सूचनाएँ/Information ☆ तुलसी साहित्य अकादमी – डॉक्टर शिव मंगल सिंह ‘मंगल’ को प्रथम उस्ताद शंकर लाल पटवा स्मृति सम्मान – अभिनंदन ☆ प्रस्तुति – श्री सुरेश पटवा ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 तुलसी साहित्य अकादमी – डॉक्टर शिव मंगल सिंह ‘मंगल’ को प्रथम उस्ताद शंकर लाल पटवा स्मृति सम्मान – अभिनंदन🌹

तुलसी साहित्य अकादमी के तत्वावधान में साहित्य जगत की विभूति डॉक्टर देवेंद्र दीपक के कर कमलों द्वारा उस्ताद शंकर लाल पटवा स्मृति प्रथम सम्मान लखनऊ के डॉक्टर शिव मंगल सिंह ‘मंगल’ को प्रदान किया गया।

डॉक्टर आनंद मोहन ‘आनंद’ द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर संचालित तुलसी साहित्य अकादमी का सम्मान समारोह विगत दिवस गांधी भवन में आयोजित किया गया। जिसमें डॉक्टर आनंद की सहमति से स्थापित प्रथम उस्ताद शंकर लाल पटवा सम्मान लखनऊ के डॉक्टर शिव मंगल सिंह ‘मंगल’ कोप्रदान किया गया।

साहित्य सम्मान स्थापना पूर्वजों की स्मृति को अक्षुण्य बनाने और साहित्य सेवा में योगदान का एक पुनीत कर्तव्य है। इस अवसर पर मुझे भी साहित्यकारों को सम्बोधित करने का अवसर मिला। किसी भी राष्ट्र हेतु साहित्य सेवा सर्वोपरि धर्म है। साहित्य की ताक़त साहित्य और सत्ता के शाश्वत संघर्ष बात से पता चलती है। जिसमें साहित्य कालजयी रूप से विजयी होता है। उदाहरण के लिए तुलसी दास जी को लिया जा सकता है। उनका जन्म 1511 को हुआ था और उन्होंने 111 वर्ष की आयु प्राप्त कर 1623 को देह त्यागी थी। उस काल अवधि में अकबर 1526 से 1605 और जहांगीर 1605 से 1627 तक भारत के सर्व शक्तिमान बादशाह रहे।

आधुनिक युग में गीता प्रेस गोरखपुर रामचरितमानस की एक करोड़ से अधिक प्रतियाँ एक वर्ष में विश्व व भर के श्रद्धालुओं को विक्रय करता है। भारत के प्रायः प्रत्येक हिंदू घर में रामचरितमानस उपलब्ध है। उसी अवधि में लिखित किताबों आइने अकबरी या जहांगीर नामा पुस्तकों का लोगों ने नाम तो सुना होगा परंतु बहुत ही कम लोगों ने किताबें देखी होंगी। रामचरितमानस के साहित्यिक मूल्य भारतीय जीवन के आधार स्तम्भ हैं। आइने अकबरी या जहांगीर नामा के राजनीतिक सिद्धांत इतिहास के विषय तो हैं परंतु उनकी आज के जीवन में कोई उपयोगिता नहीं रह गई है। यह साहित्य के कालजयी सामर्थ की उपलब्धि है।

हम यदि साहित्य सम्मान स्थापित करते हैं तो देश के साहित्य यज्ञ में हवि देते हैं। इसी धारणा से उस्ताद शंकर लाल सम्मान तुलसी साहित्य अकादमी के तत्वावधान में पिताजी की स्मृति में स्थापित किया गया है। डॉक्टर मोहन तिवारी ‘आनंद’ जी को साधुवाद।

साभार – श्री सुरेश पटवा

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश” जी को मिला प्रतिष्ठित कादंबरी – स्वर्गीय माणकलाल शिवहरे सम्मान – 2022 – अभिनंदन ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश” जी को मिला प्रतिष्ठित कादंबरी – स्वर्गीय माणकलाल शिवहरे सम्मान – 2022 – अभिनंदन🌹

🌹 पुस्तक- “चाबी वाला भूत” पुरस्कृत 🌹

Image result for चाबी वाला भूत ओमप्रकाश क्षत्रिय

रतनगढ (निप्र)। किसी रचनाकार की पुस्तक ही उस रचनाकार की असली पहचान होती है। उसकी इसी असली पहचान को पुरस्कृत किया जाना चाहिए। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर देश की प्रतिष्ठित संस्था कादम्बरी द्वारा प्रतिवर्ष देश के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकारों को उनकी प्रकाशित कृतियों के मूल्यांकन के आधार पर सम्मानित किया जाता है। 

इस वर्ष 2022 में कादम्बरी संस्था ने गत रविवार को अखिल भारतीय स्तर पर-अखिल भारतीय साहित्यकार-पत्रकार सम्मान समारोह, शहीद स्मारक सभागार जबलपुर में भव्यता के साथ आयोजित किया गया। जिसमें देश के प्रतिष्ठित सृजनधर्मियों को शाल, श्रीफल, नगद राशि, मानपत्र के सम्मान से अलंकृत किया गया।

इसी कड़ी में नीमच के साहित्यकार ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को उनकी प्रकाशित कृति- चाबी वाला भूत, को स्वर्गीय माणकलाल शिवहरे सम्मान के लिए चुना गया। जिन्हें आपकी अनुपस्थिति में प्रसिद्ध बाल साहित्यकार मित्र के हाथ यह सम्मान देकर सम्मानित किया गया। 

यह सम्मान कादम्बरी संस्था के अध्यक्ष आचार्य भगवत दुबे, प्रज्ञापीठाधीश्वर साध्वी विभानंद गिरिजी, डॉ राजकुमार तिवारी सुमित्र, महासचिव राजेश पाठक प्रवीण सहित मंचस्थ अतिथियों के बीच कादंबरी संस्था के सौजन्य द्वारा प्राप्त हुआ है। किसी रचनाकार का इस संस्था द्वारा सम्मानित होना बड़े गौरव की बात है। कारण स्पष्ट है कि इस संस्था द्वारा रचनाकार को नहीं, उसकी कृति के लिए रचनाकार को सम्मानित किया जाता है।

आज के अंक में पुरस्कृत पुस्तक चाबी वाला भूत की शीर्ष कथा प्रकाशित की गई है। 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ संपादकीय निवेदन ☆ श्री सुहास रघुनाथ पंडित – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? श्री सुहास रघुनाथ पंडित – अभिनंदन ?

💐 संपादकीय निवेदन 💐

आपल्या ई-अभिव्यक्ती साहित्य मंचाचे ज्येष्ठ संपादक श्री सुहास रघुनाथ पंडित यांना, त्यांच्या “शिक्षा“ या कथेसाठी, ज्येष्ठ साहित्यिक श्री अरुण सावळेकर प्रस्तुत, ‘आरती‘ मासिक आयोजित कथा-लेखन स्पर्धेत (सन २०२२ ) प्रथम क्रमांकाचा पुरस्कार प्रदान करण्यात आला आहे.

श्री. पंडित यांचे आपल्या संपूर्ण ई-अभिव्यक्ती परिवारातर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि अशा दर्जेदार विपुल लेखनासाठी हार्दिक शुभेच्छा ?

आजच्या अंकात वाचूया त्यांची “ शिक्षा “ ही पुरस्कृत कथा. 

संपादक मंडळ, ई-अभिव्यक्ती (मराठी)

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनाएँ/Information ☆ परसाई जन्म शताब्दी (2023-2024) अवसर पर “परसाई व्यंग्य पीठ” की स्थापना हो ☆ निवेदक – श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🙏🏻 निवेदन – परसाई जन्म शताब्दी (2023-2024) अवसर पर “परसाई व्यंग्य पीठ” की स्थापना हो – श्री जय प्रकाश पाण्डेय🙏🏻

परसाई जन्म शताब्दी (2023-2024) अवसर पर संस्कारधानी जबलपुर में “परसाई व्यंग्य पीठ” की स्थापना की जानी चाहिए।

परसाई जी जीवन के अंतिम समय तक पीड़ा ही झेलते रहे, यह व्यक्तिगत पीड़ा भी थी, पारिवारिक पीड़ा भी थी, समाज और राष्ट्र की पीड़ा भी थी। इसी पीड़ा ने व्यंग्यकार को जन्म दिया। 

उनका व्यंग्य कोई हंसने-हंसाने, हंसी-ठिठोली वाला व्यंग्य नहीं, वह आम जनमानस में गहरे पैठ कर मर्मांतक चोट करता है।  वह उत्पीड़ित समाज में नई चेतना का संचार करता है, उन्हें कुरीतियों, अज्ञान के खिलाफ जेहाद छेड़ने बाध्य करता है।  वह सरकारी अमले को दिशा निर्देश देता प्रतीत होता है। यह साहस हर कोई नहीं जुटा सकता। समाज से, सरकार से, मान्य परंपराओं के विरोध करने में जो चुनौती का सामना करना होता है उससे सभी कतराते हैं, पर यह पीड़ा परसाई जी ने उठाई थी ।

श्री जय प्रकाश पाण्डेय

व्यंग्य को लोकोपकारी स्वरूप प्रदान करने में उनके भागीरथी प्रयत्न की लम्बी गाथा है। जब उनके व्यंग्य की परिधि आम आदमी से घूमते घूमते राष्ट्रीय सीमा लांघ अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर स्थापित हो चुकी है, तो क्यों न संस्कारधानी जबलपुर में परसाई जी के नाम पर “परसाई व्यंग्य पीठ” के स्थापना की पहल जनप्रतिनिधियों को करना चाहिए। हम सभी व्यंग्यकार-साहित्यकार एवं साहित्यिक संस्थाओं द्वारा इस भागीरथी प्रयास में सहभागिता की अपेक्षा करते हैं। 

इस अभूतपूर्व पहल के लिए श्री जय प्रकाश पाण्डेय जी के आह्वान का ई-अभिव्यक्ति परिवार द्वारा स्वागत एवं सहभागिता हेतु तत्पर 💐🙏🏻

 

निवेदक – जय प्रकाश पाण्डेय

416 – एच, जय नगर, आई बी एम आफिस के पास जबलपुर – 482002  मोबाइल 9977318765

संपर्क – # 103-सी, अशोक नगर, नज़दीक शिव मंदिर, अम्बाला छावनी- 133001 (हरियाणा), ई मेल- [email protected] मोबाइल : 9813130512

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ हरियाणा लेखक मंच’ का प्रथम वार्षिक सम्मेलन 27 नवम्बर को करनाल में ☆ श्री विजय कुमार ☆

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🌹 हरियाणा लेखक मंच’ का प्रथम वार्षिक सम्मेलन 27 नवम्बर को करनाल में🌹

हरियाणा लेखक मंच’ का प्रथम वार्षिक सम्मेलन 27 नवम्बर को करनाल में

हरियाणा लेखक मंच‘ का प्रथम वार्षिक सम्मेलन दिनांक 27 नवंबर, 2022, दिन रविवार को गुरु नानक खालसा कॉलेज, रेलवे रोड, करनाल (हरियाणा) में सुबह 10:00 बजे से शाम 04:00 बजे तक आयोजित किया जा रहा है।

दो सत्रों में होने वाले इस कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध लेखक एवं ग़ज़लकार श्री ज्ञानप्रकाश विवेक ‘समकालीन परिदृश्य एवं कहानी’ और सुप्रसिद्ध लेखक एवं कवि श्री हरभगवान चावला ‘समकालीन परिदृश्य एवं कविता’ पर अपनी बात रखेंगे।

पुस्तक विमोचन एवं पुस्तक प्रदर्शनी का कार्यक्रम भी रखा गया है।

वरिष्ठ साहित्यकार श्री कमलेश भारतीय, हिसार एवं श्री अशोक भाटिया, करनाल के नेतृत्व में और इस मंच के फाउंडर मेंबर्स डॉ राधेश्याम भारतीय, करनाल, श्री अजय सिंह राणा, चंडीगढ़, श्री ब्रह्म दत्त शर्मा, यमुनानगर और श्री पंकज शर्मा, अम्बाला के सहयोग से यह आयोजन किया जा रहा है, जिसमें हरियाणा एवं अन्य प्रदेशों के अनेक वरिष्ठ एवं युवा साहित्यकार भाग लेंगे।

साभार  – श्री विजय कुमार, सह-संपादक ‘शुभ तारिका’ (मासिक पत्रिका)

संपर्क – # 103-सी, अशोक नगर, नज़दीक शिव मंदिर, अम्बाला छावनी- 133001 (हरियाणा), ई मेल- [email protected] मोबाइल : 9813130512

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ अंबाला के श्री विजय कुमार एवं सुश्री अंजलि सिफर ‘लघुकथा सेवी सम्मान’ से सम्मानित – अभिनंदन ☆

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🌹 अंबाला के श्री विजय कुमार एवं अंजलि सिफर ‘लघुकथा सेवी सम्मान’ से सम्मानित – अभिनंदन 🌹

अंबाला : 30 अक्टूबर को सिरसा में हरियाणा प्रादेशिक लघुकथा मंच सिरसा के तत्वावधान में हरियाणा हिंदी साहित्य सम्मेलन का आयोजन संयोजक डॉ. शील कौशिक एवं संरक्षक प्रोफेसर रूप देवगुण के द्वारा किया गया। चार सत्रों में संपन्न हुए इस कार्यक्रम में अंबाला से विजय कुमार, रितु विजय, अंजलि सिफर और पंकज शर्मा ने भाग लिया।

इस अवसर पर अंबाला से पिछले 50 वर्षों से नियमित प्रकाशित होने वाली पत्रिका ‘शुभ तारिका’ तथा अंजलि सिफर की पुस्तक ‘हेलो जिंदगी’ का लोकार्पण किया गया। सम्मेलन में लघुकथा जगत के जाने-माने साहित्यकारों की उपस्थिति में विजय कुमार एवं अंजलि सिफर को ‘लघुकथा सेवी सम्मान’ से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विजय कुमार एवं अंजलि सिफर ने अपनी-अपनी लघुकथाओं का पाठ भी किया। लघुकथा पाठ के बाद इनकी लघुकथाओं पर पटियाला से आए हुए साहित्यकार श्री योगराज प्रभाकर द्वारा समीक्षात्मक टिप्पणी भी की गई। कार्यक्रम में देश के अनेक राज्यों से आए हुए साहित्यकारों ने भाग लिया।

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश” जी के मुख्य आतिथ्य में नेपाल-भारत हिंदी शिक्षक एवं साहित्यकार सम्मेलन २०२२ संपन्न – अभिनंदन ☆

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🌹 श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश” जी के मुख्य आतिथ्य में नेपाल-भारत हिंदी शिक्षक एवं साहित्यकार सम्मेलन २०२२ संपन्न – अभिनंदन 🌹

नेपाल की राजधानी काठमांडू में 1 नवंबर 2022 को नेपाल भारत हिंदी शिक्षक एवं साहित्य सम्मेलन संपन्न हुआ। जिसका उद्घाटन एवं मुख्य अतिथ्य आदरणीय हिरा चंद्रा जी स्वास्थ एवं जनसंख्या मंत्री – नेपाल सरकार, विशेष अतिथि आदरणीय सतेंद्र दहिया अताशे (हिंदी एवं संस्कृति) भारतीय दूतावास, काठमांडू, सम्मेलन की अध्यक्षता आदरणीय डॉ. मंचला कुमारी झा केंद्रीय हिंदी विभाग – त्रिभुवन विश्वविद्यालय, काठमांडू, प्रमुख अतिथि आदरणीय -लोकेंद्र सेर्पाली, सेंट्रल कमिटी मेंबर- पी. एस.पी, नेपाल, आदरणीय डॉ. नंदलाल चौधरी संचालक – द रॉयल गोंडवाना पब्लिक स्कूल, नागपूर – भारत, आदरणीय श्रीमान प्रभाकर ढगे, संपादक – इन गोवा 24×7 न्यूज चैनल – गोवा भारत, आदरणीय ओमप्रकाश क्षत्रिय, बाल साहित्यकार मध्यप्रदेश- भारत के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में 80 भारतीय और 50 नेपाली शिक्षक व साहित्यकारों ने भाग लिया। जिसमें मध्यप्रदेश आमंत्रित श्रीमती गीता क्षत्रिय को शिक्षा भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया। साथी श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय प्रकाश को प्रमुख अतिथि के रूप में शाल, रुद्राक्ष माला द्वारा सम्मानित किया गया

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ हेलमेट न पहनने वालों को सीख देती श्री विजय कुमार की लघुकथा ‘चालान’ पर बनी लघु फिल्म – श्री पंकज शर्मा ☆

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श्री विजय कुमार

🌹 हेलमेट न पहनने वालों को सीख देती श्री विजय कुमार की लघुकथा ‘चालान’ पर बनी लघु फिल्म – श्री पंकज शर्मा🌹

अंबाला : अंबाला छावनी के साहित्यकार व ‘शुभ तारिका’ मासिक पत्रिका के उप-संपादक श्री विजय कुमार की लघुकथा ‘चालान’ पर विख्यात फिल्म निर्माता और अभिनेता अनिल पतंग द्वारा बनाई गई लघु फिल्म खूब प्रशंसा बटोर रही है। यूट्यूब चैनल पर दिखाई जा रही इस लघु फिल्म को देशभर के दर्शक तो पसंद कर ही रहे हैं, विदेशों में रह रहे भारतीय दर्शक भी इसे पसंद कर रहे हैं। इस फिल्म में अनिल पतंग, मनोरंजन मधुकर एवं विनायक राजा रंजन ने जीवंत अभिनय किया है। वस्त्र विन्यास/मेकअप/कैमरा संभाला है राकाश्री ने। कला निर्देशक श्री राजीव रंजन हैं।


श्री विजय कुमार द्वारा लिखित ‘चालान’ लघुकथा में मोटरसाइकिल पर हेलमेट पहनकर न चलने वालों का चालान काटने को दर्शाया गया है। वैसे तो चालान काटना आम बात है लेकिन इस लघुकथा में चालान काटने का जो कारण कॉन्स्टेबल द्वारा बताया गया है, वह अपने आपमें एक शिक्षाप्रद संदेश देता है । ज्यादातर लोगों की नजरों में चालान काटने को लेकर पुलिस की छवि काफी खराब दिखाई जाती है लेकिन इस लघु फिल्म में लेखक श्री विजय कुमार ने इस छवि को कुछ अलग ही अंदाज में पेश किया है। चालान काटने को लेकर जब कांस्टेबल मोटरसाइकिल चालक को बताता है कि इंस्पेक्टर साहब के सख्त आदेश हैं कि कागज कुछ कच्चे भी हों तो चलेगा किंतु जो लोग हेलमेट नहीं पहनते हैं उन्हें कभी माफ नहीं करना। जब मोटरसाइकिल सवार कांस्टेबल से पूछता है कि ऐसा क्यों? तो कॉन्स्टेबल उसे कारण भी बताता है। कारण जानने के बाद मोटरसाइकिल सवार भी समझ जाता है और जो दर्शक फिल्म देख रहे हैं वह भी समझ जाते हैं कि हेलमेट न पहनने वालों का चालान तो अवश्य ही होना चाहिए। जो कारण कॉन्स्टेबल द्वारा बताया गया है उससे पुलिस का एक अलग ही रूप सामने आता है। जिन्होंने इस फिल्म को नहीं देखा है, कृपया वे अवश्य देखें कि इंस्पेक्टर साहब ने ऐसा क्यों किया?

पटना के अनिल पतंग जी द्वारा हिंदी लघुकथा के लिए लघु फिल्म बनाकर जन जन तक पहुंचाने के इस कार्य को कदापि भुलाया नहीं जा सकता क्योंकि यूट्यूब पर लोड की गई फिल्मों को कभी भी देखा जा सकता है।

पटना के श्री अनिल पतंग जी दूरदर्शन के अधिकारी पद से सेवानिवृत्त होने के पश्चात इस कार्य में लगातार सक्रिय हैं। फिल्म निर्माण, अभिनय, पटकथा लेखन, काव्य लेखन भी निरंतर कर रहे हैं।

श्री विजय कुमार जी डॉ. महाराज कृष्ण जैन द्वारा स्थापित ‘कहानी लेखन महाविद्यालय’ एवं पत्रिका ‘शुभ तारिका’ से काफी समय से जुड़े हुए हैं। श्री विजय कुमार जी ने बताया कि इस वर्ष ‘शुभ तारिका’ ने अपने नियमित प्रकाशन के 50 वर्ष पूरे किए हैं तथा दिसंबर में ‘शुभ तारिका’ का ‘स्वर्ण जयंती विशेषांक’ भी प्रकाशित होने वाला है। इसके लिए मैं पत्रिका के संपादक श्रीमती उर्मि कृष्ण एवं श्री विजय कुमार जी को बधाई देता हूँ।

‘कहानी लेखन महाविद्यालय’ डॉ. महाराज कृष्ण जैन जी ने सन् 1964 में स्थापित किया था तथा इससे पत्राचार द्वारा लेखन के कोर्स भी कराए जा रहे हैं।

साभार –श्री पंकज शर्मा, अंबाला शहर।

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – ई-अभिव्याक्ति – दीपावली विशेषांक 2022 ☆

ई-अभिव्याक्ति – दीपावली विशेषांक 2022

प्रिय मित्रो,

हमने विगत 15 अक्तूबर 2022 को 4 सफल वर्ष पूर्ण किए और आपकी प्रिय वेबसाइट पर 4,79,000+ विजिटर्स विजिट कर चुके हैं।  

आपकी बहुप्रतीक्षित पत्रिका के दीपावली विशेषांक 2022 का प्रवेशांक आप सभी को सादर समर्पित है। 

ई-अभिव्यक्ती (मराठी) के दीपावली विशेषांक का प्रकाशन 20 अक्तूबर 2022 को प्रकाशित किया जिसे अभूतपूर्व प्रतिसाद एवं स्नेह मिला। ऐसा ही स्नेह एवं प्रतिसाद दीपावली विशेषांक 2022 के हिन्दी संस्कारण की अपेक्षा है। 

इस फ्लिपबूक की तकनीकी को समझने एवं क्रियान्वित करने की प्रक्रिया का प्रथम अनुभव था। इस दौरान अपने कई प्रिय लेखकों की रचनाएँ हम प्रकाशित न कर सके जिसका हमें अत्यंत दुख है। आशा है आप हमारी  असमर्थताओं को समझते हुए क्षमा करेंगे। भविष्य में हम प्रयास करेंगे कि आप सब की रचनाएँ अगले विशेषांकों में  समाहित कर सकें।

आपकी प्रतिक्रियाएँ हमें प्रेरणा देंगी।  अप सभी का पुनः आभार।  

हेमन्त बावनकर 

संपादक मण्डल 

ई-अभिव्यक्ति 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – ई-अभिव्यक्ती (मराठी) – दिवाळी अंक २०२२ ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

ई-अभिव्यक्ती (मराठी) – दिवाळी अंक – २०२२ 

🕯  संपादकीय निवेदन 🕯

 

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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