंकात वाचूया हा पुरस्कारप्राप्त निबंध. 

💐 सौ.तानवडे यांचे ई अभिव्यक्ती मराठी समुहातर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि पुढील लेखनासाठी शुभेच्छा 💐

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈




सूचनाएँ/Information ☆ अमृतकाल में भारत के स्वास्थ्य एवं मीडिया की भूमिका विषय पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ करेंगे अमृत-मंथन ☆ प्रस्तुति – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹अमृतकाल में भारत के स्वास्थ्य एवं मीडिया की भूमिका विषय पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ करेंगे अमृत-मंथन🌹

स्वास्थ्य संसद के सभापति होंगे प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश, उपसभाति बनें पूर्व डीजीपी एस.के.राउत

• भोपाल में लगेगा स्वास्थ्य संसद

• अमृतकाल में भारत के स्वास्थ्य एवं मीडिया की भूमिका विषय पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ करेंगे अमृत-मंथन

नयी दिल्ली/ स्वास्थ्य संसद के सभापति माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्याय के कुलपति एवं वरिष्ठ संचारकर्मी प्रो.के.जी. सुरेश को बनाया गया है जबकि उपसभापति का दायित्व मध्यप्रदेश के पूर्व डीजीपी एस.के.राउत को मिला है।

श्री सुरेश जहां स्वास्थ्य संचार में एक स्थापित नाम है, वहीं 1974 बैच के आइ.पी.एस. अधिकारी एस.के.राउत 2008-12 तक मध्यप्रदेश के डीजीपी रह चुके हैं। इस बावत मीडिया से बात करते हुए आयोजकों ने बताया कि दोनों वरिष्ठों के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में तीन दिवसीय स्वास्थ्य संसद का आयोजन होगा।

‘अमृतकाल में भारत का स्वास्थ्य और मीडिया की भूमिका’ विषय पर तीन दिनों तक अमृत मंथन चलेगा। अमृत-मंथन से निकले सार को देश के स्वास्थ्य संबंधित नीति-निर्धारकों के साथ साझा किया जाएगा। उक्त जानकारी स्वास्थ्य संसद के संयोजक व स्वस्थ भारत (न्यास) के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह ने दी।

साभार –  श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव 

भोपाल, मध्यप्रदेश   

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈




सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सौ.ज्योत्स्ना तानवडे – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

सौ.ज्योत्स्ना तानवडे

💐अ भि नं द न 💐

आपल्या समुहातील ज्येष्ठ लेखिका व कवयित्री सौ. ज्योत्स्ना तानवडे यांना साकव्य विकास मंच आयोजित अभंग लेखन स्पर्धेत  सर्वोउत्कृष्ट क्रमांक प्राप्त झाला आहे.

💐 सौ.तानवडे यांचे ई अभिव्यक्ती मराठी समुहातर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि पुढील लेखनासाठी शुभेच्छा 💐

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈




सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य की दुनिया ☆ प्रस्तुति – श्री कमलेश भारतीय ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है। देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल / पुस्तक मेले / साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

☆ राजगढ़ में लघुकथा सम्मेलन

राजस्थान के कस्बे राजगढ़ में राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर के सहयोग से साहित्य समिति ने दो दिवसीय लघुकथा सम्मेलन आयोजित किया । इसका उद्घाटन सादुलपुर की विधायक व प्रसिद्ध खिलाड़ी कृष्णा पूनिया व अकादमी के अध्यक्ष दुलाराम सहारण ने किया । इसमें देश भर से कम से कम चालीस लघुकथाकार शामिल हुए और दोनों दिन लघुकथा पाठ के सत्र बहुत ही प्रभावशाली रहे । उद्घाटन सत्र में कुछ पत्रिकाओं व लघुकथा संग्रहों का विमोचन भी किया गया । इस सफल आयोजन के लिये डाॅ रामकुमार घोटड़ बधाई के पात्र हैं जो हर समय अतिथियों की सेवा सत्कार में जुटे रहे । इनकी धर्मपत्नी लाजवंती व बेटी डाॅ प्रेरणा भी कंधे से कंधा मिलाकर साथ रहीं । ऐसा आयोजन मुश्किल से हो पाता है पर यह बहुत स्मरणीय रहा । इससे पहले पंजाब की मिन्नी संस्था ने पिछले वर्ष अक्तूबर माह में लघुकथा सम्मेलन किया था ।

कथा संवाद के सम्मान : प्रसिद्ध कथाकार से रा यात्री के बेटे आलोक यात्री, संभाष चंदरशिवराज मिलकर गाजियाबाद में चला रहे हैं -कथा संवाद ! इसमें प्रतिमाह कथा गोष्ठी का आयोजन करते हैं । अगले माह मई मे वे देने जा रहे हैं कथा सम्मान ! इसमें अनेक नामों के बीच कथाकर सिनीवाली का नाम उल्लेखनीय है । वे गाजियाबाद में ही रहती हैं । उनके नये कथा संग्रह का नाम है -गुलाबी नदी की मछलियां ! इसमें नौ कहानियां संकलित हैं और बहुत ही प्रभावशाली हैं । आने वाले समय की महत्त्वपूर्ण कथाकार को सम्मानित किये जाने की घोषणा पर बधाई ।

मुम्बई में बैठकी : जहां जहां लेखक जाते हैं, वहीं वहीं रचनाकार उनके स्वागत् करें, गोष्ठियां करें तो कितना अच्छा हो । ऐसे ही खुशकिस्मत लेखक हैं व्यंग्य यात्रा के संपादक व प्रसिद्ध व्यंग्यकार डाॅ प्रेम जनमेजय जिनको मुम्बई पहुंचने पर भी पूरा प्यार, सम्मान व स्नेह मिलता है। इसी स्नेह के चलते वे जब पुष्पा भारती से मिले तब एक नयी पुस्तक ने जन्म लिया जो प्रसिद्ध रचनाकार व धर्मयुग के यशस्वी संपादक धर्मवीर भारती पर आधारित रही बल्कि एक सम्मान भी तय हुआ धर्मवीर भारती की स्मृति में । मुम्बई में उनका बेटा रहता है, जब वे वहां जाते हैं तो मुम्बईकर हो जाते हैं। आजकल मुम्बईकर हैं डाॅ प्रेम जनमेजय! वे कहते हैं कि मुम्बई में मेरा आत्मीय साहित्यिक परिवार है। इस परिवार के एक महत्वपूर्ण हिस्से–हरीश पाठक, संजीव निगम और सुभाष काबरा संग बैठकी का मुक्तानन्द प्राप्त किया। इनके ताज़ा व्यंग्य संकलन ‘सींग वाले गधे’ और व्यंग्य यात्रा के ताजा अंक ने, सही हाथों में पहुंचकर इस आनंद को दो दूनी चार कर दिया ।

भिवानी में नाट्य कार्यशाला : मीरा कल्चरल सोसायटी के संचालक व रंगकर्मी सोनू रोझिया ने आजकल भिवानी में नाट्य कार्यशाला चला रखी है । इसे अनोखी कार्यशाला भी कह सकते हैं क्योंकि इसमें साठ वर्ष से ऊपर की महिलायें भी आ रही हैं और सारी महिलायें ही हैं । बधाई ।

हिसार में ईना , मीना, डीका : इसी बीच हिसार की नृत्यम् संस्था की ओर से ईना , मीना , डीका बाल नाटक का मंचन किया गया जिसमें छब्बीस कलाकारों ने अपना कमाल दिखाया । यह बाल नाटक गीत, संगीत व सीख का मिश्रण है । तीन लड़कियाँ अनाथाश्रम से भागती हैं और इसी भागमभाग में वे दहेज के लोभी दूल्हे , बच्ची की खरीद फरोख्त कर रहे लोभी व्यक्ति और वृद्धा मां को रेलवे स्टेशन पर छोड़कर गये बेटे से टकराती हैं और उन्हें सबक सिखाती हैं । इसी बीच अनाथाश्रम का मैनेजर दो गुंडों के साथ इन्हें पकड़ना चाहता है जबकि वे इन्हें भी धराशायी कर देती हैं । इस तरह बहुत ही प्रभावशाली मंचन संजय सेठी और ज्योति चुघ के निर्देशन में ! बहुत बहुत बधाई ।

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈




सूचनाएँ/Information ☆ अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय संस्था द्वारा डॉ मुक्ता के गहरे पानी पैठ आलेख-संग्रह का हुआ लोकार्पण ☆ साभार – डॉ निशा अग्रवाल

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय संस्था द्वारा डॉ मुक्ता के गहरे पानी पैठ आलेख-संग्रह का हुआ लोकार्पण 🌹

कल दिनांक 8 अप्रैल 2023 को अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय संस्था, बंगलौर द्वारा हिंदी भवन,नई दिल्ली में डॉ मुक्ता,माननीय राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत,हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा श्रेष्ठ महिला रचनाकार के सम्मान से सम्मानित,सदस्य केंद्रीय साहित्य अकादमी,पूर्वनिदेशक हरियाणा साहित्य अकादमी, तदोपरांत पूर्वनिदेशक,हरियाणा ग्रंथ अकादमी को साहित्यिक-सांस्कृतिक उत्कृष्ट योगदान के निमित्त अभ्युदय अंतरराष्ट्रीय सम्मान 2022 से अलंकृत किया गया।

गहरे पानी पैठ अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में रचित डॉ• मुक्ता का दसवाँ आलेख-संग्रह का जिसमें पचहत्तर आलेख संग्रहीत हैं।प्रथम भाग में समसामयिक ज्वलंत मुद्दों से संबंधित 37 चिंतनपरक आलेख हैं और द्वित्तीय भाग में सकारात्मक सोच से संबंधित 38 सुचिंतनपरक आलेख हैं,जिनमें जीवन-दर्शन निहित है और वे मानव को जीने की सहज व सुगम राह दर्शाते हैं।जीवन के रंग अजब-गज़ब हैं और प्रकृति पल-पल रंग बदलती है।समय निरंतर बहता रहता है।साहित्यकार अपने आसपास जो देखता व अनुभव करता है,उनमें से कुछ घटनाएं,हादसे व पात्र उसके ज़हन में इस क़दर घर बना लेते हैं,जिनके प्रभाव से वह चाहकर भी मुक्त नहीं हो पाता।उन असामान्य परिस्थितियों में उसकी लेखनी हृदय के उद्वेलन को शब्दबद्ध करने को विवश कर देती है।सो!यह है समसामयिक चिंतन के आलेखों की रूपरेखा,जो इस संग्रह के प्रथम भाग का हिस्सा बने हैं।उक्त ज्वलंत मुद्दे हमारे जीवन को प्रभावित नहीं करते, तहलक़ा तक मचा देते हैं। वास्तव में वे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।इसलिए लेखक उनका सांगोपांग विश्लेषण करने को बाध्य होता है।

द्वितीय खंड के आलेख भोर की सिंदूरी आभा की स्वर्णिम रश्मियाँ हैं,जो संपूर्ण विश्व को ही नहीं;जनमानस को भी आलोकित व ऊर्जस्वित करती हैं।वे संशय व दुविधाग्रस्त भ्रमित मानव का पथ-प्रशस्त कर विषम विसंगतियों से आहत व त्रस्त हृदय को आत्मविश्वास से आप्लावित करती हैं;उजास से भरती हैं तथा जीवन से निराश मानव को आशान्वित करती हैं।ये आलेख मरूभूमि में भटकते अतृप्त मानव मन की तृषा को शांत करने में समर्थ है;दु:खों के सागर में डूबते-उतराते मानव को साहिल तक पहुंचाने की क्षमता रखते हैं तथा जीवन में समन्वय व सामंजस्यता को अपनाने की सीख देते हैं। वास्तव में साहित्य संवेदनाओं, एहसासों व जज़्बातों का लेखा-जोखा है,जिनका सृजन- अनुभव सागर के गहरे जल में पैठकर किया जा सकता है। जनवरी माह में विश्व पुस्तक मेले में इंद्रप्रस्थ लिट्रेचर फेस्टिवल के समृद्ध मंच पर डॉ• मुक्ता के क्षितिज चिंतन के आलेख-संग्रह का लोकार्पण हुआ और उन्हें विशिष्ट साहित्य सेवा अवॉर्ड 2022 से विभूषित किया गया।

 – डॉ मुक्ता 

🌹 अभ्युदय अन्तरराष्ट्रीय द्वारा हिन्दी भवन दिल्ली में पुस्तक लोकार्पण व आस्ट्रेलिया से पधारी विश्व प्रसिद्ध विदुषी डॉ मृदुल कीर्ति व जयपुर से पधारी वरिष्ठ साहित्यकार मृदुला बिहारी जी के विशेष स्वागत व सम्मान में भव्य आयोजन 🌹

अभ्युदय अन्तर्राष्ट्रीय संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। तत्पश्चात नरेंद्र शर्मा खामोश द्वारा सरस्वती वंदना व चंदा प्रह्लादका, इन्दु झुनझुनवाला, रचना शर्मा तथा मञ्जरी पाण्डेय द्वारा गाए गए संस्था के ध्येयगीत के साथ आयोजन का प्रारम्भ हुआ। प्रारम्भ में शाॅल, मुक्तकमाला, मनीप्लांट के पौध प्रदान कर अतिथियों का भव्य स्वागत हुआ।

इस भव्य आयोजन में वर्ष 2022 का धोषित अभ्युदय अंतरराष्ट्रीय संस्था का 21,000 /- (इक्कीस हजार) राशि के साथ अभ्युदय अंतरराष्ट्रीय शलाका सम्मान वरिष्ठ साहित्यकार मृदुला बिहारी, अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय आदि शंकराचार्य सम्मान 2021 डॉ. मृदुल कीर्ति व अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय चित्रा मुद्गल सम्मान वरिष्ठ साहित्यकार डॉ शशी मंगल को प्रदान किया गया । इसके साथ ही दिल्ली की कुछ ख्यातिलब्ध विभूतियों को भी सम्मानित किया गया ।

संस्था की संस्थापक अध्यक्ष डाॅ इन्दु झुनझुनवाला ने स्वागत के साथ संस्था की संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की ।

इस अवसर पर लोकार्पित दस पुस्तकें थीं –

कबीर एक शाश्वत यात्रा, प्रेमचंद कथन और संदर्भ, वो जो गुमनाम हुए – ये तीन पुस्तकें अभ्युदय अंतरराष्ट्रीय द्वारा सम्पादित व प्रकाशित की गई।

बूंद बूंद जीवन व आज की अहिल्या – डॉ इन्दु झुनझुनवाला

यशोधरा, वृथा नही है रागिनी – चन्दा प्रह्लादका

भाव प्रवाह- छत्र छाजेड

शिक्षा के बदलते स्वरूप – डॉ निशा अग्रवाल

गहरे पानी पैठ – डॉ मुक्ता

परिचर्चा में वरिष्ठ साहित्यकारों ने अपने विचार रखे ।

जिनमें मुख्य रूप से कबीर पुस्तक पर बोलते हुए दिल्ली दूरदर्शन के भूतपूर्व निदेशक डाॅ अमरनाथ “अमर” जी ने कबीर की शाश्वत यात्रा से अभ्युदय की यात्रा का अद्भुत साम्य बताते हुए शोधार्थियों के लिये एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बताया। मुख्य अतिथि, जाने माने साहित्यकार, शिक्षाविद प्रो ( डाॅ) नवीनचन्द्र लोहनी ने प्रेमचंद पर सारगर्भित वक्तव्य देते हुए हर युग मे प्रासंगिक प्रेमचंद से लिखने की ताकत ग्रहण करने की बात कही। काशी से पधारी प्रो ( डाॅ) रचना शर्मा ने गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित संस्मरणों पर आधारित डाॅ इन्दु झुनझुनवाला द्वारा संपादित पुस्तक पर भावपूर्ण वक्तव्य देते हुए स्वतंत्रता के लिये गुमनाम कुर्बानियों के संस्मरण का उल्लेख किया।

डाॅ इन्दु द्वारा लिखित आज की अहिल्या पर अपने विचार व्यक्त करती हुई कलकत्ता से पधारी चंदा प्रह्लादका ने पुस्तक के अंश पर आधारित नारी सशक्तिकरण का उल्लेख करते हुए आज के संदर्भ में संदर्भित अहल्या के स्वरूप का वर्णन किया। डाॅ इन्दु की दूसरी पुस्तक ” बूँद बूँद जीवन” पर काशी से आई डाॅ मञ्जरी ने पुस्तक पर विचार व्यक्त करते हुए बताया – कि नट नटी संवाद की तरह कथोपकथन शैली पर आधारित संस्कृत के चम्पू काव्य विधा मे लिखा है । इसकी कहानी पूर्णतया नारी संघर्ष पर और आज के लिये प्रेरक है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार विजयकिशोर मानव ने अभ्युदय के भगीरथ प्रयास की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए सभी साहित्यकारों को एकजुट होकर सार्थक सृजन का समर्थन करने पर बल दिया । इसके लिये कार्यशालाओं के आयोजन की भी अपील की ।

वरिष्ठ कवि व साहित्यकार लक्ष्मीशंकर बाजपेयी ने भी महत्वपूर्ण आयोजन और साहित्य की वर्तमान दशा पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए सारगर्भित वक्तव्य दिया । विशिष्ट अतिथि जयपुर से आयीं मृदुला बिहारी अभिभूत थी । अस्वस्थता के बावजूद भव्य आयोजन का हिस्सा बनीं और साहित्य संबंधी महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला । ऑस्ट्रेलिया से विशेष रूप से आई परम विदुषी मृदुलकीर्ति जी ने उपनिषद, गीता पर अपने काव्यानुवाद को सुना कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया । आपने ओजस्वी भाषण से सबको झंकृत किया ।

दिल्ली आकाशवाणी के पूर्व सहायक निदेशक संस्था के उपाध्यक्ष भीमप्रकाश शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया । सफल संचालन चार सत्रों में सुषमा सिंह, डाॅ प्रियंका कटारिया, सुमन द्विवेदी, सुनीता बंसल, डॉ निशा अग्रवाल ने किया ।

इस आयोजन में सहभागिता निभाने के लिए राजस्थान से पश्चिम जोन की अध्यक्ष डॉ निशा अग्रवाल, विशेष सचिव राजपूताना इतिहास के अध्येता शिवराज पाल, संतोष बंसल, सुरेश बिंदल, रामवतार बैरवा , आचार्य विजय आर्य, सुषमा आर्य, छत्र छाजेड , चन्मद्हारशेखर आश्री, कर्नल प्रताप सिंह, मदन साहनी, शाखा की अध्यक्ष लता नौवाल, हरियाणा शाखा सचिव मंजु तंवर, डाॅ महालक्ष्मी केशरी के साथ दिल्ली व हरियाणा के संस्था के पदाधिकारियों व सदस्यों के साथ दिल्ली शहर के तमाम प्रतिष्ठित वरिष्ठ गणमान्य साहित्यकारों व कलाप्रेमियों विद्वतजनों जैसे रमा सिंह, डाॅ मुक्ता, अमरजीत कौर आदि की गरिमामय उपस्थिति ने कार्यक्रम को अद्भुत स्वरूप प्रदान किया । कला साहित्य संस्कृति को समर्पित संस्था “कस्तूरी” और उसके कलाकारों व अभ्युदय अंतरराष्ट्रीय के उपस्थित सदस्यों को माला, प्रमाणपत्र आदि से अभिनन्दन किया गया।

अंत में धन्यवाद ज्ञापन आकाशवाणी के भूतपूर्व निदेशक संस्था के उपाध्यक्ष भीमप्रकाश शर्मा जी ने किया ।

– डाॅ इन्दु झुनझुनवाला, संस्थापक अध्यक्ष, अभ्युदय अन्तर्राष्ट्रीय संस्था

साभार –  डॉ निशा अग्रवाल, जयपुर ,राजस्थान

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈




सूचना/Information ☆ ।। स्मृतिशेष पिता स्व.विलास ज्ञानोबा उबाळे की स्मृति में सुपुत्री डॉ. प्रेरणा विलास उबाळे की ओर से पुस्तकें और छात्रवृत्ति प्रदत्त।। ☆ डॉ प्रेरणा उबाळे ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🍁।। स्मृतिशेष पिता स्व.विलास ज्ञानोबा उबाळे की स्मृति में सुपुत्री डॉ. प्रेरणा विलास उबाळे की ओर से पुस्तकें और छात्रवृत्ति प्रदत्त ।। 🍁

दिनांक 13 अप्रैल 2023 को डॉ. प्रेरणा उबाळे (हिंदी विभागाध्यक्ष, मॉडर्न कॉलेज, शिवाजीनगर) ने 27,000 रुपयों की हिंदी भाषा, व्याकरण, यूपीएससी प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी पाठ्यपुस्तकें, सामान्य ज्ञान, हिंदी -मराठी-अग्रेजी शब्दकोश, सेट-नेट-बी एड सीईटी से संबंधित 160 से अधिक पुस्तकें स्व. विलास ज्ञानोबा उबाळे (बी. ए. अँग्रेजी ऑनर्स, दयानंद कॉलेज तथा पूर्व आबकारी निरीक्षक, पिंपरी-चिंचवड नगर निगम) जी की स्मृति में हिंदी विभागीय ग्रंथालय के लिए भेंट रूप में प्रदान की । 

साथ ही वॉलीबॉल छात्र खिलाड़ी विनीत शिंदे (द्वितीय वर्ष, वाणिज्य, बी. बी. ए. – बी. सी. ए. विंग, मॉडर्न महाविद्यालय, शिवाजीनगर) को पिताजी की स्मृति में दो हजार रुपयों की छात्रवृत्ति प्रदान की l

स्व. विलास उबाळे जी ने शिक्षा के महत्व को समझा और कई जरूरतमंद व्यक्तियों को आर्थिक और शैक्षिक सहायता प्रदान की। साथ ही अपने कॉलेज जीवन में वे विश्वविद्यालय, जोनल स्तर पर वॉलीबॉल और बास्केटबॉल चैंपियन रह चुके थे। उन्होंने हिन्दी राष्ट्रभाषा की कुछ परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थीं। इसलिए उनकी सुपुत्री डॉ. प्रेरणा उबाले ने हिंदी विभागीय ग्रंथालय को किताबें और छात्र खिलाड़ी को छात्रवृत्ति देकर औचित्यपूर्ण भेट प्रदान की l

स्व. विलास उबाळे जी का 66 वर्ष की आयु में 30 अगस्त 2021 को एक अल्प बीमारी के कारण दुखद निधन हो गया था l

प्रस्तुत कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र झुंजारराव , वाणिज्य शाखा की संयोजक डॉ. फिलोमीना फर्नांडिस, हिंदी विभाग के प्राध्यापक असीर मुलाणी, प्रा. संतोष तांबे, एम. ए. हिंदी साहित्य के छात्रों ने उपस्थिति दर्शायी l

साभार – डॉ. प्रेरणा उबाळे

सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभागाध्यक्षा, मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर,  पुणे ०५

संपर्क – 7028525378 / [email protected]

 ≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈




सूचनाएँ/Information ☆ साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत 🌹

(विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

☆ अखिल भारतीय साहित्य परिषद् भोपाल इकाई का अमृत शक्ति सम्मान, व्याख्यान, पुस्तक समीक्षा एवं लोक भाषा रचना पाठ सम्पन्न ☆

अखिल भारतीय साहित्य परिषद् भोपाल इकाई का अमृत शक्ति सम्मान व्याख्यान पुस्तक समीक्षा एवं लोक भाषा रचना पाठ कार्यक्रम नव संवत्सर 2080 की मांगलिक बेला में विश्व संवाद केंद्र शिवाजी नगर में संपन्न हुआ। उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सुश्री प्रियंका शक्ति ठाकुर सुविख्यात निर्देशिका अध्यक्ष डॉ नुसरत मेहदी निदेशक उर्दू अकादमी एवं अध्यक्ष अखिल भारतीय भोपाल इकाई विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ बिनय राजाराम एवं सारस्वत अतिथि के रूप में डॉ साधना बलवटे उपस्थित रहीं।

मातृशक्ति श्रीमती सर्वप्रथम मनोरमा पंत और डॉ राजिया हामिद जी को अमृत शक्ति सम्मान से व नेपथ्य की शक्ति सम्मान से डॉ विनीता चौबे को सम्मानित किया गया। डॉ साधना बलवटे को विश्व हिन्दी सम्मेलन फिजी में भारत का प्रतिनिधित्व करने पर  भोपाल इकाई ने सम्मानित किया।

भोपाल इकाई के इन सदस्यों को भी सम्मानित किया गया। सुनीता यादव ,ममता वाजपेई, मांडवी सिंह ,राकेश सिंह तथा पुरु शर्मा। अध्यक्षता करते हुए डॉक्टर नुसरत मेहदी ने कहा “जब – जब भाषा, संस्कारों व परम्पराओं की नब्ज कमजोर होती प्रतीत होती है अखिल भारतीय साहित्य परिषद् इनकी नब्ज को टटोलकर उसे पुनर्जीवित करने का कार्य करती है।”

मुख्य अतिथि प्रियंका शक्ति ठाकुर ने अपने विचार रखें। उन्होंने कहा कि “अखिल भारतीय साहित्य परिषद भोपाल इकाई अमृत सम्मान की परम्परा के निर्वहन का उत्कृष्ट कार्य कर रही है। साथ ही लोक भाषा पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन भी सराहनीय है।”

विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ राजाराम ने कहा कि “हमारे भारत में ही छह उप ऋतुएँ आती हैं। शरीर को नवरात्रि में अनुकूलन करने के लिए तैयार किया जाता है। चौदह दिन का कोरोंटाईन भारतीय परम्परा में बहुत पहले से ही किया जाता है।”

सारस्वत अतिथि राष्ट्रीय डॉ साधना बलवटे ने अपने उद्बोधन में कहा कि “प्रकृति की पूजा हमारे संस्कारों में होनी चाहिए। जीवन के सारे तत्व प्रकृति के देवता सूर्य चंद्रमा, वायु, अग्नि आदि लोक में हमेशा पूजे जाते हैं।” परितप्त लंकेश्वरी पुस्तक की समीक्षा करते हुए उन्होंने मंदोदरी के मनोभावों को बहुत बारीकी से विश्लेषण किया।”

कार्यक्रम में लोक भाषाओं की रचनाओं का पाठ हुआ जिसमें बघेली में गीतकार संदीप शर्मा ने बुंदेली में अशोक गौतम घायल ने, श्रीमती श्यामा गुप्ता ने, मालवी लोकभाषा में श्रीमती शालिनी व्यास ने , निमाड़ी लोकभाषा में अशोक दुबे ‘अशोक’ ने रचना पढ़ी।

कार्यक्रम में संचालन नीता सक्सेना स्वागत वक्तव्य पुरूषोत्तम तिवारी आभार ममता बाजपेई ने व्यक्त किया।

☆ प्रवासी भारतीय साहित्य एवं संस्कृति शोध केंद्र, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय का परिसंंवाद आयोजित ☆

विषय था हिंदी भाषा शिक्षण की चुनौतियाँ और समाधान : वैश्विक संदर्भ“.  कार्यक्रम की अध्यक्षता की श्री संतोष चौबे, कुलाधिपति, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने। विशिष्ट अतिथि थे डॉ. विजय कुमार मल्होत्रा, भाषा प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ, (पूर्व निदेशक, रेल मंत्रालय) तथा विशिष्ट वक्ता थे एल्मार जोसेफ रेनर, एसोसिएट प्रोफेसर, कोपनहेगन विश्वविद्यालय, डेनमार्क। कार्यक्रम संयोजन डॉ. मौसमी परिहार द्वारा किया गया।  

☆ श्री संतोष चौबे के उपन्यास “सपनों की दुनिया में ब्लैक होल” का लोकार्पण ☆

कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वैक्शन सेंटर, भोपाल में श्री संतोष चौबे जी के उपन्यास “सपनों की दुनिया में ब्लैक होल” का लोकार्पण हुआ जिसकी अध्यक्षता श्री विनोद तिवारी जी ने की स्वागत वक्तव्य मुकेश वर्मा जी ने किया। उपन्यास के अंश का पाठ श्री संतोष चौबे जी ने किया ।आमंत्रित वक्ता थे हरि भटनागर, प्रकाश कांत, राकेश बिहारी, पंकज सुबीर आशुतोष, प्रज्ञा रोहिणी। संचालन श्री अरुण शुक्ला ने और आभार प्रदर्शन श्री बलराम कुमार ने किया। संयोजन किया सुश्री ज्योति रघुवंशी ने।

☆ भोपाल के फ़ौजी इतिहास पर एक अनोखी किताब “निज़ाम ए भोपाल” लोकार्पित ☆

किताब में लिखी फ़ौजी दास्तान भोपाल रियासत से जुड़ी है। जी हाँ, अवसरवादी दोस्त मुहम्मद ख़ान द्वारा स्थापित भोपाल रियासत की अपनी एक फ़ौज थी। उस फ़ौज का 1710 से 1949 तक का एक इतिहास है। उसी फ़ौजी इतिहास को आज़ाद भारत के एक फ़ौजी लेफ़्टिनेंट जनरल (सेवा निवृत्त) मिलन नायडू ने अंग्रेज़ी में कलमबद्ध किया है- और उसका हिंदी अनुवाद किया है भोपाल में फ़ौजी से साहित्यकार बने कर्नल डॉक्टर गिरिजेश सक्सेना ने।

हिंदी भवन के मंत्री-संचालक कैलाश चंद पंत की अध्यक्षता, लेफ़्टिनेंट जनरल विपुल शिंघल , एस एम के मुख्य आतिथ्य और वरिष्ठ पत्रकार-साहित्यकार महेश श्रीवास्तव के विशिष्ठ आतिथ्य में आयोजित गरिमामय कार्यक्रम में “निज़ाम ए भोपाल” पुस्तक का लोकार्पण हुआ। वरिष्ठ साहित्यकार-पत्रकार घनश्याम सक्सेना सारस्वत अतिथि और क़लीम अख़्तर एवं प्रोफ़ेसर सीमा रायजादा विशेष अतिथि के रूप में मंचासीन रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन वरिष्ठ साहित्यकार गोकुल सोनी ने किया। लेफ़्टिनेंट जनरल (सेवा निवृत्त) मिलन नायडू ने स्वागत उद्बोधन में पुस्तक लेखन और अनुवाद से जुड़ी मुश्किलों को रेखांकित किया।

पुस्तक लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता करते हुए कैलाश चंद पंत ने लेखक द्वारा भोपाल रेजिमेंट के विकास की कहानी इस पुस्तक में पिरोई गई है। पुस्तक का हिन्दी अनुवाद सरल, सुबोध और पठनीय बन पड़ा है।

मुख्य अतिथि महेश श्रीवास्तव ने बताया कि यह शोधपूर्ण किताब प्रामाणिक रूप से ऐतिहासिक है। भोपाल रियासत का अधिकांश समय बेगमों द्वारा शासित रहा। बेगमों ने पौने दो सौ सालों में रियासत को बुद्धिमत्ता पूर्ण शासन से संचालित करके लोक कल्याण कार्यों को अंजाम दिया था। उन्होंने शिक्षा और चिकित्सा का कार्य प्राथमिकता से करवाया। उन्होंने भोपाल की फ़ौज को आधुनिक बनाया था।

लेफ़्टिनेंट जनरल विपुल शिंघल ने कहा कि सैनिक और साहित्य का बहुत पुराना संबंध है। भगवतगीता का दार्शनिक साहित्य युद्ध भूमि में ही भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को उपदेश स्वरूप अस्तित्व में आई थी।

वरिष्ठ कलमकार घनश्याम सक्सेना ने पुस्तक की समीक्षा करते हुए कहा कि जब मैंने पुस्तक को पढ़ने के लिए उठाया और दो-तीन पृष्ठ पढ़े तो पुस्तक इतनी रोचक लगी कि इसे समाप्त करके ही दम लिया।

भोपाल के फ़ौजी इतिहास के अधिकृत विद्वान क़लीम अख़्तर ने बताया कि इस पुस्तक के लेखन में मिलन नायडू जी ने सटीक प्रमाणों को समावेश किया गया है। इसलिए यह पुस्तक एक प्रामाणिक दस्तावेज है।

लोकार्पण कार्यक्रम में फ़ौजी मुहकमे के आला अफ़सरों के अलावा हिंदी और उर्दू के गणमान्य साहित्यकार डॉक्टर गौरी शंकर शर्मा गौरीश, राम वल्लभ आचार्य, सुरेश पटवा, राजकुमार शर्मा, विनोद जैन, मुज़फ़्फ़र सिद्दीक़ी, कांता रॉय, घनश्याम मैथिल, चरण जीत सिंह की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। लेफ़्टिनेंट जनरल मिलन नायडू ने स्वागत उद्बोधन दिया और आभार प्रदर्शन करते हुए कर्नल डॉक्टर गिरिजेश सक्सेना ने उन मुश्किल हालातों का ज़िक्र किया जब उन्होंने कोरोना ग्रस्त अवस्था में अस्पताल के बिस्तर पर  इस किताब के अंतिम दो अध्याय अनुवादित किए थे।

☆ मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा मीर तकी मीर की 300 वीं जयंती का आयोजन सम्पन्न ☆

“मीर के शेरों में जिंदगी के हर रंग मौजूद हैं ” मीर एक ऐसे शायर हैं जिनकी महानता को हर शायर और हर दौर में सराहा गया है यह बात कनाडा से आए उर्दू के प्रसिद्ध विद्वान डॉ तकी आबिदी ने कही। राज्य संग्रहालय सभागार में मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा मीर तकी मीर की 300 वीं जयंती समारोह पर “मुस्तनद है मेरा फरमाया हुआ” कार्यक्रम संपन्न हुआ । उर्दू अकादमी की निदेशक डॉ नुसरत मेहंदी ने कहा कि संगोष्ठी में नए रचनाकार विशेष रुप से रिसर्चर्स जान सकेंगे कि उर्दू शायरी में मीर को खुदा ए सुखन क्यों कहा जाता है। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अजीज इरफान ने कहा कि मेल की कल्पनाशीलता जमीनी है और उन्होंने रोजमर्रा की जिंदगी को शायरी की जुबां बनाया है। 

दुष्यंत संग्रहालय के संस्थापक स्व राजूरकर राज की स्मृति में “स्मृतियों में राज” कार्यक्रम संपन्न ☆

दुष्यंत संग्रहालय में संग्रहालय के संस्थापक स्व राजूरकर राज की स्मृति में “स्मृतियों में राज” नामक कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे आदरणीय संतोष चौबे जी, कुलपति रविंद्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय, विशेष अतिथि के रूप में श्री शशांक, पूर्व उपनिदेशक दूरदर्शन भोपाल तथा अध्यक्ष श्री मनोज श्रीवास्तव आईएएस सेवानिवृत्त मध्यप्रदेश शासन थे। इस कार्यक्रम में संग्रहालय से जुड़े सभी सदस्यों ने उन्हें याद किया ।इस कार्यक्रम में निदेशक साहित्य अकादमी श्री विकास दवे जी  ने भी राजूरकर जी कोई याद किया। इस अवसर पर राजूरकर राज के ऊपर एक स्मारिका का भी विमोचन किया गया।

☆ हिंदी लेखिका संघ की मासिक व्यंग्य गोष्ठी आयोजित ☆

हिंदी लेखिका संघ की मासिक व्यंग्य गोष्ठी आयोजित हुई ।आयोजन की मुख्य अतिथि वरिष्ठ व्यंगकार एवं राष्ट्रीय मंत्री अखिल भारतीय साहित्य परिषद, डॉक्टर साधना बलवटे ने अपने उद्बोधन में कहा कि व्यंग का उद्गम करुणा से होता है जब हास्य व्यंग एक संतुलित मात्रा में मिलकर आते हैं तब एक सार्थक संतुलित व्यंग रचना तैयार होती है lव्यंग का उद्देश्य समाज की विसंगतियों को दूर करना हैl सारस्वती अतिथि सुमन ओबेरॉय ने अपने उद्बोधन में कहा कि व्यंग की क्षमता बहुत अधिक होती है। यह नैतिक और सामाजिक मूल्यों का प्रहरी होता है । लेखिका संघ के अध्यक्ष डॉ कुमकुम गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया और पुष्प की अभिलाषा कविता का पाठ किया इस अवसर पर लेखिकाओं ने हास्य व्यंग रचनाओं का पाठ किया गोष्ठी का संचालन डॉक्टर विनीता राहुरिकर ने किया । तथा आभार सुनीता मिश्रा ने व्यक्त किया। 

☆ अ. भा .कला मँदिर भोपाल द्वारा होली पर काव्य गोष्टी संपन्न ☆

आकाशवाणी भोपाल के नमस्कार एम पी कार्यक्रम के अंतर्गत मध्यप्रदेश लेखिका संघ की अध्यक्ष कुमकुम गुप्ता का साक्षात्कार वृंदा प्रधान द्वारा लिया गया जिसमें उनसे नारी प्रकृति और बेटी संबंधित चर्चा की गई ।

☆ आर्य समाज मंदिर, भोपाल का 38 माह वार्षिक उत्सव संपन्न ☆

भोपाल में आर्य समाज मंदिर का 38 माह वार्षिक उत्सव मनाया गया। सवेरे प्रभात रैली के साथ ही विभिन्न प्रकार के आयोजन 3 दिन तक चले जिसमें मुख्य रुप से धर्म संसद, युवा संसद, मातृशक्ति सम्मेलन थे।

धर्म और ईश्वर दोनों मानव जीवन से जुड़े हुए बहुत महत्वपूर्ण विषय हैं ।दोनों ही समस्त विश्व के मानवों को संगठित सुखी और अभय कर सकते हैं किंतु उस समय जब इनमें विरोधाभास ना हो । इसी भावना से मनुष्य जीवन में धर्म की आवश्यकता क्यों उसका महत्व और स्वरूप क्या है विषय पर विभिन्न विचारधाराओं के विद्वानों ने अपने विचार रखे।

युवा सम्मेलन में विषय था “एक भारत श्रेष्ठ भारत के निर्माण में युवाओं की भूमिका चुनौतियां और समाधान” यह आयोजन स्कूल और कॉलेज के छात्र छात्राओं के लिए था जिसमें उन्होंने इस विषय पर अपने विचार प्रकट किए, नारी सशक्तिकरण के लिए क्या उचित कदम उठाए जाएं इस विषय पर श्रीमती प्रज्ञा, रिचा श्रीवास्तव अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महिला सुरक्षा पुलिस मुख्यालय पर ने विशिष्ट अतिथि के रूप में सारगर्भित भाषण दिया, सुश्री मनोरमा पंत के साथ विभिन्न क्षेत्रों की विदुषी महिलाओं ने भी महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार प्रकट किए।

☆ अ. भा .कला मँदिर भोपाल द्वारा होली पर काव्य गोष्टी संपन्न ☆

स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी में हिंदी चिल्ड्रंस बुक्स समर कलेक्शन का आरंभ हुआ यहां पर पंचतंत्र की प्रसिद्ध कहानियां, चार्ली एंड द चॉकलेट फैक्ट्री ,भारत की अद्भुत लोक कथाएं ,अमर चित्र कथा की किताबें, वेद पुराण उपनिषद की किताबें पढ़ने को मिलेंगी।

अखिल भारतीय कलामन्दिर संस्था, भोपाल द्वारा नव संवत्सर पर नवरंग काव्य ग़ोष्ठी का आयोजन किया, जिसकी अध्यक्षता – डॉ. गौरीशंकर शर्मा ‘गौरीश’ राष्ट्रीय अध्यक्ष अ.भा. कलामन्दिर संस्था भोपाल ने की ।मुख्य अतिथि थे श्री राजेन्द्र शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार एवं विशिष्ट अतिथि थे डॉ जवाहर सिंह कर्णावत

मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच द्वारा भोपाल की वरिष्ठ साहित्यकार उषा सक्सेना को मातो श्री सम्मान

मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच द्वारा भोपाल की वरिष्ठ साहित्यकार उषा सक्सेना को मातो श्री सम्मान और चाणक्य सम्मान स्मृति चिन्ह के साथ प्राप्त हुआ ।

साभार – सुश्री मनोरमा पंत, भोपाल (मध्यप्रदेश) 

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈