सूचना/Information ☆ ‘राष्ट्रीय अंगदान दिवस’ के अवसर पर अंगदान जागरूकता कार्यक्रम ☆ साभार – श्री सुनील देशपांडे ☆

☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ दि फेडरेशन ऑफ ऑर्गन एंड बॉडी डोनेशन और ज्युपिटर हॉस्पिटल ☆

☆ ‘राष्ट्रीय अंगदान दिवस’ के अवसर पर अंगदान जागरूकता कार्यक्रम ☆ साभार – श्री सुनील देशपांडे ☆

श्री सुनील देशपांडे

दि फेडरेशन ऑफ ऑर्गन एंड बॉडी डोनेशन और ज्युपिटर हॉस्पिटल ने संयुक्त रूप से 3 अगस्त 2024 को ‘राष्ट्रीय अंगदान दिवस’ के अवसर पर एक अंगदान जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया है।  इस मौके पर हम एक और कार्यक्रम इसमें शामिल कर रहे हैं।

इस कार्यक्रम में हम, संस्था के उपाध्यक्ष श्री सुनील देशपांडे के हिंदी चारलाइना का संग्रह – ‘अंगदान की चार लाइना’

इस  ई-बुक का विमोचन कर रहे हैं।  इसी कार्यक्रम में हम श्री सुनील देशपांडे द्वारा रचित‘अंगदान की गूंज’

 यह हिंदी गानों का एक संग्रह (एल्बम) जारी कर रहे हैं।

इस संग्रह के गाने डॉ भक्ति दातार द्वारा गाये है और इसका संगीत नियोजन डॉ. समीर दातार द्वारा किया गया है।

इसी के साथ ज्युपिटर हॉस्पिटल की तरफसे अंगदान प्रबोधन हेतू विशेष पोस्टर का विमोचन हो रहा है।

हम इस खूबसूरत आयोजन में आप जैसे लोगों की सुखद उपस्थिति की आशा करते हैं।  हमारा विनम्र अनुरोध है कि आप हमारा निमंत्रण स्वीकार करें और पधारें।

आपके अपने,

दि फेडरेशन ऑफ ऑर्गन एंड बॉडी डोनेशन के सभी पदाधिकारी एवं सहयोगी
श्री सुनील देशपांडे  – उपाध्यक्ष – +91 9657709640
श्री श्रीकांत कुलकर्णी – सचिव – +91 9422089052
श्री प्रशांत पगनिस  – संयुक्त सचित – +91 8530085054

साभार  – श्री सुनील देशपांडे 

पुणे , मो – 9657709640 ईमेल : [email protected]

https://www.organdonation.net.in या  ईमेल करें : [email protected]

संपादक – हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ गुरुत्वाकर्षण ही गुरु की पहचान ☆ साभार – प्रो.शरद नारायण खरे ☆

☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

गुरुत्वाकर्षण ही गुरु की पहचान ☆ साभार – प्रो.शरद नारायण खरे ☆

मंडला- शासकीय ज.मु.चौधरी महिला महाविद्यालय में गुरु-वंदना उत्सव उत्साह,उल्लास व श्रद्धा के साथ प्राचार्य प्रो.शरद नारायण खरे के मार्गदर्शन व डॉ अंजली पंड्या के संयोजन-संचालन में मनाया गया। विशेष आमंत्रित स्वामी सच्चिदानंद जी महाराज,महंतसूर्य मंदिर,नावघाट की दिव्य उपस्थिति नें मनाया गया।रोटरी क्लब की पदाधिकारी गीता काल्पीवार  विशेष आमंत्रित रहीं।

सरस्वती पूजन,स्वागत गीत के बाद डीके रोहितास ने गुरु की महत्ता को सांस्कृतिक मूल्यों के साथ चित्रित किया।डॉ अंजली पंड्या ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।डॉ प्रदीप सोनी ने जीवन-निर्माण में गुरुओं की भूमिका पर प्रकाश डाला।

विस्तृत व्याख्यान देते हुए प्राचार्य प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे ने वैदिक आख्यानों के माध्यम से कहा कि गुरु वह है जो गुरुत्वाकर्षण से परिपूर्ण होता है,तथा जो शिष्य को अँधेरे से प्रकाश की ओर ले जाता है।उन्होंने भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को सुरक्षित रखकर शिष्यों को आध्यात्मिक ज्ञान देकर उनके जीवन को तेजत्व प्रदान करने में संत, महात्माओं, आचार्यों व गुरुओं की भूमिका को दृष्टांतों सहित व्याख्यायित किया।उन्होंने सिकंदर के गुरु अरस्तु, चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु चाणक्य व शिवाजी के गुरु समर्थ रामदास के संदर्भ भी प्रस्तुत किए। गुरु-वंदना में गीत गाये गए।इस अवसर पर छात्राओं ने उत्साहपूर्वक अपने गुरु  इतिहास के प्राध्यापक व महाविद्यालय के वर्तमान‌ प्राचार्य प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे का भी स्वागत -सम्मान किया।

पधारी हुईं विभूतियों को बुके,अंगवस्त्रम् व श्रीफल से सम्मानित किया गया।आचार्य व महंत स्वामी सच्चिदानंद महाराज जी ने आत्मा की पवित्रता, सदाचरण व सत्कर्मों की बात कहकर गुरुओं की गरिमा को परिभाषित किया तथा मोक्ष तक ले जाने में गुरु की श्रेष्ठता को प्रभावशाली शैली में वर्णित किया। समाजसेवी गीता काल्पीवार ने गुरु पूर्णिमा की पवित्रता को आत्मसात करने का संदेश दिया ।

डॉ अंजुसिंह ने आभार प्रदर्शन किया।डॉ एसपी धूमकेती,मंजु श्रीवास,सावित्री उरैती,राशि तिवारी, अनिल वाजपेयी,जयप्रकाश वाजपेयी,शैलेंद्र तिवारी, रामेश्वर यादव सहित छात्राओं की व्यापक उपस्थिति रही।अत्यंत उल्लासपूर्वक गुरु पूर्णिमा समारोह मनाया गया।

साभार – प्रो.शरद नारायण खरे

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ भावनाओं के आकाश में बाल विदुषी – ‘आराध्या तिवारी’ ☆ प्रस्तुती – श्री हेमन्त बावनकर ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ भावनाओं के आकाश में बाल विदुषी – ‘आराध्या तिवारी’ ☆ प्रस्तुती – श्री हेमन्त बावनकर ☆

यदि उच्च संस्कृति और संस्कार का सानिध्य भी जुड़ जाए तो निश्चित ही नई प्रतिभा रोशनी बनकर संभावनाओं के आकाश में झिलमिलाने लगती है। आज हम ऐसी ही अद्भुत प्रतिभा की धनी बाल विदुषी यानि आराध्या तिवारी की बात कर रहे हैं। स्मॉल वंडर सीनियर सेकेंडरी स्कूल की एक सचमुच की स्मॉल वंडर कक्षा पांचवी की छात्रा आराध्या तिवारी ने बेहद कम उम्र में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं और यह सिलसिला अभी भी बदस्तूर जारी है। बाल भवन, मध्यप्रदेश सरकार, जबलपुर के माध्यम से संगीत का विधिवत प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। जिसके संचालक श्री गिरीश बिल्लौरे जी हैं। भातखंडे संगीत महाविद्यालय में नृत्य का भी प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। स्वयं के चैनल “प्रियम प्रियम और सिर्फ प्रियम” का संचालन तो करती ही हैं साथ में जबलपुर के विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों में कविता पाठ करती आई हैं। फिजिकल एक्टिविटी के प्रति भी आराध्या का बड़ा रुझान है। वे नित्य योग, स्केटिंग का अभ्यास करती हैं। खेलों में निरंतर सक्रिय रहते हुए आराध्या ने राइफल शूटिंग, सिललिंग शॉट एवं कराटे की विभिन्न प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक एवम अनेक प्रमाण पत्र नन्ही सी उम्र में प्राप्त किए हैं। बात कविता, कहानी, या गीत लेखन में रुचि की हो तो ये संस्कार उनको अपने दादा तथा ख्यातिलब्ध वरिष्ठ कवि, गीतकार, साहित्यकार, लेखक, पत्रकार एवं मेरे गुरु डॉ. श्री राजकुमार तिवारी सुमित्र जी से विरासत में मिले हैं। डॉ. सुमित्र जी की परंपरा को निभाते हुए आराध्या कविता, गीत कहानी लेखन में भी धीरे-धीरे पारंगत हो रही हैं।

एक साक्षात्कार पोती के प्रश्न और दादा के उत्तर

संस्कारधानी जबलपुर मध्यप्रदेश की बाल पत्रकार आराध्या तिवारी प्रियम ने अपने दादा प्रख्यात साहित्यकार डॉ राजकुमार तिवारी सुमित्र से लिया साक्षात्कार आइए देखें आराध्या के प्रश्न और दादा के उत्तर क्या स्वप्न उन्होंने बचपन में देखा था क्या वे वैसा बन पाए डॉक्टर सुमित्र ने… बाल पत्रकार आराध्या के प्रश्नों के उत्तर दिये एक अनोखा और अद्भुत इंटरव्यू

प्रतिभाशाली आराध्या तिवारी प्रियम की कुछ विशेष उपलब्धियाँ –

  • रिकॉर्ड होल्डर्स रिपब्लिक इंडिया (RHR) द्वारा सर्टिफिकेट ऑफ एक्ससिलैंस से सम्मानित।
  • देश के पहले साहित्यक चैनल डायनामिक संवाद टी वी में 2018 से निरंतर एंकरिंग कर सराहना व सुर्खियां बटोर रही हैं।
  • कोरोना काल में कोरोना सहायतार्थ निगम प्रशासन को अपनी गुल्लक से 5000 रुपए प्रदान किये।
  • विवेचना रंग मंडल के थिएटर वर्कशॉप में सहभागिता निभाई और प्रख्यात नृत्य निर्देशिका डॉ. उपासना उपाध्याय की लघु फिल्म जो कि सुप्रसिद्ध कवयित्री स्व. सुभद्रा कुमारी चौहान जी की कविता पर निर्देशित लघु फ़िल्म में सराहनीय अभिनय किया।

  • आपका यूट्यूब पर अपना चैनल है “प्रियम प्रियम और सिर्फ प्रियम” जिसकी दर्शक संख्या लगातार बढ़ रही है। 
  • जबलपुर नगर निगम के स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में सबसे कम उम्र की ब्रांड एंबेसडर चुना गया है।

  • बहुत छोटी सी उम्र से ही कराटे, योग शिक्षा, स्केटिंग राइफल, शूटिंग, सीलिंग शॉट में अपना हुनर बखूबी दिखाया है और बहुत सारे मेडल और शील्ड अपने नन्हे हाथों से हासिल किए हैं।
  • बाल भवन जबलपुर से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा डॉ. शिप्रा सुल्लेरे से प्राप्त कर रही हैं।
  • इंटरनेशनल बुक ऑफ़ रिकार्ड्स प्रमाण पत्र से सम्मानित।
  • बाल पत्रकार के रूप में आपको जिला प्रशासन द्वारा भी प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।
  • साहित्यिक संस्था वर्तिका द्वारा भी आपको श्रेष्ठ एंकरिंग के लिए भी सम्मानित किया गया है।
  • जबलपुर के लोकप्रिय सांसद राकेश सिंह जी का साक्षात्कार लिया है, जो सोशल मीडिया पर बहुत चर्चित रहा है। इसके साथ ही अनेक राजनीतिक एवं साहित्यिक व्यक्तित्व का साक्षात्कार भी लिया है। https://www.facebook.com/share/v/QSRLGDz7zeSCd9xm/

आराध्या अपनी समस्त उपलब्धियों का श्रेय अपने स्व. दादा जी दादी जी, माता पिता, स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाओं, स्कूल प्रबंधन को देती हैं। आराध्या का मानना है कि घर के बाद मेरी पहली पाठशाला स्कूल है जहां से मैं अपने गुरुजनों से निरंतर सीख रही हूं। जहां मुझे जीवन में कुछ बड़ा करने का संकल्प भी प्राप्त हुआ है और निरंतर शक्ति भी।

वर्तमान में आराध्या तिवारी संस्कारधानी के छोटे-छोटे बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। आराध्या तिवारी का स्वप्न है कि वह भी बड़े होकर अपने दादा की तरह एक कामयाब लेखक और पत्रकार बने।  संस्कारधानी जबलपुर में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। ज्ञान-मनीषी ओशो से लेकर व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई और बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी की रचयिता सुभद्रा कुमारी चौहान की कर्मभूमि हमेशा से प्रेरणा का स्रोत रही है। जबलपुर शहर की हवा में संस्कार गुंजित होते रहते हैं। इन्ही संस्कारों की नन्ही कोंपल अब आराध्या तिवारी के रूप में सुरभित हो रही है। और शहर की साहित्यिक परंपरा को ध्वजा  को आगे बढ़ा रही हैं। 

ई-अभिव्यक्ति परिवार के सदस्य आराध्या के उज्ज्वल भविष्य के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।

प्रस्तुती – श्री हेमन्त बावनकर, सम्पादक ई-अभिव्यक्ति, पुणे

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ Poem of Capt. Pravin Raghuvanshi is to be recited in the BYRON 200 Poetry event at Nottingham, U K ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ Capt. Pravin Raghuvanshi, NM ☆

💐 Poem of Capt. Pravin Raghuvanshi is to be recited in the BYRON 200 Poetry event at Nottingham, U K 💐

☆ Bicentennary Celebration of Lord Byron – BYRON 200 Poetry Event by Kavyrang ☆ 

It is with great pride and pleasure, We would like to inform that poem लावण्यपूर्ण रात्रि अभिसारिका (Lavanya poorn Ratri Abhisarika) of Capt. Pravin Raghuvanshi has been chosen to be recited in the BYRON 200 Poetry Event, which is being organised by Kavya Rang with NAAC as a part of Multilingual Poetry Event to commemorate the Bicentennary Celebrations of Lord Byron in Nottingham, England. This poem is based on Lord Byron’s legendary poem She Walks in Beauty.

Byron 200 is a varied programme of exhibitions, events and activities that celebrate the sensational life and legacy of Lord Byron through the year, focussed at Newstead Abbey, his inspirational home.

Date: Saturday 27th July 2024, 1pm-4pm

Venue: Newstead Abbey, Nottingham, U K

इस सन्दर्भ में हम आपसे एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा करना चाहेंगे। डॉ विजय कुमार मल्होत्रा जी (पूर्व निदेशक (राजभाषा), रेल मंत्रालय,भारत सरकार) को इसी जून  2023 में  यूनाइटेड किंगडम  के प्रसिद्ध शहर  नॉटिंघम  जाने का अवसर मिला। प्रवास के दौरान उन्हें हिन्दी कवयित्री और काव्यरंग की अध्यक्षा श्रीमति जय वर्मा जी ने अंग्रेज़ी के प्रसिद्ध कवि लॉर्ड बायरन की विरासत से भी परिचित कराया. रॉबिनहुड और लॉर्ड बायरन के नाम से प्रसिद्ध इस शहर में महात्मा गाँधी भी कुछ समय तक रुके थे. जहाँ बायरन ने  Don Juan जैसी कविताएँ लिखीं, वहीं  She Walks in Beauty जैसी प्रेम और प्रकृति की मिली-जुली कल्पनाओं पर आधारित कविताएँ भी लिखीं.

डॉ विजय कुमार मल्होत्रा जी के ही शब्दों में “कालजयी रचनाओँ को हिंदी-अंग्रेज़ी में अनूदित करने का बीड़ा उठाने वाले मेरे मित्र कैप्टन प्रवीण रघुवंशी ने “चलती-फिरती सौंदर्य प्रतिमा” शीर्षक से इसका हिंदी में अनुवाद भी कर दिया. मैंने पावर-पॉइंट (PPT) के माध्यम से दी गई अपनी प्रस्तुति में इस कविता को मूल अंग्रेज़ी के साथ-साथ हिंदी में भी प्रतिभागियों को सुनाया. सभी ने इसके हिंदी अनुवाद की भूरि-भूरि प्रशंसा की.”

 

यह अनुवाद इंग्लैंड में हिन्दी प्रोफेसरों को बहुत पसंद आया था। उन्होने कई देशों में इसका अपने भाषणों में उपयोग भी किया है जिसका सबसे सहृदय प्रतिसाद प्राप्त हुआ।

 

आइए…हम लोग भी इस कविता का मूल अंग्रेज़ी के साथ-साथ हिंदी में भी रसास्वादन करें और अपनी प्रतिक्रियाओं से इसके हिंदी अनुवादक कैप्टन प्रवीण रघुवंशी  को परिचित कराएँ.   

Original English Poem By Lord Byron

☆ She Walks in Beauty 

She walks in beauty, like the night

Of cloudless climes and starry skies;

And all that’s best of dark and bright

Meet in her aspect and her eyes;

Thus mellowed to that tender light

Which heaven to gaudy day denies.

 

One shade the more, one ray the less,

Had half impaired the nameless grace

Which waves in every raven tress,

Or softly lightens o’er her face;

Where thoughts serenely sweet express,

How pure, how dear their dwelling-place.

 

And on that cheek, and o’er that brow,

So soft, so calm, yet eloquent,

The smiles that win, the tints that glow,

But tell of days in goodness spent,

A mind at peace with all below,

A heart whose love is innocent!

 – Lord Byron

 

लार्ड बायरन की मूल कविता का कैप्टन प्रवीण रघुवंशी जी द्वारा हिंदी अनुवाद  

☆ लावण्यपूर्ण रात्रि-अभिसारिका ☆

अप्सरा की भाँति, वो  सौन्दर्य-प्रतिमा,

बादलों से विहीन, तारों भरी रात्रि में

अतिशय प्रकाश की अप्रतिम छटा लिये

वो निरंतर चहलकदमी करती रही…

 

आकर्षक डील-डौल, मृगनयनी चक्षु

भीनी-भीनी चाँदनी में पिघलता यौवन

ऐसी लावण्यपूर्ण वो दिव्य अनामिका

वो रमनीय सौन्दर्य जो कदापि 

ईश्वर प्रदत्त भी संभव नहीं,

 

एक स्वर्गिक रंगीन छटा लिए,

लहराती स्याह वेणियां से युक्त

अर्ध-प्रच्छादित मुखाकृति को

और भी निखारती हुई…

अभिलाषा की वो परम उत्कटेच्छा…

 

जहाँ विचार मात्र ही मधु-सुधा टपकाते…

कितना पवित्र, कितना प्यारा उसका संश्रय…!

दैवीय कपोलों, के मध्यास्थित,

उन वक्र भृकुटियों  में वो इतनी निर्मल, शांत,

फिर भी नितांत चंचल एक विजयी मुस्कान लिए!

 

वो दैदीप्यमान आभा,

सौम्यता में व्यतीत क्षणों को

अभिव्यक्त करते हुए

एक शांतचित्त मन

एक निष्कपट प्रेम परितृप्त

वो कोमल हृदय धारिणी नवयौवना…!

–  कैप्टन प्रवीण रघुवंशी, पुणे

💐 The e-abhivyakti family congratulates Capt. Pravin Raghuvanshi ji for this great achievement. 💐

≈ Editor – Shri Hemant Bawankar/Editor (English) – Captain Pravin Raghuvanshi, NM ≈

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सूचना/Information ☆ संपादकीय निवेदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

💐 संपादकीय निवेदन 💐

ई अभिव्यक्ती ग्रुपमधील सर्वांनी कृपया नोंद घ्यावी ——आपले संपादक श्री.सुहास पंडित हे पुढील काही दिवस या ग्रुपसाठी उपलब्ध असणार नाहीत. त्यामुळे “ कवितेचा उत्सव ( कविता ),” “ काव्यानंद ‘ (रसग्रहण ) “ आणि “ विविधा “ या सदरांसाठीचे साहित्य पुढील सूचना येईपर्यंत श्री. पंडित यांच्याकडे न पाठवता मंजुषा मुळे यांच्याकडे पाठवावे. तसेच याआधी श्री पंडित यांना पाठवलेले पण अजून प्रकाशित न झालेले साहित्यही पुन्हा एकदा मंजुषा मुळे यांच्याकडे पाठवावे. म्हणजे ते प्रकाशित केले जाईल. या तात्पुरत्या बदलासाठी सर्वांचे सहकार्य अपेक्षित आहे.

सौ मंजुषा मुळे – मो. नं. ९८२२८४६७६२.

 संपादक मंडळ

ई-अभिव्यक्ती (मराठी)

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनाएँ/Information ☆ ‘बच्चों का देश’ राष्ट्रीय बाल पत्रिका की रजत जयंती पर राजसमंद में 16 से 18 अगस्त 2024 तक ‘राष्ट्रीय बाल साहित्य समागम’ ☆ साभार – श्रीओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ ☆

☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

‘बच्चों का देश’ राष्ट्रीय बाल पत्रिका की रजत जयंती पर राजसमंद में 16 से 18 अगस्त 2024 तक ‘राष्ट्रीय बाल साहित्य समागम’ ☆

देश भर से जुटेंगे लगभग 100 बाल साहित्य रचनाकार

रतनगढ़ (निप्र)। राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित मासिक बाल पत्रिका ‘बच्चों का देश’ का रजत जयन्ती समारोह 16 से 18 अगस्त 2024 तक अंतरराष्ट्रीय संस्थान अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी (अणुविभा) के राजसमंद (राजस्थान) स्थित मुख्यालय ‘चिल्ड्रन‘स पीस पैलेस’ में मनाया जायेगा। उल्लेखनीय है कि अणुविभा द्वारा प्रकाशित नई पीढ़ी के नव-निर्माण को समर्पित इस बाल पत्रिका को देशभर में प्रतिष्ठा प्राप्त है और 25 राज्यों में इसका पाठक वर्ग फैला है। देश की महान विभूतियों ने इसकी मुक्त कंठ से प्रशंसा की है और एक जागरूक, जिम्मेदार और मानवीय मूल्यों को समर्पित श्रेष्ठ व्यक्तित्व के निर्माण में इसकी रचनात्मक भूमिका को रेखांकित किया है।

अणुविभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अविनाश नाहर ने बताया कि संयुक्त राष्ट्रसंघ के वैश्विक संवाद विभाग से सम्बद्ध अणुविभा गत 75 वर्षों से संचालित अणुव्रत आंदोलन की केंद्रीय संस्था है जिसके अंतर्गत भारत में 200 केंद्र संचालित हैं और इसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 5000 संस्थाओं व शांतिकर्मियों से नेटवर्क है। नई पीढ़ी के संस्कार निर्माण की दृष्टि से यह संस्था ‘बच्चों का देश’ के साथ ही जीवन-विज्ञान, बालोदय कार्यक्रम, अणुव्रत क्रिएटिविटी कॉन्टेस्ट, नशामुक्ति अभियान – एलिवेट, डिजिटल डेटॉक्स अभियान, पर्यावरण जागरूकता अभियान जैसे रचनात्मक प्रकल्प संचालित करती है।

अणुविभा के पूर्व अध्यक्ष‘बच्चों का देश‘ के सम्पादक श्री संचय जैन ने बताया कि पत्रिका की रजत जयन्ती के अवसर पर आयोजित हो रहे ‘राष्ट्रीय बाल साहित्य समागम‘ में 15 राज्यों के लगभग 100 बाल साहित्य रचनाकार भाग लेंगे। इस तीन दिवसीय आयोजन में बाल साहित्य विषयक सात सत्र एवं समूह चर्चाएँ आयोजित होंगी जिनमें बाल पत्रिका : भविष्य की अपेक्षायें और समाधान, एक सफल बाल साहित्य रचनाकार होने के मायने, राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में हिन्दी बाल साहित्य की दशा और दिशा, आदर्श व्यक्तित्व निर्माण में बाल साहित्य का योगदान, बाल साहित्य का पठन-पाठन : समाज व परिवार का दायित्व, बाल साहित्य रचनाधर्मिता : चुनौतियाँ और समाधान जैसे विषयों पर राष्ट्रीय प्रतिष्ठा प्राप्त साहित्यकार अपने विचार व्यक्त करेंगे।

रजत जयन्ती समारोह के अन्तर्गत एक नवाचार किया जा रहा है जिसमें देशभर से समागत बाल साहित्य रचनाकार 17 अगस्त को राजसमन्द क्षेत्र की 25 से अधिक अलग-अलग स्कूलों में जाएँगे और बच्चों के सीधा संवाद करेंगे। यह संवाद जहाँ कहानी, कविता, नाटिका, गीत आदि विविध विधाओं में साहित्य लेखन की बारीकियों से बच्चों को परिचित कराएगा वहीं साहित्यकार बच्चों की भावनाओं व अपेक्षाओं को जान पाएँगे। अपनी तरह का यह एक अनूठा प्रयोग होगा जिसमें पांच हजार से अधिक बच्चों की सहभागिता होगी।

‘बच्चों का देश’ में नियमित लिखने वाले वरिष्ठ साहित्यकार श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ ने बताया कि ‘राष्ट्रीय बाल साहित्य समागम‘ के आयोजन स्थल ‘चिल्ड्रन‘स पीस पैलेस’ का अपना विशेष महत्व है क्योंकि प्रसिद्ध राजसमंद झील के किनारे पहाड़ी पर विकसित यह कलात्मक भवन बच्चों के सर्वांगीण विकास को समर्पित एक अनूठा केंद्र है जहाँ प्रतिमाह आयोजित होने वाले आवासीय बालोदय शिविरों में बच्चे जीवन निर्माण की वह दिशा प्राप्त करते हैं जो सामान्यतः परिवार या विद्यालयों में भी संभव नहीं हो पाती है। यहाँ विकसित 25 से अधिक बालोदय दीर्घाएँ व कक्ष तथा यहाँ उपलब्ध संसाधन विभिन्न मानवीय मूल्यों से बच्चों को जोड़ते हैं और यहाँ संचालित बाल विज्ञान आधारित प्रवृत्तियाँ बच्चों को स्व से परिचित करा एक सफल जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त करती हैं।

रजत जयंती के इस अवसर पर ‘बच्चों का देश’ का रजत जयन्ती विशेषांक भी प्रकाशित किया जाएगा जिसमें पिछले 25 वर्षों में प्रकाशित चयनित रचनाओं के साथ ही इस गौरवशाली यात्रा की झलकियाँ भी सम्मिलित होंगी। उल्लेखनीय है कि बाल मनोविज्ञान की कसौटी पर कसी श्रेष्ठ रचनाओं और बहुरंगी चित्रों के साथ प्रकाशित यह पत्रिका बच्चों के मन पर गहरा प्रभाव छोड़ती है। यह एक गैर-व्यावसायिक सेवा-प्रकल्प है जिसका प्रारम्भ 1999 में भागीरथी सेवा प्रन्यास के तत्वावधान में जयपुर से हुआ था। देश के विभिन्न भागों से लगभग 400 साहित्यकार इससे जुड़े हैं।

अगस्त में आयोजित हो रहे इस राष्ट्रीय स्तर के आयोजन में रतनगढ़ से श्रीओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ सहभागिता करेंगे। उल्लेखनीय हैं  कि ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ लंबे समय से बाल साहित्य लेखन में संलग्न हैं। आपको मध्य प्रदेश शासन द्वारा श्री हरिकृष्ण देवसरे बालसाहित्य पुरस्कार सहित अनेक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।

साभार – श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’,

14/198, नई आबादी, गार्डन के सामने, सामुदायिक भवन के पीछे, रतनगढ़, जिला- नीमच (मध्य प्रदेश), पिनकोड-458226 मोबाइल नंबर- 8827985775

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – 🙏 निवेदन 🙏 ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🙏निवेदन 🙏

ई-अभिव्यक्ती समुहातील सर्व साहित्यिक  आणि रसिक वाचकांना कळविण्यात येते की, काही तांत्रिक  कारणास्तव, आपल दैनिक अंक २०|०७|२०२४ ते २२|०७|२०२४ असे तीन दिवस  प्रकाशित होऊ शकणार नाही. मंगळवार दि.२३ जुलैपासून अभिव्यक्ती पुन्हा प्रकाशित होईल.

कृपया सर्वांनी नोंद घ्यावी ही विनंती.

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

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≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचना/Information ☆ स्व. शंकरराव कानिटकर हिंदी  विभागीय ग्रंथालय और हिंदी भाषा प्रयोगशाला का उद्घाटन समारोह संपन्न ☆ प्रस्तुति – डॉ प्रेरणा उबाळे ☆

सूचना/Information

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌸 स्व. शंकरराव कानिटकर हिंदी  विभागीय ग्रंथालय और हिंदी भाषा प्रयोगशाला का उद्घाटन समारोह संपन्न 🌸

प्रोग्रेसिव एज्युकेशन सोसायटी के संस्थापक  गुरूवर्य शंकरराव कानिटकर जी की 136 वीं जयंती के अवसर पर हिंदी विभाग, मॉडर्न महाविद्यालय में दो नूतन विभागों का उद्घाटन समारोह संपन्न हुआ। गुरूवर्य शंकरराव कानिटकर जी के नाम से हिंदी विभाग द्वारा  निर्मित स्वतंत्र ग्रंथालय और  हिंदी भाषा प्रयोगशाला का उद्घाटन प्रोग्रेसिव एजुकेशन सोसाइटी की सहकार्यवाह डॉ. ज्योत्स्ना एकबोटे जी के हाथों संपन्न हुआ।

हिंदी विभाग मॉडर्न महाविद्यालय ने हिंदी के विभिन्न प्राध्यापक और लेखकों से लगभग 5000 से अधिक किताबें इकट्ठा की है और उसका एक सुंदर ग्रंथालय तैयार हुआ। इसके अलावा हिंदी भाषा प्रयोगशाला में चार लाख से अधिक डिजिटल किताबों का  संकलन किया गया है। इस भाषा प्रयोगशाला का भी उद्घाटन आज  प्रोग्रेसिव एज्युकेशन सोसायटी की  सहकार्यवाह डॉ. ज्योत्स्ना  एकबोटे के शुभ करकमलों से  संपन्न हुआ।  डॉ. ज्योत्स्ना एकबोटे ने यह बताया कि हिंदी विभाग के लिए ये दो विभाग अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और विद्यार्थियों की हिंदी विषय में रुचि बढ़ाने के लिए यह उपयोगी सिद्ध होंगे। हिंदी के विद्वान लेखक कवि डॉ दामोदर खडसे इस कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि के रूप में मौजूद थे। डॉ. दामोदर खडसे ने कहा कि “हिंदी वैश्विक भाषा है और हिंदी भाषा और साहित्य क्षेत्र में अगणित रोजगार के अवसर आज उपलब्ध हो गए हैं।  इसलिए हिंदी की व्यापकता को समझते हुए उस प्रकार से शिक्षा में भी  बदलाव लाने चाहिए। उस दृष्टि से हिंदी विभाग कार्यरत दिखाई दे रहा है। इसलिए उन्होंने हिंदी विभाग की प्रशंसा की। मंच पर उपस्थित मॉडर्न महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र झुंजारराव जी ने हिंदी  विभाग की महत्वपूर्ण गतिविधियों की  सराहना की और प्रोग्रेसिव एजुकेशन सोसाइटी के सचिव प्रा. शामकांत देशमुख ने हिंदी के नए-नए क्षेत्रों से अवगत कराया और हिंदी विभाग की सक्रियता पर प्रसन्नता व्यक्त की।

उद्घाटन समारोह के पश्चात हिंदी  विभागीय ग्रंथालय को पुस्तकें प्रदान करने वाले  महानुभावों का सम्मान समारोह संपन्न हुआ। प्रभा माथुर, इंदिरा पूनावाला, डॉ रमेश मिलन, डॉ. कांतिदेवी लोधी, उद्धव महाजन, प्रा. रामचंद्र पाटील, अलका अग्रवाल, शरदेंदु शुक्ला, डॉ विठ्ठल भालेराव, स्वरांगी साने जी को गुलदस्ता और सम्मानचिन्ह देकर सम्मानित किया गया। पुणे के इन विद्वान हिंदी लेखक- प्राध्यापकों ने हिंदी विभागीय ग्रंथालय के लिए बड़ी संख्या में अपनी पुस्तक प्रदान की है।

हिंदी विभागप्रमुख डॉ. प्रेरणा उबाळे ने प्रस्तुत कार्यक्रम का संयोजन और संचालन किया। दिसंबर 2021 से हिंदी विभागीय ग्रंथालय और भाषा प्रयोगशाला निर्माण का कार्य आरंभ हुआ था और अब यह कार्य संपन्न होते हुए देखकर हिंदी विभागप्रमुख डॉ. प्रेरणा उबाळे ने कहा कि यह एक स्वप्न पूर्ण होने जैसा है। इस समारोह के आयोजन में हिंदी विभाग के प्रा. विनोद सूर्यवंशी, प्रा. मुमताज पठाण, प्रा. सूरज बिरादार, प्रा. सबीना शेख, प्रा. रेश्मा  कांबळे ने सहायता की।

बहुत ही शानदार तरीके से यह कार्यक्रम  स्वरसम्राज्ञी लता मंगेशकर  सभागृह में संपन्न हुआ।

 साभार – डॉ. प्रेरणा उबाळे

अध्यक्ष, हिंदी विभागाध्यक्षा

संपर्क – मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर,  पुणे ०५ मो – 7028525378 /

ईमेल – [email protected];  [email protected]

 ≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ डॉ कुँवर प्रेमिल सम्मानित  – अभिनंदन ☆ प्रस्तुति – श्री जयप्रकाश पाण्डेय ☆

☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ डॉ कुँवर प्रेमिल सम्मानित  – अभिनंदन ☆ प्रस्तुति – श्री जयप्रकाश पाण्डेय

संस्कारधानी जबलपुर के विजयनगर में अग्रसेन मंडपम में योगाचार्य रमाकांत पलहा जी ने डा कुंवर प्रेमिल जी का सम्मान किया। वहीं प्रेमिल जी ने अब तक प्रकाशित एक दर्जन पुस्तकों में से कुछेक योगा क्लास में वितरित कर यह संदेश दिया कि योगा से तन की शुद्धि होती है वहीं अच्छे साहित्य से मन की। किताबें पढ़ने की कम होती रुचि को बरकरार रखने के लिए साहित्य को अपना सच्चा मित्र बनाएं।

कार्यक्रम के उपरांत ‘जज्बा’ लघुकथा का पाठ कर, लघुकथाओं के प्रति सम्मोहन बनाए रखने के लिए लघुकथा की पुस्तकें भी वितरण की गई।

संदर्भवश डॉ प्रेमिल द्वारा पठित लघुकथा आपके लिए सादर प्रस्तुत है – 

☆ लघुकथा – जज्बा ☆

(16 दिसंबर से पहले)

शहर के पार्क में कुछ महिलाएं, कुछ युवतियां सुबह-सुबह इकट्ठे होकर योगाभ्यास किया करती।

सब कुछ ठीक-ठाक होता पर सिंह आसन में जीभ बाहर निकाल कर हुंकार भरने के प्रयत्न  में कमजोर पड़ जाती। मैं अक्सर सोचता कि सिंह आसन में यह सब शेरनी जैसा दमखम कहां से लाएंगी भला। मुंह से करारी आवाज़ निकलेगी तब ना। महिलाएं पुरुषों जैसा जज्बा कहां से लाएंगी आखिर।

(16 दिसंबर के बाद)

कुछ दिनों बाहर रहने के बाद पुनः शहर लौटा तब तक दिल्ली में निर्भया के साथ वह भीषण वहशी कांड हो चुका था। उस रूह कंपकंपाने  वाली दास्तान से पूरा देश उबल  रहा था। महिलाओं ने एकजुट होकर अपनी ताकत दिखा दी थी।

मैं फिर एक दिन इस पार्क में था। महिलाओं का सिंह आसन चल रहा था। अपनी लंबी जीभ निकाले यह वामा दल शेरनियों में तब्दील हो चुका था। अत्याचारियों को फ़ाड़कर खा जाने वाला जज्बा उन में आ चुका था। मानो, किसी ने इन्हें छेड़ने की हिमाकत की तो यह सब चीर फाड़ कर रख देंगीं। निर्भया के बलिदान ने इन्हें इतना निर्भय तो कर ही दिया था।

– और तब मेरा हाथ इन्हें सलाम करने की मुद्रा में अपने आप ऊपर उठ गया था।

– डा कुंवर प्रेमिल

प्रस्तुति – श्री जय प्रकाश पाण्डेय, जबलपुर

💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से डा कुंवर प्रेमिल  जी को इस विशिष्ट सम्मान के लिए हार्दिक बधाई 💐

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ डॉ कुंदन सिंह परिहार भोपाल में भवभूति अलंकरण से सम्मानित  – अभिनंदन ☆ प्रस्तुति – श्री जयप्रकाश पाण्डेय ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ डॉ कुंदन सिंह परिहार भोपाल में भवभूति अलंकरण से सम्मानित  – अभिनंदन ☆ प्रस्तुति – श्री जयप्रकाश पाण्डेय

मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन के नीलम जयंती समारोह का भव्य आयोजन मायाराम सुरजन भवन, भोपाल में प्रदेश अध्यक्ष श्री पलाश सुरजन जी के  रचनात्मक नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। 

इस अवसर पर साहित्य सम्मेलन का प्रतिष्ठित भवभूति अलंकरण  वर्ष 2024 के लिए सुविख्यात व्यंग्यकार/कथाकार डॉ कुंदन सिंह परिहार, जबलपुर को हिंदी साहित्य सम्मेलन भोपाल के ‘नीलम शब्द उत्सव’ के गरिमामय समारोह में प्रदान किया गया।

कवि, कथाकार, कलाविद श्री प्रयाग शुक्ल, ‘लमही’ के संपादक श्री विजय रायहिंदी साहित्य सम्मेलन  के अध्यक्ष श्री पलाश सुरजन ने डॉ परिहार का सम्मान करते हुए शाल श्रीफल एवं चैक प्रदान किये। उल्लेखनीय है कि इस प्रतिष्ठापूर्ण अलंकार के निर्णायक मंडल में श्री राजेश जोशी, डॉ उर्मिला शिरीष तथा डॉ निरंजन श्रोत्रिय शामिल थे।

देश भर से आए रचनाकारों के बीच ख्यातिलब्ध कवि चिंतक श्री प्रयाग शुक्ल ने अपने उद्बोधन में कहा कि – ‘साहित्य,संस्कृति का यह विराट अनुष्ठान है जिससे जुड़कर हम सब खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।नाम में ही बहुत कुछ रखा है।सम्मेलन के पुरस्कारों के नाम हमारी विरासत के प्रतीक हैं।’ 

डॉ परिहार को भवभूति अलंकरण मिलने की खुशी में माध्यम साहित्यिक संस्था जबलपुर ईकाई के सचिव श्री जय प्रकाश पाण्डेय, कहानी मंच के श्री रमाकांत ताम्रकार, विवेचना के श्री हिमांशु राय, प्रलेस के श्री तरुण गुहा नियोगी के अलावा ‘जबालि व्यंग्यम परिवार‘ एवं संस्कारधानी की अनेक संस्थाओं की ओर से बधाई और शुभकामनाएं।

प्रस्तुति – श्री जय प्रकाश पाण्डेय, जबलपुर

💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से डॉ कुंदन सिंह परिहारजी को इस विशिष्ट सम्मान के लिए हार्दिक बधाई 💐

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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