सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – श्री भगवान वैद्य ‘प्रखर’ – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

श्री भगवान वैद्य ‘प्रखर’ 

🏆 अ भि नं द न 🏆

हिंदीतील प्रख्यात, नामवंत, यशवंत, गुणवंत लेखक श्री. भगवान वैद्य ‘प्रखर’ यांना  नुकताच, म्हणजे मंगळवार दि.. १८ मार्च रोजी, महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अ‍ॅकॅडमीतर्फे २५००० रु. रोख, कास्य पदक, सन्मानपत्र असा काका कालेलकर –जीवनी पुरस्कार प्राप्त झाला आहे.  त्यांच्या ‘रुको ना पथिक’ या आत्मचरित्राला तो मिळाला आहे.

श्री. भगवान वैद्य ‘प्रखर’ यांची मातृभाषा मराठी आहे, पण ते लेखन मात्र हिंदीत करतात. ‘ई-अभिव्यक्ती हिंदी’वर त्यांचे लेखन सातत्याने प्रसारित होत असते. त्यांची कविता, लघुकथा, दीर्घकथा, व्यंगरचना इ. प्रकारची १३ पुस्तके प्रकाशित आहेत. त्यांच्या काही रचनांचे अन्य भाषेतही अनुवाद झाले आहेत. त्यांच्या लघुकथांचा ‘लक्षावधी बिजं’ व दीर्घकथांचा ‘प्रखर यांच्या निवडक कथा’ हे पुस्तकरूपातील अनुवाद मंजुषा मुळे आणि उज्ज्वला  केळकर यांनी केले आहेत. त्या पुस्तकांचा परिचय आपण ई – अभिव्यक्तीवर वाचलाच असेल. ते स्वत:ही उत्तम अनुवादक आहेत. त्यांनी मराठीतील ६ पुस्तके व ४० कथांचा हिंदीत अनुवाद केला आहे.

श्री. भगवान वैद्य ‘प्रखर’यांना त्यांच्या लेखनासाठी अनेक पुरस्कार प्राप्त झाले आहेत. त्याबरोबरच ४ राष्ट्रीय व ५ महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अ‍ॅकॅडमीतर्फे मिळालेले महत्वाचे पुरस्कार आहेत. त्यांच्याकडून भविष्य काळात उत्तमोत्तम लेखन घडो व त्यांना असेच महत्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त होवोत, या शुभेच्छा .

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ सौ. हेमलता मिश्रा “मानवी”, डॉ. प्रेरणा उबाळे एवं श्री भगवान वैद्य “प्रखर” जी महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी पुरस्कार सम्मान से सम्मानित किए जाएंगे – अभिनंदन ☆

☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ सौ. हेमलता मिश्रा “मानवी”, डॉ. प्रेरणा उबाळे एवं श्री भगवान वैद्य “प्रखर” जी महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी पुरस्कार सम्मान से सम्मानित किए जाएंगे – अभिनंदन ☆

मुंबई, ई-अभिव्यक्ति के सम्माननीय, वरिष्ठ एवं प्रबुद्ध साहित्यकार सौ. हेमलता मिश्रा “मानवी”, डॉ. प्रेरणा उबाळे एवं श्री भगवान वैद्य “प्रखर” जी 18 मार्च 2025 को शाम 6.30 बजे रंगशारदा ऑडिटोरियम, मुंबई में महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी पुरस्कार सम्मान से सम्मानित किए जाएंगे।

इन साहित्यकारों को निम्नलिखित पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। 

  • फणीश्वरनार्थ रेणू पुरस्कार (लोकसाहित्य)सौ. हेमलता “मानवी”  को उनकी कृति “सप्तपणी” के लिए रजत पुरस्कार एवं रु.50,000/- की राशि 
  • काका कालेलकर पुरस्कार (जीवनी – परक साहित्य) – श्री. भगवान वैद्य “प्रखर” को उनकी कृति “… रुको नहीं पथिक” के लिए कांस्य पुरस्कार एवं रु.25,000/- की राशि 
  • मामा वरेरकर पुरस्कार (अनुवाद) – डॉ. प्रेरणा उबाळे को उनकी कृति “शुन:शेप”  के लिए कांस्य एवं रु.25,000/- की राशि 

💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से सौ. हेमलता मिश्रा “मानवी”, डॉ. प्रेरणा उबाळे एवं श्री भगवान वैद्य “प्रखर” जी को इस विशिष्ट उप्लब्धि के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकमनाएं  💐

संपादक मण्डल 

ई-अभिव्यक्ति (हिन्दी)

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ डॉ. मीना श्रीवास्तव, कृति ‘भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की अनकही कहानियां’ के लिए सम्मानित – अभिनंदन ☆

☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ डॉ. मीना श्रीवास्तव, कृति ‘भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की अनकही कहानियां’ के लिए सम्मानित – अभिनंदन ☆

भोपाल (मप्र)। हिन्दी लेखिका संघ का प्रतिष्ठित ३०वां वार्षिक सम्मान समारोह एवं कृति पुरस्कार समारोह गत रविवार २ मार्च २०२५ को हिंदी भवन में संपन्न हुआ। इसमें ठाणे, महाराष्ट्र की निवासी डॉ.  मीना श्रीवास्तव को उनकी कृति के लिए सुश्री मधु सक्सेना द्वारा स्थापित ‘श्री द्वारका प्रसाद सक्सेना स्मृति पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। इस सम्मान के लिए मुंबई के ज्येष्ठ लेखक श्री हेमंत सामंत के मराठी लेखों से डॉ. मीना श्रीवास्तव द्वारा अनुवादित कृति ”भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की अनकही कहानियां” को चुना गया था | इस पुस्तक में ३८ अध्याय हैं, जिनमें भारत तथा विदेशों में अनजाने क्रांतिकारियों द्वारा किये हुए स्वतंत्रता संघर्ष का वर्णन है।

डॉ. मीना श्रीवास्तव जी को ‘अनुवाद विद्या’ की श्रेणी में यह स्थापित पुरस्कार समारोह की अध्यक्षा मंत्री महोदया, महिला एवं बालविकास म. प्र. शासन मा. निर्मला भूरिया जी और रविंद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं निदेशक विश्वारंग श्रीमान संतोष चौबे जी के हाथों स्मृतिचिन्ह, शॉल, श्रीफल एवं नकद राशि के रूप में प्रदान किया गया| इस पुरस्कार वितरण के अवसर पर रामायण शोध केंद्र, भोपाल के निदेशक डॉ. राजेश श्रीवास्तव, शिक्षाविद एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. आरती दुबे और हिन्दी लेखिका संघ मप्र भोपाल की प्रांताध्यक्ष डॉ. कुंकुम गुप्ता भी मंच पर उपस्थित थे।

दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़ सहित प्रदेश के 22 साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बहुभाषीय काव्य गोष्ठी का आयोजन भी किया गया, जिसमें आमंत्रित साहित्यकारों ने अपनी-अपनी कविताओं का पाठ किया।

💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से डॉ. मीना श्रीवास्तव जी को इस विशिष्ट उप्लब्धि के लिए हार्दिक बधाई 💐

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – श्री सचिन पाटील यांना रावसाहेब पाटील साहित्य पुरस्कार-२०२५ जाहीर ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

श्री सचिन पाटील

🏆 अ भि नं द न 🏆

🏆 श्री सचिन पाटील यांना रावसाहेब पाटील साहित्य पुरस्कार-२०२५ जाहीर 🏆

प्रसिद्ध लेखक, चित्रकार सुरेन्द्र पाटील यांनी साहित्यक्षेत्रात उल्लेखनीय योगदान देणाऱ्या वाचन चळवळ-भाषा वृद्घीसाठी सातत्याने धडपडणाऱ्या लेखक, व्यक्ती यांच्या कार्याचा गौरव करण्यासाठी वडिलांच्या नावाने “रावसाहेब पाटील साहित्य पुरस्कार” देण्याचे ठरवले. विशेष म्हणजे या पुरस्कारासाठी कसलीही प्रवेशिका नाही की समारंभ नाही. हा पुरस्कार मिळणाऱ्या व्यक्तीपर्यंत स्वतः जाऊन सन्मानाने दिला जाईल. रोख ५००० रुपये, शाल, ग्रंथभेट, मानचिन्ह असे पुरस्काराचे स्वरुप आहे.

पहिला पुरस्कार सांगली जिल्ह्यातील कर्नाळ येथील श्री सचिन वसंत पाटील यांनी संपादित केलेल्या ‘मायबोली रंग कथांचे’ या  पुस्तकास जाहीर केला आहे. २२ बोली भाषेतील कथा या पुस्तकात त्यांनी संपादित केल्या आहेत. कथाकार पाटील यांनी एका अपघातात दोन्ही पायातील शक्ती गमावली. कमरेखालचा भाग कायमचा निर्जीव झाला; परंतु पुस्तक वाचनाने त्यांच्या जगण्याला बळ मिळाले. लेखनकार्यात त्यांनी स्वत:ला गुंतवून  सांगावा, अवकाळी विळखा, पाय आणि वाटा अशा दखलपात्र पुस्तकांची निर्मिती केली आणि वॉकरवर जिद्दीने पुन्हा उभे राहिले… त्यांचे जीवन अनेकांना प्रेरक आहे, म्हणून मराठी भाषा गौरव दिनानिमित्त, श्री सुरेन्द्र पाटील यांनी पुरस्काराची घोषणा केली आहे.

लवकरच युवा साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त श्री कादंबरीकार देविदास सौदागर समवेत श्री सचिन पाटलांच्या घरी जाऊन हा पुरस्कार सन्मानपूर्वक प्रदान केला जाणार आहे.

💐✒️🙏ई अभिव्यक्ती मराठी ‘ चे लेखक श्री.सचिन पाटील यांचे समुहातर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि शुभेच्छा🙏✒️💐

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – श्री अरविन्द लिमये – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

श्री अरविन्द लिमये 

🏆 अ भि नं द न 🏆

आपल्या समूहातील ज्येष्ठ लेखक व कथाकार श्री अरविन्द लिमये यांची दोन पुस्तके नुकतीच प्रकाशित झाली आहेत. यातील एक आहे लेखसंग्रह ‘शब्दरंगी रंगताना’, आणि एक आहे कथासंग्रह ‘डायरीतील कोरी पाने’. आपल्या सर्वांतर्फे श्री. लिमये यांचे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि पुढील अशाच यशस्वी साहित्यिक वाटचालीसाठी असंख्य हार्दिक शुभेच्छा.

आजच्या अंकात वाचूया ‘डायरीतील कोरी पाने‘ या त्यांच्या नव्या संग्रहातील एक कथा ‘अॅप्रोच ‘.

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ “काव्योत्सव”, नवी मुंबई  की 169 वीं काव्यगोष्ठी सम्पन्न ☆

☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ “काव्योत्सव”, नवी मुंबई  की 169 वीं काव्यगोष्ठी सम्पन्न ☆

विहंगावलोकन…

नवी मुम्बई की ख्याति प्राप्त संस्था “काव्योत्सव” की 169 वीं काव्यगोष्ठी, दिनांक 02 मार्च 2025 को शाम 5.45 बजे, सीनियर सिटीजन हॉल, नागा गना पाटिल र्गाडऩ, सेक्टर १५, मकडोन्लड की गली, सी.बी.डी. में बड़े ही गरिमामय और उत्साह के साथ सम्पन्न हुई।

सुप्रसिद्ध कहानी-लघु कथा लेखिका और अनुवादिका परम आदरणीया सौ. उज्जवला केलकर जी विशेष अतिथि के रूप विराजमान रहीं, साथ ही अध्यक्ष श्री करनानी जी, संरक्षक श्री विजय भटनागर जी एवं आदरणीय श्री सेवा सदन प्रसाद जी सहित संस्था के पदाधिकारियों की उपस्थिति रही। लगभग 15 प्रबुद्ध रचनाकार मनीषि कवि-कवियित्री उपस्थित रहे। श्री प्रसाद जी के उद्बबोधन से कार्यक्रम का आगाज़ हुआ। तत्पश्चात सरस्वती वन्दना के रूप मे मां सरस्वती के चरणों में शब्द पुष्प अर्पित किए गये। उसके बाद श्री भारतभूषण शारदा जी की अगुवाई में सभी सदस्यों ने राष्ट्रगान किया। तत्पश्चात संस्था की तरफ से संस्था के पदाधिकारियों द्वारा शाल और उपहार देकर मुख्य अतिथि जी का विशेष सम्मान किया गया।तदुपरांत कार्यक्रम प्रबंधन का दायित्व सुश्री वन्दना श्रीवास्तव जी को सौंप दिया गया।

उपस्थित कवि- कवियित्रियों ने एक से बढ़ कर एक उच्च कोटि का काव्यपाठ करके जो रंग बिखेरा… क्या कहें। आदरणीय उज्जवला केलकर जी ने अपनी लोकप्रिय लघुकथा का वाचन किया और अपनी लेखन यात्रा के बारे में बताया। उनके रचना वैभव का परिचय पाकर सभी बहुत उत्साहित थे। कार्यक्रम के अंत मे सभी ने आदरणीय ठक्कर दम्पति के द्वारा प्रायोजित सुस्वादु स्वल्पाहार का आनन्द लिया। एक सुंदर काव्य मयी संध्या नि: संदेह सभी के अंतस में संचित रहेगी

☆ ☆ ☆ ☆

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ ☆ प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ को गार्गी गुप्त अनुवाद-श्री सम्मान ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

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☆ प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ को गार्गी गुप्त अनुवाद-श्री सम्मान ☆

नई दिल्ली, 28 फरवरी। भारतीय अनुवाद परिषद दिल्‍ली, प्रति वर्ष अनुवाद कार्य हेतु गार्गी गुप्त सम्मान प्रदान करती है। भारतीय  विद्या भवन सभागार, नई दिल्‍ली में प्रख्यात साहित्यकार प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ जी को 2018-2019 के लिए डॉ. गार्गी गुप्त अनुवाद-श्री पुरस्कार संस्कृत – हिंदी – संस्कृत भाषा को आजीवन अनुवाद सेवा के लिए प्रदान किया गया।

उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह सम्मान उनकी ओर से उनके सुपुत्र श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ जी ने स्वीकार किया।

उल्लेखनीय है कि प्रो. श्रीवास्तव ने संस्कृत के विश्व ग्रंथों भगवत गीता, रघुवंश , मेघदूतम के समस्त श्लोकों का हिंदी छंद बद्ध गेय काव्य अनुवाद किया है।

ये अनुवादित पुस्तकें संस्कृत मूल, हिंदी काव्य, हिंदी अर्थ के साथ प्रकाशित हुई हैं। प्रो. श्रीवास्तव ने बताया कि- “इससे संस्कृत नहीं जानने वाले भी इन अमर ग्रन्थों का काव्यगत आनंद उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अनुवाद कार्य से दोनों ही भाषाओं का साहित्य समृद्ध होता है।” 

गुरुवर प्रो. श्रीवास्तव जी की कई अनुवादित पुस्तकों का ई-अभिव्यक्ति में समय समय पर क्रमबद्ध प्रकाशन भी किया गया है।

💐 ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से गुरुवर प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ जी को इस सम्मान के लिए हार्दिक शुभकमनाएं 💐

  

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ ☆ मासिक व्यंग्य गोष्ठी में व्यंग्यकारों ने व्यंग्य बाण छोड़े ☆ साभार – श्री रमाकांत ताम्रकार ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ मासिक व्यंग्य गोष्ठी में व्यंग्यकारों ने व्यंग्य बाण छोड़े ☆ साभार – श्री रमाकांत ताम्रकार  ☆

जबलपुर। व्यंग्य विधा के उन्नयन के लिए समर्पित ‘व्यंग्यम्’ की मासिक गोष्ठी का आयोजन कछपुरा कॉफी हाउस में किया गया।

गोष्ठी में सर्वप्रथम श्री राकेश सोहम ने आम आदमी का वैलंटाइन, आचार्य विजय तिवारी ‘किसलय’ ने दुनिया सुधारने चला था, श्री रमाकांत ताम्रकार ने दान, श्री यशोवर्धन पाठक ने निरीक्षण सहकारी अस्पताल का, श्री अभिमन्यु जैन ने बधाई, श्री सुरेश मिश्र विचित्र ने शादियों के खाने में आइटम्स की होड़, डॉ. कुंदन सिंह परिहार ने राजनीति के रंगरूटों की प्रशिक्षण योजना शीर्षक वाले व्यंग्य लेखों का पाठ किया।

कार्यक्रम में व्यंग्यकार श्री अभिमन्यु जैन को उनके जन्मदिन की सभी ने शुभकामनाएँ दी। कार्यक्रम के अध्यक्ष देश के प्रसिद्ध कथाकार एवं व्यंग्यकार डॉ. कुंदन सिंह परिहार एवं विशिष्ट अतिथि सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार श्री  प्रतुल श्रीवास्तव थे। कार्यक्रम का संचालन यशस्वी व्यंग्यकार श्री यशोवर्धन तथा आभार प्रदर्शन व्यंग्यकार श्री अभिमन्यु जैन द्वारा किया गया।

साभार – श्री रमाकांत ताम्रकार, जबलपुर  

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सौ. पुष्पा प्रभुदेसाई – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

सौ. पुष्पा प्रभुदेसाई

🏆 अ भि नं द न 🏆

विश्वयोग दर्शन, केंद्र मिरज-सांगली या संस्थेतर्फे आयोजित करण्यात आलेल्या योग निबंध स्पर्धेत आपल्या समुहातील ज्येष्ठ लेखिका सौ. पुष्पा प्रभुदेसाई यांना तृतीय पुरस्कार प्राप्त झाला आहे. त्यांच्या या यशाबद्दल ई अभिव्यक्ती समुहाकडून त्यांचे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि शुभेच्छा !

त्यांचा पुरस्कार प्राप्त लेख “प्राणायाम… एक वैज्ञानिक अभ्यास…” आजच्या अंकात प्रकाशित करीत आहोत.

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनाएँ/Information ☆ श्री संतोष नेमा ‘संतोष’ की कृतियों “सुमित्र संस्मरण” एवं “अधरों पर मुस्कान” का विमोचन ☆ साभार – मंथनश्री, पाथेय एवं डायनामिक संवाद टी वी ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

श्री संतोष नेमा ‘संतोष’ की कृतियों सुमित्र संस्मरण’ एवं अधरों पर मुस्कान का विमोचन ☆ साभार – मंथनश्री, पाथेय एवं डायनामिक संवाद टी वी ☆

जबलपुर। मंथनश्री एवं पाथेय संस्था के तत्वावधान में श्री संतोष नेमा ‘संतोष’ की दो कृतियों सुमित्र संस्मरण एवं  अधरों पर मुस्कान दोहावली का विमोचन आज 8 फरवरी को सायं 5 बजे से कला वीधिका, रानी दुर्गावती  संग्रहालय में आयोजित है।

समारोह संयोजक राजेश पाठक ‘ प्रवीण ‘ ने बताया कि इस अवसर पर श्री अशोक मनोध्या, पं. संतोष शास्त्री, डॉ.विजय तिवारी ‘किसलय’, डॉ. सलमा ‘ जमाल’, श्रीमती अर्चना द्विवेदी ‘ गुदालू’,  मदन श्रीवास्तव,डॉ. गोपाल दुबे, रूपम बाजपेयी, कविता नेमा, कु. आराध्या तिवारी ‘ प्रियम ‘ को सम्मानित किया जायेगा।

समारोह के मुख्य अतिथि मदन तिवारी वरिष्ठ समाजसेवी हैं। अध्यक्षता महाकवि आचार्य भगवत दुबे करेंगे । विशिष्ट अतिथि महामहोपाध्याय डॉ. हरिशंकर दुबे, अमरेन्द्र नारायण वरिष्ठ पत्रकार गंगा पाठक, विजय बागरी एवं प्रतुल श्रीवास्तव होंगे । मंथनश्री से आशुतोष तिवारी एवं कविता राय ने समस्त साहित्य प्रेमियों से कार्यक्रम में उपस्थिति की अपील की है।

साभार – मंथनश्री, पाथेय एवं डायनामिक संवाद टी वी 

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ≈

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