सूचनाएँ/Information ☆ भारतीय स्टेट बैंक के सुप्रसिद्ध लेखक एवं कवियों का सम्मान समारोह, भोपाल ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information  ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ भारतीय स्टेट बैंक द्वारा साहित्यकारों का सम्मान समारोह, भोपाल  ☆ 

भारतीय स्टेट बैंक जन जन की आकांक्षाओं का ट्रस्टी हैं। सामाजिक सेवा बैंकिंग के अन्तर्गत बैंक से सेवानिवृत्त ऐसे बैंक कर्मी जो बैंक सेवा के साथ साहित्य सेवा के प्रति भी समर्पित रहे हैं, ऐसे साहित्यकारों का सम्मान करने की स्टेट बैंक की परिकल्पना एक सराहनीय कदम है।

ऐसे साहित्यकारों का एक भव्य सम्मान समारोह शनिवार दिनांक 23 अप्रेल 2022 को भारतीय स्टेट बैंक, स्थानीय प्रधान कार्यालय, भोपाल में आयोजित किया जा रहा है।

विदित हो कि इस सम्मान समारोह में सुप्रसिद्ध साहित्यकार राजेश जोशी (भोपाल), ब्रजेश कानूनगो (इंदौर), जय प्रकाश पाण्डेय  (जबलपुर), श्याम खापर्डे (भिलाई), सुरेश पटवा  (भोपाल), अरुण दनायक (भोपाल), शांति लाल जैन (उज्जैन), सुश्री अलकनंदा साने (इंदौर), आर एस माथुर, सतीश राठी (इंदौर), अर्पण कुमार, अजय बाजपेई (भोपाल), कुमार अंबुज (भोपाल), सुश्री द्रोपदी धनवानी (भोपाल), मधु कांत चतुर्वेदी, लक्ष्मी कांत लावने, गोकुल सोनी, दीपक पंडित, दीपक गिरकर, के टी बदलानी, टी एस खरबंदा, संजय कुमार, बिपिन बिहारी वाजपेई, सुश्री दीपा मिश्रा जी को सम्मानित किया जायेगा। 

यह ई- अभिव्यक्ति के लिए भी गौरव के क्षण हैं जिसमे ई-अभिव्यक्ति पत्रिका के कुछ सम्माननीय साहित्यकारों में  जय प्रकाश पाण्डेय  (जबलपुर), सुरेश पटवा  (भोपाल), अरुण दनायक (भोपाल), शांति लाल जैन (उज्जैन), ,श्याम खापर्डे (भिलाई), दीपक गिरकर को आज सम्मानित किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि आज सम्मानित होने वाले ख्यातिलब्ध लेखक कवियों ने भारतीय स्टेट बैंक में लम्बे समय अपनी सेवाएं प्रदान कीं हैं।

💐 ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से सभी आदरणीयों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं 💐

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information – ☆ साहित्यिक कार्य के लिए श्रीओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ सम्मानित ☆

सूचनाएँ/Information

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ साहित्यिक कार्य के लिए श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ सम्मानित ☆

रतनगढ़। श्री राम मंदिर में भगवन राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर सोमवंशी क्षत्रिय समाज द्वारा साहित्यिक कार्य के लिए श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को शाजापुर में एक भव्य सामाजिक कार्यक्रम में भारत भर से पधारे अतिथियों के सम्मुख सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर रमेश मनोहरा जावरा को भी शाल श्रीफल देकर कर सम्मानित किया गया है। स्मरण रहे कि श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय को आजादी के 75 वे अमृत महोत्सव पर समर्पित भारत कथा माला के 28 राज्य व 9 केंद्र शासित प्रदेशों की प्रकाशित पुस्तकों में ’21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां (मध्यप्रदेश)’ का संपादन कार्य कर कहानियों की दृष्टि से सर्वोत्कृष्ट संकलन प्रस्तुत किया गया हैं। इस संकलन में मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ विकास दवे, देवपुत्र के संपादक श्री गोपाल महेश्वरी सहित मध्यप्रदेश के अनेक बाल साहित्यकारों की कहानियां  सम्मिलित की गई है।

💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश” इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 💐

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ आचार्य जगदीश चंद्र मिश्र  लघुकथा सम्मान-वर्ष 2022 – प्रविष्टियाँ आमंत्रित ☆ डॉ. ऋचा शर्मा ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information  ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ डॉ. ऋचा शर्मा ☆

☆ आचार्य जगदीश चंद्र मिश्र लघुकथा सम्मान – वर्ष 2022 – प्रविष्टियाँ आमंत्रित ☆ 

☆ लघुकथा शोध केंद्र, अहमदनगर (महाराष्ट्र) का आयोजन ☆

लघुकथा शोध केंद्र, अहमदनगर (महाराष्ट्र) के प्रथम वार्षिक कार्यक्रम (मई 2022) के अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर  ‘आचार्य जगदीश चंद्र मिश्र  लघुकथा सम्मान’ का आयोजन किया जा रहा है। इसमें प्रविष्टि भेजने के लिए नियम व शर्तें इस प्रकार हैं —    

  1. प्रेषित लघुकथा मौलिक तथा अप्रकाशित, अप्रसारित हो। इसका प्रमाण पत्र लघुकथाकार द्वारा देना अनिवार्य है।     
  2. प्रेषित लघुकथा वर्ड फाइल में यूनीकोड मंगल फोंट अथवा कृतिदेव 10 फोंट में टाइप की हुई हो ।  
  3. वर्तनी की अशुद्धियां नहीं होनी चाहिए तथा व्याकरण चिह्नों का समुचित प्रयोग हो ।
  4. एक लघुकथाकार एक लघुकथा भेजें। लघुकथा का शीर्षक, अपना पूरा नाम, डाकपता, फोन नंबर, ई-मेल आदि का स्पष्ट उल्लेख अलग फाइल में करें।
  5. लघुकथाएँ इस ई-मेल पर भेजें – [email protected] व्हाट्स एप पर अथवा डाक/कूरियर से नहीं।
  6. रचना ओपन फाइल में भेजें, पीडीएफ में नहीं।
  7. रचना भेजने की अन्तिम तिथि – 5.5.2022 है। इसके बाद प्राप्त रचनाएँ प्रतियोगिता में शामिल नहीं की जाएँगी।
  8. परीक्षकों का निर्णय ही मान्य तथा अंतिम होगा ।
  9. प्रतियोगिता का परिणाम  वार्षिक कार्यक्रम (ऑनलाईन) के अवसर पर घोषित किया जाएगा। इससे पूर्व इस संदर्भ में कृपया कोई संपर्क न करे ।  
    •  प्रथम पुरस्कार – 2000/=
    •  द्वितीय पुरस्कार -1000/=
    •  तृतीय पुरस्कार – 700/=
    •  तीन प्रोत्साहन पुरस्कार- 500/=

 

विशेष:- प्रतियोगिता के  नियमों में आवश्यक परिवर्तन का अधिकार ‘आचार्य जगदीश चंद्र मिश्र लघुकथा सम्मान’ समिति, अहमदनगर (महाराष्ट्र) के पास सुरक्षित रहेगा।

 

प्रो. डॉ. ऋचा शर्मा, अध्यक्ष – हिंदी विभागअहमदनगर कॉलेज, अहमदनगर (महाराष्ट्र)

संयोजक –  लघुकथा शोध केंद्र, अहमदनगर, [महाराष्ट्र (लघुकथा शोध केंद्र,भोपाल की शाखा)]

ई-मेल [email protected]

मो. – 9370288414

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ श्रीमती वीनु जमुआर द्वारा लिखित पुस्तक ‘सिद्धार्थ से महात्मा बुद्ध’ लोकार्पित  ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information  ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ श्रीमती वीनु जमुआर द्वारा लिखित पुस्तक ‘सिद्धार्थ से महात्मा बुद्ध’ लोकार्पित  ☆ 

भारतीय नव वर्ष के अवसर पर दिनांक 2 अप्रैल को श्रीमती वीनु जमुआर द्वारा लिखित पुस्तक ‘सिद्धार्थ से महात्मा बुद्ध’ का ऑनलाइन लोकार्पण हुआ। यह कार्यक्रम क्षितिज प्रकाशन और इन्फोटेनमेंट के तत्वाधान में आयोजित किया गया था।

संचालक-समालोचक के रूप में कार्यक्रम का आरम्भ करते हुए हिन्दी आंदोलन परिवार के अध्यक्ष श्री संजय भारद्वाज ने कहा कि ऑनलाइन पुस्तकों के जमाने में भी ‘बिटवीन द लाइंस’ पढ़ने के लिए मुद्रित पुस्तकें सदा प्रासंगिक रहेंगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती ऋता शुक्ल ने की । उन्होंने कहा कि रामत्व, बुद्धत्व हमारे रक्त में है। शब्द यज्ञ, कला यज्ञ आदि के माध्यम से हमें वाचन संस्कृति की ओर लौटना होगा।

मुख्य अतिथि डॉ. सुदर्शन वशिष्ठ ने कहा कि लेखिका ने सरल, बोधगम्य भाषा में बुद्ध के चरित्र को सामने रखा है। सभी पीढ़ियाँ इसे पढ़ने का आनंद ले सकती हैं।

डॉ रमेश गुप्त मिलन ने इस पुस्तक को साहित्यिक जगत में निधि के रूप में शृंगारित की उपमा दी। श्री देवेंद्र कुमार बहल ने कहा कि किसी भी धर्मगुरु के दर्शन को समझने के लिए तत्कालीन ऐतिहासिक पृष्ठभूमि समझनी होती है। इस मानक पर यह पुस्तक खरी उतरी है। डॉ. रवींद्र नारायण पहलवान ने कहा कि लेखिका अपने मन की आँखों से उस समय घटित घटनाओं के साकार चित्रण में सफल रही हैं। श्री इंदुभूषण कोचगवे ने कामना व्यक्त की कि लेखिका आगे भी साहित्य की वाटिका को इसी भाँति सुवासित करती रहें।

उत्सवमूर्ति श्रीमती वीनु जमुआर ने कहा कि जीवन में उन्हें सदा अच्छे लोगों का साथ मिला। सृजन के संसार ने उन्हें हमेशा नये रिश्तों में बाँधा। उन्होंने सबके प्रति कृतज्ञता भी ज्ञापित की।

स्वागत भाषण में क्षितिज की प्रमुख सुधा भारद्वाज ने कहा कि साहित्यकारों-परिजनो की उपस्थिति से आयोजन उत्सव में परिवर्तित हो गया है। अमिता अम्बस्ट, विनीता सिन्हा, रश्मि वर्मा, डॉ. अनूप सिन्हा, नवीन सिन्हा, प्रदीप वर्मा, उपासना जमुआर, स्निग्धा जमुआर, काश्वी जमुआर ने भी अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं।

वेरा सिन्हा ने आभार व्यक्त किया। कृतिका भारद्वाज ने तकनीकी व्यवस्था में विशेष सहयोग किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्यकार और मित्र उपस्थित थे।

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सौ.पुष्पा नंदकुमार प्रभूदेसाई  – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? सौ.पुष्पा नंदकुमार प्रभूदेसाई  – अभिनंदन ?

माहीम सार्वजनिक वाचनालय, मुंबई यांनी आयोजित केलेल्या पारंपारिक उखाणा ऑनलाईन स्पर्धेत आपल्या समुहातील ज्येष्ठ लेखिका व कवयित्री सौ.पुष्पा नंदकुमार प्रभू देसाई यांनी द्वितीय क्रमांक प्राप्त केला आहे.

त्यांचे ई-अभिव्यक्ती समुहातर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि शुभेच्छा.

 

पारंपारिक उखाणाही आपल्या वाचनासाठी देत आहोत. हावभावा सहित म्हटलेला पारंपारिक उखाणा – 

कांडुन  कुटुन केला गोळा.

पंचमीन उघडला डोळा.

गणेशाची निवडते डाळ.

आला दसरा म्हाळ (महालय).

दसरा म्हाळाच्या गाठी.

आली शिलंगण  लोटी.

शिलंगणाच घेते सोन.

आली दिवाळी.

दिवाळीला भाऊरायाच येण हुईल.

माहेरी जाणं हुईल.

दिवाळीची करते आरती.

आली संक्रांत नेणती.

संक्रांतीचा पुजते पाट.

आला शिमगा गजरघाट.

शिमग्याचा रंग.

पाडवा चक्कर दंग.

पाडव्याची पुजते गुढी.

आली आकितीची(अक्षय तृतीया) उडी.

आकितीचा पुजते करा.

बेंदरा पत्तुर (पर्यंत) धीर धरा.

दीड महिन्यानी नागर पंचीम येईल.

रावसाहेब—– गाडी घोड घ्युन(घेऊन) आलात तर येण हुईल. नाय तर इथच रहाण हुईल.

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – नूतन वर्षाभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

💐 नूतन वर्षाभिनंदन 💐

 

आज दोन एप्रिल.म्हणजेच चैत्र शुद्ध प्रतिपदा.गुढी पाडवा.!नव वर्षाचा प्रारंभ.शालिवाहन शके 1944 चा प्रारंभ.

हे नूतन वर्ष आपणा सर्वांना सुखाचे,समृद्धीचे,आरोग्याचे आणि प्रतिभेने बहरलेले जावो ही मनःपूर्वक सदिच्छा!

आजच्या अंकातून अनुभवूया  शब्दपालवीचा बहर.

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

 

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनाएँ/Information ☆ मॉडर्न महाविद्यालय में “प्रसंग नीरज” कार्यक्रम आयोजित ☆ प्रस्तुति – डॉ. प्रेरणा उबाले ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information  ☆

☆ मॉडर्न महाविद्यालय में “प्रसंग नीरज” कार्यक्रम आयोजित ☆ 

हिंदी विभाग, मॉडर्न  महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर  के “हिंदी फिल्म क्लब” के अंतर्गत  दिनांक  30 मार्च 2022 को ” प्रसंग नीरज: नीरज के गीतों- कविताओं का वाचन, विश्लेषण तथा गीत लेखन कार्यशाला संपन्न हुई।

हिंदी लेखक, कवि, अनुवादक,  रेडियो प्रसारणकर्ता, आकाशवाणी पुणे के पूर्व सहायक  निदेशक डॉ. सुनील देवधर सर ने कविता, गीत, गज़ल साहित्य विधाओं का सूक्ष्म अन्तर छात्रों को समझाया। गीत-लेखन, कविता में छंद का प्रयोग, मुक्तछंद और छंदमुक्त कविता, आदि पहलुओं पर सरस मार्गदर्शन किया। साथ ही गजल के तत्वों पर प्रकाश डाला। डॉ. देवधर जी के द्वारा कविताएं, गीतों की मुखोद्गत अभिव्यक्ति ने सभी के मन जीत लिए। उन्होनें अपने प्रस्तुत विषय से संबंधित कुछ वीडियो  दिखाए। नीरज,  साहिर, मजरुह सुलतानपुरी आदि गीतकारों की शैली,  विशेषताओं पर  डॉ. देवधर जी ने अपनी खास शैली में सारगर्भित व्याख्यान से छात्रों को इतना प्रभावित कर दिया कि सभी छात्र कार्यक्रम खत्म होने पर भी उनसे संवाद करते रहें। पुणे शहर के विभिन्न महाविद्यालयों से कुल 50 छात्र “प्रसंग नीरज: नीरज के गीतों- कविताओं का वाचन,  विश्लेषण तथा गीत लेखन कार्यशाला” में सहभागी हुए तथा प्रस्तुत विषय से संबंधित अपनी जिज्ञासाएं भी प्रकट की।

सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के अंतर्गत आधुनिक भारतीय भाषा विषय के हिंदी भाषा शिक्षण के पाठ्यक्रम से संबंधित आयोजित करनेवाला हिंदी विभाग, (मॉडर्न महाविद्यालय) पहला विभाग है।

हिंदी विभागप्रमुख डॉ. प्रेरणा उबाळे जी ने प्रस्तुत कार्यशाला का संयोजन किया तथा कार्यशाला की भूमिका सबके सन्मुख रखी। मॉडर्न महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र झुंजारराव जी ने अपने मंतव्य में हिंदी विभाग की गतिविधियों और इस कार्यशाला के लिए चुने हुए विषय की अत्यंत प्रशंसा की। कला शाखा की उपप्राचार्या डॉ. अमृता ओक जी ने कार्यशाला के उत्तम नियोजन को सराहा। प्रोग्रेसिव एज्युकेशन सोसायटी के  सचिव प्रा. श्यामकांत देशमुख जी ने भी  इस कार्यशाला के संयोजन में सहायता की।  प्रस्तुत कार्यशाला का मंच- संचालन  हिंदी विभाग के प्राध्यापक असीर मुलाणी और संतोष तांबे जी ने किया। संपूर्ण कार्यक्रम अत्यंत सुचारू ढंग से संपन्न हुआ।

प्रस्तुति – डॉ. प्रेरणा उबाळे

हिंदी विभागाध्यक्षा, मॉडर्न कला, विज्ञानऔर वाणिज्य महाविद्यालय, (स्वायत्त), शिवाजीनगर, पुणे 05

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – श्री रवींद्र सोनवणी – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

💐 अभिनंदन 💐

आपल्या समुहातील ज्येष्ठ लेखक व कवी श्री रवींद्र सोनवणी यांना, मुरबाड येथील वसंतोत्सव काव्य स्पर्धेत प्रथम पुरस्कार प्राप्त झाला आहे.

संगीतकार श्री अशोक पत्की यांचे हस्ते पुरस्कार प्रदान करण्यात आला.

श्री सोनवणी यांचे अभिव्यक्ती समुहातर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन.💐

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – श्री.अमोल केळकर – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

श्री अमोल केळकर

💐 अभिनंदन 💐

आपल्या समुहातील लेखक श्री अमोल केळकर यांचा माझी टवाळखोरी हा विडंबन/व्यंग लेखन संग्रह नुकताच प्रकाशित झाला आहे.

श्री.अमोल केळकर यांचे अभिव्यक्ती समुहातर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि पुढील लेखनासाठी शुभेच्छा .💐

 

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनाएँ/Information – ☆ रंगमंच/Theatre ☆ विवेचना, जबलपुर का 27 वां राष्ट्रीय नाट्य समारोह – 23 से 27 मार्च 2022 ☆ श्री हिमांशु राय ☆

सूचनाएँ/Information

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ विवेचना, जबलपुर का 27 वां राष्ट्रीय नाट्य समारोह – 23 से 27 मार्च 2022 ☆ श्री हिमांशु राय ☆

 

6 नायाब नाटकों का मंचन होगा

23 से 27 मार्च 2022 तकविवेचना का 27 वां राट्रीय नाट्य समारोह

वसंत काशीकर की स्मृति को समर्पित है यह समारोह

अमृतसर, जम्मू, दिल्ली और भोपाल के बहुरंगी नाटकों से सजा है समारोह

भगतसिंह पर केन्द्रित नाटक वसंती चोला से होगी शुरूआत

पंजाब के लोकगायक गाएंगे वीरों की गाथा

काव्य पाठ, नृत्य, संगीत से सजा होगा प्रतिदिन पूर्वरंग

विवेचना थियेटर ग्रुप (विवेचना, जबलपुर) का 27 वां राष्ट्रीय नाट्य समारोह इस वर्ष 23 से 27 मार्च 2022 तक आयोजित होगा।

समारोह की शुरूआत 23 मार्च को भगतसिंह शहादत दिवस पर भगतसिंह पर केन्द्रित नाटक ’बसंती चोला’ से होगी। इस नाटक का निर्देशन देश के जाने माने नाट्य निर्देशक केवल धालीवाल ने किया है।

23 मार्च शहादत दिवस के लिए पंजाब के प्रसिद्ध लोकगायकों का दल जबलपुर आ रहा है जो ’बसंती चोला’ के मंचन से पहले वीरों की याद में वीर गायन करेगा।

दूसरे दिन 24 मार्च को एमेच्योर थियेटर ग्रुप,जम्मू के कलाकार देश के वरिष्ठ निर्देशक मुश्ताक काक के निर्देशन में ’लम्हों की मुलाकात’ नाटक मंचित करेंगे। यह नाटक कृष्ण चंदर के दो कहानियों ’शहज़ादा’ और ’पूरे चांद की रात’ पर आधारित है।

25 मार्च शुक्रवार को प्रिज्म थियेटर सोसायटी, दिल्ली के कलाकार बहुप्रशंसित नाटक ’दरारें’ का मंचन करेंगे। यह नाटक अन्तर्राट्रीय भारत रंगमहोत्सव मेें मंचित हो चुका है। यह नाटक आज के समय में परिवारों में पड़ी दरारों और उसके कारणों पर बात करता है।

चौथै दिन 26 मार्च को सिली सोल्स फाउंडेशन, दिल्ली के कलाकार दो अलग अलग भावों के नाटक ’एडवर्टीजमेंट’ और ’पड़ोसन’ प्रस्तुत करेंगे। इनका लेखन व निर्देशन प्रियंका शर्मा ने किया है। दो अलग अलग स्वभाव के नाटक दर्शकों को रोमांचित करेंगे।

पांचवें और अंतिम दिन 27 मार्च को कारवां, भोपाल के कलाकार नजीर कुरैशी के निर्देशन में ’डाॅ आप भी’ नाटक मंचित करेंगे। यह नाटक आदर्शवादी डाक्टर पति और व्यावसायिक दृष्टिकोण वाली डाक्टर पत्नी के बीच के विवाद की कथा है। यह अजित दलवी के प्रसिद्ध मराठी नाटक ’डा. तुम्हीं सुद्धा ! ’ का हिन्दी अनुवाद है।

2019 में संपन्न 26 वें समारोह के बाद से 2 वर्षों के अंतराल के पश्चात विवेचना का नाट्य समारोह होने जा रहा है। विगत दो वर्षों से दर्शक नाटकों के मंचन की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं। विवेचना का नाट्य समारोह सैकड़ों दर्शकों को सपरिवार एक दूसरे से मिलने का मौका प्रदान करता है।

यह समारोह तरंग प्रेक्षागृह में एम पी पावर मैनेजमेंट कं लि, केन्द्रीय क्रीड़ा व कला परिषद के सहयोग से आयोजित होगा।

नाटकों का मंचन प्रतिदिन संध्या 7.30 बजे होगा।

विवेचना थियेटर ग्रुप की ओर हिमांशु राय, बांकेबिहारी ब्यौहार, अनिल श्रीवास्तव, मनु तिवारी, अजय धाबर्डे आदि ने सभी नाट्य प्रेमी दर्शकों से समारोह के सभी नाटकों को देखने का अनुरोध किया है।

हिमांशु राय
सचिव विवेचना

  • नाटकों के प्रवेश पत्र तरंग प्रेक्षा गृह में समारोह के दौरान उपलब्ध रहेंगे
  • नाटकों के सीजन (पांचों दिनों के) प्रवेश पत्र व्हाट्सएप्प नम्बर 9425387580 या 9827215749 पर एडवांस में बुक किये जा सकते हैं।

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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