सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य की दुनिया ☆ प्रस्तुति – श्री कमलेश भारतीय ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है । देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

साहित्य सभा : साहित्य की अलख जलाये रखने में विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं का बड़ा योगदान है । हरियाणा के कैथल में पिछले पचास साल से साहित्य सभा काम कर रही है जिसके इस समय अध्यक्ष प्रसिद्ध रचनाकार डाॅ अमृतलाल मदान हैं । यह साहित्य सभा हर वर्ष सम्मान और पुरस्कार देने के साथ साथ नवप्रकाशित पुस्तकों का लोकार्पण भी करती है । पचास साल कम नहीं होते और यह अलख जलती ही जा रही है ।

हिसार का सर्वोदय भवन : इसी तरह हिसार के सर्वोदय भवन में साप्ताहिक गोष्ठियों के सिलसिले को भी पचास वर्ष से ऊपर हो गये । यहां भी अनेक विचारक व्याख्यान के लिए पधार चुके हैं । विनोबा भावे के साथ जुड़े इस गांधी विचारधारा से जुड़े सर्वोदय भवन को आजकल प्रसिद्ध अधिवक्ता पी के संधीर संभाल रहे हैं और यहां अच्छा पुस्तकालय भी है । अनेक संस्थायें यहां अपने आयोजन करती हैं । यहां गांधी व बिनोवा भावे  की पुस्तकों के अंशों का पाठ भी किया जाता है ।

हिसार का रंग आंगन नाट्य महोत्सव : हिसार के रंगकर्मी मनीष जोशी की ओर से प्रतिवर्ष आयोजित किये जाने वाले रंग आंगन नाट्योत्सव की बात अब हरियाणा से निकल कर देर दराज प्रदेशों तक पहुंच चुकी है । यह आठ दिवसीय नाट्योत्सव कितने ही नये से नये और अलग मिजाज के नाटक लेकर आता है और सचमुच अब यह ऐसा उत्सव बन गया जिसका साल भर इंतजार रहता है । इसमें रंगकर्मियों को सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन भी किया जाता है । मनीष जोशी और राखी जोशी को सैल्यूट। अभी संस्कार भारती की भी शाखा ने इनकी संस्था रेयाज में काव्य गोष्ठी की शुरूआत की है ।

युवक सदन, सिरसा : सिरसा के युवक सदन का काफी योगदान है और यह तीन चार मित्रों ने चंदा एकत्रित कर बनवाया था । आज यह युवक सदन साहित्यिक और सामाजिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बना हुआ है । आमतौर पर साहित्यिक आयोजन यहीं होते हैं ।

गुरुग्राम में साहित्य : हरियाणा के आईटी हब कहे जाने वाले गुरुग्राम में साहित्यिक गतिविधियां चलती रहती हैं । रचनाकार नरेंद्र गौड़ की संस्था शब्द शक्ति यहां कोई न कोई आयोजन करती रहती है । आजकल तो प्रसिद्ध व्यंग्यकार डाॅ प्रेम जनमेजय भी गुरुग्राम में व्यंग्य यात्रा की गोष्ठियों का आयोजन अपने घर की छत पर कर रहे हैं जो बहुत सफल हो रही हैं । मेरे कथा संग्रह यह आम रास्ता नहीं है पर गोष्ठी इसी छत पर करवाई थी जिसमें प्रसिद्ध पत्रकार राहुल देव, अनूप लाठर, रेणु हुसैन, अशोक जैन, मुकेश शर्मा, कृष्णा यादव, राकेश मलिक जैसे मित्र आये थे । डाॅ प्रेम जनमेजय के इस नये आइडिया ने साहित्य की दुनिया में नया प्रयोग किया । अशोक जैन यहीं से दृष्टि पत्रिका संपादित व प्रकाशित कर रहे हैं । गुरुग्राम में ही लक्ष्मी शंकर वाजपेयी और ममता किरण भी अपने आवास पर गोष्ठियां कर महफिल जमाये रहते हैं । सविता स्याल ने दोस्ती संकलन का संपादन और विमोचन करवाया था । शील मधुर यहां से पत्रिका प्रकाशित करते रहे हैं ।

करनाल में पाश पुस्तकालय की याद : करनाल में एक समय विभूति नारायण राय ने पाश पुस्तकालय बनवाया था और यह साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बना रहा लेकिन फिर इसे अलविदा कह दिया गया और इसे बचाया न जा सका । इसके बावजूद इसकी यादें बनी हुई हैं । करनाल में ही हरियाणा लेखक मंच ने कमलेश भारतीय और डाॅ अशोक भाटिया के प्रयासों से एक साहित्यिक आयोजन किया जिसमें एक सौ लेखक शामिल हुए और इसमें ज्ञानप्रकाश विवेक ने कथा पर तो हरभगवान चावला ने कविता पर हरियाणा के योगदान पर व्याख्यान दिये ।

मित्रो ! इस बार के लिये इतना ही । अगली बार फिर मिलेंगे नयी गतिविधियों के साथ ।

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत 🌹

(विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

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हिन्दी भवन  में पुस्तक  मेला  का आयोजन संपन्न हुआ। जिसके  अंतर्गत  बच्चों के लिए  निबन्ध  प्रतायोगिता भी रखी गई। इसमें बीस बच्चों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में उत्कृष्ट  लेखन वाले तीन बच्चों को पुरस्कृत  किया गया। मुख्य अतिथि हिन्दी भवन के प्रभारी संचालक डॉ. सुरेन्द्र  बिहारी गोस्वामी थे।

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भोपाल की प्रसिद्ध सांस्कृतिक संस्था अभिनव कला परिषद्,  द्वारा बुधवार दिनांक 25 जनवरी 2023 को मानस भवन श्यामला हिल्स पर अपनी गौरवशाली  60 वीं सालगिरह पर हीरक जयंती एव॔ कला-पर्व उत्सव गणंतत्र समारोह मनाया गया। इस परम्परा गत आयोजन मे गीत संगीत के साथ ही प्रदेश व देश की तीन पीढियों की आठ यशस्वी सर्जनात्मक चेतनाओं – सर्वश्री हरिवल्लभ शर्मा ‘हरि’, राम मोहन चौकसे, राजेन्द्र गट्टानी, शैलेन्द्र शरण, मीरा जैन, मलय जैन, डाॅ. विकास दवे एवं डाॅ. अरुण तिवारी को उनकी सुदीर्घ साहित्यिक सेवाओं के लिये “अभिनव शब्द शिल्पी” अलंकरण से विभूषित कर सम्मानित किया गया।

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वाल्मी संस्थान में लेखक प्रलय श्रीवास्तव   की ‘मप्र में चुनाव और नवाचार’ पुस्तक की लांचिंग छत्तीसगढ की राज्यपाल महामहिम अनुसूइया जी द्वारा की गई विशिष्ट अतिथि ओ पी रावत थे। अन्य विशिष्ट अतिथि थे, विजयदत्त श्रीधर, महेश श्रीवास्तव, एन के सिंह, उमेश त्रिवेदी,तथा रमेश शर्मा

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इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय  में लोक रूचि व्याख्यान माला में मानव वैज्ञानिक  सुमिता चक्रवर्ती का व्याख्यान हुआ। विषय था ‘कल्चर एन्ड  ट्रेडिशन टेल्स आफ एक्सपीरियंस विथ द जरवा आफ अडंमान आइलैंड’

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा निवास कार्यालय सभागार में रतलाम के नेचरोपेथी थेरेपिस्ट डाॅ संतोष गुप्ता की पुस्तक “माय नेचरल हीलर” का विमोचन किया।

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मध्य प्रदेश उर्दु अकादमी की ओर से आयोजित जश्न-ए-उर्दु  के तीसरे सत्र में “साहित्य और मीडिया का सह संबंध” विषय  पर चर्चा के दौरान वरिष्ठ साहित्यकार एवं निदेशक  साहित्य अकादमी ने कहा – “नई पीढ़ी को भाषा और साहित्य के करीब लाना एक चुनौती है”

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भोपाल। गणतंत्र दिवस पर राष्ट्र कवि श्रीकृष्ण ‘सरल’ को समर्पित मध्यप्रदेश लेखक संघ की प्रादेशिक वीर रस / राष्ट्रभक्ति काव्य गोष्ठी गीत गणतंत्र का आयोजन हिन्दी भवन में वरिष्ठ ओज कवि श्री पँवार राजस्थानी के मुख्य आतिथ्य, साहित्यकार डाॅ. धर्मेन्द्र शर्मा ‘सरल’ के सारस्वत आतिथ्य तथा संघ के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. राम वल्लभ आचार्य की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर देश प्रदेश के चर्चित कवि सर्वश्री पँवार राजस्थानी, डाॅ. राम वल्लभ आचार्य, सुरेन्द्र जैन सरस,  डाॅ. मोहन तिवारी ‘आनन्द’, दिनेश मालवीय, डाॅ. अर्जुन दास खत्री, डाॅ. क्षमा पाण्डेय, कमल किशोर दुबे, विकास लोया, श्रीमती रूपाली सक्सेना, अभिषेक जैन ‘अबोध’ एवं डाॅ. सुशील ‘गुरु’ ने अपनी ओजस्वी  वाणी में कविताएं पढी।

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भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का तीन दिनी महोत्सव 21 जनवरी को मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय  राज्य  मंत्री डाॅ.जितेन्द्रसिंह की उपस्थिति में हुआ। इसके मुख्य आकर्षण थे आर्टिसन्स टेक्नोलाजी  विलेज,इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल आफ इंडिया मेगा साइंस एन्ड टेक्नोलाॅजी एग्जिबिशन, न्यू एज टेकनालाॅजी शो, स्टार्ट अप कानक्लेव,स्टूडेन्ट साइंस विलेज, यंग साइंटिस्ट  विलेज, यंग साइंटिस्ट कान्फ्रेंस,साइंस थ्रू गेम्स एंड टाॅइज। एक सत्र साइंस लिटरेचर फेस्टिवल का भी था जिसमें बड़ी संख्या में विद्वानों, शिक्षाविद तथा विद्यार्थियो ने भाग लिया।

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मानस भवन में ‘महिला मानस मंच’  द्वारा बसंतोत्सव का आयोजन  किया गया जिसमें तात्कालिक  भाषण प्रतियोगिता, भजन, रांगोली तथा थाली सजाओ प्रतियोगिताएं की गई। आयोजन के अध्यक्ष प्रतिष्ठान के कार्याध्यक्ष श्री रघुनन्दन शर्मा थे।

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साभार – सुश्री मनोरमा पंत, भोपाल (मध्यप्रदेश) 

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार – जयपुर से  ☆ प्रस्तुति – डॉ निशा अग्रवाल ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार – जयपुर से  – डॉ निशा अग्रवाल🌹

🌹 समरस संस्थान साहित्य सृजन भारत की प्रथम वर्चुअल आम सभा आयोजित 🌹

समरस संस्थान साहित्य सृजन भारत द्वारा दिनांक 22 जनवरी 2023 की शाम इस सत्र की प्रथम वर्चुअल आम सभा संरक्षक मंडल सदस्य श्री रघुनाथ मिश्र  ‘सहज’ की अध्यक्षता में आयोजित हुई। देश की विभिन्न इकाइयों के समस्त पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी सदस्यों ने भाग लिया।

सभा का प्रारंभ डॉ उमा सिंह की मधुर आवाज के द्वारा मां सरस्वती की वंदना के साथ किया गया। सभा का संचालन  राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती कामिनी व्यास ‘रावल’   द्वारा किया गया तथा परिचर्चा के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला।

तथा परिचर्चा में निम्न एजेंडा प्रस्तुत किए गए –

  1. पूर्व की तरह मासिक गोष्ठियों का आयोजन।
  2. वर्ष भर के कार्यक्रमों का कैलेंडर बना कर सभी राज्यों की इकाइयों को भेजना।
  3. बालकों के विकास और प्रोत्साहन हेतु कार्यक्रम बनाकर प्रोत्साहन करना।
  4. 26 जनवरी को राष्ट्रीय एवं इकाई स्तर पर गोष्ठी आयोजित करना।
  5. सामाजिक, संस्कृतिक।और राष्ट्रीय विकास में प्रभावी योगदान हेतु न्यूज चैनल की स्थापना।

संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुकेश व्यास ‘स्नेहिल’ ने कहा कि- “महिलाओं के उत्थान, युवा पीढ़ी एवं बच्चों में हिंदी भाषा और साहित्य के प्रति अलख जगाया जाए।”  परिचर्चा में वर्ष भर में होने वाली साहित्यिक गतिविधियों एवं कार्यक्रमों की रूपरेखा पर विचार विमर्श किए। कार्यशाला प्रभारी डॉ भावना सांवलिया ने बालकों के सृजनात्मक विकास हेतु लेखन एवं चित्र काव्य प्रतियोगिताओं का सुझाव दिया।

जयपुर इकाई अध्यक्ष श्री लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला ने संस्था के विस्तार एवं बाल विकास हेतु सुझाव प्रस्तुत किए। मीडिया प्रभारी शशि जैन ने बताया कि साहित्य जगत में महिलाओं का रुझान निरंतर बढ़ रहा है। ये हमारे देश के लिए बड़े ही गर्व की बात है। उपाध्यक्ष श्री राव शिवराज पाल सिंह ने कहा कि – “आज के बच्चों को हिंदी विषय और हिंदी भाषा के प्रति रुचि जागृत करने की आवश्यकता है। यह तभी संभव है जब हम माध्यमिक शिक्षा स्तर से पहले ही खासतौर से बच्चों के लिए  संस्था  के माध्यम से अनेकानेक कार्यक्रम करवाएं। इसके लिए उन्होंने अंग्रेजी कहावत “कैच देम यंग” का उदाहरण दिया।” कार्यक्रम में  श्रीमती मधु सिंह ‘महक’, श्री कपिल खंडेलवाल,  श्री बृज सुंदर एवं डॉ अनिल शर्मा रेनू  ने भी अपने विचार व्यक्त किए। जयपुर इकाई महा सचिव डॉ निशा अग्रवाल को राष्ट्रीय न्यूज चैनल का प्रभारी नियुक्त किया गया। सभी ने उनको बधाइयां दी।

समरस द्वारा बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर समरस बाल काव्यशाला आरम्भ करने की घोषणा भी की गई।

जो भी बच्चे इस काव्यशाला मे भाग।लेना चाहते है, संस्थान से जुड़ सकते है। सभा का समापन राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती कामिनी व्यास द्वारा आभार के साथ संपन्न हुआ।

साभार –  डॉ निशा अग्रवाल

जयपुर ,राजस्थान  

 ☆ (ब्यूरो चीफ ऑफ जयपुर ‘सच की दस्तक’ मासिक पत्रिका)  ☆ एजुकेशनिस्ट, स्क्रिप्ट राइटर, लेखिका, गायिका, कवियत्री  ☆ 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य की दुनिया ☆ प्रस्तुति – श्री कमलेश भारतीय ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है । देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

साहित्य की दुनिया में चंडीगढ़ का भी बड़ा योगदान है । कभी यहां डाॅ वीरेंद्र मेहंदीरत्ता ‘अभिव्यक्ति’ साहित्य गोष्ठी चलाते रहे जिसमें देश के बड़े से बड़े लेखक उनके लाॅन में रचना पाठ और विचार करने आते रहे । इनमें कृष्ण बलदेव वैद, रवींद्र कालिया , राकेश वत्स आदि शामिल रहे । इनमें मुझे भी अपनी कहानी जादूगरनी का पाठ करने का अवसर मिला । इसके साथ ही ‘अभिनेत’ संस्था भी चलाते जिसके माध्यम से बहुत बढ़िया नाटक प्रस्तुत किये जाते । अतुलवीर अरोड़ा इनमें अपने अभिनय से रंग भरते । यहीं फूलचंद मानव भी साहित्य संगम चलाते आ रहे हैं । आजकल ढकौली में चला रहे हैं । नये से नये विषय पर गोष्ठियों का आयोजन करते हैं । डाॅ जगमोहन चोपड़ा, सुशील हसरत नरेलवी और प्रेम विज भी साहित्यिक संस्थायें चलाते हैं । वैसे मैं प्रिय मित्र रमेश बतरा को भी याद कर रहा हूं क्योंकि एक समय शामलाल मेहंदीरत्ता प्रचंड की पत्रिका ‘साहित्य निर्झर’ का संपादन संभाल कर चंडीगढ़ को साहित्याकाश पर चमकता सितारा बना दिया था ।  इसके साथ ही अनेक गोष्ठियों का आयोजन भी किया । सुरेंद्र मनन ने भी पत्रिका निकाली थी । सभी मित्रों की गोष्ठियों में जाने का अवसर उन दिनों ज्यादा मिला जिन दिनों हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष पद की जिम्मेवारी निभाने को मिली । ये गोष्ठियां अब भी चल रही हैं लेकिन डाॅ वीरेंद्र मेंहदीरत्ता अब अस्वस्थ रहते हैं और उम्रदराज भी हो चुके हैं । फिर भी उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता जो उन्होंने चंडीगढ़ में साहित्यिक माहौल बनाने के लिये दिया ।

##रशाद कामिल को द्वारका प्रसाद अग्रवाल सम्मान : चंडीगढ़ की खूबसूरत यादों में एक याद है इरशाद कामिल जो हमारे साथ ही एक लोकप्रिय समाचार पत्र दैनिक ट्रिब्यून में कार्यरत रहे फिर मुम्बई की फिल्मी दुनिया में चले गये पर अपने पुराने साथियों से आज भी बराबर जुड़े हुए हैं । इरशाद को इस बार जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में द्वारका प्रसाद अग्रवाल सम्मान प्रदान किया जा रहा है ।

इरशाद कामिल एक ऐसे गीतकार हैं जो सबसे ज्यादा पढ़े लिखे गीतकार हैं यानी हिंदी में डाक्टरेट कर रखी है ।  यह बात खुद इरशाद बड़े गर्व से कहते हैं । मूल रूप से पंजाब के मालेरकोटला से जुड़े इरशाद ने पंजाब विश्वविद्यालय से एम ए व पीएचडी की । उन्होंने अपना यह ऋण भी उतारा और पंजाब विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग को लाखों रुपये दिये जिससे कि उनकी अम्मी के नाम पर दो एम ए तो एक पीएचडी स्कॉलर को प्रतिवर्ष छात्रवृति दी जाये ! इस अवसर पर भी मैं मौजूद रहा जब इनके बड़े भाई ने बताया कि मैं तो इसके लिए हिंदी ऑफिसर का फाॅर्म लेकर आया था लेकिन ये तो मुम्बई निकल गये ! इरशाद को पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला भी साहिर लुधियानवी अवाॅर्ड से नवाज चुका है और वहां भी इरशाद ने अपनी ओर से लाखों रुपये रिसर्च के लिए अर्पित किये । जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में 22 जनवरी को इरशाद को सम्मानित किया जायेगा और एक लाख रुपये दिये जायेंगे । बहुत बहुत बधाई इरशाद !

##देहरादून में कविकुंभ शब्दोत्सव : उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 29 जनवरी को रंजीता सिह की साहित्यिक संस्था कविकुंभ की ओर से 29 जनवरी को शब्दोत्सव का आयोजन किया जायेगा । इसमें प्रमुख लेखिकाओं और महिला पत्रकारों को स्वयंसिद्धा सम्मानों से सम्मानित किया जायेगा । इनमें शिखर सम्मान के लिए जयंती रंगनाथन व डाॅ कायनात काजी शामिल हैं तो सृजन सम्मान दिया जायेगा शुभा शर्मा को और नवसृजन सम्मान प्रदान किया जायेगा शोभा अक्षरा को । इनके अतिरिक्त जसबीर त्यागी, ज्योति शर्मा, निशांत कौशिक, संजीव कौशल , विमलेश त्रिपाठी और अन्य रचनाकार संवाद के लिए आमंत्रित हैं ।

इस आयोजन के लिए शुभकामनाएं ।

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत 🌹

(विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

🌹प्रवासी तथा विश्व  हिन्दी दिवस का आयोजन संपन्न🌹

प्रवासी भारतीय साहित्य  एवं संस्कृति शोध केन्द्र  एवं  रविन्द्र नाथ टैगोर  विश्व विद्यालय द्वारा प्रवासी तथा विश्व  हिन्दी दिवस का आयोजन किया गया।   

“हिंदी अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में भारत सहित विश्व के कई देशों में बोली जाने वाली एक महत्वपूर्ण भाषा के रूप में स्थापित हो गई है। हिंदी का विस्तार अनवरत जारी है। यहीं सही समय है जब हमें पूरी आधुनिकता के साथ वैश्विक स्तर पर हिंदी को रोजगार की भाषा के रूप में स्थापित करना चाहिए।” 

उक्त उद्गार लिस्बन विश्वविद्यालय, पुर्तगाल से भारत प्रवास पर आये डॉ. शिवकुमार सिंह ने प्रवासी दिवस एवं विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में प्रवासी भारतीय साहित्य एवं संस्कृति शोध केंद्र, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा ‘विश्व में हिंदी : हिंदी का विश्व’ विषय पर विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित ‘परिसंवाद’ को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एव॔ विश्व रंग के निदेशक श्री संतोष चौबे ने की।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद, नई दिल्ली के मानद निदेशक श्री नारायण कुमार ने कहा कि – “आज के समय में हिंदी विश्व के इतने देशों में बोली जा रही हैं कि हम गर्व से कह सकते है कि हिंदी के राज में अब सूर्यास्त नहीं होता।”

कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री संतोष चौबे ने  की ।

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भोपाल में पाँचवे लिटरेचर फेस्टिवल का शुभारंभ – इस फैस्टिवल का शुभारंभ चर्चित पुस्तक ‘डायमंडस आर फार एवर ‘सो आर मोरल्स’ के लेखक गोविन्द ढोलकिया, वास्तुकार क्रिस्टोफर बेनिंगर, राघव चन्द्रा, अभिलाष खांडेकर, डीके मेहता, और हजूर हबीब के द्वारा हुआ। फेस्टिवल में अनेक पुस्तकों पर चर्चा हुई ।

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दूसरा सत्र कहानी पाठ आदरणीय शंशाक जी की अध्यक्षता में हुआ, जिसमें हरीश पाठक, नीलिमा शर्मा, और हरि भटनागर ने कहानी पाठ किया।

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तीसरा सत्र प्रबोध गोविल की अध्यक्षता में लघुकथा पाठ का रहा।

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भोपाल ‘लिटरेचर एंड आर्ट फेस्टिवल’ के तीन दिनी महाकुंभ का आगाज भारत भवन में हुआ जिसका दूसरा दिन – सेलेब्रिटी आनर्स के नाम रहा। कबीर बेदी, रंजीता दिवेकर आई सी आई सी आई संजय यादव, पूर्व हाई कमिश्नर, टीसीएस राघवन, व एक्स कैग मेम्बर विनोद राय, पद्मश्री सोवना नारायण के सेशनों एवं थैंक्स, क्रिटिक्स, पब्लिशर्स एवं लिटरेचर लवर्स से पूरा भारत भवन कैम्पस गुलजार रहा ।

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‘तुलसी साहित्य अकादमी’ की सृजन श्रंखला 29 की बांसतिक काव्यगोष्ठी वरिष्ठ साहित्यकार डा .गौरीशंकर गौरीश की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।

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हेमन्त फाउन्डेशन एवं अंतर्राष्ट्रीय विश्वमैत्री मंच का राष्ट्रीय सम्मेलन दिनांक 15 जनवरी को सम्पन्न हुआ। पहला सत्र विधा पुरस्कार तथा सम्मान  का था जिसमें  विश्व मैत्री  मंच की संस्थापक संतोष श्रीवास्तव के दिवंगत पुत्र, युवा कवि हेमन्त को उनकी  कविताओं के पाठ से याद किया। युवा गजलकार सुभाष पाठक ‘जिया’ को उनके गजल संग्रह “तुम्हीं से जिया है” के लिये सम्मानित किया गया।

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इंदिरा गांधी राष्ट्रीय  मानव संग्रहालय में ‘छत्तीसगढ का सांस्कृतिक भूगोल’ विषय पर डा. राहुल कुमार सिंह पुरातत्वविद एवं संस्कृतिकर्मी द्वारा व्याख्यान  का आयोजन  किया गया।

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अविरल भारतीय साहित्य परिषद के तत्वावधान में यात्रा गोष्ठी का आयोजन किया गया।

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दुष्यन्त संग्रहालय में उषा सक्सेना की दो पुस्तकों ‘कामदेव’ – खंड काव्य तथा ‘आगड़ बम बागड़ बम‘, – बाल कविता का लोकार्पण साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के निदेशक श्री विकास दवे, वरिष्ठ साहित्यकार नरेन्द्र  दीपक एवं महेश सक्सेना द्वारा हुआ।

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‘सृजन ग्लोबल एवं त्रिवेणी’ संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में ‘विजयी विश्व तिरंगा’ पुस्तक  चर्चा एवं काव्य पाठ हुआ।

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‘लघुकथा शोध संस्थान’ की निदेशक कांता राय के निर्देशन में विगत सप्ताह निम्न लिखित पुस्तकों पर चर्चा हुई –

गोदान के बाद – डा.प्रभुदयाल मंढइया

चाँद की चाहत – डा.प्रभुदयाल मंढइया

खैर पता है हुजूर – उपन्यास – सुश्री उर्मिला शिरीष

जो देखा आपने – डा. अखिलेश वार्चे

आस तीस का लाडू – निमाड़ी लघुकथा – विजय जोशी

मिथ्या मंजिल और मौजूदगी – श्री अशोक मनवानी

🌹 पुस्तक पखवाड़े का समापन 🌹 

पुस्तक पखवाड़े के समापन सत्र में टैगोर विश्वविद्यालय के कुलपति श्री संतोष चौबे की दो पुस्तकों ‘इस अ-कवि समय में’ कविता संग्रह तथा ‘दस कहानियाँ’ पर चर्चा हुई। इस सत्र की अध्यक्षता मध्यप्रदेश साहित्य एवं संस्कृति परिषद के निदेशक श्री विकास दवे ने की। उन्होंने नई पीढी को पुस्तकों से जोड़ने के लिये ‘पुस्तक पखवाड़ा’ जैसे आयोजनों के महत्व को बताया।

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साभार – सुश्री मनोरमा पंत, भोपाल (मध्यप्रदेश) 

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ संपादकीय निवेदन ☆ सुश्री संगीता कुलकर्णी – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? सुश्री संगीता कुलकर्णी  – अभिनंदन ?

💐 संपादकीय निवेदन 💐

आपल्या समुहातील कवयित्री संगीता कुलकर्णी यांना नुकताच त्यांच्या साहित्य क्षेत्रातील कामगिरी बद्द्ल,एकता कल्चरल अकादमी, मुंबई,यांचेकडून दिला जाणारा “मृणाल गोरे स्मृती पुरस्कार” प्रदान करण्यात आला आहे.

मा. श्री. डाॅ. रमेश यादव ( हिंदी साहित्यिक ) यांच्या हस्ते पुरस्कार स्विकारताना. सोबत कवी चित्रकार श्री. उज्जय आंबेकर, लोकनृत्य दिग्दर्शक श्री सदानंद राणे ; अभिनेत्री अनघा अतुल, ज्येष्ठ अभिनेते श्री. प्रमोद पवार व एकता अध्यक्ष श्री प्रकाश जाधव.

? ई मराठी समुहातर्फे संगीता कुलकर्णी यांचे मनःपूर्वक अभिनंदन  ?

संपादक मंडळ, ई-अभिव्यक्ती (मराठी)

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत 🌹

(विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

🌹 पुस्तकों का लोकार्पण 🌹

विगत सप्ताह  में निम्नलिखित  पुस्तकों का लोकार्पण  हुआ –

  • पर्यावरण  एवं जैव विविधता – श्री राम महेश्वरी संपादक  ‘नेचर इंडिया 
  • पर्यावरण  और भारतीय संस्कृति – डाक्टर आशीश भारती 
  • मन क्यों गुनगुनाए – कल्पना विजयवर्गीय (काव्य संग्रह  )
  • एक पाव सच – डाक्टर  राजेन्द्र  गट्टानी
  • हिन्दुत्व और गाँधी – मनोज जोशी

इसके अतिरिक्त  भोपाल के ऋषभ गर्ग की पुस्तक  ‘ब्लाक चैन फार रियल वर्ल्ड  एप्लीकेशनस’ के डिजिटल  संस्करण का विमोचन न्यूयार्क  में हुआ ।

🌹 ‘लघुकथा शोध संस्थान भोपाल, द्वारा आयोजित  ‘पुस्तक -पखवाड़ा’ कार्यक्रम संपन्न 🌹

विगत सप्ताह  निम्नलिखित  पुस्तकों की समीक्षा ‘लघुकथा शोध संस्थान भोपाल, द्वारा आयोजित  ‘पुस्तक -पखवाड़ा’ कार्यक्रम  में संस्थान प्रभारी श्रीमती कांता राय के निर्देशन में की गई –

  • निन्यानबे का फेर – ज्योति जैन
  • शिखर की ओर – वर्षा चौबे 
  • एक कम साठ राजुरकर राव  – रामाराव वामनकर
  • दुष्यन्त  की गजलों का रचना विधान  – मिथिलेश वामनकर
  • एक तारा – शिरीन भावसार
  • मन की उड़ान – मौसमी परिहार
  • अनुरक्त विरक्त – कांति  शुक्ला
  • अमीर खुसरो – डाक्टर राजेन्द्र सिंह टोनी
  • आड़ा वक्त – राजनारायण बोहरे
  • लोकतंत्र  के बहुरूए – पद्मा शर्मा
  • जिस्मों का तिलिस्म  – सतीश राठी
  • स्वाभिमानी चिड़िया – उषा सोनी

🌹 परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी संपन्न – हिन्दी लेखिका संघ, भोपाल 🌹

हिन्दी लेखिका संघ, भोपाल द्वारा श्री धर्मेन्द्र  सरल के आतिथ्य  में तथा प्रसिद्ध  साहित्यकार  संतोष  श्रीवास्तव  की अध्यक्षता में ‘नव वर्ष  एवं देशभक्ति’ विषय पर काव्य गोष्ठी सम्पन्न हुई।

स्वामी विवेकानंद के जीवन चरित्र पर परिचर्चा एवं युवा काव्य गोष्ठी का आयोजन दुष्यंत स्मारक एवं संग्रहालय में श्री अशोक त्रिपाठी की अध्यक्षता में संपन्न  हुई

दुष्यन्त स्मारक एवं संग्रहालय में निदेशक श्री राजुरकर एवं सह निदेशक श्रीमती कांता राय द्वारा स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय, रायसेन से शैक्षणिक भ्रमण के लिएआए 45 विद्यार्थियों के समूह के साथ संवाद और विमर्श   किया गया ।

☆ ☆ ☆

साभार – सुश्री मनोरमा पंत, भोपाल (मध्यप्रदेश) 

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य की दुनिया ☆ प्रस्तुति – श्री कमलेश भारतीय ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है । देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

साहित्य की दुनिया में नयी से नयी किताबें आती रहती हैं । इस सप्ताह जिस किताब को सबसे ज्यादा चर्चा मिली वह है -जादूनामा ! फिल्मी गीतकार जावेद अख्तर के जीवन की रोचक घटनाओं पर आधारित । बचपन में जावेद अख्तर का घर का नाम जादू ही था, इसलिए इस किताब का नाम जादूनामा रखा गया, जो उचित ही है । इसमें जावेद अख्तर के जीवन के अनेक रोचक प्रसंग हैं । अभिषेक ने यह जीवनी लिखी है । प्रसिद्ध गीतकार /लेखक गुलज़ार ने इसका विमोचन किया । पिछले वर्ष प्रसिद्ध अभिनेत्री दीप्ति नवल की पुस्तक आई थी – ए कंट्री दैट काल्ड चाइल्डहुड ! अंग्रेजी में 350 पन्नों में फैली हुई । इसमें अमृतसर में बिताये अपने अठारह वर्षों की यादें लिखी गयी हैं जो न केवल रोचक है, बल्कि अपने समाज, अपने समय और फिल्म की यात्रा भी करवाती हैं । इसके प्रचार में भी शर्मिला टैगोर से लेकर शबाना आजमी तक साथ आ खड़ी हुई थीं ।

अब सवाल यह उठता है कि फिल्मी सेलिब्रिटीज या राजनेताओं की पुस्तकें प्रकाशित होने पर मीडिया ही नहीं प्रकाशक भी रूचि लेते हैं इसके प्रचार प्रसार में ! प्रमुखता से समाचार, फोटोज और मुख्य बातें प्रकाशित की जाती हैं । दीप्ति नवल को प्रकाशक न केवल अमृतसर, लुधियाना , जालंधर दिल्ली , रायपुर और दो दो बार चंडीगढ़ लेकर गये काॅफी विद दीप्ति कार्यक्रम बनाकर । बहुत ही अच्छी बात लेकिन हिंदी प्रकाशक किसी किताब को इतने भव्य स्तर पर प्रचारित क्यों नहीं करते ? मुझे याद आते हैं दो उदाहरण । एक योजना रावत के कथा संग्रह का विमोचन और चर्चा वाणी प्रकाशन के अशोक माहेश्वरी ने पंजाब विश्वविद्यालय में आयोजित की थी जिसमें राजी सेठ और निर्मला जैन आई थीं । दूसरा रेणु हुसैन के कथा संग्रह का दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल हाउस में उनके कथा संग्रह ‘गुण्टी’ का विमोचन जो उन्होंने अपने स्तर पर आयोजित किया और प्रकाशक भी मौजूद रहा । इसका विमोचन प्रसिद्ध लेखिका नासिरा शर्मा , लक्ष्मी शंकर वाजपेयी , ममता किरण, सुमन केशरी ने किया और मुझे भी इसमें शामिल किया गया था । यही नहीं सबसे ताजा उदाहरण प्रलेक प्रकाशन और संपादक डाॅ प्रेम जनमेजय का है जो धर्मवीर भारती : धर्मयुग के झरोखे से पुस्तक का विमोचन मुम्बई में पुष्पा भारती के हाथों भव्य ढंग से हुआ । इनके अतिरिक्त हिंदी पुस्तक के प्रकाशन पर कोई ढंग का समारोह कम ही होता है । यह बहुत दुखद है । हिंदी प्रकाशकों को अपने तौर तरीके बदलने चाहिए।

साहित्य अमृत उत्सव : हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डाॅ चंद्र त्रिखा ने आजादी के अमृत महोत्सव को साहित्य के अमृत महोत्सव में बदलने का अच्छा प्रयास किया । इसके डिजीटल मंच पर प्रदेश के महत्वपूर्ण कवियों का एकल पाठ आयोजित किया जा रहा है जो धीरे धीरे लोकप्रिय होता जा रहा है और इसमें काव्य पाठ करने की होड़ बढ़ती जा रही है ।

हिसार में हरियाणवी काव्य गोष्ठी : हरियाणा में हिसार साहित्यिक दृष्टि से बहुत समृद्ध है और यहां हर सप्ताह निरंतर काव्य गोष्ठियां व अन्य आयोजन होते रहते हैं । सर्वोदय भवन में पिछले पचास वर्ष से ऊपर साप्ताहिक गोष्ठी होती है जो बहुत ही चर्चित है । यहां पिछले वर्ष भगत सिंह के भांजे प्रो जगमोहन सिंह को भी व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया था । कभी यहां योगेन्द्र यादव, श्रीकांत आप्टे और न जाने कितने विचारक यहां आते रहे हैं । इसी सर्वोदय भवन में हर वर्ष के अंतिम रविवार को काव्य गोष्ठी आयोजित करने की शानदार परंपरा है । इसके अतिरिक्त हरियाणवी काव्य गोष्ठी भी नगर में हुई जिसमें जयभगवान लाडवाल , कृष्ण इंदौरा , शर्मा बंधु , कमलेश भारतीय, वीरेंद्र कौशल, सरफराज और ऋषि कुमार सक्सेना आदि ने काव्य पाठ किया ।

सरस्वती सुमन का कथा विशेषांक : जहां व्यावसायिक पत्रिकायें अपने पन्ने राजनिति को दे रही हैं, वहीं देहरादून से प्रकाशित साहित्यिक पत्रिका सरस्वती सुमन साहित्यिक विशेषांक दे रही है । दिसम्बर अंक कथा विशेषांक है जो प्रसिद्ध रचनाकार शशि पुरवार के अतिथि संपादन में आया है । इसमें रवींद्रनाथ टैगोर की पोस्टमास्टर, मुंशी प्रेमचंद की बड़े घर की बेटी और फणीश्वरनाथ रेणु की ठेस कहानियां भी दी गयी हैं तो चित्रा मुद्गल की ताजमहल, सुधा अरोड़ा की उधड़ा हुआ स्वैटर, कमलेश भारतीय की नदी और लहरें, सुधा ओम ढींगरा की मकड़जाल, खुद संपादिका शशि पुरवार की वो 21 दिन सहित कुल अट्ठाइस कहानियां अपने आप में एक कथा संग्रह का स्वाद देती हैं । पिछले वर्ष ही शशि पुरवार के अतिथि संपादन में इसी पत्रिका का नारी विशेषांक भी खूब चर्चित रहा । इसी पत्रिका ने किन्नर विशेषांक भी दिया । इधर मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी की पत्रिका साक्षात्कार की ओर से पहले लघुकथा विशेषांक और अब गीत विशेषांक प्रकाशित किये गये हैं । ये संपादक विकास दवे की कोशिशों के चलते संभव हुआ । रश्मि अभय ने अपनी संस्था देवशील मेमोरियल की ओर से दिसम्बर में स्पर्शिका स्मारिका का प्रकाशन की । ये प्रयास सराहनीय हैं । दिनेशपुर से पलाश विश्वास के संपादन में प्रेरणा अंशु भी लगातार विशेषांक देकर अच्छा काम कर रही है । अभी इसका गजल विशेषांक आया और पहले ग्रामीण विशेषांक दिया । यही नहीं पिछले वर्ष दिनेशपुर में लघु पत्रिका सम्मेलन भी आयोजित किये । सभी के प्रयासों को सलाम !

अगले सप्ताह फिर मिलेंगे नयी गतिविधियों के साथ ।

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ डॉ राकेश चक्र द्वारा लिखित पुस्तक ‘भारत के गौरव स्वामी विवेकानंद’ लोकार्पित ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 डॉ राकेश चक्र द्वारा लिखित पुस्तक ‘भारत के गौरव स्वामी विवेकानंद’ लोकार्पित 🌹

युवा दिवस अर्थात स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिवस के अवसर पर डॉ राकेश चक्र द्वारा लिखित नवीनतम पुस्तक “भारत के गौरव स्वामी विवेकानंद” का लोकार्पण डिप्टी जगन्नाथ सिंह सरस्वती विद्या मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कटघर मुरादाबाद में दिनांक 12 जनवरी को सम्पन्न हुआ।

डॉ राकेश चक्र

इस अवसर पर सुविख्यात सर्जन डॉ मनोज अग्रवाल जी (आशीर्वाद नर्सिंग होम), पत्रकार एवं लेखक डॉ मनोज रस्तोगी जी एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री सुनील कुमार जी, विद्यालय के सभी शिक्षक गण और ग्यारहवीं , बारहवीं के छात्र – छात्राएं , विवेकानंद बने कृष्णा तिवारी, पूर्व छात्र शुभम गुप्ता, इशांक भारद्वाज आदि उपस्थित रहे । इस अवसर डॉ राकेश चक्र द्वारा स्वलिखित पुस्तकें भी बच्चों को भेंट की गईं ।

स्वामी विवेकानंद जी का जन्मोत्सव बड़े उत्साहपूर्ण वातावरण में मनाया गया। डॉ राकेश चक्र की अब तक दस दर्जन मौलिक पुस्तकें प्रौढ़ एवं बाल साहित्य एवं तीन दर्जन साझा – संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं।

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ ‘अंतर्मन के लिए एक बेहद अच्छी खुराक है संजय उवाच’ – पद्मश्री शेखर सेन ☆ साभार – क्षितिज ब्यूरो ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 ‘संजय उवाच’ लोकार्पित 🌹

पद्मश्री शेखर सेन

‘अंतर्मन के लिए एक बेहद अच्छी खुराक है संजय उवाच’ – शेखर सेन

(ई-अभिव्यक्ति के साप्ताहिक स्तम्भ ‘संजय उवाच’ में प्रकाशित 88 लघु आलेखों के संग्रह के प्रकाशन पर श्री संजय भरद्वाज जी को ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से हार्दिक बधाईअभिनन्दन💐)

लेखक, कवि संजय भारद्वाज की पुस्तक ‘संजय उवाच’ का लोकार्पण रविवार 8 जनवरी 2023 को पुणे में हुआ। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध रंगकर्मी पद्मश्री शेखर सेन ने की। अपने उद्बोधन में शेखर सेन ने कहा कि संजय भारद्वाज की लेखनी में अध्यात्म की सुगंध है। इसलिए जहाँ एक ओर वह आपको कबीर की झिंझोड़ते हैं, वहीं कभी रहीम की तरह आपके घाव पर फाहा लगा देते हैं और कभी तुलसी की तरह अपने स्नेह से समृद्ध करते हैं। लेखनी की निरंतरता उनकी एक और विशेषता है। ‘संजय उवाच’ अंतर्मन के लिए एक बेहद अच्छी खुराक है। कलाकारों की धातु का विश्लेषण करते हुए उन्होंने श्रोताओं का मन जीत लिया।

‘संजय उवाच’ संजय भारद्वाज के लोकप्रिय साप्ताहिक स्तम्भ में प्रकाशित 88 लघु आलेखों का संग्रह है। ये आलेख अध्यात्म, दर्शन और मीमांसा पर आधारित हैं। इन आलेखों पर आधारित लेखक के प्रबोधनात्मक व्याख्यानों की शृंखला भी है। यह पुस्तक क्षितिज प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गई है।

लोकार्पण में पुस्तक पर आधारित आलेखों का वाचन और संगीतात्मक प्रस्तुति की गई। वाचन स्वयं लेखक ने किया। इस प्रस्तुति की सूत्रधार धनश्री हेबलीकर थीं। गायन सतीश कुमार का था। तबले पर साथ संगत रितेश बुरूड ने की। की-बोर्ड पर विनय कुमार थे। इस प्रस्तुति ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह का संचालन कृशान दोशी ने किया।

संजय भारद्वाज ने अपनी एक कविता के माध्यम से आभार व्यक्त करते हुए कहा,

दो हाथोंवाला

साधारण मनुष्य था मैं मित्रो!

तुम्हारी आशा,

तुम्हारे विश्वास ने

मुझे सहस्त्रबाहु कर दिया!

समारोह में बड़ी संख्या में साहित्यकार और शहर के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रतिष्ठित जन उपस्थित थे।

 – क्षितिज ब्यूरो की रिपोर्ट

 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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