(सुश्री स्वप्ना अमृतकर जी की World Sparrow Day – 20th March पर हायकू काव्यप्रकार में रचित विशेष रचना। यह रचना गत वर्ष “Rasika” एवं “Eco” पत्रिका में प्रकाशित हो चुकी है।गौरैया (Sparrow) चिड़िया के संरक्षण के लिए रचित इस रचना के लिए सुश्री स्वप्ना अमृतकर जी का विशेष आभार। )
(मेरे विशेष अनुरोध पर (डॉ गंगाप्रसाद शर्मा ‘गुणशेखर’ पूर्व प्रोफेसर (हिन्दी) क्वाङ्ग्तोंग वैदेशिक अध्ययन विश्वविद्यालय, चीन) द्वारा रचित मेरी प्रिय कविता “पहले क्या खोया जाए ” का मराठी भावानुवाद “काय राह्यलय हरवण्यासारखं ?” कविराज विजय यशवंत सातपुते जी द्वारा किया गया।
यह कविता इतनी मार्मिक है कि मैं कविराज विजय सातपुते जी के शब्दों में – “ये कविता इतनी भावपूर्ण थी कि मै खुद को रोक न सका. रोते रोते ये अनुवाद संपन्न हुआ. मूल रचनाकार जी को शत शत नमन. आज जिन चुनिन्दा लोगों को ये कविता और अनुवाद दिखाया सभी ने एक ही प्रतिक्रिया भेजी . . . . . निःशब्द.”
और मैं स्वयम भी निःशब्द हूँ। )
हिन्दी की मूल कविता एवं मराठी भावानुवाद दोनों ही स्वरूप आपके अवलोकनार्थ प्रस्तुत हैं।
इस अतुलनीय साहित्यिक कार्य के लिए श्री विजय जी का विशेष आभार और मेरा मानना है कि ऐसे प्रयोग होते रहने चाहिए।