☆ सूचनाएँ/Information ☆
(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)
साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय
(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है । देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)
फिर चली बात , बात किताबों की – कमलेश भारतीय
ये दिन साहित्य के दिन हैं । साहित्य में रमने के दिन हैं । साहित्य के बहाने आपस में मिलने मिलाने ही नहीं बतियाने के दिन हैं यानी पुस्तक मेले के दिन हैं । बस । दिल्ली का पुस्तक मेला आने ही वाला है । प्रकाशक तैयारियों में जुटे हैं तो लेखक इंतज़ार में कि इस बार पुस्तक मेले में तो उसकी किताब आ ही जाये ! दिल्ली का पुस्तक मेला लेखकों के मिलन का भी बहाना है । दूर दराज से लेखक इसी आशा से आते हैं कि सबसे मिलना हो जायेगा । दो तीन वर्ष तो कोरोना ने यह मिलना मिलाना भी जैसे अभिशप्त कर दिया था । बड़ी मुश्किल से यह अभिशाप खत्म हुआ । पुस्तक मेले में दुनिया भर की पुस्तकें और हर तरह की पुस्तकें आती हैं । लेखक एक दूसरे की नयी पुस्तक का हाथों हाथ विमोचन कर देते हैं । यह ऐसी दुनिया जिसका इंतज़ार साल भर रहता है । आइए पुस्तक मेले में चलें । वैसे अब दिल्ली के अलावा भी अन्य बड़े शहरों में पुस्तक मेले लगने लगे हैं जो बहुत ही सुखद बात है । चंडीगढ़ के पुस्तक मेले में भी अब खूब मुलाकातें होती रही हैं लेखकों से ।
पुस्तक पखवाड़ा : भोपाल के लघुकथा के परिंदे ग्रुप की ओर से ऑनलाइन पुस्तक पखवाड़ा आयोजित किया गया जिसमें विभिन्न प्रदेशों के लेखकों को इसमें आमंत्रित कर पुस्तकों पर चर्चा की गयी । यह भी एक अच्छा प्रयोग रहा । बधाई ।
हिसार का फिल्म महोत्सव : इस सप्ताह हिसार के गुरु जम्भेश्वर विश्विद्यालय के रणबीर सभागार व सेमिनार हाल में दो दिवसीय हरियाणवी फिल्म महोत्सव संपन्न हुआ । हरियाणा भर से रंगकर्मी जुटे और हरियाणवी फिल्मों के लिए विचार विमर्श हुआ । पचास से ऊपर शाॅर्ट फिल्में दिखाई गयीं विभिन्न विश्वविद्यालयों के जनसंचार विभाग के छात्र छात्राएं जुटे । स्टेज एप की खूब वाहवाही हुई । इस सबके बावजूद इस फिल्म महोत्सव में कलाकारों ने हिसार दूरदर्शन के चंडीगढ़ शिफ्ट किये जाने पर कोई चर्चा नहीं की और न ही इसे वापिस लाये जाने का कोई प्रस्ताव पारित किया गया । आखिर कलाकार ही दूरदर्शन की मांग नहीं उठायेंगे तो कौन उठायेगा ?
वीरेंद्र वीर को सम्मान : हिमाचल की ऊना की संस्था हिमोत्कर्ष की ओर से वीरेंद्र शर्मा वीर को सम्मानित किये जाने की घोषणा की गयी है । हिमाचली संस्कृति के लिये वीर के प्रयासों को देखते हुए यह सम्मान दिया जा रहा है । बधाई ।
साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी
संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075
(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈