सूचनाएँ/Information ☆ लघुकथा शोध केंद्र, भोपाल ‘लघुकथा के परिन्दे ‘ फेसबुक समूह की ऑनलाइन साप्ताहिक लघुकथा गोष्ठी सम्पन्न ☆

सूचनाएँ/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? लघुकथा शोध केंद्र, भोपाल ‘लघुकथा के परिन्दे ‘ फेसबुक समूह की ऑनलाइन साप्ताहिक लघुकथा गोष्ठी सम्पन्न  ?

लघुकथा में ज़र्रे को आफताब बनाने की सामर्थ्य – डॉ.प्रभुदयाल मढ़इया ‘विकल’

लघुकथा लेखन में सहजता सरलता होना आवश्यक –सुरेश पटवा

भोपाल | लघुकथा में ज़र्रे को आफताब बनाने की ताकत होती है ,लघुकथाओं में जीवन के विविध रंग आते हैं ,लघुकथा में कथ्य का विस्तार सम्भव नहीं ,यह उदगार हैं वरिष्ठ साहित्यका उपन्यासकार लघुकथा लेखक डॉ प्रभुदयाल मढ़ईया ‘विकल’ (मुम्बई) के जो लघुकथा शोध केंद्र भोपाल द्वारा आयोजित साप्ताहिक ऑन-लाइन गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए अपनी बात रख रहे थे ,इस अवसर पर उन्होंने अपनी लघुकथा ‘काजल’ का वाचन भी किया |

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए वरिष्ठ साहित्यकार श्री सुरेश पटवा ने कहा कि ‘लघुकथा लेखन में सहजता सरलता होना आवश्यक है ,इसमें ‘कहन’ यानी कथा तत्व और ‘पहन’ यानी रस अलंकार मुहावरे युक्त प्रभावी भाषा शिल्प की आवश्यकता होती है साथ ही छन्न ,सन्न, और प्रसन्न की बात कहते हुए बताया कि ‘गर्म तवे पर पानी की बूंद सा लघुकथा का त्वरित प्रभाव हो जिससे पाठक एकदम अवाक हतप्रभ यानी सन्न रह जाये और अंततः लघुकथा के प्रभाव से पाठक श्रोता गदगद होकर प्रसन्न हो जाये |

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि श्री सुरेश कुशवाह ‘तन्मय’ ने केंद्र द्वारा आयोजित इन आयोजनों की प्रशंसा करते हुए इन आयोजनों को लघुकथा के विकास के लिए आवश्यक कदम बताया ,इस अवसर पर उन्होंने अपनी लघुकथा ‘नचिकेता प्रश्न ‘ का वाचन किया |

कार्यक्रम के प्रारम्भ में गोष्ठी के संयोजक सुपरिचित लघुकथाकार मुज़फ्फर इकबाल सिद्दीकी ने मंचस्थ अतिथियों एवम।लघुकथा पाठ के लिये आमंत्रित लघुकथाकारों का स्वागत किया | ततपश्चात सुपरिचित लघुकथाकार और गोष्ठी संयोजक चित्रा राघव राणा के संचालन में गोष्ठी प्रारम्भ हुई सर्वप्रथम श्री आशीष जौहरी ने ‘न्यूज रूम’ लघुकथा का वाचन किया जिसमें नेताओं की मिलीभगत से फर्जी पुलिस एनकाउंटर पर सवाल उठाया गया | ‘ निर्जन पगडंडी’ लघुकथा को निम्मी गुप्ता (सूरत) ने प्रस्तुत किया जिसमें आज के समाज।में असुरक्षित बेटियों के हालात की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया गया | गोष्ठी के क्रम को आगे बढ़ाया जनकजा कान्त शरण ने ‘डूबता सूरज’ लघुकथा के माध्यम से जिसमें बुजुर्गों और बच्चों की सामाजिक दशा पर प्रश्न उठाया गया ,श्रीमती कमलेश चौरसिया (नागपुर) ने ‘धर्म का विस्तार’ लघुकथा प्रस्तुत की जिसमे बढ़ती धार्मिक कट्टरता और रोटी के प्रश्न पर अंगुली उठायी गई है | श्री ओम सपरा (दिल्ली) ने ‘विदेशिया’ लघुकथा के माध्यम से कोरोना काल की महामारी में लोगों की अमानवीयता के चेहरे को बेनकाब किया | श्री हरदीप सबरवाल ने गोष्ठी के क्रम।को आगे बढ़ाते हुए ‘तर्क की मौत’ लघुकथा द्वारा धार्मिक पाखंड पर तीखा प्रहार किया | डॉ प्रतिभा त्रिवेदी ने ‘सोशल डिस्टेन्स’ लघुकथा के माध्यम से बुजुर्गों की उपेक्षा का दर्द अभिव्यक्त किया ,श्री नेतराम भारती (दौसा राजस्थान) ने ‘मेडम का दुःख ‘ लघुकथा के माध्यम से शादी की आयु निकल जाने के दर्द को अभिव्यक्त किया ,गोष्ठी के क्रम।को आगे बढ़ाया डॉ दिलीप बच्चानी ,मारवाड़ (राजस्थान) ने ‘सम्वेदना का विसर्जन ‘ लघुकथा के माध्यम से जिसमें नवीन विषय में चिकित्सा विज्ञान को जोड़ते हुए हमारे संकीर्ण धार्मिक रीति रिवाजों पर प्रहार किया ,कार्यक्रम।के अंत में श्रीमती राजश्री शर्मा (खंडवा) ने ‘त्यौहार’ लघुकथा के माध्यम से हमारे समाज।परिवार के ताने बाने को प्रभावी अभिव्यक्ति प्रदान की |

गोष्ठी में पढ़ी गई लघुकथाओं पर समीक्षक लघुकथाकार घनश्याम मैथिल ‘अमृत’ ने विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत की लघुकथाओं के शीर्षक से लेकर उनके कथ्य शिल्प भाषा शैली और उद्देश्य पर अपनी बात रखी ,कार्यक्रम के अंत में डॉ मौसमी।परिहार ने सभी जनों।का आभार प्रकट किया ,इस आयोजन में डॉ कर्नल गिरजेश सक्सेना ,श्री गोकुल सोनी, श्रीमती मधुलिका सक्सेना ,श्रीमती कांता राय सहित अनेक लघुकथा प्रेमी उपस्थित थे।

≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ श्री सुरेश पटवा द्वारा रचित नर्मदा और पलकगाथा पुस्तकों का भव्य लोकार्पण संपन्न ☆

सूचनाएँ/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? श्री सुरेश पटवा द्वारा रचित नर्मदा और पलकगाथा पुस्तकों का भव्य लोकार्पण संपन्न ?

भोपाल।  “लोकमंगल की नदी है नर्मदा, यह सिर्फ एक नदी नहीं हमारी पूरी सभ्यता है| नदियाँ हमें संस्कार देती हैं, नदियों से ही हमारा जीवन और अस्तित्व है| विकास के नाम पर धनपशु नदियों को निगल रहे हैं| इस आसन्न संकट और इसकी भयावहता को समझ साहित्यकार इस दिशा में कार्य करें।” – यह कथन है पद्मश्री श्री विजयदत्त श्रीधर, संस्थापक-निदेशक, माधवराव सप्रे समाचार पत्र संग्राहलय का जो मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, हिंदी भवन, भोपाल द्वारा साहित्यकार श्री सुरेश पटवा की सद्य प्रकाशित कृतियों ‘नर्मदा’ एवम ‘पलकगाथा’ उपन्यास के लोकार्पण अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार प्रकट कर रहे थे।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यर्पण कर आयोजन का शुभारंभ किया तथा श्रीमती जया केतकी ने सुमधुर सरस्वती वंदना प्रस्तुत की ततपश्चात डॉ सुनीता खत्री,श्रीमती सीमा नेमा,श्री सूर्यप्रकाश जोशी ने मंचस्थ अतिथियों का पुष्प एवम।पुस्तक से स्वागत किया| आयोजन में नर्मदा परिक्रमा करने वाले सुरेश पटवा जी के सहयात्री मित्रों श्री जगमोहन अग्रवाल एवम श्री मुंशी पाटकर ने भी मंचस्थ अतिथियों एवम सुरेश पटवा जी का पुष्पहारों से स्वागत किया।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति हिंदी भवन के अध्यक्ष सुखदेव प्रसाद दुबे ने कहा कि – “अब साहित्यकार नदियों के संरक्षण हेतु कलम ही नहीं, कुदाल भी चलाएं।  लेखक ने लोकार्पित हुई अपनी कृतियों के माध्यम से नदियों और समाज की रुग्ण दशा का प्रभावी और मार्मिक चित्रण किया है।” कार्यक्रम में समिति के मंत्री संचालक कैलाशचन्द्र पन्त ने पुस्तक के लेखक श्री पटवा का शॉल, श्रीफल और पुष्पहार से सम्मान किया।

इस अवसर पर स्वागत उदबोधन हिंदी भवन के निदेशक डॉ. जवाहर कर्नावट ने प्रस्तुत किया| पुस्तकों के लेखक सुरेश पटवा ने अपनी सृजन यात्रा के बारे में विस्तार से अपनी बात रखी|पुस्तक केंद्रित समीक्षा वरिष्ठ साहित्यकार डॉ, रामवल्लभ आचार्य एवम डॉ. मोहन तिवारी आनन्द ने प्रस्तुत की।

कार्यक्रम का संचालन घनश्याम मैथिल ‘अमृत’ ने किया और अंत में श्रीमती कांता राय ने आभार प्रकट किया| इस अवसर पर श्री विनोद जैन, गोकुल जैन, चंद्रभान राही, बिहारीलाल सोनी, अशोक धमेनियाँ, अशोक दुबे, अशोक तिवारी, मधुलिका, महेश कुमार सक्सेना, विपिनबिहारी बाजपेई, राजुरकर राज, डॉ जयजय राम आनन्द ,जवाहर सिंह सहित नगर के अनेक गणमान्य साहित्यकार एवम पुस्तक प्रेमी उपस्थित थे।

? ई- अभिव्यक्ति परिवार की और से श्री सुरेश पटवा जी का हार्दिक अभिनंदन  ? 

≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सौ.ज्योत्स्ना तानवडे – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? सौ.ज्योत्स्ना तानवडे  – अभिनंदन ?

? अ  भि  नं  द  न ?

ज्येष्ठोत्सव, पुणे यांच्यातर्फे आयोजित काव्यपूर्ती स्पर्धेत आपल्या समुहातील कवयित्री सौ.ज्योत्स्ना तानवडे यांना द्वितीय क्रमांक प्राप्त झाला आहे. त्याबद्दल त्यांचे समुहातर्फे हार्दिक अभिनंदन.

या स्पर्धेत कवितेच्या पहिल्या चार ओळी दिल्या होत्या आणि पुढील कविता लगेच 45 मिनीटात पूर्ण करावयाची होती.त्यांच्या या शीघ्र रचनेबद्दल मनःपूर्वक अभिनंदन !

? ई – अभिव्यक्तीतर्फे त्यांचे अभिनंदन व पुढील वाटचालीसाठी शुभेच्छा.  ?

 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ श्री सुरेश पटवा जी की पुस्तकों “नर्मदा” एवं “पलकगाथा” का लोकार्पण ☆ आयोजन – मध्य प्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, भोपाल

सूचनाएँ/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? श्री सुरेश पटवा जी की पुस्तकों “नर्मदा” एवं “पलकगाथा” का लोकार्पण ☆ आयोजन – मध्य प्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, भोपाल ?

सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री सुरेश पटवा जी की  दो पुस्तकें आध्यात्मिक पर्यटन पर “नर्मदा” और नर्मदा घाटी की एक बस्ती पर रचित उपन्यास “पलकगाथा” मार्च 2020 में छपकर आ गई थीं परंतु कोरोना महामारी से उनका लोकार्पण सम्भव नहीं हो सका था।

मध्य प्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के तत्वावधान में इन दोनों पुस्तकों का लोकार्पण हिंदी भवन के महादेवी सभागार, भोपाल के साहित्य मनीषियों द्वारा साहित्य रसिकों हेतु दिनांक 23 अक्टूबर 2021 को अपरांह 4:00 बजे किया जा रहा है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्य प्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के अध्यक्ष श्री सुखदेव प्रसाद दुबे जी करेंगे।

भोपाल में माधव राव सप्रे राष्ट्रीय समाचार पत्र संग्रहालय जिसमें एक लाख से अधिक पुस्तकों और संदर्भ ग्रंथों के रूप में अक्षय ज्ञान स्त्रोत उपलब्ध हैं, के संस्थापक निदेशक पद्मश्री विजय दत्त श्रीधर मुख्य अतिथि होंगे।

“नर्मदा” पुस्तक की समीक्षा मध्यप्रदेश लेखक संघ के यशस्वी अध्यक्ष और वरिष्ठतम साहित्यकार ड़ा.राधा वल्लभ आचार्य करेंगे।

“पलक गाथा” की समीक्षा अखिल भारतीय स्तर पर सक्रिय तुलसी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष, मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी पुरस्कृत ड़ा. मोहन तिवारी ‘आनंद’ करेंगे।

इस गरिमामयी साहित्य समागम में आपकी उपस्थिति एवं स्नेह आपको साहित्य की वर्तमान प्रवृत्ति और प्रकृति से तादात्म्य बिठाने हेतु वांछनीय है।

 

≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सौ. नीलम माणगावे – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? सौ. नीलम माणगावे  – अभिनंदन ?

? अभिनंदन! अभिनंदन! अभिनंदन! ?

निर्मला माठपती फाउंडेशन आयोजित पुस्तक स्पर्धा २०२०- २०२१

या स्पर्धेसाठी विविध साहित्य प्रकारातील एकेक पुस्तक निवडण्यात आले. या स्पर्धेत ई-अभिव्यक्तीच्या लेखिका सौ. नीलम माणगावे यांच्या किती सावारावा तोल या कथासंग्रहास प्रथम क्रमांकाचे परितोषिक मिळाले.

? ई – अभिव्यक्तीतर्फे त्यांचे अभिनंदन व पुढील वाटचालीसाठी शुभेच्छा.  ?

 

संपादक मंडळ, ई-अभिव्यक्ती (मराठी)

श्रीमती उज्ज्वला केळकर 

Email- [email protected] WhatsApp – 9403310170

श्री सुहास रघुनाथ पंडित 

Email –  [email protected]WhatsApp – 94212254910

सौ. मंजुषा मुळे

Email –  [email protected] WhatsApp – 9822846762

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

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सूचना/Information ☆ संपादकीय निवेदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

?संपादकीय निवेदन?

ई-अभिव्यक्ती विविधांगी व्हावा या दृष्टीने आपण अनेक सदरे सुरू केली आहेत. लेखन कलेला वाव मिळावा, परस्परांचे साहित्य वाचता यावे, विविध विचार, कल्पना, मांडणी, अनुभवता यावेत हा उद्देश सफल होत आहेच. त्याच वेळेला आपल्या स्वतःच्या लेखनासंबंधी विचार करता येतो. सकस साहित्य निर्मितीसाठी प्रयत्न करत राहणे हा यामागचा मुख्य हेतू आहे.

मराठी साहित्यात कविता हा थोडासा चेष्टेचा विषय झाला आहे की काय अशी शंका हल्ली येऊ लागली आहे. कविता हा सर्वांत सोपा साहित्य प्रकार आहे अशी समजूत करून घेतल्यामुळे कवितेचे पीक उदंड येते असे वाटू लागले आहे. पण ते सकस किती असते? कविता ही जशी कला आहे तसे कवितेचे एक शास्त्रही आहे. कविता उत्स्फूर्तपणे सुचणे हे कविच्या संवेदनशील मनाचे प्रतिक आहे यात शंकाच नाही. पण ती रसिक वाचकांसमोर सादर करण्यापूर्वी त्यातील त्रुटींचा अभ्यास करावा व ती शक्यतो दोषमुक्त असावी. त्यामुळे कवितेचा दर्जा उंचावेल व चांगली कविता वाचायला मिळेल.

कवितेची उत्स्फूर्तता

आणि कलात्मकता याबरोबरच तिचे शास्त्र समजून घेता यावे यासाठी आम्ही एक नवीन सदर सुरू करीत आहोत.

काव्यलेखन: कला आणि शास्त्र

यामध्ये कविता लेखनाचे विविध प्रकार, वृत्ते, छंद इ. विषयी सोदाहरण माहिती आपल्यापर्यंत पोहोचवण्याचा प्रयत्न असेल. आपण सर्वांनी या सदरासाठी लेखन करून याविषयी चे आपले ज्ञान इतरांना उपलब्ध करून द्यावे ही विनंती.

तरी सदरासाठी लेखन करू इच्छिणा-यांनी कृपया कविता विभागाशी संपर्क साधावा.

या सदराचे नेमके स्वरूप, नियम याविषयी लवकरच कळविण्यात येईल.

संपर्कासाठी:

सुहास रघुनाथ पंडित

संपादक ई–अभिव्यक्ती (मराठी)

व्हाॅटस् ऍप नं. 9421225491

मेल – [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – नीला देवल – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? सौ. नीला देवल – अभिनंदन ?

? अभिनंदन! अभिनंदन! अभिनंदन! ?

अखिल भारतीय मराठी साहित्य परिषद नाशिक जिल्हा               

आयोजित पुस्तक स्पर्धा २०२०- २०२१

या स्पर्धेसाठी विविध साहित्य प्रकारातील एकेक पुस्तक निवडण्यात आले. या स्पर्धेत ई-अभिव्यक्तीच्या लेखिका सौ. नीला देवल यांच्या परिस- स्पर्श या कथासंग्रहास परितोषिक मिळाले.   

? ई – अभिव्यक्तीतर्फे त्यांचे अभिनंदन व पुढील वाटचालीसाठी शुभेच्छा. ?

 

संपादक मंडळ, ई-अभिव्यक्ती (मराठी)

श्रीमती उज्ज्वला केळकर 

Email- [email protected] WhatsApp – 9403310170

श्री सुहास रघुनाथ पंडित 

Email –  [email protected]WhatsApp – 94212254910

सौ. मंजुषा मुळे

Email –  [email protected] WhatsApp – 9822846762

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

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सूचना /Information ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेषांक 2019-20 ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय

☆ सूचना/Information ☆

 ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेषांक 2019-20 ☆

आदरणीय मित्रो,

हमने महात्मा गांधी जी के 150वें जन्मोत्सव के अवसर पर अग्रज वरिष्ठ साहित्यकार श्री जय प्रकाश पाण्डेय जी के अतिथि सम्पादन में दो भागों में गांधी जयंती विशेषांक का प्रकाशन किया था, जिसे आप सभी का भरपूर प्रतिसाद मिला।

पाठकों के विशेष अनुरोध पर हम उन दोनों विशेषांक में प्रकाशित रचनाओं के शॉर्ट लिंक्स प्रस्तुत कर रहे हैं। आप उन शॉर्ट लिंक्स पर क्लिक कर रचनाएँ पढ़ सकते हैं।

– हेमन्त बावनकर, ब्लॉग संपादक ई-अभिव्यक्ति

150वीं गांधी जयंती विशेष – 1

  1. हिन्दी साहित्य – ई-अभिव्यक्ति संवाद – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ अतिथि संपादक की कलम से ……. महात्मा गांधी प्रसंग ☆ – श्री जय प्रकाश पाण्डेय

http://bit.ly/2oiSiae

  1. हिन्दी साहित्य – आलेख – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ दक्षिण अफ्रीका : मिस्टर बैरिस्टर एम. के. गांधी से गांधी बनाने की ओर ☆ श्री मनोज मीता

http://bit.ly/2nuCAsA

  1. हिन्दी साहित्य – आलेख – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -1☆ गांधी विचार की वर्तमान प्रासंगिकता ☆ श्री राकेश कुमार पालीवाल

http://bit.ly/2nER7le

  1. हिन्दी साहित्य – आलेख – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ गांधी जी के मुख्य सरोकार ☆ डॉ.  मुक्ता

http://bit.ly/2oq2sFK

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -1☆ सपने में बापू ☆ डॉ कुन्दन सिंह परिहार

http://bit.ly/2mRKpbq

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ घोडा, न कि …. ☆ डॉ सुरेश कान्त

http://bit.ly/2mKLKR6

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ तेरा गांधी, मेरा गांधी; इसका गांधी, किसका गांधी! ☆ श्री प्रेम जनमेजय

http://bit.ly/2mIfXjI

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ राजघाट का मूल्य ☆ श्री संजीव निगम

http://bit.ly/2ok5wDC

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ गांधी जिन्दा हैं और रहेंगे ☆ श्रीमती सुसंस्कृति परिहार

http://bit.ly/2mKFfOc

  1. हिन्दी साहित्य – आलेख – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ चंपारण सत्याग्रह: एक शिकायत की जाँच ☆ श्री अरुण कुमार डनायक

http://bit.ly/2mO5eED

  1. हिन्दी साहित्य – कविता – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ अहिंसा का दूत ☆ सुश्री निशा नंदिनी भारतीय

http://bit.ly/2paYPEi

  1. हिन्दी साहित्य – संस्मरण – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ पकुआ के घर गाँधी जी ! ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय

http://bit.ly/2mI78q6

  1. मराठी साहित्य – कविता – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ बापू ☆ श्री सुजित कदम

http://bit.ly/2olLJn9

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ क्योंकि मैं राष्ट्र मां नहीं ☆ श्रीमती समीक्षा तैलंग

http://bit.ly/2nDSYXD

 

150वीं गांधी जयंती विशेष -2  

 

  1. ई-अभिव्यक्ति: संवाद- 41 – ☆ ई-अभिव्यक्ति -गांधी स्मृति विशेषांक☆ – हेमन्त बावनकर

http://bit.ly/2n09wc7

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2 ☆ चौराहे पर गांधी! ☆ श्री प्रेम जनमेजय

http://bit.ly/2nQ2VBn

  1. हिन्दी साहित्य – आलेख – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2 ☆ महात्मा गांधी के सपनों का भारत ☆ डॉ भावना शुक्ल

http://bit.ly/2otaeiv

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2☆ बापू कभी इस जेब में कभी उस जेब में ☆ श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’

http://bit.ly/2oz1Bmg

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2☆ हे राम ! ☆ डॉ गंगाप्रसाद शर्मा ‘गुणशेखर’

http://bit.ly/2nS9GCz

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2☆ कहाँ चल दिए बापू ☆ श्री विनोद कुमार ‘विक्की’

http://bit.ly/2piJ9ic

  1. हिन्दी साहित्य – कविता – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -२ ☆ प्रश्नचिन्ह ☆ श्री रमेश सैनी

http://bit.ly/2nGgUtD

  1. हिन्दी साहित्य – लघुकथा – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2☆ मानव ☆ श्री सदानंद आंबेकर

http://bit.ly/2nPuieQ

  1. हिन्दी साहित्य – आलेख – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2☆ गांधी की खादी आज भी प्रासंगिक ☆ श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’

http://bit.ly/2mQoSji

  1. मराठी साहित्य – कविता – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2 ☆ महात्मा गांधी……! ☆ – कविराज विजय यशवंत सातपुते

http://bit.ly/2mSkCj8

  1. हिन्दी साहित्य – लघुकथा – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2 ☆ पूछ रहे बैकुंठ से बापू ☆ श्री मनोज जैन “मित्र”

http://bit.ly/2nG4L7Z

  1. हिन्दी साहित्य – लघुकथा – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2 ☆ दृष्टि ☆ श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश”

http://bit.ly/2pn1smx

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य लघुकथा – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2☆ महात्मा गाँधी की जय ☆ श्री घनश्याम अग्रवाल

http://bit.ly/2osqznA

  1. हिन्दी साहित्य – संस्मरण – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2 ☆ बा और बापू ☆ श्रीमति हेमलता मिश्र “मानवी “

http://bit.ly/2nST8KT

 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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सूचना /Information – ☆ हिंदी आंदोलन परिवार  – 27वें स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ ☆

?हिंदी आंदोलन परिवार  – 27वें स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ ?

 

अंधेरा अभी गया नहीं है पर वातावरण में गूँज रही पंछियों के एक जोड़े की चहचहाट, भोर के आलोक की सुगबुगाहट बन रही है।

समय कितनी तीव्र गति से उड़ता है! स्मरण आता है कि ऐसी ही चहचहाट 27 वर्ष पूर्व भी हुई थी। आनंदमयी एवं संभावनाओं से परिपूर्ण चहचहाट। 30 सितम्बर 1995 को जन्मा हिन्दी आंदोलन परिवार, आज 27 वर्ष का गठीला युवा हो चुका।

हिंआंप को शिशु से युवा करने के इस यज्ञ में अपने समय एवं ऊर्जा की आहुति देनेवाले सभी निष्ठावान एवं समर्पित पदाधिकारियों, सहकर्मियों, कार्यकर्ताओं एवं हितैषियों के प्रति हम नतमस्तक हैं। आप हैं, सो हिंआंप है।

हिन्दी आंदोलन परिवार चिरंजीव हो।27वें स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।

उबूंटू!

? सुधा एवं संजय भारद्वाज?
संस्थापक, हिन्दी आंदोलन परिवार

27.9.2021, प्रात: 5:50 बजे।

? ई- अभिव्यक्ति परिवार की और से  हिंदी आंदोलन परिवार को 27वें स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ ?

 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ मॉडर्न महाविद्यालय, पुणे में हिंदी पखवाड़ा समापन समारोह संपन्न ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? मॉडर्न महाविद्यालय, पुणे में हिंदी पखवाड़ा समापन समारोह संपन्न  ?

हिंदी विभाग, मॉडर्न महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर, पुणे 05 के द्वारा दिनांक 28 सितंबर 2021 को हिंदी पखवाड़ा समापन समारोह का ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से आयोजन किया गया था l इस कार्यक्रम के अवसर पर हिंदी लेखक-कवि, हिंदी सेवी डॉ. विजयप्रकाश ओमप्रकाश शर्मा जी उपस्थित थे । हिंदी पखवाड़ा समापन के अवसर पर “हिंदी साहित्य की सामाजिक उपादेयता” विषय पर डॉ. विजयप्रकाश शर्मा जी ने अपने विचार अभिव्यक्त करते हुए मानवकल्याण का मार्ग बतानेवाले, विभिन्न समय पर लिखे गए हिंदी साहित्य के संदर्भ में विश्लेषण किया। उन्होंने यह कहा कि कबीर, तुलसीदास, मीराबाई के पद तथा संपूर्ण भक्तिकाल का साहित्य, रीतिकालीन हिंदी साहित्य ने भौतिकता की अपेक्षा आत्मिक सुख को महत्वपूर्ण माना और समाज को अंतर्मुखी बनाने का प्रयास किया है । हिंदी साहित्य में हमेशा लोककल्याण की भावना को जगाए रखने में अपना योगदान दिया है और वह भावना विरासत के रूप में अगली पीढ़ी तक पहुँचाने का महत्कार्य किया है । आत्मा की संपूर्णता पर हमारे हिंदी साहित्य ने बल दिया और इसी आधार पर सामाजिक रचना निर्माण हुई । हिंदी साहित्य ने हमारे जीवन को हारमनी प्रदान की है ।  हिंदी साहित्य के विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से डॉ. विजयप्रकाश शर्मा जी ने साहित्य की उपादेयता पर प्रकाश डाला और प्रासंगिक तौर पर हिंदी रचनाकार रामधारीसिंह दिनकर जी द्वारा लिखित ‘रश्मिरथी’ के कुछ अंश का अभिवाचन किया ।

प्रस्तुत कार्यक्रम में मॉडर्न महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र झुंजारराव, कला शाखा की उपप्राचार्या डॉ. अमृता ओक, हिंदी के अन्य प्राध्यापक उपस्थित थे । प्राचार्य डॉ. राजेंद्र झुंजारराव जी ने हन्दी विभाग द्वारा निरंतर आयोजित की जानेवाली विभिन्न गतिविधियों की प्रशंसा की और सफल कार्यक्रम के आयोजन हेतु हिंदी विभागाध्यक्षा डॉ. प्रेरणा उबाले और हिंदी विभाग को बधाई दी । संपूर्ण कार्यक्रम का संयोजन हिंदी विभागाध्यक्षा डॉ. प्रेरणा उबाले जी ने किया और सूत्रसंचालन प्रा. असीर मुलाणी ने किया । ऑनलाइन प्रणाली से आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित थे।

साभार – डॉ. प्रेरणा उबाले, हिंदी विभागाध्यक्षा, मॉडर्न महाविद्यालय, पुणे 05 Mob. 7028525378, [email protected])

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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