आपल्या समुहातील कवी व लेखक श्री श्रीशेल चौगुलेयांना त्यांच्या लाल पठारया कथासंग्रहासाठी राष्ट्रीय संत नामदेव कथा पुरस्कारप्राप्त झाला आहे. हा पुरस्कार हिंगोली येथील समृद्धी प्रकाशनया संस्थेकडून जाहीर करण्यात आला आहे.
?श्रीशैल चौगुले यांचे समुहातर्फे हार्दिक हार्दिक अभिनंदन! ?
संपादक मंडळ
ई अभिव्यक्ती मराठी
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈
आज पासून आम्ही ‘वेद व पुराण काळातील महत्वपूर्ण स्त्रिया’ हे नवे सदर सुरू करत आहोत.हे सदर दर गुरुवारी प्रसिद्ध होईल व त्याचे लेखन सौ. कुंदा कुलकर्णी ग्रामोपाध्येया करतील.
संपादक मंडळ
ई अभिव्यक्ती मराठी
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈
श्री कमलेश भारतीय ‘पंजाब कला एवं साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित – अभिनंदन
इस अवसर पर डाॅ प्रेम जनमेजय, लालित्य ललित, रणबीर पुष्प, डाॅ बुला कार, सीमा जैन ,रमा सिंह , शील कौशिक, प्रकाश बादल, नलिनी विभा सहित अनेक साहित्यकार सम्मानित हुए। समारोह में सतनाम माणक, डाॅ अजय शर्मा, डाॅ सरला भारद्वाज, सत्य प्रकाश ठाकुर, डाॅ तरसेम गुजराल, सुरेश सेठ,मोहन सपरा, रणविजय राव, बलविंद्र अत्री, आशा शैली, नीलम जुल्का, नीलम भारती, रश्मि आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
पंजाब कला साहित्य अकादमी के रजत जयंती समारोह पर इस सम्मान के लिए सभी सम्मानित साहित्यकारों की और से सुश्री सिमर सदोष जी एवं डाॅ जगजीत सिंह जी का हार्दिक आभार।
ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से श्री कमलेश भारतीय जी एवं सम्माननीय साहित्यकारों का अभिनंदन एवं हार्दिक बधाई
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
अश्विनी कुमार दुबे एवं मधुकांत को शिखर, हंसा दीप को प्रवासी तथा दामोदर आर्य को खेल सम्मान – अभिनंदन
गया प्रसाद खरे स्मृति साहित्य, कला एवं खेल संवर्द्धन मंच के तत्वावधान में संस्थित शांति-गया स्मृति सम्मान 2020 एवं 2021 की घोषणा मंच के संयोजक श्री अरुण अर्णव खरे, संरक्षक श्रीमती कांति शुक्ला एवं कार्यकारी अध्यक्ष कान्ता रॉय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए की । श्री खरे ने बताया कि इस वर्ष लगभग डेढ़ सौ पुस्तकें सम्मान हेतु प्राप्त हुई। इतनी बड़ी संख्या में से सम्मान हेतु पुस्तकों को चुनना मुश्किल एवं दुरूह कार्य था। दो चरणों में पुस्तकों का मूल्यांकन किया गया। इस मुश्किल कार्य को अंजाम देनेवाले निर्णायक गणों के प्रति श्री खरे एवं कान्ता रॉय ने आभार व्यक्त किया।
शिखर सम्मानवर्ष 2020 रोहतक, हरियाणा केपरवासी साहित्यकार वरिष्ठ रचनाकार डॉ मधुकांत एवं शिखर सम्मान वर्ष 2020 प्रसिद्ध साहित्यकार इंदौर के श्री अश्विनी कुमार दुबे को प्रदान किया जाएगा। उन्हें शाल, श्रीफल, सम्मान पत्र के साथ रु० 7100/- की सम्मान निधि से सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही प्रवासी साहित्यकारों के लिए संस्थित सम्मान कहानीकार डॉहंसा दीप, कनाडा को कहानी संग्रह “शत प्रतिशत” के लिए दिया जाएगा।
श्री शांतिलाल जैन
वर्ष 2000 के लिए दिए जाने वाले साहित्यक सम्मानों में कहानी विधा के लिए देहरादून की कहानीकार कुसुम भट्ट तथा व्यंग्य विधा के लिए संयुक्त रूप से श्री शांतिलाल जैन (उज्जैन) व विनोद साव (दुर्ग) को दिया जाएगा। वर्ष 2021 हेतु देय उपन्यास विधा का सम्मान सुल्तानपुर के शोभनाथ शुक्ल को तथा गजल विधा के लिए संयुक्त रूप से प्रमोद रामावत(नीमच) व किशन तिवारी (भोपाल) को प्रदान किया जाएगा । मंच के पदाधिकारियों द्वारा द्वितीय स्थान पर आई कृतियों के लेखकों को रु 1100/- सम्मान निधि से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। इस शृंखला में कहानी हेतु सर्व श्री रामनगीना मौर्य (लखनऊ) व रोचिका अरुण शर्मा (चेन्नई), व्यंग्य हेतु सौरभ जैन (इंदौर) व आभा सिंह (नागपुर), उपन्यास हेतु चंद्रभान राही (भोपाल) व कमल कपूर (फरीदाबाद) तथा गजल हेतु गोविंद अनुज (शिवपुरी) व अंजलि सिफर (अम्बाला) की रचनाओं का चयन किया गया है। कथेत्तर विधा के लिए दिया जाने वाला सम्मान आगरा के डॉ दिग्विजय कुमार शर्मा को प्रदान किया जाएगा।
इस वर्ष खेलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कमेंट्रेटर प्रभात गोस्वामी (जयपुर) तथा दामोदर आर्य (भोपाल) को एवं कला के लिए रंगकर्मी व फिल्म कलाकार हरिओम तिवारी (भोपाल) एवं कबाड़ को अप्रतिम कलाकृतियों का रूप देनेवाले कलाकार देवेंद्र प्रकाश तिवारी को सम्मानित किया जाएगा।
सम्मान 26 दिसम्बर 2021 को भोपाल में आयोजित सम्मान समारोह में दिए जाएंगे।
ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से डॉ हंसा दीप, श्री शांतिलाल जैन एवं सम्माननीय साहित्यकारों का अभिनंदन एवं हार्दिक बधाई
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित चर्चित कादम्बरी संस्था, जबलपुर का देश में मान है। देश में शायद यह पहली संस्था है जो हिन्दी की सभी विधाओं में राष्ट्रीय स्तर के अलग-अलग राज्यों के 66 साहित्यकारों को सम्मानित करती है। ऐसे विश्वस्तरीय सम्मान प्रदान करने वाली संस्था ‘कादम्बरी’, जबलपुर के संस्थापक/सूत्रधार राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित,अलंकृत आचार्य भगवत दुबे जी, प्रख्यात साहित्य सर्जक श्री राजकुमार तिवारी सुमित्र जी, श्री राजेश पाठक‘प्रवीण’ भाई और अन्य सहयोगियों का हार्दिक आभार,अभिनन्दन।
आदरणीया श्रीमती साधना उपाध्याय जी का साधुवाद जिन्होंने अपने पूज्य पिता प्रसिद्ध साहित्यकार श्री रामानुज लाल श्रीवास्तव जी की स्मृति में हास्य व्यंग्य का पुरस्कार/सम्मान स्थापित किया और निर्णायक मंडल ने वरिष्ठ व्यंग्यकार-साहित्यकार एवं श्री जयप्रकाश पाण्डेय जी, संपादक ई-अभिव्यक्ति (हिंदी) को व्यंग्य रचना के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए उनके नाम का चयन किया।
श्री जयप्रकाश पाण्डेय जी को उनके व्यंग्य संग्रह ‘डांस इंडिया डांस’ के लिए हास्य व्यंग्य विधा हेतु स्व.श्री रामानुजलाल श्रीवास्तव राष्ट्रीय सम्मान की घोषणा हुई है। यह सम्मान 4 दिसंबर को शहीद स्मारक भवन में पद्मश्री श्री विजयदत्त श्रीधर, माधवराव सप्रे समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान, भोपाल एवं श्री कपिल देव मिश्र, कुलपति रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर के कर कमलों से प्रदान किया जाएगा।
ई-अभिव्यक्ति की ओर से इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए श्री जयप्रकाश पाण्डेय जी का अभिनंदन एवं हार्दिक बधाई
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
आपल्या समुहातील लेखिका व कवयित्री सौ. विद्या वसंत पराडकर यांच्या ‘श्रावणगीत’ या कवितेस, माय मराठी व स्टोरी मिरर यांनी आयोजित केलेल्या काव्य स्पर्धेत पुरस्कार प्राप्त झाला आहे.सौ. पराडकर यांचे समुहातर्फे मनःपूर्वक हार्दिक अभिनंदन .??
संपादक मंडळ
ई अभिव्यक्ती मराठी
ई – अभिव्यक्तीतर्फे त्यांचे अभिनंदन व पुढील वाटचालीसाठी शुभेच्छा.
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈
आपल्या समुहातील ज्येेष्ठ लेखिका व अनुवादकार श्रीमती मीनाक्षी सरदेसाई याचे एक नवीन पुस्तक नुकतेच प्रकाशित झाले आहे.पुणे येथील अरिहंत प्रकाशनाने त्यांचे ढोल-ढकेल हे हिंदी कथांचा मराठीत अनुवाद केलेल्या कथांचा संग्रह प्रकाशित केला आहे. त्याबद्दल समुहातर्फे त्यांचे हार्दिक अभिनंदन !
संपादक मंडळ
ई अभिव्यक्ती मराठी
ई – अभिव्यक्तीतर्फे त्यांचे अभिनंदन व पुढील वाटचालीसाठी शुभेच्छा.
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈
? श्री संजय भारद्वाज जी का कवितासंग्रह ‘क्रौंच’ लोकार्पित ?
कहन के साथ/ मेरा मौन भी बाँचा जाय
प्रसिद्ध साहित्यकार एवं हिन्दी आंदोलन परिवार के संस्थापक-अध्यक्ष संजय भारद्वाजजी के कवितासंग्रह क्रौंच का लोकार्पण 31 अक्टूबर को ऑनलाइन हुआ। यह उनका पाँचवाँ कवितासंग्रह है। क्षितिज प्रकाशन ने इसे प्रकाशित किया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी के पूर्व कार्याध्यक्ष प्रो. नंदलाल पाठक जी ने की। उन्होंने कहा कि “संजय भारद्वाज कवितावादी हैं। उन्होंने अपनी कविता में छंद, लय, ताल, संगीत का कोई सहारा नहीं लिया है। यह दर्शाता है कि सच्ची कविता को बैसाखी की आवश्यकता नहीं होती।”
मुख्य अतिथि और ‘नवनीत’ के सम्पादक श्री विश्वनाथ सचदेव जी ने अपने भाषण से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि “संजय भारद्वाज का अनुभव जगत व्यापक है। उनकी कविताएँ अपने शब्दों के बीच की खाली जगह को पढ़ने के लिए पाठक को आमंत्रित करती हैं। यह इन कविताओं की सबसे बड़ी शक्ति है। ये कविताएँ पाठक के दिल को प्रभावित करती हैं।”
विश्व हिन्दी सचिवालय के समन्वयक श्री अनूप भार्गव जी ने कहा कि “आज के समय में साहित्यिक पुस्तक का लोकार्पण बड़ी हिम्मत का काम है। लोकार्पित संग्रह में प्रकाशित संजय जी का साहित्य ही उनके व्यक्तित्व का परिचायक है। साहित्यकार होने के साथ हिन्दी के लिए एक जुनून भी उनमें है।”
श्री संजय भारद्वाज जी ने कविता की अपनी यात्रा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वे नाटकों से कविता के प्रदेश में आए। उन्होंने कहा कि कविता स्वत: संभूता है। ज्वालामुखी-सी बाहर आनेवाली कविता साहित्य का शुद्धतम रूप है। कवि ने अपनी प्रतिनिधि रचना़ओं का पाठ भी किया। उनकी कविता ‘जब कभी / मेरा कहा आँका जाय / कहन के साथ / मेरा मौन भी बाँचा जाय’का उल्लेख प्रत्येक वक्ता ने किया।
‘क्रौंच’ का मुखपृष्ठ प्रस्तर कला की मर्मज्ञ सुश्री अनिता दुबे ने बनाया है। उन्होंने इसकी पृष्ठभूमि बनी क्रौंच शृंखला की एक कविता का उल्लेख किया।
कार्यक्रम का सटीक संचालन कवयित्री चित्रा देसाई ने किया।
स्वागत वक्तव्य क्षितिज समूह की प्रमुख श्रीमती सुधा भारद्वाज ने किया। आभार प्रदर्शन सुश्री कृतिका भारद्वाज ने किया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्यकार एवं साहित्यप्रेमी उपस्थित थे।
साभार श्रीमती ऋता सिंह
? ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से श्री संजय भारद्वाज जी को उनकी इस विशेष उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई ?
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈