सूचनाएँ/Information – ☆ 16 वां बहुभाषी नाट्य महोत्सव – निर्णायक की कलम से – – ☆ श्रीमती हेमलता मिश्रा “मानवी” 

श्रीमति हेमलता मिश्र “मानवी “

(सुप्रसिद्ध, ओजस्वी,वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती हेमलता मिश्रा “मानवी”  जी  विगत ३७ वर्षों से साहित्य सेवायेँ प्रदान कर रहीं हैं एवं मंच संचालन, काव्य/नाट्य लेखन तथा आकाशवाणी  एवं दूरदर्शन में  सक्रिय हैं। आपकी रचनाएँ राष्ट्रीय स्तर पर पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित, कविता कहानी संग्रह निबंध संग्रह नाटक संग्रह प्रकाशित, तीन पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद, दो पुस्तकों और एक ग्रंथ का संशोधन कार्य चल रहा है।  आज प्रस्तुत है 16 वें बहुभाषी नाट्य महोत्सव में निर्णायक के रूप श्रीमती  हेमलता मिश्रा जी के उदगार.)

 

निर्णायक की कलम से -श्रीमती हेमलता मिश्रा “मानवी”  ☆

 

विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन ,मोरभवन झांसीरानी चौक नागपुर और कला सागर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 16 वें बहुभाषी नाट्य महोत्सव में निर्णायक के रूप में पिछले छः दिनों के स्वर्गिक आनंद का अनुपम आस्वाद – – अवर्णनीय है

पूरे पंद्रह नाटक 200 से अधिक कलाकार और प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सुधि जनों के साथ बड़े ही जोश उत्साह और जिज्ञासा से पूरित  नाट्य महोत्सव का भव्य समापन समारोह अनेकानेक गौरवान्वित पलों के साथ संपन्न हुआ। मानो एक विशाल साहित्य महायज्ञ में अपने अपने हिस्से की समिधा समर्पित कर हर कलाकार चंदन की महकती खुशबू सा निरामय हो उठा— कला गौरव की गमकती यज्ञाग्नि में स्वयं की कला की समिधा अर्पण कर समाज ऋण – – देश ऋण और मानवीय  ऋण चुका कर तृण कण सी निरागस नम्रता से पूरित हो गया– हर चेहरा प्रफुल्लित खिले पुष्प सा।

परिणाम की उत्सुकता अपनी जगह पर परंतु उल्लास हर चेहरे पर हिलोरें ले रहा। सुधि जनों, स्वनाम धन्य मनीषियों तथा महनीय अतिथियों का स्वागत–  निर्णायक मंडल का सत्कार इत्यादि महनीय पलों का साक्षी बना विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन का प्रांगण और कला सागर का गरिमामय ग्रुप।

विशाल कला रसिक जनसमूह की उत्सुकता शांत हुई  पुरस्कारों की घोषणा के साथ और नामों की घोषणा के पूर्व ही जनसमूह में से उठते स्वर – – – निर्णायक गणों के निर्णय को  सही निर्णय की मुहर लगा देते।

कृतज्ञता ज्ञापन की पारंपरिक मगर दिली अदायगी के साथ विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन और कला सागर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सोलहवें बहु-भाषी नाट्य महोत्सव का समापन घोषित किया गया।

संपन्न हुआ एक चिरंजीवी महोत्सव एक शाश्वत आशीर्वाद के साथ – – – कि फिर मिलेंगे। आमीन।

 

© हेमलता मिश्र “मानवी ” 

नागपुर, महाराष्ट्र

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सूचना – हिन्दी साहित्य – ☆ ई-अभिव्यक्ति -गांधी स्मृति विशेषांक ☆ – (विशेषांक की रचनाएँ >>महत्वपूर्ण लिंक्स)

सूचना – हिन्दी साहित्य – ☆ ई-अभिव्यक्ति -गांधी स्मृति विशेषांक ☆ – (विशेषांक की रचनाएँ >>महत्वपूर्ण लिंक्स)

☆ ई-अभिव्यक्ति – गांधी स्मृति विशेषांक ☆

 

हम  2  अक्टूबर  2019 को  ई-अभिव्यक्ति  (www.e-abhivyakti.com ) द्वारा महात्मा गाँधी जी की 150वीं  जयंती पर प्रकाशित ई-अभिव्यक्ति -गांधी स्मृति विशेषांक  विशेषांक की रचनाओं के  महत्वपूर्ण लिंक्स उपलब्ध कर रहे हैं जिन्हें आप भविष्य में पढ़ सकते हैं।

ई-अभिव्यक्ति -गांधी स्मृति विशेषांक  में ई-अभिव्यक्ति की प्रस्तुति :-

  1. हिन्दी साहित्य – ई-अभिव्यक्ति संवाद – ☆ अतिथि संपादक की कलम से ……. महात्मा गांधी प्रसंग ☆ – श्री जय प्रकाश पाण्डेय – http://bit.ly/2oiSiae
  1. ई-अभिव्यक्ति: संवाद- 41 – ☆ ई-अभिव्यक्ति – गांधी स्मृति विशेषांक☆ – हेमन्त बावनकर – http://bit.ly/2n09wc7
  1. हिन्दी साहित्य – आलेख – ☆ दक्षिण अफ्रीका : मिस्टर बैरिस्टर एम. के. गांधी से गांधी बनाने की ओर ☆ श्री मनोज मीता, गांधीवादी चिंतक एवं समाजसेवी – http://bit.ly/2nuCAsA
  1. हिन्दी साहित्य – आलेख – ☆ गांधी विचार की वर्तमान प्रासंगिकता ☆ श्री राकेश कुमार पालीवाल, महानिदेशक (आयकर) हैदराबाद (प्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक  ) – http://bit.ly/2nER7le
  1. हिन्दी साहित्य – आलेख – ☆ गांधी जी के मुख्य सरोकार ☆ डॉ.  मुक्ता (राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत) एवं पूर्व निदेशक हरियाणा साहित्य अकादमी – http://bit.ly/2oq2sFK
  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ सपने में बापू ☆ डॉ कुन्दन सिंह परिहार, वरिष्ठ साहित्यकार – http://bit.ly/2mRKpbq
  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ घोडा, न कि …. ☆ डॉ सुरेश कान्त, संपादक हिन्द पॉकेट बुक्स – http://bit.ly/2mKLKR6
  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ तेरा गांधी, मेरा गांधी; इसका गांधी, किसका गांधी! ☆ श्री प्रेम जनमेजय, व्यंग्य शिल्पी एवं संपादक – http://bit.ly/2mIfXjI
  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ राजघाट का मूल्य ☆ श्री संजीव निगम, वरिष्ठ साहित्यकार – http://bit.ly/2ok5wDC
  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ गांधी जिन्दा हैं और रहेंगे ☆ श्रीमती सुसंस्कृति परिहार – http://bit.ly/2mKFfOc
  1. हिन्दी साहित्य – आलेख – ☆ चंपारण सत्याग्रह: एक शिकायत की जाँच ☆ श्री अरुण कुमार डनायक, गांधीवादी चिंतक – http://bit.ly/2mO5eED
  1. हिन्दी साहित्य – कविता – ☆ अहिंसा का दूत ☆ सुश्री निशा नंदिनी भारतीय – http://bit.ly/2paYPEi
  1. हिन्दी साहित्य – संस्मरण – ☆ पकुआ के घर गाँधी जी ! ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय – http://bit.ly/2mI78q6
  1. मराठी साहित्य – कविता – ☆ बापू ☆ श्री सुजित कदम, मराठी युवा साहित्यकार – http://bit.ly/2olLJn9
  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ क्योंकि मैं राष्ट्र मां नहीं ☆ श्रीमती समीक्षा तैलंग – http://bit.ly/2nDSYXD
  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ चौराहे पर गांधी! ☆ श्री प्रेम जनमेजय, व्यंग्य शिल्पी एवं संपादक – http://bit.ly/2nQ2VBn
  1. हिन्दी साहित्य – आलेख – ☆ महात्मा गांधी के सपनों का भारत ☆ डॉ भावना शुक्ल – http://bit.ly/2otaeiv
  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ बापू कभी इस जेब में कभी उस जेब में ☆ श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ – http://bit.ly/2oz1Bmg
  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ हे राम ! ☆ डॉ गंगाप्रसाद शर्मा ‘गुणशेखर’ – http://bit.ly/2nS9GCz
  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ कहाँ चल दिए बापू ☆ श्री विनोद कुमार ‘विक्की’ – http://bit.ly/2piJ9ic
  1. हिन्दी साहित्य – कविता – ☆ प्रश्नचिन्ह ☆ श्री रमेश सैनी – http://bit.ly/2nGgUtD
  1. हिन्दी साहित्य – लघुकथा – ☆ मानव ☆ श्री सदानंद आंबेकर – http://bit.ly/2nPuieQ
  1. हिन्दी साहित्य – आलेख – ☆ गांधी की खादी आज भी प्रासंगिक ☆ श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ – http://bit.ly/2mQoSji
  1. मराठी साहित्य – कविता – ☆ महात्मा गांधी……! ☆ – कविराज विजय यशवंत सातपुते, मराठी साहित्यकार – http://bit.ly/2mSkCj8
  1. हिन्दी साहित्य – लघुकथा – ☆ पूछ रहे बैकुंठ से बापू ☆ श्री मनोज जैन “मित्र” – http://bit.ly/2nG4L7Z
  1. हिन्दी साहित्य – लघुकथा – ☆ दृष्टि ☆ श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश” – http://bit.ly/2pn1smx
  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य लघुकथा – ☆ महात्मा गाँधी की जय ☆ श्री घनश्याम अग्रवाल – http://bit.ly/2osqznA
  1. हिन्दी साहित्य – संस्मरण – ☆ बा और बापू ☆ श्रीमति हेमलता मिश्र “मानवी “ – http://bit.ly/2nST8KT

धन्यवाद.

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महत्वपूर्ण सूचना – ☆ महात्मा गांधी जी के150वीं जयंती पर विशेष – ☆ ई-अभिव्यक्ति – गांधी स्मृति विशेषांक ☆

 ☆ महत्वपूर्ण सूचना ☆

 ☆ ई-अभिव्यक्ति -गांधी स्मृति विशेषांक ☆

महात्मा गांधी जी के 150वीं जयंती पर ई-अभिव्यक्ति की विशेष प्रस्तुति “ई-अभिव्यक्ति -गांधी स्मृति विशेषांक”

 

इस विशेषांक में आप पढ़ सकेंगे अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के वरिष्ठ एवं साहित्य की विभिन्न विधाओं के सशक्त हस्ताक्षरों की रचनाएँ, जिनमें प्रमुख हैं :-

श्री राकेश कुमार पालीवाल, महानिदेशक (आयकर) हैदराबाद एवं प्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक, डॉ मुक्ता, पूर्व निदेशक हरियाणा साहित्य अकादमी एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ कुन्दन सिंह परिहार, डॉ सुरेश कान्त, श्री प्रेम जनमेजय, श्री संजीव निगम, श्रीमति सुसंस्कृति परिहार, श्री अरुण कुमार डनायक, सुश्री निशा नंदिनी भारतीय, श्री जय प्रकाश पाण्डेय, डॉ गुणशेखर शर्मा, श्री विनोद कुमार विक्की, श्री रमेश सैनी, श्री सदानंद आंबेकार, श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’, श्रीमती समीक्षा तैलंग, श्री मनोज जैन “मित्र”, श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश”, मराठी साहित्यकार कवीराज विजय यशवंत सातपुते, श्री सुजित कदम एवं अन्य सुप्रसिद्ध साहित्य की विभिन्न विधाओं के सशक्त हस्ताक्षर।

आशा है आपको निश्चित ही इस अंक की प्रतीक्षा रहेगी ।

 

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सूचना – हिन्दी साहित्य – ☆ परसाई स्मृति अंक ☆ – (विशेषांक की रचनाएँ >>महत्वपूर्ण लिंक्स)

? परसाई स्मृति अंक ?

हम 22 अगस्त 2019 को www.e-abhivyakti.com द्वारा स्व. परसाई जी  के जन्मदिवस पर प्रकाशित विशेषांक की रचनाओं के  महत्वपूर्ण लिंक्स उपलब्ध कर रहे हैं जिन्हें आप भविष्य में पढ़ सकते हैं।

 

परसाई स्मृति अंक में ई-अभिव्यक्ति की प्रस्तुति :-

  1. हिन्दी साहित्य – परसाई स्मृति अंक – संस्मरण ☆ पारदर्शी परसाई ☆ – डॉ.राजकुमार “सुमित्र” ☆>>http://bit.ly/30jWqop
  2. हिन्दी साहित्य – परसाई स्मृति अंक ☆ अतिथि संपादक की कलम से ……. परसाई प्रसंग ☆ – श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆>> – http://bit.ly/30sNg9a
  3. ई-अभिव्यक्ति: संवाद- 38 – हेमन्त बावनकर ☆>>http://bit.ly/30priE3
  4. हिन्दी साहित्य – परसाई स्मृति अंक – आलेख ☆ इस तरह गुजरा जन्मदिन ☆ – स्व. हरिशंकर परसाई ☆>> – http://bit.ly/2Zty5Q1
  5. हिन्दी साहित्य – परसाई स्मृति अंक – संस्मरण ☆ परसाई जी – अमिट स्मृति ☆ – आचार्य भागवत दुबे ☆>> – http://bit.ly/2ZiwNHn
  6. हिन्दी साहित्य – परसाई स्मृति अंक – आलेख ☆ परसाई जी – एक आम आदमी और खास लेखक ☆ – श्री हिमांशु राय ☆>> – http://bit.ly/30qG39u
  7. हिन्दी साहित्य – परसाई स्मृति अंक – आलेख ☆ परसाई का मूल्यांकन क्यों नहीं? ☆ – श्री एम.एम. चन्द्रा ☆>> – http://bit.ly/2ZmdrRy
  8. हिन्दी साहित्य – परसाई स्मृति अंक – आलेख ☆ स्वतंत्र विचार ☆ – श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆>> – http://bit.ly/30yGhM9
  9. हिन्दी साहित्य – परसाई स्मृति अंक – संस्मरण ☆ परसाई के रूपराम ☆ – श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆>> – http://bit.ly/2ZkaIbh
  10. हिन्दी साहित्य – परसाई स्मृति अंक – आलेख ☆ हरिशंकर परसाई… व्यंग्य से करते ठुकाई…!! ☆ – सुश्री इंदु सिंह ‘इन्दुश्री’ ☆>> –  http://bit.ly/30jE7zH
  11. हिन्दी साहित्य – परसाई स्मृति अंक – आलेख ☆ सच्चे मानव परसाई जी ☆ – डॉ महेश दत्त मिश्र ☆>> – http://bit.ly/2ZigCcT
  12. हिन्दी साहित्य – परसाई स्मृति अंक – संस्मरण ☆ व्यंग्यकार स्व. श्रीबाल पांडे ☆ – श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆>> – http://bit.ly/30rJvku
  13. हिन्दी साहित्य – परसाई स्मृति अंक – आलेख ☆ परसाई को जानने के ख़तरे ☆ – डॉ कुन्दन सिंह परिहार ☆>> – http://bit.ly/2ZirWGe
  14. हिन्दी साहित्य – परसाई स्मृति अंक – आलेख ☆ वर्तमान परिदृश्य में परसाई की प्रासंगिकता ☆ – सुश्री अलका अग्रवाल सिग्तिया ☆>> http://bit.ly/2Ze7I0f
  15. हिन्दी साहित्य – परसाई स्मृति अंक – आलेख ☆ युग पुरुष परसाई ☆ – श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆>> – http://bit.ly/30kAqK2
  16. हिन्दी साहित्य – परसाई स्मृति अंक – संस्मरण ☆ परसाई का गाँव ☆ – श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆>> – http://bit.ly/2ZirFDc
  17. हिन्दी साहित्य – परसाई स्मृति अंक – आलेख ☆ कबीर के ध्वज वाहक हरिशंकर परसाई ☆ – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ☆>>http://bit.ly/30pl5rD
  18. हिन्दी साहित्य – परसाई स्मृति अंक – नाटक ☆ सदाचार का तावीज ☆ – श्री वसंत काशीकर ☆ –>>http://bit.ly/30pmgYa

 

 

 

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सूचना – वर्जिन साहित्यपीठ: लघुकथा मंजूषा – 4 हेतु लघुकथाएं आमंत्रित

वर्जिन साहित्यपीठ: लघुकथा मंजूषा – 4 हेतु लघुकथाएं आमंत्रित

 

(पुस्तक पेपरबैक और ईबुक, दोनों रूपों में प्रकाशित की जाएगी।)

रॉयल्टी: 50% लेखकगण + 30% संपादन मंडल + 20% साहित्यपीठ (पहली 10 प्रति की बिक्री साहित्यपीठ के पास रहेगी)। रॉयल्टी 11वीं प्रति की बिक्री से प्रारंभ होगी।

पारदर्शिता हेतु गूगल, पोथी और अमेज़न की सेल रिपोर्ट यहीं प्रति माह के प्रथम सप्ताह में शेयर की जाएगी।

नमस्कार मित्रों। सार्थक लेखन हेतु सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।

लघुकथा मंजूषा  – 1, 2 एवं 3 की सफलता के पश्चात वर्जिन साहित्यपीठ लघुकथाकारों  से लघुकथा मंजूषा – 4 हेतु लघुकथाएं आमंत्रित करता है। आप अपनी प्रकाशित/अप्रकाशित 2 बेहतरीन लघुकथाएं [email protected] पर भेज दें।  सब्जेक्ट में “लघुकथा मंजूषा – 4, 2019 हेतु” अवश्य लिखें।

प्लेटफॉर्म: ईबुक अमेज़न, गूगल प्ले स्टोर, और गूगल बुक्स के साथ सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी में उपलब्ध होगी जबकि पेपरबैक पोथी की वेबसाइट से अथवा हमसे मँगवा सकेंगे।

समय सीमा: लघुकथाएं भेजने की अंतिम तिथि है – 15 अगस्त, 2019।  31 अगस्त, 2019 तक संकलन प्रकाशित कर दिया जाएगा।

पाण्डुलिपि भेजने से पूर्व निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर अवश्य ध्यान दें:

  • लघुकथाएं मंगल/यूनिकोड फॉण्ट में भेजें
  • साथ में फोटो और संक्षिप्त परिचय भी अवश्य भेजें
  • भेजने से पूर्व अशुद्धि अवश्य जाँच लें। अधिक अशुद्धियाँ होने पर रचना अस्वीकृत की जा सकती है।
  • ईमेल में इसकी उद्घोषणा करें कि उनकी रचना मौलिक है और किसी भी तरह के कॉपीराइट विवाद के लिए वे जिम्मेवार होंगे।

सूची: चयनित लघुकथाकारों की सूची और अन्य सभी अपडेट 20 अगस्त को साहित्यपीठ के फेसबुक ग्रुप और पेज पर जारी की जाएगी। अतः पेज को फॉलो करें और ग्रुप जॉइन करें।

किसी भी तरह की जिज्ञासा अथवा शंका समाधान हेतु 9971275250 पर सम्पर्क करें।

धन्यवाद

वर्जिन साहित्यपीठ

9971275250

 

(टीप : www.e-abhivyakti.com  में  प्रकाशित उपरोक्त  सूचना  कोई  विज्ञापन नहीं  है। अपितु,  आपको एक  जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास है।)

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सूचनाएँ/Information – डायनामिक संवाद टी वी यूट्यूब चैनल) के लोगो  की लांचिंग

☆ सूचना ☆ 

 

 ☆ ✒ डायनामिक संवाद टी वी(यूट्यूब चैनल) के लोगो  की लांचिंग ✒ ☆

 

आज  दिनांक 7 जुलाई 2019 को जबलपुर शहर की साहित्यिक ,सामाजिक चेतना का  सूत्रपात  करने डायनामिक संवाद टी वी के लोगो की  लांचिग सुप्रसिद्ध साहित्य शिरोमणी  डॉ राजकुमार तिवारी  सुमित्र, जी के द्वारा  शरद चन्द्र  उपाध्याय , पंकज स्वामी,डॉ अरुण  दवे ,डॉ ललित पाण्डेय    वरिष्ठ पत्रकार राकेश मिश्र ,डॉ प्रवीण मिश्र ,राकेश श्रीवास,,राजेन्द्र तिवारी , आराध्या तिवारी प्रियम, मेहेर  प्रकाश उपाध्याय,व् अन्य गणमान्य अतिथियों की  उपस्थिति में आज सुपर मार्किट कॉफ़ी हाउस,जबलपुर  में  सम्पन्न हुई।
संस्काधानी नाम से  सुशोभित गोंड राजाओं की सशक्त कर्मभूमि के साहित्य,संगीत, संस्कृति  के क्षेत्र में  विश्वपटल पर अपने हस्ताक्षर से शहर जबलपुर की कीर्ति गाथा लिखने वाले  उदीयमान साधकों व् साहित्य शिल्पियों की  महिमा को सुनहरे चित्रपट पर उकेरने के उद्देश्य से एवम् विभिन्न समस्याओं को उनके  समाधान तक पहुचाने हेतु   इस  यूट्यूब चैनल को प्रस्तुत किया   जा रहा है।
इस अवसर पर चैनल डायरेक्टर डॉ हर्ष तिवारी जी द्वारा चैनल के  मालिक सुमित्र जी का आभार व्यक्त किया गया।
*डायनामिक संवाद टी वी अब शीघ्र ही जबलपुर से*
संस्कारों के शहर,
रानी दुर्गावती के बलिदानी नगर,
साहित्य, धर्म व पुरातत्व स्थली,
ओशो, महर्षि महेश और परसाई की कर्मभूमि,
समग्र साहित्यिक गतिविधियों व साहित्यकारों के सृजन को जन जन तक पहुँचाने
एवं
जबलपुर के सरोकारों को
हर दृष्टि से आपके समक्ष प्रस्तुत करने,
हर वर्ग, हर विषय, हर समस्याओं की आवाज उठाने,
हर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने अपने शहर में
 हमारे अपने ही ला रहे हैं बेहद प्रभावी और अत्याधुनिक तकनीक से युक्त
 “डायनामिक संवाद टी वी”
 जो जबलपुर को
नई पहचान दिलाएगा।
बस कुछ ही दिनों में आपकी पहुँच में होगा।
– डॉ विजय तिवारी ‘किसलय’
(आज डायनामिक संवाद टी वी ने मेरी कुछ कविताएँ रिकॉर्ड की, जिन्हें भी आप जल्दी ही देख पाएँगे)

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योग-साधना – LifeSkills/जीवन कौशल –Shri Jagat Singh Bisht & Smt Radhika Bisht

 

 

Nourish your body, mind and soul with yoga, laughter, meditation, modern science and ancient wisdom to experience lasting happiness and well-being.

 

 

 

With years of deep research and practical sessions, we have developed a unique and complete programme for health, happiness and harmony of the body, mind and spirit. It transforms the entire experience of life by taking care of all the relevant dimensions – physiological, psychological and spiritual.

Founders  – Shri Jagat Singh Bisht and Smt Radhika Bisht, LifeSkills, Indore

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