‘अंतर्मन के लिए एक बेहद अच्छी खुराक है संजय उवाच’ – शेखर सेन
(ई-अभिव्यक्ति के साप्ताहिक स्तम्भ ‘संजय उवाच’ में प्रकाशित 88 लघु आलेखों के संग्रह के प्रकाशन पर श्री संजय भरद्वाज जी को ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से हार्दिक बधाई – अभिनन्दन💐)
लेखक, कवि संजय भारद्वाज की पुस्तक ‘संजय उवाच’ का लोकार्पण रविवार 8 जनवरी 2023 को पुणे में हुआ। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध रंगकर्मी पद्मश्री शेखर सेन ने की। अपने उद्बोधन में शेखर सेन ने कहा कि संजय भारद्वाज की लेखनी में अध्यात्म की सुगंध है। इसलिए जहाँ एक ओर वह आपको कबीर की झिंझोड़ते हैं, वहीं कभी रहीम की तरह आपके घाव पर फाहा लगा देते हैं और कभी तुलसी की तरह अपने स्नेह से समृद्ध करते हैं। लेखनी की निरंतरता उनकी एक और विशेषता है। ‘संजय उवाच’ अंतर्मन के लिए एक बेहद अच्छी खुराक है। कलाकारों की धातु का विश्लेषण करते हुए उन्होंने श्रोताओं का मन जीत लिया।
‘संजय उवाच’ संजय भारद्वाज के लोकप्रिय साप्ताहिक स्तम्भ में प्रकाशित 88 लघु आलेखों का संग्रह है। ये आलेख अध्यात्म, दर्शन और मीमांसा पर आधारित हैं। इन आलेखों पर आधारित लेखक के प्रबोधनात्मक व्याख्यानों की शृंखला भी है। यह पुस्तक क्षितिज प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गई है।
लोकार्पण में पुस्तक पर आधारित आलेखों का वाचन और संगीतात्मक प्रस्तुति की गई। वाचन स्वयं लेखक ने किया। इस प्रस्तुति की सूत्रधार धनश्री हेबलीकर थीं। गायन सतीश कुमार का था। तबले पर साथ संगत रितेश बुरूड ने की। की-बोर्ड पर विनय कुमार थे। इस प्रस्तुति ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह का संचालन कृशान दोशी ने किया।
संजय भारद्वाज ने अपनी एक कविता के माध्यम से आभार व्यक्त करते हुए कहा,
दो हाथोंवाला
साधारण मनुष्य था मैं मित्रो!
तुम्हारी आशा,
तुम्हारे विश्वास ने
मुझे सहस्त्रबाहु कर दिया!
समारोह में बड़ी संख्या में साहित्यकार और शहर के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रतिष्ठित जन उपस्थित थे।
– क्षितिज ब्यूरो की रिपोर्ट
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
साहित्य, कला एवं सांस्कृतिक संस्था अभ्युदय अन्तर्राष्ट्रीय संस्था का वार्षिक कार्यक्रम संपन्न –डॉ निशा अग्रवाल
अभ्युदय अन्तर्राष्ट्रीय संस्था( रजि.) की वर्ष 2023 की प्रथम शाखा अध्यक्षों के साथ दिनांक 5 जनवरी को विशेषकर सभा आयोजित की गई, जिसका मुख्य विषय वर्ष 2023 की वार्षिक आम सभा के आयोजन के पूर्व आगे वर्ष की योजनाओं पर चर्चा करना व संस्था के विस्तार स्वरूप के लिए भारत के सम्पूर्ण राज्यों के पाँच मुख्य जोन अध्यक्षों का चुनाव व निर्णय कर शाखा अध्यक्षों से उनका परिचय कराना था।
संरक्षक कमल किशोर राजपूत व मुख्य परामर्श दाता डॉ प्रेम तन्मय, अन्तर्राष्ट्रीय सचिव शैल अग्रवाल, सहअध्यक्ष डॉ अमरनाथ अमर, मुख्य सहयोगी अजय कुमार यादव, विभा रानी श्रीवास्तव, सविता मागधी मिश्र आदि ने सभी को अंग्रेजी नववर्ष की शुभकामनायें दी और संस्था के निरन्तर गतिमान बने रहने के लिए शुभाशीष दी।
इस सभा में सभी शाखा अध्यक्ष व प्रमुखों ने भी सक्रिय सहभागिता निभाई। संस्था के उद्देश्यों पर विस्तृत चर्चा की गई, जिसमें डॉ प्रेम तन्मय ने अनेकों बहुमूल्य सुझाव दिए। त्रैमासिक सम्मेलनों द्वारा उद्देश्य की ओर बढ़ने पर सभी ने सहमति जताई। साथ ही हर जोन निरन्तर बारी बारी से वार्षिकोत्सव का आयोजन करना चाहता है, इसपर भी एकमत से निर्णय लिया गया। कला ,संस्कृति, भाषा साहित्य चारों पक्षों के लेकर “भारत भारत को जाने“- इस उद्देश्य पर कार्य योजनाओं पर चर्चा की गई।
पूर्वी जोन की अध्यक्ष दिल्ली की सुनीता बंसल, पूर्वोत्तर जोन अध्यक्ष कोलकता की मंजुश्री गुप्ता, पश्चिमी जो अध्यक्ष राजस्थान की डॉ निशा अग्रवाल, मध्य जोन अध्यक्ष वाराणसी की डॉ रचना शर्मा, दक्षिण जोन अध्यक्ष चैन्नई की डॉ मंजु रूस्तगी नियुक्त की गई।
बैंगलोर की ज्योति तिवारी शाखा कार्यक्रम राष्ट्रीय सचिव, चैन्नई की डॉ. गीता सिंह व प्रेरणा ज्योति पाण्डेय मुख्य कला व टेक्निकल संयोजक के साथ अभ्युदय अन्तर्राष्ट्रीय बाल व युवा समूह की अध्यक्ष व सचिव तथा सह सचिव नीतू दाधिच, अभ्युदय अन्तर्राष्ट्रीय कला व संस्कृति समूह की अध्यक्ष अमेरिका की सीमा भाँति,अभ्युदय अन्तर्राष्ट्रीय संगीत व लोकगीत समूह की अध्यक्ष संगीता जानी,अ. अ.दर्शन अध्यात्म समूह की अध्यक्ष मंजु शर्मा आदि के नामों की घोषणा तालियों की गड़गड़ाहट के साथ हुई।
विगत वर्ष की कार्यक्षमता के आधार पर शाखा अध्यक्षों के पदों में भी परिवर्तन की घोषणा की गई। जिसमें पंजाब शाखा की अध्यक्ष मनिन्दर कौर व सचिव सरिता झुनझुनवाला, मध्य प्रदेश के अध्यक्ष ब्रजेन्द्र मिश्र, बंगाल शाखा की अध्यक्ष आरती सिंह जी को बंगाल शाखा की मुख्य सलाहकार निर्वाचित करते हुए बंगाल शाखा की कार्यकारी अध्यक्ष मंजुश्री गुप्ता, महाराष्ट शाखा अध्यक्ष लता नौवाल के साथ सचिव शिरीष नायक को मुख्य सलाहकार घोषित कर सचिव मुदिता अग्रवाल व उप सचिव शोभा पाठक को नवनिर्वाचित किया गया।
इसके साथ ही सभी शाखा अध्यक्षों व प्रमुखों का स्वागत तालियों के साथ किया गया। सभी शाखा अध्यक्ष की कमिटी व कार्यकारिणी के सदस्यों के नामों व आगामी आयोजनों की घोषणा 22 जनवरी 2023 को वार्षिक आम सभा में की जाएगी।
इसके साथ ही संस्था की संस्थापक अध्यक्ष डॉ इन्दु झुनझुनवाला ने जनवरी के माह के कार्यक्रमों की सूचना देते हुए बताया कि 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत संस्था द्वारा प्रकाशित “कबीर शाश्वत चिन्तन” व “प्रेमचन्द सन्दर्भ और कथन” पुस्तक का ऑन लाइन लोकार्पण व चर्चा का आयोजन किया जाएगा।
साथ ही गुमनाम स्वतंत्रता सैनानियों की गाथाओं पर रचित 75 कथाओं की पुस्तक वो जो गुमनाम रहे का ऑनलाइन लोकार्पण 29 जनवरी को किया जाएगा। इन पुस्तकों का ऑन लाइन लोकार्पण करने का उद्देश्य इनमें संकलित आलेखों के रचनाकारों को आयोजन में सम्मिलित करना है, जो कि भारत से ही नहीं विदेशों से भी जुड़े हुए हैं।
लगातार 2 घंटे से अधिक चली इस सभा के अन्त में महासचिव चन्दा प्रह्लादका ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए एक सार्थक सभा की सम्पन्नता पर बधाई देते हुए कहा कि ऐसी सभा होते रहना अति आवश्यक है, जिसमें प्रजातांत्रिक पद्धति से विचार विमर्श किया जाता है। यह खुशी व गर्व का विषय है कि अभ्युदय अन्तर्राष्ट्रीय से जुडे सभी सदस्य निःस्वार्थ भावना से यहाँ कार्य करते हैं।
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साभार – डॉ निशा अग्रवाल, ब्यूरो चीफ ऑफ सच की दस्तक पत्रिका, जयपुर राजस्थान
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत
(विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)
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अखिल भारतीय कला मंदिर के अध्यक्ष श्री गौरीशंकर द्वारा महापौर मालती राय के साथ साहित्यिक उद्यान के प्रारूप पर विशद चर्चा। ज्ञात हो कि कलामंदिर के वार्षिक साहित्यिक अलंकरण समारोह के अवसर पर मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री विश्वास सारंग ने साहित्यकारों के लिये “साहित्यिक पार्क की उद्घोषणा की थी।
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‘लघुकथा शोध संस्थान, भोपाल द्वारा कांता राय के निर्देशन में प्रायोजित ‘पुस्तक पखवाड़े’ में चौदह साहित्यकारों की पुस्तकों पर समीक्षात्मक चर्चा की जा चुकी हैं जिनके रचनाकार हैं, उर्मिला शिरीष ,अशोक भाटिया, अरूण अर्नवखरे, राजनारायण बोहरे, बलराम धाकड़, पद्मा शर्मा, कुमार सुरेश ,द्विजेन्द्र कुमार संगत, संतोष दुबे, मुकेश वर्मा एवं मधुलिका सक्सेना ।
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प्रसिद्ध समाचार पत्र ‘पत्रिका ‘में साहित्य के सितारे नामक स्तंभ में मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत साहित्यकार अर्जुनदास खत्री ,गोकुल सोनी और घनश्याम मैथिल का विस्तृत परिचय का प्रकाशन हुआ ।
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साहित्यिक संवाद समूह द्वारा तात्कालिक गजल प्रतियोगिता में हरिवल्लभ शर्मा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया ।
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लेखिका संघ के द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम ‘आनलाइन ज्ञान’ में संयोजक अनीता सक्सेना के निर्देशन में “प्रकाशन हेतु रचना कैसे भेजे “ विषय पर चर्चा की गई ।चर्चाकार थी ‘बालभास्कर’ की संपादिका इंदिरा त्रिवेदी ,।इस परिचर्चा में 3o लेखिकाओं ने भाग लिया ।
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साभार – सुश्री मनोरमा पंत, भोपाल (मध्यप्रदेश)
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है । देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)
साहित्य की दुनिया से अब कोई क्षेत्र अछूता नहीं रहा । साहित्य हमारे समाज का ऐसा आइना है जो सीसीटीवी की तरह सब कुछ सामने रख देता है । हमें अपने वरिष्ठ साहित्यकारों को सदैव स्मरण करते रहना चाहिए । जिन पीढ़ियों ने अपने साहित्यकारों को स्मरण किया वे सराहनीय हैं । अनिता राकेश ने मोहन राकेश को सदैव याद करवाया तो गगन गिल भी निर्मल वर्मा को स्मरण करते कोई न कोई कार्यक्रम रखती हैं । राजेंद्र यादव को उनकी बेटी रचना यादव हर वर्ष साहित्यिक आयोजन कर याद करती हैं । इसी क्रम में पिछले दिनों दो कार्यक्रम हुए जिनका उल्लेख बहुत जरूरी है ।
धर्मवीर भारती :धर्मयुग के झरोखे से : धर्मयुग पत्रिका के यशस्वी संपादक और खुद श्रेष्ठ लेखक धर्मवीर भारती को मुम्बई में व्यंग्य यात्रा के संपादक डाॅ प्रेम जनमेजय व धर्मवीर भारती की धर्मपत्नी डाॅ पुष्पा भारती ने स्मरण किया एक पुस्तक का विमोचन कर व दो रचनाकारों को सम्मानित कर । दोनों रचनाकार तो उनके साथ काम ही करते थे –आबिद सुरती जिनका धर्मयुग में बिल्कुल अंत में ढब्बू जी बहुत लोकप्रिय कार्टून कोना था । दूसरे धर्मयुग में ही सहायक संपादक और आजकल नवनीत के संपादक विश्वनाथ सचदेव हैं । पुस्तक का विमोचन किया गया –धर्मवीर भारती, धर्मयुग के झरोखे से, जिसमें धर्मयुग के स्वर्णकाल की स्वर्णिम यादों को अनेक लेखकों ने संस्मरणों के रूप में लिखा है जिसका संपादन डां प्रेम जनमेजय ने किया है और मुम्बई के ही प्रलेक प्रकाशन ने इसे प्रकाशित किया है । यह बहुत ही उचित और सही तरीका है ऐसे यशस्वी संपादक को याद करने का ! वैसे डाॅ प्रेम जनमेजय अपने गुरु डाॅ नरेंद्र कोहली को भी ऐसे ही याद करते हैं ।
सिरसा में पूरन मुद्गल को याद किया : हरियाणा के सिरसा में भी पच्चीस दिसम्बर को ऐसे ही चर्चित रचनाकार पूरन मुद्गल को उनके परिवार की ओर से साहित्यिक आयोजन कर स्मरण किया गया । पूरन मुद्गल हरियाणा के ऐसे रचनाकार रहे जो न केवल लघुकथा बल्कि संस्मरणों की पुस्तक -शब्द के आठ कदम के लिए चर्चित रहे । उनकी बड़ी बेटी डाॅ शमीम शर्मा उनकी ही प्रेरणा से लेखिका बनीं और लघुकथा के हस्ताक्षर जैसा संकलन दिया और हास्य-व्यंग्य भी लिखती हैं । सिरसा के युवक साहित्य सदन में भगत सिंह के विचारों की सान पर आज का भारत व्याख्यान का आयोजन किया गया क्योंकि पूरन मुद्गल भगत सिंह के विचारों से बहुत प्रभावित थे । एम एम जुनेजा को आमंत्रित किया गया था । अध्यक्षता स्वर्ण सिंह विर्क ने की और हरभगवान चावला का कविता पाठ । वीरेंद्र भाटिया ने पूरन मुद्गल मेरी नजर में के माध्यम से परिचय दिया तो बेटी डाॅ शमीम शर्मा व विशाल वत्स रहे इस आयोजन के पीछे ! यह आयोजन हर वर्ष होता है । यह आयोजन होता रहे ।
साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी
(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत
(विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)
☆ “मुद्रित पुस्तकों का महत्व सदैव रहेगा” – संतोष चौबे ☆
☆ लघुकथा शोध केंद्र, भोपाल द्वारा आयोजित पुस्तक पखचवाड़े का शुभंकर जारी ☆
भोपाल, “मुद्रित पुस्तकों का महत्व सदा से रहा है और आगे भी रहेगा। विज्ञान व तकनीक के इस वर्तमान सूचना एवं प्रौद्योगिकी के युग में भले ई-पुस्तकों का प्रचलन बढ़ा हो और समय के अनुसार उसकी आवश्यकता भी हो परन्तु इससे मुद्रित पुस्तकों का महत्व कम नहीं हो जाता।” यह उद्गार हैं वरिष्ठ कथाकार उपन्याकार श्री संतोष चौबे के जो वनमाली सृजन केंद्र एवं विश्वरंग के सहयोग से लघुकथा शोध केंद्र, भोपाल द्वारा 1 जनवरी से 15 जनवरी 2023 तक आयोजित किये जाने वाले पुस्तक पखवाड़े का शुभंकर जारी करते हुए व्यक्त कर रहे थे। आईसेक्ट यूनिवर्सिटी के सभागार में आयोजित एक सादे समारोह में इस अवसर पर लघुकथा शोध केंद्र की निदेशक,श्रीमती कांता रॉय, घनश्याम मैथिल, गोकुल सोनी, मुज़फ्फ़र इकबाल सिद्दीकी, मधुलिका सक्सेना, डॉ. रंजना शर्मा, वीरेंद्र शर्मा, मुदुल त्यागी, संजय आरजू, मनोरमा पंत, सतीश चंद्र श्रीवास्तव सहित लघुकथा शोध केंद्र के अन्य लघुकथाकार साथी एवम पदाधिकारी उपस्थित थे। निदेशक श्रीमती रॉय ने बताया कि पुस्तक पखवाड़े के इस ऑनलाइन आयोजन में देश-भर के रचनाकारों की चुनी हुई विविध विधाओं की कृतियों पर वरिष्ठ साहित्यकार की अध्यक्षता में समीक्षक आलोचक अपने विचार रखेंगे और अनेक वरिष्ठ साहित्यकार अपनी महत्वपूर्ण टिप्पणी देंगे।
☆ दुष्यन्त कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय का रजत स्थापना वर्ष संपन्न☆
दुष्यन्त कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय के रजत स्थापना वर्ष के समारोह का आयोजन 21 दिसम्बर को हुआ जिसके मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल मंगू भाई पटेल थे। सारस्वत अतिथि के रूप में टैगोर विश्व विद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे थे। विदित हो कि 1-12-22 से 30 /12 / 22 के बीच निरन्तर संग्रहालय में साहित्यिक कार्यक्रम होते रहे।
साभार – सुश्री मनोरमा पंत, भोपाल (मध्यप्रदेश)
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है । देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)
बद्रीनारायण को साहित्य अकादमी सम्मान : चर्चित लेखक बद्रीनारायण को साहित्य अकादमी के सम्मान हेतु चुना गये है । साहित्य अकादमी पुरस्कार हर वर्ष विवादों में भी रहते हैं । बद्रीनारायण को दिये जा रहे सम्मान को लेकर भी आलोचना हो रही है लेकिन सम्मान तो सम्मान है । बद्रीनारायण को बधाई ।
राजकुमार राकेश को आधार पुरस्कार : शिमला ( हिमाचल) के चर्चित लेखक राजकुमार राकेश को पंजाब कला भवन , चंडीगढ़ में आधार प्रकाशन की ओर से सम्मानीय किया गया । बधाई ।
हरियाणा लेखक मंच : हरियाणा के युवा रचनाकारों अजय सिंह राणा , ब्रह्म दत्त शर्मा , पंकज शर्मा और राधेश्याम भारतीय ने अपनी कोशिशों से हरियाणा लेखक मंच का गठन किया बेशक अध्यक्ष कमलेश भारतीय और उपाध्यक्ष डाॅ अशोक भाटिया हैं लेकिन इसके पीछे सारी मेहनत इन युवाओं की है । करनाल में इसका प्रथम सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें पूरे एक सौ लेखक पहुंचे । इसमें दो सत्र रखे गये । कथा सत्र में प्रसिद्ध कथाकार ज्ञानप्रकाश विवेक ने कथा की बारीकियों और हरियाणा के कथाकारों के योगदान पर बहुत गंभीर चर्चा की । डाॅ कमलेश मलिक विशिष्ट अतिथि रहीं तो डाॅ लाल चंद मंगल गुप्त ने भी कथा पर अपने अनुभव साझा किये । दूसरे सत्र में हरियाणा की कविता पर चर्चित कवि हरभगवान चावला ने अपने अनुभव बताये । डाॅ स्मिता मिश्र और डाॅ कंवल नयन कपूर ने भी कविता की बारीकियों पर बात रखी । इसके आकर्षण रहे पुस्तक विमोचन और पुस्तक प्रदर्शनी । हरियाणा के रचनाकारों के नये प्रकाशनों का विमोचन किया गया ।
पंजाब से नयी पत्रिका : पंजाब बेशक अहिंदी यानी गैर हिंदी राज्य है लेकिन यहां हिंदी का प्रचार प्रसार भी खूब होता है और जालंधर को तो सांस्कृतिक केंद्र माना जाता है । पंजाब के छोटे से शहर फगवाड़ा से डाॅ अनिल पांडेय ने रचनावली नाम से पत्रिका शुरू की है और बिम्ब प्रतिबिम्ब प्रकाशन भी शुरू किये है जिसका नवीनतम प्रकाशन अजय सिंह राणा का कथा संग्रह मक्कड़जाल है । इसी प्रकार पंजाब से सशक्त हिंदी कवि मनोज शर्मा का नया काव्य संग्रह आवाज की खनक आया है । सभी को शुभकामनाएं ।
बूमरैंग की स्क्रीनिंग : पगड़ी-द ऑनर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हरियाणवी फिल्म के निर्देशक राजीव भाटिया ने प्रसिद्ध लेखक मुंशी प्रेमचंद की कहानी कफन पर हरियाणवी शाॅर्ट फिल्म बूमरैंग बनाई है जिसे कांस के फिल्म फेस्टिवल में भी सम्मान मिल चुका है । इसकी स्क्रीनिंग की गयी हिसार में । इसमें राजीव भाटिया व इनकी रंगकर्मी पत्नी वंदना भाटिया के प्रयासों की सराहना की गयी । राजीव भाटिया ने पगड़ी-द ऑनर व बूमरैंग दोनों फिल्मों में हिसार के ही कलाकारों को अवसर प्रदान किया । इसकी कलाकारों ने सराहना की । गुरुग्राम की आबकारी व कराधान अधिकारी डाॅ पूनम परिणीता व हिसार से डाॅ सत्या सावंत मुख्यातिथि रहीं । अनेक कला प्रेमी मौजूद रहे ।
साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी
(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
गायत्री स्मृति सम्मान समारोह – पाथेय साहित्य कला अकादमी, जबलपुर
पाथेय साहित्य कला अकादमी जबलपुर द्वारा अपनी संस्थापक कथाकार एवं कवयित्री स्मृतिशेष डॉ. गायत्री तिवारी के छटवे जन्म स्मृति समारोह की आयोजना आज मंगलवार, 27 दिसम्बर 2022 को अपरान्ह 3.00 से रानी दुर्गावती संग्रहालय सभागार में पूर्व महापौर नगर निगम जबलपुर श्री प्रभात साहू के मुख्य आतिथ्य, पाथेय समूह के संस्थापक डॉ. सुमित्र की अध्यक्षता तथा महाकवि आचार्य भगवत दुबे के विशिष्ट आतिथ्य में की जा रही है ।
(डॉ. इंदिरा दांगी)
समारोह में, गायत्री कथा सम्मान से समादरित होंगी, साहित्य अकादमी द्वारा सन् २०१५ के युवा पुरस्कार से सम्मानित कथा लेखिका डॉ. इंदिरा दांगी, भोपाल
गायत्री सृजन सम्मान से सम्मानित होंगे श्री वी.के. पाठक, डॉ. शोभा नेलसन, श्री देवराज गोंटिया, श्री गिरीष बिल्लोरे (मुकुल), अस्मिता शैली, श्री सुनील साहू, संपादक
साभार – डॉ. भावना शुक्ल (अध्यक्ष), राजेश पाठक प्रवीण (महासचिव), डॉ. हर्ष कुमार तिवारी (सचिव)
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)
पंचकूला में पुस्तक मेला : यह बहुत हर्ष का विषय है कि पंचकूला में इस सप्ताह पुस्तक मेला आयोजित किया गया । मजेदार बात यह कि किसी साहित्य अकादमी ने नहीं बल्कि हरियाणा सरकार के किसी विभाग द्वारा यह पुस्तक मेला आयोजित किया गया ! इस ठंड में भी साहित्य की धूप खिली और बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमियों ने इसमें भागीदारी निभाई और अपनी पसंद की पुस्तकें भी खरीदीं । आधार प्रकाशन ने साहित्य के क्षेत्र में सम्मान समारोह भी आयोजित किया । यह मेला आगे भी आयोजित किया जाता रहे तो बहुत बढ़िया रहे !
हिसार में कथा संग्रह का विमोचन : हरियाणा के हिसार के आकाशवाणी केंद्र में युवा कथाकार सुनील आदित्य के प्रथम कथा संग्रह -अंतर्मन : यात्रा अनंत का विमोचन हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष व हरियाणा लेखक मंच के अध्यक्ष कमलेश भारतीय ने किया । इस अवसर पर आकाशवाणी केंद्र के प्रभारी पवन कुमार सहित अनेक साहित्यकार मंच पर मौजूद रहे । सुनील आदित्य एक बैक कर्मी हैं और यह उनका प्रथम प्रयास है यानी साहित्य में पहली दस्तक है ।
जालंधर में पंकस अवाॅर्ड समारोह :वरिष्ठ साहित्यकार सिमर सदोष की साहित्यिक संस्था पंजाब कला साहित्य अकादमी की ओर से प्रेस क्लब में वार्षिक समारोह आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्षकमलेश भारतीय सहित राजेंद्र राणा (हिमाचल ) आदि ने की । इसमें वीरेंद्र वीर शर्मा (चंडीगढ), जवाहर आजाद( फगवाड़ा) , फकीरचंद शुक्ला (लुधियाना) , वीणा गौतम (दिल्ली) आदि को साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये सम्मानित किया गया । यह इस अकादमी का 26 वां वार्षिक समारोह था । यह अकादमी हर वर्ष स्मारिका भी प्रकाशित करती है ।
दिल्ली में देवशीला मैमोरियल का वार्षिक समारोह : देश की राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय संस्था देवशील मेमोरियल का तृतीय वार्षिक समारोह आयोजित किया गया । इसकी संस्थापिका अध्यक्ष रश्मि अभय के अनुसार समारोह में संस्था का काव्य संग्रह ‘ स्पर्शिका’ ‘प्रेम में कोई अनुबंध नहीं’ के साथ साथ ‘देवशील स्मारिका’ का भी विमोचन किया गया जिसमें राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय अनेक रचनाकारों की रचनायें शामिल हैं ।
साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी
व्यंग्यम् जबलपुर की मासिक रचना पाठ गोष्टी की 63वीं (तिरेसठवीं) कड़ी सोमवार दिनांक 12 दिसम्बर 2022 को पर्ल सुकून होटल यादव कालोनी में आयोजित हुई.
व्यंग्यम गोष्ठी के विशिष्ट अतिथि श्री अशोक व्यास जी, (भोपाल) और अध्यक्षता डाँ.कुंदन सिंह परिहार जी ने की. व्यंग्यम् मासिक व्यंग्य रचना पाठ गोष्ठी में सर्वश्री यशोवर्धन पाठक जी ने “जाके पैर न पड़े बिवाई’, दिनेश अवस्थी जी ने ‘अमर बाबू उठ खड़े हुए’, डाँ.विजय तिवारी किसलय ने “नुकसान’, ओ पी सैनी जी ने ‘रियलिटी शो’, जयप्रकाश पाण्डेय जी ने “खंभों पर सवार लोकतंत्र”, प्रतुल श्रीवास्तव जी ने “धक्का-मुक्की”, रमाकांत ताम्रकार जी ने “महामहिम और हरिशंकर परसाई”, अभिमन्यु जैन जी ने ” सिंगल प्वाइंट कनेक्शन”, सुरेश मिश्र ‘विचित्र’ जी ने “मैं कुछ सोच रहा हूंँ”, रमेश सैनी जी ने “फेसबुक नामुरीद”, अशोक व्यास जी, (भोपाल ) ने “प्रमाण पत्र बांटने वाला” तथा डाँ. कुंदन सिंह परिहार जी ने “स्वर्ग में कुपात्र” रचनाओं का पाठ किया.
व्यंग्यम् गोष्ठी का संचालन रमेश सैनी जी ,आभार प्रदर्शन यशोवर्धन पाठक जी और जयप्रकाश पाण्डेयजी ने सराहनीय सहयोग प्रदान किया.
साभार –श्री जय प्रकाश पाण्डेय
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈