(आचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’ जी संस्कारधानी जबलपुर के सुप्रसिद्ध साहित्यकार हैं। आपको आपकी बुआ श्री महीयसी महादेवी वर्मा जी से साहित्यिक विधा विरासत में प्राप्त हुई है । आपके द्वारा रचित साहित्य में प्रमुख हैं पुस्तकें- कलम के देव, लोकतंत्र का मकबरा, मीत मेरे, भूकंप के साथ जीना सीखें, समय्जयी साहित्यकार भगवत प्रसाद मिश्रा ‘नियाज़’, काल है संक्रांति का, सड़क पर आदि। संपादन -८ पुस्तकें ६ पत्रिकाएँ अनेक संकलन। आप प्रत्येक सप्ताह रविवार को “साप्ताहिक स्तम्भ – सलिल प्रवाह” के अंतर्गत आपकी रचनाएँ आत्मसात कर सकेंगे। आज प्रस्तुत है आचार्य जी द्वारा रचित गीत : भाग्य निज पल-पल सराहूँ…)
(श्री सुरेश पटवा जी भारतीय स्टेट बैंक से सहायक महाप्रबंधक पद से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं और स्वतंत्र लेखन में व्यस्त हैं। आपकी प्रिय विधा साहित्य, दर्शन, इतिहास, पर्यटन आदि हैं। आपकी पुस्तकों स्त्री-पुरुष “, गुलामी की कहानी, पंचमढ़ी की कहानी, नर्मदा : सौंदर्य, समृद्धि और वैराग्य की (नर्मदा घाटी का इतिहास) एवं तलवार की धार को सारे विश्व में पाठकों से अपार स्नेह व प्रतिसाद मिला है। श्री सुरेश पटवा जी ‘आतिश’ उपनाम से गज़लें भी लिखते हैं ।प्रस्तुत है आपका साप्ताहिक स्तम्भ आतिश का तरकश।आज प्रस्तुत है आपकी ग़ज़ल “गुल ही गुल कब माँगे थे हमने…”।)
ग़ज़ल # 41 – “गुल ही गुल कब माँगे थे हमने…” ☆ श्री सुरेश पटवा ‘आतिश’
(बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री एस के कपूर “श्री हंस” जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। आप कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से पुरस्कृत/अलंकृत हैं। साहित्य एवं सामाजिक सेवाओं में आपका विशेष योगदान हैं। आप प्रत्येक शनिवार श्री एस के कपूर जी की रचना आत्मसात कर सकते हैं। आज प्रस्तुत है आपका स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में एक भावप्रवण मुक्तक ।।खुशियाँ खरीदने का कोई बाजार नहीं होता है।। )
☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ “श्री हंस” साहित्य # 32 ☆
☆ मुक्तक ☆ ।। खुशियाँ खरीदने का कोई बाजार नहीं होता है।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस”☆
(आज प्रस्तुत है गुरुवर प्रोफ. श्री चित्र भूषण श्रीवास्तव जी द्वारा श्री गणेश चतुर्थी पर्व पर रचित एक कविता “हे नाथ तुम्हीं जग के स्वामी…”। हमारे प्रबुद्ध पाठकगण प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ जी काव्य रचनाओं को प्रत्येक शनिवार आत्मसात कर सकेंगे। )
☆ काव्य धारा 98 ☆ “हे नाथ तुम्हीं जग के स्वामी” ☆ प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ ☆
हे नाथ तुम्हीं जग के स्वामी, संसार तुम्हारे हाथों में
हम मानव विवश खिलौने हैं, अधिकार तुम्हारे हाथों में ॥ 1 ॥
जग रंग मंच है माया का, द्विविधा इसकी हर बातों में
हम कठपुतली से नाच रहे, सब तार तुम्हारे हाथों में ॥ 2 ॥
अनगिनत कामनायें पाले, उलझे ढुलमुल विश्वाशों में
सब देख रहे अपना अपना, संचार तुम्हारे हाथों में ।। 3 ।।
आकुल व्याकुल मन आकर्षित हो माया के बाजारों में
भटका फिरता मधु पाने को, रसधार तुम्हारे हाथों में ॥ 4 ॥
बुझ पाई न मन की प्यास कभी, रह शीतल कूल कछारों में
सुख दुख, यश अपयश, जन्म मरण व्यापार तुम्हारे हाथों में ॥ 5 ॥
जग है एक भूल भुलैया, हम भूले जिसके गलियारों में
हर बात में धोखा चाल में छल, उद्धार तुम्हारे हाथों में ॥ 6 ॥
जीवन नौका भवसागर में, अधडूबी झंझावातों में
तुम ही एक नाथ खिवैया हो, पतवार तुम्हारे हाथों में ॥ 7 ॥
दिखती तो रूपहली हैं लहरें, बढ़ती हुई पारावारों में
पर इन्द्र धनुष सा आकर्षक, उपहार तुम्हारे हाथों में ॥ 8 ॥
(युवा साहित्यकार श्री आशीष कुमार ने जीवन में साहित्यिक यात्रा के साथ एक लंबी रहस्यमयी यात्रा तय की है। उन्होंने भारतीय दर्शन से परे हिंदू दर्शन, विज्ञान और भौतिक क्षेत्रों से परे सफलता की खोज और उस पर गहन शोध किया है।
अस्सी-नब्बे के दशक तक जन्मी पीढ़ी दादा-दादी और नाना-नानी की कहानियां सुन कर बड़ी हुई हैं। इसके बाद की पीढ़ी में भी कुछ सौभाग्यशाली हैं जिन्हें उन कहानियों को बचपन से सुनने का अवसर मिला है। वास्तव में वे कहानियां हमें और हमारी पीढ़ियों को विरासत में मिली हैं। आशीष का कथा संसार ऐसी ही कहानियों का संग्रह है। उनके ही शब्दों में – “कुछ कहानियां मेरी अपनी रचनाएं है एवम कुछ वो है जिन्हें मैं अपने बड़ों से बचपन से सुनता आया हूं और उन्हें अपने शब्दो मे लिखा (अर्थात उनका मूल रचियता मैं नहीं हूँ।”)
☆ कथा कहानी ☆ आशीष का कथा संसार #105 कौन थी शबरी ? ☆ श्री आशीष कुमार☆
शबरी की कहानी रामायण के अरण्य काण्ड मैं आती है। वह भीलराज की अकेली पुत्री थी। जाति प्रथा के आधार पर वह एक निम्न जाति मैं पैदा हुई थी। विवाह मैं उनके होने वाले पति ने अनेक जानवरों को मारने के लिए मंगवाया। इससे दुखी होकर उन्होंने विवाह से इनकार कर दिया। फिर वह अपने पिता का घर त्यागकर जंगल में चली गई और वहाँ ऋषि मतंग के आश्रम में शरण ली। ऋषि मतंग ने उन्हें अपनी शिष्या स्वीकार कर लिया। इसका भारी विरोध हुआ। दूसरे ऋषि इस बात के लिए तैयार नहीं थे कि किसी निम्न जाति की स्त्री को कोई ऋषि अपनी शिष्या बनाये। ऋषि मतंग ने इस विरोध की परवाह नहीं की।
ऋषि मतंग जब परम धाम को जाने लगे तब उन्होंने शबरी को उपदेश किया कि वह परमात्मा में अपना ध्यान और विश्वास बनाये रखें। उन्होंने कहा कि परमात्मा सबसे प्रेम करते हैं। उनके लिए कोई इंसान उच्च या निम्न जाति का नहीं है। उनके लिए सब समान हैं। फिर उन्होंने शबरी को बताया कि एक दिन प्रभु राम उनके द्वार पर आयेंगे।
ऋषि मतंग के स्वर्गवास के बाद शबरी ईश्वर भजन में लगी रही और प्रभु राम के आने की प्रतीक्षा करती रहीं। लोग उन्हें भला बुरा कहते, उनकी हँसी उड़ाते पर वह परवाह नहीं करती। उनकी आंखें बस प्रभु राम का ही रास्ता देखती रहतीं। और एक दिन प्रभु राम उनके दरवाजे पर आ गए।
शबरी धन्य हो गयीं। उनका ध्यान और विश्वास उनके इष्टदेव को उनके द्वार तक खींच लाया। भगवान् भक्त के वश में हैं यह उन्होंने साबित कर दिखाया। उन्होंने प्रभु राम को अपने झूठे फल खिलाये और दयामय प्रभु ने उन्हें स्वाद लेकर खाया। फ़िर वह प्रभु के आदेशानुसार प्रभुधाम को चली गयीं।
शबरी की कहानी से क्या शिक्षा मिलती है? आइये इस पर विचार करें।
कोई जन्म से ऊंचा या नीचा नहीं होता। व्यक्ति के कर्म उसे ऊंचा या नीचा बनाते हैं। हम किस परिवार में जन्म लेंगे इस पर हमारा कोई अधिकार नहीं है पर हम क्या कर्म करें इस पर हमारा पूरा अधिकार है। जिस काम पर हमारा कोई अधिकार ही नहीं है वह हमारी जाति का कारण कैसे हो सकता है। व्यक्ति की जाति उसके कर्म से ही तय होती है, ऐसा भगवान् ख़ुद कहते हैं।
कहे रघुपति सुन भामिनी बाता,
मानहु एक भगति कर नाता।
प्रभु राम ने शबरी को भामिनी कह कर संबोधित किया। भामिनी शब्द एक अत्यन्त आदरणीय नारी के लिए प्रयोग किया जाता है। प्रभु राम ने कहा की हे भामिनी सुनो मैं केवल प्रेम के रिश्ते को मानता हूँ। तुम कौन हो, तुम किस परिवार में पैदा हुई, तुम्हारी जाति क्या है, यह सब मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता। तुम्हारा मेरे प्रति प्रेम ही मुझे तम्हारे द्वार पर लेकर आया है।
विज्ञान की अन्य विधाओं में भारतीय ज्योतिष शास्त्र का अपना विशेष स्थान है। हम अक्सर शुभ कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त, शुभ विवाह के लिए सर्वोत्तम कुंडली मिलान आदि करते हैं। साथ ही हम इसकी स्वीकार्यता सुहृदय पाठकों के विवेक पर छोड़ते हैं। हमें प्रसन्नता है कि ज्योतिषाचार्य पं अनिल पाण्डेय जी ने ई-अभिव्यक्ति के प्रबुद्ध पाठकों के विशेष अनुरोध पर साप्ताहिक राशिफल प्रत्येक शनिवार को साझा करना स्वीकार किया है। इसके लिए हम सभी आपके हृदयतल से आभारी हैं। साथ ही हम अपने पाठकों से भी जानना चाहेंगे कि इस स्तम्भ के बारे में उनकी क्या राय है ? आज प्रस्तुत है सितंबर 2022 – व्रत, त्यौहार एवं विशेष दिवस।
☆ ज्योतिष साहित्य ☆ सितंबर 2022 – व्रत, त्यौहार एवं विशेष दिवस ☆ ज्योतिषाचार्य पं अनिल कुमार पाण्डेय ☆
1 सितंबर : ऋषि पंचमी, गुरु ग्रंथ साहिब प्रकाश दिवस…
भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत खाद्य और पोषण बोर्ड द्वारा प्रतिवर्ष 1 से 7 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण सप्ताह (National Nutrition Week) मनाया जाता है।
हर साल 2 सितंबर को विश्व नारियल दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व नारियल दिवस 2021 का विषय “कोविड -19 महामारी और परे के बीच एक सुरक्षित समावेशी लचीला और सतत नारियल समुदाय का निर्माण” है। यह दुनिया में खाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय फलों में से एक है।
3 सितंबर को गगनचुंबी इमारतों के पहले मास्टर वास्तुकार, लुई सुलिवन को “आधुनिक गगनचुंबी इमारतों के पिता” के रूप में जाना जाता है, जो 3 सितंबर 1856 को बोस्टन में पैदा हुए थे, की स्मृति में स्काईस्क्रेपर दिवस के लिए चुना गया था।
4 सितंबर : दधीचि जयंती, श्रीचंद्र नवमी.
5 सितंबर : तेजा दशमी
हर साल ज्ञान के गुरु जो की पुरे देश-विदेश में 5 सितंबर को हम सभी शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं, अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस का कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, यूनिसेफ और एजुकेशन इंटरनेशनल मिलकर करते हैं. भारत में, देश के पूर्व राष्ट्रपति, विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए 1962 से 5 सितंबर को प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस मनाया जाता है, जिनका जन्म 1888 में इसी दिन हुआ था।
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी के नाम से जाना जाता हैं। और इस दिन भगवान विष्णु जी एवं माता पार्वती की पूजा करने से सदैव कृपा बनी रहती हैं..
7 सितंबर : श्रवण द्वादशी, वामन द्वादशी.
8 सितंबर : शुक्ल पक्ष का प्रदोष, ओणम…
वर्ष 1967 से, अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (International Literacy Day) समारोह दुनिया भर में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है ताकि जनता को सम्मान और मानवाधिकारों के रूप में साक्षरता के महत्व की याद दिलाई जा सके और साक्षरता के एजेंडे को अधिक साक्षर और टिकाऊ समाज की ओर आगे बढ़ाया जा सके। इस वर्ष का अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस “ट्रांसफॉर्मिंग लिटरेसी लर्निंग स्पेसेस “ थीम के तहत दुनिया भर में मनाया जाएगा और यह लचीलापन बनाने और सभी के लिए गुणवत्ता, न्यायसंगत और समावेशी शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए साक्षरता सीखने के स्थान के मौलिक महत्व पर पुनर्विचार करने का अवसर होगा।
विश्व भौतिक चिकित्सा दिवस हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर के फिजियोथेरेपिस्टों के लिए लोगों को अच्छी तरह से, मोबाइल और स्वतंत्र रखने के लिए महत्वपूर्ण योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने का अवसर है।
9 सितंबर : अनंत चतुर्दशी, गणेश मूर्ति विसर्जन.
10 सितंबर : भाद्र पूर्णिमा, गुर्जर रोट पूजन
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (डब्ल्यूएसपीडी) 2003 से दुनिया भर में विभिन्न गतिविधियों के साथ आत्महत्याओं को रोकने के लिए दुनिया भर में प्रतिबद्धता और कार्रवाई प्रदान करने के लिए हर साल 10 सितंबर को मनाया जाने वाला एक जागरूकता दिवस है। विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 2021 से 2023 तक का विषय “कार्रवाई के माध्यम से आशा ”।
11 सितंबर : पितृपक्ष यानी 16 दिनों का श्राद्ध का पर्व प्रारंभ हो जाएगा…
राष्ट्रीय वन शहीद दिवस 11 सितंबर को मनाया जाता है। जैसा कि नाम से पता चलता है, यह दिन उन लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने पूरे भारत में जंगलों, जंगलों और वन्यजीवों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
13 सितंबर : अंगारकी चतुर्थी, संकष्टी गणेश चतुर्थी.
14 सितंबर : भरणी श्रद्धा, राजभाषा दिवस.
15 सितंबर : भारत के बेहतरीन इंजीनियरों में से एक, मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की याद में हर साल 15 सितंबर को भारत में इंजीनियर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। एम विश्वेश्वरैया को सबसे अग्रणी राष्ट्र-निर्माताओं में से एक माना जाता है, जिन्होंने ऐसे चमत्कार किए, जिन पर आधुनिक भारत का निर्माण हुआ था।
16 सितंबर : ओजोन परत के क्षरण के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने और इसे संरक्षित करने के संभावित समाधान खोजने के लिए हर साल 16 सितंबर को विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है। ओजोन परत सूर्य की यूवी किरणों को अवशोषित करके पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करती है।
17 सितंबर :विश्वकर्मा जयंती, रोहिणी व्रत, सूर्य कन्या संक्रांति, कालाष्टमी, श्रीमहालक्ष्मी व्रत समाप्त
विश्व रोगी सुरक्षा दिवस रोगी सुरक्षा में सुधार के लिए सभी देशों और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों द्वारा वैश्विक एकजुटता और ठोस कार्रवाई का आह्वान करता है।
18 सितंबर : मध्य अष्टमी, जिऊतिया व्रत.
19 सितंबर : अविधवा नवमी, मातृ नवमी.
20 सितंबर : गुरु नानकदेव पुण्यतिथि.
21 सितंबर : इंदिरा एकादशी, एकादशी श्राद्ध
अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस, जिसे आधिकारिक तौर पर विश्व शांति दिवस के रूप में भी जाना जाता है,। यह एक संयुक्त राष्ट्र-स्वीकृत दिवस है जिसे प्रतिवर्ष 21 सितंबर को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसे 24 घंटे अहिंसा और संघर्ष विराम के माध्यम से शांति के आदर्शों को मजबूत करने के लिए समर्पित दिन के रूप में घोषित किया है।
22 सितंबर : संन्यासी श्राद्ध
22 सितंबर को मनाया जाने वाला विश्व गुलाब दिवस दुनिया भर के कैंसर रोगियों के लिए आशा की किरण है, जो बड़े ‘सी’ का सामना कर रहे हैं। ‘ जो लोग कैंसर से लड़ना चुनते हैं उनके लिए एक कठिन और लंबा संघर्ष इंतजार कर रहा है। यह दिन कनाडा की 12 वर्षीय मेलिंडा रोज की याद में मनाया जाता है, जिन्हें रक्त कैंसर का एक दुर्लभ रूप, एस्किन ट्यूमर का पता चला था।
विश्व पर्यटन दिवस 1980 से प्रत्येक वर्ष 27 सितंबर को आयोजित किया जाता है। “पर्यटन पर पुनर्विचार” की थीम के साथ, इस वर्ष पालन का अंतर्राष्ट्रीय दिवस आकार और प्रासंगिकता दोनों के संदर्भ में क्षेत्र के विकास की फिर से कल्पना करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
28 सितंबर : विश्व रेबीज दिवस 28 सितंबर को मनाया जाता है। रेबीज के बारे में जागरूकता बढ़ाने और दुनिया भर में रोकथाम और नियंत्रण के प्रयासों को बढ़ाने के लिए भागीदारों को एक साथ लाने के लिए 2007 में एक वैश्विक स्वास्थ्य पालन शुरू किया गया था। 28 सितंबर लुई पाश्चर की मृत्यु की सालगिरह भी है, फ्रांसीसी रसायनज्ञ और सूक्ष्म जीवविज्ञानी, जिन्होंने पहली रेबीज टीका विकसित की थी।
29 सितंबर : वरद चतुर्थी, विनायक चतुर्थी व्रत
विश्व हृदय दिवस हर साल 29 सितंबर को मनाया जाता है। हृदय रोगों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए यह दिन मनाया जाता है। विश्व हृदय दिवस का उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को यह सूचित करना है कि हृदय रोग दुनिया में मृत्यु का प्रमुख कारण है और रोकथाम और नियंत्रण के लिए किए जाने वाले कार्यों को उजागर करना है।
30 सितंबर : उपांग ललिता व्रत, ललित पंचमी
अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस हर साल 30 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन भाषा पेशेवरों के काम को श्रद्धांजलि देने का अवसर प्रदान करता है। यह राष्ट्रों को एक साथ बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और विश्व शांति और सुरक्षा को मजबूत करता है।
आपकी सुविधा के लिए माह सितंबर 2022 के व्रत त्यौहार तथा दिवस बताए गए हैं । आशा है आप इनसे लाभ उठाएंगे ।
मां शारदा से प्रार्थना है या आप सदैव स्वस्थ सुखी और संपन्न रहें।
जय मां शारदा।
निवेदक:-
पण्डित अनिल कुमार पाण्डेय
सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता
प्रश्न कुंडली और वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ
साकेत धाम कॉलोनी, मकरोनिया
सागर। 470004
मो 7566503333 /8959594400
निवेदक:-
ज्योतिषाचार्य पं अनिल कुमार पाण्डेय
(प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ और वास्तु शास्त्री)
सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता, मध्यप्रदेश विद्युत् मंडल
संपर्क – साकेत धाम कॉलोनी, मकरोनिया, सागर- 470004 मध्यप्रदेश
विज्ञान की अन्य विधाओं में भारतीय ज्योतिष शास्त्र का अपना विशेष स्थान है। हम अक्सर शुभ कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त, शुभ विवाह के लिए सर्वोत्तम कुंडली मिलान आदि करते हैं। साथ ही हम इसकी स्वीकार्यता सुहृदय पाठकों के विवेक पर छोड़ते हैं। हमें प्रसन्नता है कि ज्योतिषाचार्य पं अनिल पाण्डेय जी ने ई-अभिव्यक्ति के प्रबुद्ध पाठकों के विशेष अनुरोध पर साप्ताहिक राशिफल प्रत्येक शनिवार को साझा करना स्वीकार किया है। इसके लिए हम सभी आपके हृदयतल से आभारी हैं। साथ ही हम अपने पाठकों से भी जानना चाहेंगे कि इस स्तम्भ के बारे में उनकी क्या राय है ?
☆ ज्योतिष साहित्य ☆ साप्ताहिक राशिफल (5 सितंबर से 11 सितंबर 2022 ) ☆ ज्योतिषाचार्य पं अनिल कुमार पाण्डेय ☆
संस्कृत का एक श्लोक है :-
काकतालीयवत्प्राप्तं दृष्ट्वापि निधिमग्रतः।
न स्वयं दैवमादत्ते पुरुषार्थमपेक्षते।।
भावार्थ: भले ही भाग्य से, एक खजाना सामने पड़ा हुआ दिखाई दे, भाग्य इसे हाथ में नहीं देता है, उस खजाने को उठाने के लिए आपको कुछ प्रयास करना पड़ता है ।।स्पष्ट है कि केवल परिश्रम या केवल भाग्य व्यक्ति की व्यक्ति को संपूर्ण नहीं बना सकते हैं । संपूर्णता के लिए भाग्य और परिश्रम दोनों का मिलन आवश्यक है। अगर आप सही समय पर सामान्य परिश्रम भी करेंगे तो भी आपको सफलता प्राप्त होगी । इसी प्रकार जब आपका भाग्य कमजोर है उस समय सफलता अत्यंत अधिक परिश्रम से प्राप्त होगी।
5 सितंबर से 11 सितंबर 2022 अर्थात विक्रम संवत 2079 शक संवत 1944 भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की दशमी से अश्वनी माह के कृष्ण पक्ष की परिवा तक के सप्ताह में कब-कब आपका भाग्य आपको सफलता दिलाएगा यह बताने के लिए मैं पंडित अनिल पाण्डेय प्रयास कर रहा हूं। आप सभी को मेरा नमस्कार ।
इस सप्ताह प्रारंभ में चंद्रमा धनु राशि में रहेगा उसके उपरांत मकर और कुंभ राशि के गोचर करता हुआ 10 सितंबर को 3:55 रात से मीन राशि में प्रवेश करेगा। इस पूरे सप्ताह सूर्य सिंह राशि में, मंगल वृष राशि में, गुरु मीन राशि में वक्री , शनि मकर राशि में वक्री , शुक्र सिंह राशि में और राहु मेष राशि में विचरण करेंगे। बुध प्रारंभ में कन्या राशि में रहेगा तथा 10 तारीख को 7:18 रात से कन्या राशि में ही वक्री हो जाएगा।
आइए अब हम राशि वार राशिफल की चर्चा करते हैं।
मेष राशि
इस सप्ताह आपके पास धन आएगा । मात्रा थोड़ा कम या ज्यादा हो सकती है । परंतु धन अवश्य आयेगा । आपके पुत्र को उन्नति प्राप्त होगी । आपको उससे सहयोग प्राप्त होगा । छात्रों की शिक्षा उत्तम चलेगी । शत्रु शांत रहेंगे । भाग्य के स्थान पर पुरुषार्थ पर विश्वास करें । कार्यालय में छोटी-मोटी समस्याएं आएंगी । इस सप्ताह आपके लिए 7 और 8 सितंबर किसी भी कार्य को करने के लिए उपयुक्त है । 11 सितंबर को आप कोई भी कार्य सोच समझकर ही करें । इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप शनिदेव की पूजा करें तथा शनिवार को शनिदेव के मंदिर में जाकर दान दें । सप्ताह का शुभ दिन बृहस्पतिवार है।
वृष राशि
इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा । बच्चों को प्रमोशन मिल सकता है । छात्रों की पढ़ाई अच्छी चलेगी । समाज में आपके प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी । कार्यालय में भी आपको सम्मान मिलेगा । शत्रु का विनाश होगा । भाग्य पर आश्रित न रहकर परिश्रम कर अपने कार्यों को संपन्न करें । इस सप्ताह 5 ,6 और 11 सितंबर आपको कोई भी कार्य पूरी सावधानी से ही करना चाहिए । 9 और 10 सितंबर को आप द्वारा संपादित किए गए अधिकांश कार्य सफल होंगे । इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप शनिवार को दक्षिण मुखी हनुमान जी के मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा का कम से कम 3 बार पाठ करें । सप्ताह का शुभ दिन शुक्रवार है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों का स्वास्थ्य इस सप्ताह उत्तम रहेगा । आपके जीवन साथी के पेट में थोड़ा कष्ट हो सकता है । आपके शत्रु का विनाश होगा । गलत रास्ते से धन आने का योग है । भाग्य ठीक है । भाइयों के साथ प्रेम बहार बढ़ेगा । बहनों के साथ संबंधों में खटास आ सकती है । आपके संतान को कष्ट हो सकता है । आपके साथ छोटी मोटी दुर्घटना हो सकती है । सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी । आपके लिए 5 6और 11 सितंबर उत्तम है । 7 और 8 सितंबर को आपको कार्यों को सावधानी पूर्वक ही करना चाहिए आपको चाहिए कि आप इस सप्ताह शुक्रवार के दिन मंदिर में जाकर गरीबों के बीच में चावल का दान दें । सप्ताह का शुभ दिन रविवार है।
कर्क राशि
इस सप्ताह आपकी कुंडली के गोचर के अनुसार धन आने का उत्तम योग हैं । भाई बहनों से संबंध उत्तम रहेगा । आपको अपने संतान से उत्तम सहयोग प्राप्त होगा । आपके जीवनसाथी को कष्ट हो सकता है। भाग्य से आपको कम सहयोग प्राप्त होगा । कार्यालय में आपका वाद विवाद हो सकता है । कार्यालय में आपकी बात को सभी मानने के लिए बाध्य रहेंगे । आपको 5 ,6, 9 और 10 सितंबर को कोई भी कार्य प्रारंभ करने के पहले पूर्ण विचार करना आवश्यक है । 7 और 8 सितंबर को आप द्वारा किए जाने वाले सभी कार्य सफलतापूर्वक संपन्न होंगे । इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप पूरे सप्ताह विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें तथा गुरुवार को भगवान राम या भगवान कृष्ण के मंदिर में जाकर पूजा पाठ करें । सप्ताह का शुभ दिन बृहस्पतिवार है।
सिंह राशि
इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा । कार्यालय में आपके प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी । भाग्य से कोई लाभ नहीं मिलेगा । शत्रु बने रहेंगे । धन आने का उत्तम योग है । भाई बहनों के साथ संबंध में कटुता आ सकती है । सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी । संतान का सहयोग थोड़ा बहुत ही प्राप्त होगा । इस सप्ताह आपके लिए 7 और 8 सितंबर तथा 11 सितंबर फलदाई है । इन तारीखों में किए जा रहे कार्यों में सफलता की उम्मीद कम रहेगी । इसके विपरीत 9 और 10 सितंबर को किए गए कार्यों में शत-प्रतिशत सफलता प्राप्त होने की उम्मीद है । आपको चाहिए कि आप इस सप्ताह काले कुत्ते को रोटी खिलाएं । सप्ताह का शुभ दिन बृहस्पतिवार है।
कन्या राशि
आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। आपके जीवनसाथी के स्वास्थ्य में थोड़ी खराबी आ सकती है । कचहरी के कार्यों में आप को पूर्ण सफलता मिल सकती है । खराब रास्ते से धन आने का योग है । भाग्य से आपको सामान्य मदद मिलेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी । भाइयों के साथ संबंध उत्तम रहेगा । इस सप्ताह आपके लिए 5 और 6 सितंबर तथा 11 सितंबर अद्भुत रूप से उत्साह दाई है । 9 और 10 सितंबर को आपको कार्यों को प्रारंभ करने के पहले पूर्ण विचार करना चाहिए । इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप पूरे सप्ताह राम रक्षा स्त्रोत का जाप करें तथा भगवान विष्णु के मंदिर में गुरुवार को जाकर पूजन करें । सप्ताह का शुभ दिन रविवार है।
तुला राशि
इस सप्ताह आपकी कुंडली के गोचर में धन आने का उत्तम योग है । आपका या आपके जीवन साथी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है । सामाजिक प्रतिष्ठा में गिरावट आ सकती है । अपनी संतान से आपको कष्ट हो सकता है । छात्रों की पढ़ाई में बाधा आएगी । इस सप्ताह आपके लिए 7 और 8 तारीख किसी भी कार्य को करने के लिए उत्तम है । 11 तारीख को आपको कोई भी कार्य बहुत सोच समझकर प्रारंभ करना चाहिए । इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप भगवान शिव का अभिषेक स्वयं करें या किसी योग्य ब्राह्मण से करवाएं । सप्ताह का शुभ दिन बुधवार है।
वृश्चिक राशि
इस सप्ताह आपको कार्यालय के कई कार्यों में सफलता मिलेगी । अगर आप नौकरी ढूंढ रहे हैं तो उसमें भी आप को सफलता मिल सकती है । बहनों से आपके संबंध में तनाव आ सकता है । धन आने का उत्तम योग है । व्यापार में वृद्धि होगी । व्यापार अच्छा चलेगा । आपका स्वयं का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा । परंतु जीवन साथी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है । इस सप्ताह आपके लिए 9 और 10 सितंबर उत्तम और आनंददायक हैं । आपको चाहिए कि आप इस सप्ताह शुक्रवार को मंदिर में जाकर मंदिर के पुजारी जी को सफेद वस्तुओं का दान दें । सप्ताह का शुभ दिन मंगलवार है।
धनु राशि
इस सप्ताह आपको भाग्य से अच्छी मदद मिलेगी । कचहरी के कार्य में भी सफलता प्राप्त होगी । आपका कार्यालय का समय अच्छा व्यतीत होगा । व्यापार में उन्नति होगी । संतान को कष्ट हो सकता है । संतान का सहयोग आपको प्राप्त नहीं हो पाएगा । इस सप्ताह आपके लिए 5 और 6 सितंबर तथा 11 सितंबर उत्तम और लाभप्रद है । आपको चाहिए कि आप इस सप्ताह गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करें । सप्ताह का शुभ दिन सोमवार है।
मकर राशि
इस सप्ताह भाग्य अद्भुत रूप से आपका सहयोग करेगा । स्वास्थ्य में थोड़ी बाधा आ सकती है । आपके गर्दन या कमर में दर्द हो सकता है । दांत की तकलीफ भी संभव है । सामाजिक प्रतिष्ठा में गिरावट हो सकती है । दुर्घटनाओं से बचकर रहें । आपको अपनी संतान से सहयोग की कम उम्मीद है । इस सप्ताह आपको 5 और 6 सितंबर को कोई भी कार्य बहुत सोच समझ के साथ करना है । 7 और 8 सितंबर को आपको अधिकांश कार्य सफल होंगे । आपको चाहिए कि आप इस सप्ताह शनिवार को शनि महाराज का दर्शन करें । तथा शनिवार की शाम को पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाकर सात परिक्रमा करें । सप्ताह का शुभ दिन बुधवार है।
कुंभ राशि
आपके जीवन साथी को इस सप्ताह सफलताएं मिल सकती हैं । आपका और आपके जीवन साथी का स्वास्थ्य ठीक रहेगा । भाग्य की स्थिति सामान्य है । सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी आएगी । कार्यालय में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी । गलत रास्ते से धन आने का योग है । इस सप्ताह 7 और 8 सितंबर को आपको सावधान रहना चाहिए । 9 और 10 सितंबर को आप द्वारा किए जा रहे कार्य सफल होंगे । आपको चाहिए कि आप इस सप्ताह प्रतिदिन अपने घर की बनी पहली रोटी गौमाता को दें । सप्ताह का शुभ दिन शनिवार है।
मीन राशि
इस सप्ताह भाग्य आपका अच्छा साथ देगा। आपके जीवन साथी का अगर कोई व्यापार है तो इस सप्ताह अच्छा चलेगा । उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा । आपका स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा । धन प्राप्ति में कुछ बाधाएं आ सकती हैं । शत्रु आपसे डरेंगे । भाइयों के प्रेम में बाधा आएगी । इस सप्ताह 5 और 6 सितंबर तथा 11 सितंबर आपके लिए शुभ फलदाई हैं । आपको चाहिए कि आप इस सप्ताह मंगलवार का व्रत रखें । मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर में जाकर उनकी पूजा-अर्चना करें और तीन बार हनुमान चालीसा का जाप करें । सप्ताह का शुभ दिन मंगलवार है।
मां शारदा से प्रार्थना है कि आप सभी को सुख समृद्धि और वैभव प्राप्त हो। जय मां शारदा।