योग-साधना LifeSkills/जीवन कौशल ☆ How to Laugh: Taught by Anupam Kher, Veteran International Actor  – Video #5 ☆ Shri Jagat Singh Bisht

Shri Jagat Singh Bisht

(Master Teacher: Happiness & Well-Being, Laughter Yoga Master Trainer, Author, Blogger, Educator, and Speaker.)

 ☆ How to Laugh: Taught by Anupam Kher, Veteran International Actor  ☆ 

Video Link >>>>

LAUGHTER YOGA: VIDEO #5

In this video, veteran international actor, Anupam Kher, teaches you how to breathe in and laugh. It’s lucid, technically sound and beautifully demonstrated.

Laughing is a valuable life skill that drives all the stress away. We are especially bringing this video for all beginners, laughter lovers/ practitioners/therapists and Laughter Yoga Leaders/ Teachers/ Master Trainers across the globe.Use this technique freely for the benefit of all in laughter therapy and laughter clubs.

We express our deep gratitude to Anupam Kher whom we all admire and adore!

Our Fundamentals:

The Science of Happiness (Positive Psychology), Meditation, Yoga, Spirituality and Laughter Yoga.
We conduct talks, seminars, workshops, retreats, and training.
Email: [email protected]

A Pathway to Authentic Happiness, Well-Being & A Fulfilling Life! We teach skills to lead a healthy, happy and meaningful life.

Please feel free to call/WhatsApp us at +917389938255 or email [email protected] if you wish to attend our program or would like to arrange one at your end.

Jagat Singh Bisht : Founder: LifeSkills

Master Teacher: Happiness & Well-Being; Laughter Yoga Master Trainer
Past: Corporate Trainer with a Fortune 500 company & Laughter Professor at the Laughter Yoga University.
Areas of specialization: Behavioural Science, Positive Psychology, Meditation, Five Tibetans, Yoga Nidra, Spirituality, and Laughter Yoga.

Radhika Bisht ; Founder : LifeSkills  
Yoga Teacher; Laughter Yoga Master Trainer

Please share your Post !

Shares

आध्यात्म/Spiritual – श्रीमद् भगवत गीता – पद्यानुवाद – दशम अध्याय (4-5) प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

श्रीमद् भगवत गीता

हिंदी पद्यानुवाद – प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

दशम अध्याय

( विभूति योग)

 

बुद्धिर्ज्ञानमसम्मोहः क्षमा सत्यं दमः शमः ।

सुखं दुःखं भवोऽभावो भयं चाभयमेव च ।।4।।

 

अहिंसा समता तुष्टिस्तपो दानं यशोऽयशः ।

भवन्ति भावा भूतानां मत्त एव पृथग्विधाः ।।5।।

 

बुद्धि ज्ञान शम दम क्षमा सत्य मोह व्यामोह

सुख दुख भावाभाव भय अभय काम ओै” क्रोध।।4।।

 

तुष्टि तपस्या दान यश अयश अहिंसा साम्य

होते मन में भाव ये मुझसे काम्य अकाम।।5।।

 

भावार्थ :  निश्चय करने की शक्ति, यथार्थ ज्ञान, असम्मूढ़ता, क्षमा, सत्य, इंद्रियों का वश में करना, मन का निग्रह तथा सुख-दुःख, उत्पत्ति-प्रलय और भय-अभय तथा अहिंसा, समता, संतोष तप (स्वधर्म के आचरण से इंद्रियादि को तपाकर शुद्ध करने का नाम तप है), दान, कीर्ति और अपकीर्ति- ऐसे ये प्राणियों के नाना प्रकार के भाव मुझसे ही होते हैं।।4-5।।

 

Intellect, wisdom, non-delusion, forgiveness, truth, self-restraint, calmness, happiness, pain, birth or existence, death or non-existence, fear and also fearlessness.।।4।।

 

Non-injury, equanimity,  contentment,  austerity,  fame,  beneficence,  ill-fame-(these) different kinds of qualities of beings arise from Me alone.।।5।।

 

© प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ 

ए १ ,विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर

[email protected]

Please share your Post !

Shares

योग-साधना LifeSkills/जीवन कौशल – ☆ आइये सीखें – हास्य योग कैसे करें? – Video #4 ☆ – Shri Jagat Singh Bisht

Shri Jagat Singh Bisht

(Master Teacher: Happiness & Well-Being, Laughter Yoga Master Trainer, Author, Blogger, Educator, and Speaker.)

 ☆ आइये सीखें – हास्य योग कैसे करें? ☆ 

Video Link >>>>

LAUGHTER YOGA: VIDEO #4

हास्य-योग करने की शुद्ध विधि इस विडियो में सुन्दर व सरल ढंग से समझायी गयी है. इसे देखकर आप सही ढंग से हास्य-योग करना सीख सकते  हैं और सिखा सकते हैं.

How to do Laughter Yoga? (Tutorial in Hindi)

This video explains in a simple and beautiful manner how to do Laughter Yoga in the correct manner. After watching this video, you can learn and teach the four basic steps of Laughter Yoga.

हास्य-योग करने की शुद्ध विधि इस विडियो में सुन्दर व सरल ढंग से समझायी गयी है. इसे देखकर आप सही ढंग से हास्य-योग करना सीख सकते हैं और सिखा सकते हैं. हास्य-योग के चार चरणों को इस विडियो में समझाया गया है. ये चार चरण हैं:

१. ताली बजाना
२. गहरी सांस
३. बच्चों की तरह मस्ती
४. हास्य व्यायाम

This video explains in a simple and beautiful manner how to do Laughter Yoga in the correct manner. After watching this video, you can learn and teach the four basic steps of Laughter Yoga.

The four steps of Laughter Yoga are:

1. Clapping and chanting
2. Deep breathing
3. Child like playfulness
4. Laughter Exercises

हास्य-योग बिना किसी कारण हंसी और प्राणायाम का मिश्रण है. कोई भी बिना चुटकुलों के, यहाँ सिर्फ हास्य व्यायामों के माध्यम से देर तक लगातार हंस सकते हैं. बच्चों की तरह मस्ती और नज़रें मिलने से हंसी वास्तविक हंसी में परिवर्तित हो जाती है और एक-दूसरे की देखा-देखी सब खुलकर हंसने लगते हैं.

Laughter Yoga is a unique concept of prolonged voluntary laughter created by an Indian physician Dr Madan Kataria in the year 1995 in Mumbai. We begin laughter as an exercise and it soon becomes contagious by eye contact and childlike playfulness.

(This video is excerpted from 2-day Certified Laughter Yoga Leader training conducted in Indore on the 10th and 11th of July 2015 by Radhika Bisht and Jagat Singh Bisht, Certified Laughter Yoga Master Trainers and assisted by Sai Kumar Mudaliar, Certified Laughter Yoga Teacher.)

आभार:
श्री राम किशन जी, मन पसंद पार्क लाफ्टर क्लब, इंदौर
Grateful Thanks:
Shri Ram Kishan ji, Man Pasand Laughter Club, Indore.
For providing us the video clips and permission to use them for the benefit of all.

Our Fundamentals:

The Science of Happiness (Positive Psychology), Meditation, Yoga, Spirituality and Laughter Yoga.
We conduct talks, seminars, workshops, retreats, and training.
Email: [email protected]

A Pathway to Authentic Happiness, Well-Being & A Fulfilling Life! We teach skills to lead a healthy, happy and meaningful life.

Please feel free to call/WhatsApp us at +917389938255 or email [email protected] if you wish to attend our program or would like to arrange one at your end.

Jagat Singh Bisht : Founder: LifeSkills

Master Teacher: Happiness & Well-Being; Laughter Yoga Master Trainer
Past: Corporate Trainer with a Fortune 500 company & Laughter Professor at the Laughter Yoga University.
Areas of specialization: Behavioural Science, Positive Psychology, Meditation, Five Tibetans, Yoga Nidra, Spirituality, and Laughter Yoga.

Radhika Bisht ; Founder : LifeSkills  
Yoga Teacher; Laughter Yoga Master Trainer

Please share your Post !

Shares

आध्यात्म/Spiritual – श्रीमद् भगवत गीता – पद्यानुवाद – दशम अध्याय (3) प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

श्रीमद् भगवत गीता

हिंदी पद्यानुवाद – प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

दशम अध्याय

( विभूति योग)

 

यो मामजमनादिं च वेत्ति लोकमहेश्वरम्‌ ।

असम्मूढः स मर्त्येषु सर्वपापैः प्रमुच्यते ।।3।।

अजर अमर परमात्मा हॅू जिसे मैं देता ज्ञान

वह ज्ञानी संसार में है निष्पाप महान।।3।।

भावार्थ :  जो मुझको अजन्मा अर्थात्‌ वास्तव में जन्मरहित, अनादि (अनादि उसको कहते हैं जो आदि रहित हो एवं सबका कारण हो) और लोकों का महान्‌ ईश्वर तत्त्व से जानता है, वह मनुष्यों में ज्ञानवान्‌ पुरुष संपूर्ण पापों से मुक्त हो जाता है।।3।।

He who knows Me as unborn and beginningless, as the great Lord of the worlds, he, among mortals, is undeluded; he is liberated from all sins. ।।3।।

 

© प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ 

ए १ ,विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर

[email protected]

Please share your Post !

Shares

हिन्दी साहित्य – मनन चिंतन ☆ संजय दृष्टि – साथी हाथ बढ़ाना ☆ श्री संजय भारद्वाज

श्री संजय भारद्वाज 

(श्री संजय भारद्वाज जी – एक गंभीर व्यक्तित्व । जितना गहन अध्ययन उतना ही  गंभीर लेखन।  शब्दशिल्प इतना अद्भुत कि उनका पठन ही शब्दों – वाक्यों का आत्मसात हो जाना है।साहित्य उतना ही गंभीर है जितना उनका चिंतन और उतना ही उनका स्वभाव। संभवतः ये सभी शब्द आपस में संयोग रखते हैं  और जीवन के अनुभव हमारे व्यक्तित्व पर अमिट छाप छोड़ जाते हैं।  हम आपको प्रति रविवार उनके साप्ताहिक स्तम्भ – संजय उवाच शीर्षक  के अंतर्गत उनकी चुनिन्दा रचनाएँ आप तक  पहुँचा रहे हैं। सप्ताह के अन्य दिवसों पर आप उनके मनन चिंतन को  संजय दृष्टि के अंतर्गत पढ़ सकते हैं। ) 

☆ संजय दृष्टि  – साथी हाथ बढ़ाना

( श्री संजय भारद्वाज जी  द्वारा तीन वर्ष पूर्व गणतंत्र दिवस पर लिखी इस पोस्ट को आज साझा कर रहा हूँ। इसका विषय सदैव सामयिक ही रहेगा, ऐसा प्रतीत होता है।
फिर पहला पग तो कभी भी उठाया जा सकता है। )

विगत दिवस गण की रक्षा के लिए  गांदरबल में भारी हिमपात के बीच आतंकियों से जूझते सैनिकों के चित्र  देखे।

चौबीस घंटे पल-पल चौकन्ना सुरक्षातंत्र और उनकी कीमत पर राष्ट्रीय पर्व की छुट्टी मनाता गण अर्थात आप और हम।

विचार उठा क्यों न राष्ट्रीय पर्वो की छुट्टी रद्द कर उन्हें सामूहिक योगदान से जोड़ें!

बुजुर्गों तथा बच्चों को छोड़कर देश की आधी जनसंख्या लगभग पैंसठ करोड़ लोगों के एक सौ तीस करोड़ हाथ एक ही समय एक साथ आएँ तो कायाकल्प हो सकता है।

देश की सामूहिकता केवल डेढ़ घंटे में एक सौ तीस करोड़ पौधे लगा सकती है, लाखों टन कचरा हटा सकती है, कृषकों के साथ मिलकर अन्न उगाने में हाथ बँटा सकती है।

हो तो बहुत कुछ सकता है।’या क्रियावान स पंडितः’..। पूरे मन से साथी साथ आएँ तो ‘असंभव’ से ‘अ’ भी हटाया जा सकता है।

इन पंक्तियों को लिखनेवाला यानी मैं एवं पढ़नेवाले यानी आप, हम अपने स्तर पर ही पहला पग उठा लें तो यह शुभारंभ होगा।

 

©  संजय भारद्वाज, पुणे

26 जनवरी 2017

☆ अध्यक्ष– हिंदी आंदोलन परिवार  सदस्य– हिंदी अध्ययन मंडल, पुणे विश्वविद्यालय  संपादक– हम लोग  पूर्व सदस्य– महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी ☆ ट्रस्टी- जाणीव, ए होम फॉर सीनियर सिटिजन्स 

मोबाइल– 9890122603

[email protected]

Please share your Post !

Shares

योग-साधना LifeSkills/जीवन कौशल – ☆ Learning Video For Laughing Alone – Video #3 ☆ – Shri Jagat Singh Bisht

Shri Jagat Singh Bisht

(Master Teacher: Happiness & Well-Being, Laughter Yoga Master Trainer, Author, Blogger, Educator, and Speaker.)

 ☆ Learning Video For Laughing Alone  ☆ 

Video Link >>>>

LAUGHTER YOGA: VIDEO #3

How to do it all alone for 10 minutes everyday

Laughter is the best medicine. To get all the health benefits of laughter, you need to laugh deep and continuously for 10-20 minutes. How to do that every day when you are all alone? This video is a tutorial for that.

Laughter Yoga is usually done in groups. People find it difficult to practice it on a daily basis by themselves.

Laughter Yoga is a unique concept where anyone can laugh for no reason without relying on humour, jokes or comedy. The concept is based on a scientific fact that the body cannot differentiate between real and fake laughter if done with willingness. One gets the same physiological and psychological benefits.

Dr Madan Kataria, a medical doctor, founded the first Laughter Club with just five members in Mumbai in the year 1995. Today there are thousands of laughter clubs all over the world where laughter is initiated as an exercise in a group but with eye contact and childlike playfulness, it soon turns into real and contagious laughter.

It is called Laughter Yoga because it combines laughter exercises with yoga breathing. This brings more oxygen to the body and the brain which makes one feel more energetic and healthy.

When we laugh, our body generates feel good hormones called endorphins which improve our mood and general outlook. During laughter exercises, all the stale air inside the lungs is expelled and our system gets more oxygen which enhances the immune system. In the long run, the inner spirit of laughter helps you build more caring and sharing social relationships, and laugh even when the going in not good.

Our Fundamentals:

The Science of Happiness (Positive Psychology), Meditation, Yoga, Spirituality and Laughter Yoga.
We conduct talks, seminars, workshops, retreats, and training.
Email: [email protected]

A Pathway to Authentic Happiness, Well-Being & A Fulfilling Life! We teach skills to lead a healthy, happy and meaningful life.

Please feel free to call/WhatsApp us at +917389938255 or email [email protected] if you wish to attend our program or would like to arrange one at your end.

Jagat Singh Bisht : Founder: LifeSkills

Master Teacher: Happiness & Well-Being; Laughter Yoga Master Trainer
Past: Corporate Trainer with a Fortune 500 company & Laughter Professor at the Laughter Yoga University.
Areas of specialization: Behavioural Science, Positive Psychology, Meditation, Five Tibetans, Yoga Nidra, Spirituality, and Laughter Yoga.

Radhika Bisht ; Founder : LifeSkills  
Yoga Teacher; Laughter Yoga Master Trainer

Please share your Post !

Shares

आध्यात्म/Spiritual – श्रीमद् भगवत गीता – पद्यानुवाद – दशम अध्याय (2) प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

श्रीमद् भगवत गीता

हिंदी पद्यानुवाद – प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

दशम अध्याय

( विभूति योग)

न मे विदुः सुरगणाः प्रभवं न महर्षयः ।

अहमादिर्हि देवानां महर्षीणां च सर्वशः ॥

जान न पाये आज तक कोई ऋषि या देव

कारण मैं उत्पत्ति का उनका प्रमुख सदैव।।2।।

      

भावार्थ :  मेरी उत्पत्ति को अर्थात्‌ लीला से प्रकट होने को न देवता लोग जानते हैं और न महर्षिजन ही जानते हैं, क्योंकि मैं सब प्रकार से देवताओं का और महर्षियों का भी आदिकारण हूँ।।2।।

 

Neither the hosts of the gods nor the great sages know My origin; for, in every way I am the source of all the gods and the great sages.।।2।।

 

© प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ 

ए १ ,विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर

[email protected]

Please share your Post !

Shares

हिन्दी साहित्य – मनन चिंतन ☆ संजय दृष्टि – मृत्यु ☆ श्री संजय भारद्वाज

श्री संजय भारद्वाज 

(श्री संजय भारद्वाज जी – एक गंभीर व्यक्तित्व । जितना गहन अध्ययन उतना ही  गंभीर लेखन।  शब्दशिल्प इतना अद्भुत कि उनका पठन ही शब्दों – वाक्यों का आत्मसात हो जाना है।साहित्य उतना ही गंभीर है जितना उनका चिंतन और उतना ही उनका स्वभाव। संभवतः ये सभी शब्द आपस में संयोग रखते हैं  और जीवन के अनुभव हमारे व्यक्तित्व पर अमिट छाप छोड़ जाते हैं।  हम आपको प्रति रविवार उनके साप्ताहिक स्तम्भ – संजय उवाच शीर्षक  के अंतर्गत उनकी चुनिन्दा रचनाएँ आप तक  पहुँचा रहे हैं। सप्ताह के अन्य दिवसों पर आप उनके मनन चिंतन को  संजय दृष्टि के अंतर्गत पढ़ सकते हैं। ) 

☆ संजय दृष्टि  – मृत्यु 

…मृत्यु पर इतना अधिक क्यों लिखते हो?
…मैं मृत्यु पर नहीं लिखता।
…अपना लिखा पढ़कर देखो।
…अच्छा बताओ, जीवन में अटल क्या है?
…मृत्यु।
…जीवन में नित्य क्या है?
… मृत्यु।
…जीवन में शाश्वत क्या है?
…मृत्यु।
… मैं अटल, नित्य और शाश्वत पर लिखता हूँ।

©  संजय भारद्वाज, पुणे

(11.42 बजे, 22.1.2020)

 

☆ अध्यक्ष– हिंदी आंदोलन परिवार  सदस्य– हिंदी अध्ययन मंडल, पुणे विश्वविद्यालय  संपादक– हम लोग  पूर्व सदस्य– महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी ☆ ट्रस्टी- जाणीव, ए होम फॉर सीनियर सिटिजन्स 

मोबाइल– 9890122603

[email protected]

Please share your Post !

Shares

आध्यात्म/Spiritual – श्रीमद् भगवत गीता – पद्यानुवाद – दशम अध्याय (1) प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

श्रीमद् भगवत गीता

हिंदी पद्यानुवाद – प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

दशम अध्याय

( विभूति योग)

श्रीभगवानुवाच

भूय एव महाबाहो श्रृणु मे परमं वचः ।

यत्तेऽहं प्रीयमाणाय वक्ष्यामि हितकाम्यया ।।1।।

 

श्री भगवान ने कहा –

महाबाहु सुन फिर मेरा अनुपम आप्त विचार

जो मैं तेरे भले को बतलाता सुखसार।।1।।

 

भावार्थ :  श्री भगवान्‌ बोले- हे महाबाहो! फिर भी मेरे परम रहस्य और प्रभावयुक्त वचन को सुन, जिसे मैं तुझे अतिशय प्रेम रखने वाले के लिए हित की इच्छा से कहूँगा।।1।।

 

Again, O mighty-armed Arjuna, listen to My supreme word which I shall declare to thee who art beloved, for thy welfare!।।1।।

 

© प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ 

ए १ ,विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर

[email protected]

Please share your Post !

Shares

आध्यात्म/Spiritual – श्रीमद् भगवत गीता – पद्यानुवाद – नवम अध्याय (34) प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

श्रीमद् भगवत गीता

हिंदी पद्यानुवाद – प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

नवम अध्याय

( निष्काम भगवद् भक्ति की महिमा )

 

मन्मना भव मद्भक्तो मद्याजी मां नमस्कुरु ।

मामेवैष्यसि युक्त्वैवमात्मानं मत्परायण: ।।34।।

 

भजन यजन औ” नमन कर मन में मुझको देख

मुझे पायेगा भक्त हो मत्परायण सविवेक।।34।।

 

भावार्थ :  मुझमें मन वाला हो, मेरा भक्त बन, मेरा पूजन करने वाला हो, मुझको प्रणाम कर। इस प्रकार आत्मा को मुझमें नियुक्त करके मेरे परायण होकर तू मुझको ही प्राप्त होगा।।34।।

 

Fix thy mind on Me; be devoted to Me; sacrifice unto Me; bow down to Me; having thus united thy whole self with Me, taking Me as the Supreme Goal, thou shalt verily come unto Me.।।34।।

 

ॐ तत्सदिति श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्री कृष्णार्जुनसंवादे राजविद्याराजगुह्ययोगो नाम नवमोऽध्यायः ॥9॥

 

© प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ 

ए १ ,विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर

[email protected]

Please share your Post !

Shares
image_print