श्रीमति योगिता चौरसिया ‘प्रेमा’
(साहित्यकार श्रीमति योगिता चौरसिया जी की रचनाएँ प्रतिष्ठित समाचार पत्रों/पत्र पत्रिकाओं में विभिन्न विधाओं में सतत प्रकाशित। कई साझा संकलनों में रचनाएँ प्रकाशित। दोहा संग्रह दोहा कलश प्रकाशित, विविध छंद कलश प्रकाशनाधीन ।राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय मंच / संस्थाओं से 200 से अधिक सम्मानों से सम्मानित। साहित्य के साथ ही समाजसेवा में भी सेवारत। हम समय समय पर आपकी रचनाएँ अपने प्रबुद्ध पाठकों से साझा करते रहेंगे।)
☆ कविता ☆ जल संरक्षण… ☆ श्रीमति योगिता चौरसिया ‘प्रेमा’ ☆
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जल की कीमत सब करें, जल ही जीवन आज ।
बूँद-बूँद संचित जहाँ, हुए पूर्ण सब काज ।।1!!
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जल जीवनदायक सदा, औषधि है गुणखान ।
जल से ही तो कल सजे, पुलकित हृदय सुजान ।।2!!
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एक बूँद अनमोल है, करिए इसका भान ।
जीवन शुभ मंगल बना, करते रोग निदान ।।3 !!
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जीव तृप्ति साँसें अमर, बन संचित अभिज्ञान ।
जल से पृथ्वी पर रहे, हर जीवन सुखमान ।।4!!
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बसुंधरा शृंगार कर, करती जग कल्याण ।
तृप्त सुधा मन का अमृत, जीव जंतु दे त्राण ।।5!!
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चक्र पूर्ण कर जिंदगी, करता नीर निर्वाह ।
श्रम कण बन बरसे श्रमिक, पूरी हो हर चाह ।।6!!
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जल विहीन जग जब रहे, त्राहि-त्राहि हो प्राण ।
बिन जल के होते विकल, क्रंदन छिदते वाण ।।7!!
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जल संरक्षण सब करें, जल बिन हो मृतप्राय ।
इसको दूषित मत करो, खोजें नित्य उपाय ।।8!!
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जल जीवन आधार है, यौवन दे संसार ।
मनुज अमृत बनकर प्रदा, कुंदन सुरभित धार ।।9!!
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स्वच्छ नीर अनिवार्यता, जीव जगत वरदान ।
पाकर इसको संतुष्ट हो, करे रोग अवसान ।।10!!
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© श्रीमति योगिता चौरसिया ‘प्रेमा’
मंडला, मध्यप्रदेश
(दोहा कलश (जिसमें विविध प्रकार के दोहा व विधान है) के लिए मो 8435157848 पर संपर्क कर सकते हैं )
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈