विश्व संत स्वामी प्रज्ञानंद सम्मान से आचार्य भागवत दुबे जी एवं श्री राजेश पाठक ‘प्रवीण’ जी सम्मानित – अभिनंदन
अंतरराष्ट्रीय प्रज्ञा मिशन विश्व माता गायत्री ट्रस्ट, नई दिल्ली द्वारा आयोजित विश्व संत महामंडलेश्वर स्वामी प्रज्ञानंद स्मृति सम्मान 2022 का आयोजन नई दिल्ली के सीरी फोर्ट ऑडिटोरियम में भव्यता के साथ किया गया। जिसमें देश के विभिन्न अंचलों के विद्वत मनीषियों को सम्मानित किया गया।
संस्कारधानी जबलपुर के राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध साहित्यकार आचार्य भगवत दुबे को स्वामी प्रज्ञानंद सम्मान एवं श्री राजेश पाठक ‘प्रवीण’ को सर्वोत्कृष्ट मंच संचालन के लिए स्वामी प्रज्ञानंद सम्मान से अलंकृत किया गया। भव्य समारोह में देश के विविध अंचलों के संत, महात्माओं के साथ विद्वत मनीषियों की उपस्थिति रही ।
समारोह में डॉ. भावना शुक्ला, श्री प्रेम शुक्ला, अनुराग तिवारी, कु. संस्कृति लड़िया, श्रीमती रश्मि पाठक, रौनक पाठक ने आचार्य भगवत दुबे जी एवं श्री राजेश पाठक ‘प्रवीण’ जी का सम्मानोपरांत अभिनंदन किया। इस अवसर पर पाथेय संस्था, जागरण साहित्य समिति, मंथनश्री, वर्तिका आदि संस्थाओं के द्वारा प्रकाशित साहित्य को प्रज्ञा पीठाधीश्वर श्री माँ साध्वी विभानंद जी को समर्पित किया गया।
साभार – श्री संतोष नेमा “संतोष”
ई-अभिव्यक्ति की ओर से इस अभूतपूर्व सम्मान के लिए आचार्य भागवत दुबे जी एवं श्री राजेश पाठक ‘प्रवीण’ जी का अभिनंदन एवं हार्दिक बधाई
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
☆ “विश्व हिंदी संस्थान” और टोरंटो, में आजादी-अमृत महोत्सव पर्व” – श्री मनोज कुमार शुक्ल ‘मनोज’ ☆
कनाडा,टोरंटो में पन्द्रह अगस्त आजादी का अमृत महोत्सव पर्व धूमधाम से 21 अगस्त 2022 को नाथन फिलिप स्कवायर, डाउन टाउन से एक विशाल झाकियों का जलूस निकाला गया। जलूस में भारत के विभिन्न प्रांतों की मन मोहक झलक उनके वेशभूषा और ढोल नगाड़ों के साथ देखने का अवसर मिला। उनके संग 35 से 40 फीट तक के ट्राले पर झाकियों की मन मोहक छटा चल रही थी, जिसे देख कर आनंद की अनुभूति हुई।
चल समारोह में “विश्व हिन्दी संस्थान” की भी झाँकी श्री सरन घई जी के संयोजन में कवियों के काव्य पाठ के साथ प्रदर्शित की गई थी। जिसका सुअवसर मुझे भी मिला। विश्व हिंदी संस्थान के द्वारा मिष्ठान्न का वितरण सारे मार्ग में किया जाता रहा, यह उनके देश प्रेम एवं हिन्दी के प्रति अनुराग निष्ठावान का परिचायक था। राह चलते सभी लोग उसका लुत्फ उठा रहे थे। मंच पर श्री सरन घई जी के साथ मनोजकुमार शुक्ल, समीर लाल, संदीप त्यागी, भल्ला, मीना,और अनेक कनाडा के कवियों ने देश भक्ति की रचनाओं का काव्य पाठ किया।
प्रवासी भारतीयों का उत्साह आनंद सचमुच देखने लायक था। जिसे देख कर अन्य देशों के लोग भी जोशोखरोस के साथ नारे लगाने का प्रयास कर रहे थे। सड़कों के दोनों ओर भारत माता की जय, वंदेमातरम् , जय हिंद के उद्घोष बराबर सुनाई पड़ रहे थे। कनाडा की धरती में उनकी हिस्सेदारी एवं सहभागिता का परिचायक है।
झाँकियाँ में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, केरल, कर्नाटक आदि अनेक प्रांतों का नेतृत्व महाराष्ट्र की परंपरागत झंडे, वेशभूषा एवं ढोल के साथ जिसमें दो फिल्मी कलाकार राहुल देव और एक अभिनेत्री दिख रही थी। यह कोई सरकारी आयोजन नहीं था। प्रवासी भारतीयों के मेहनत का परिणाम था जिसमें उनका आर्थिक सहयोग उत्साह के साथ ही देश प्रेम के प्रति समर्पण भाव छिपा स्पष्ट दिखाई दे रहा था।
भारतीयों की यही विशेषता उन्हें अन्य लोगों से हटकर अपना स्थान बनाने के लिए सहायक सिद्ध होती है। यह सब देख कर मेरा मन रोमांचित हो उठा, गौरव से भर उठा।
चित्र एवं रिपोर्ट साभार – श्री मनोज कुमार शुक्ल ‘मनोज’, टोरंटो, कनाडा
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
ई-अभिव्यक्ती (मराठी) हे साहित्यिक दैनिक सुरू करून आज दोन वर्षे होत आहेत. ई-अभिव्यक्ती (मराठी) चा आज दुसरा वर्धापन दिन.
15ऑगस्ट 2020 ला सुरु केलेल्या या साहित्यिक दैनिकाला सुरूवातीपासूनच प्रतिसाद मिळत गेला.दिवसेंदिवस नवे नवे साहित्यिक जोडले गेले.विविध विषयांवरचे लेख, कथा, कविता येऊ लागल्या. साहित्याच्या विविध प्रकारांनी ‘अभिव्यक्ती ‘ नटले.
आपण सर्व साहित्यिकांनी दिलेल्या सहकार्यामुळे हे शक्य झाले आहे. लेखन, वाचन व त्यावरील प्रतिक्रिया यांमुळे अंकात वैविध्यपूर्णता येत गेली व अंकाचा ताजेपणा टिकून राहिला. आपण सर्वांची साथ मिळाली म्हणूनच हे शक्य झाले. म्हणूनच आपणा सर्वांचे आभार आणि अभिनंदन 🙏🏻
🇮🇳 देशाच्या 75 व्या स्वातंत्र्यदिनाच्या अमृत महोत्सवाच्या सर्वांना खूप खूप शुभेच्छा..! 🇮🇳
संपादक मंडळ
ई अभिव्यक्ती मराठी
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/सौ. सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
आपल्या समुहातील लेखक व कवी श्री अमोल केळकर यांना, त्यांच्या ‘माझी टवाळखोरी’ या विडंबन लेखन पुस्तकास आचार्य अत्रे स्मृती प्रतिष्ठानसंचलित विनोद विद्यापीठ, पुणे यांचा पुरस्कार प्राप्त झाला आहे. त्यांच्या पहिल्याच पुस्तकास पुरस्कार प्राप्त झाल्याबद्दल त्यांचे ई-अभिव्यक्ती मराठी तर्फे विशेष कौतुक व अभिनंदन!
💐 श्री अमोल केळकर यांचे ई अभिव्यक्ती मराठी समुहातर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि पुढील लेखनासाठी शुभेच्छा 💐
संपादक मंडळ
ई अभिव्यक्ती मराठी
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
डॉ. विजय तिवारी ‘किसलय’ सामाजिक दर्पण सोशल मिरर फॉउंडेशन, पटना द्वारा सम्मानित – अभिनंदन
19 जुलाई पटना। संस्कारधानी जबलपुर के सुप्रसिद्ध एवं प्रतिष्ठित साहित्यकार डॉ. विजय तिवारी ‘किसलय’ द्वारा विद्यापति प्रेक्षागृह में आयोजित सामाजिक दर्पण सोशल मिरर फॉउंडेशन के भव्य राष्ट्रीय अधिवेशन, पुस्तक विमोचन व अखिल भारतीय कवि सम्मेलन इन तीनों सत्रों के मुख्य आतिथि का दायित्व निर्वहन किया गया।
अधिवेशन में डॉ.रत्नेश्वर सिंह की पुस्तकों ‘सूखे पत्तों की पीड़ा’, ‘समकालीन साहित्यिक परिदृश्य’ और ‘संघर्ष का पर्याय शकुंतला तोमर’ का विमोचन किया गया। तदुपरांत अनेक विद्वानों सहित डॉ. विजय तिवारी ‘किसलय’ जी ने पुस्तकों पर विस्तृत प्रकाश डाला। गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के पश्चात संगीत सुधा फाउंडेशन के छात्र-छात्राओं द्वारा स्वागत गीत का गायन किया गया।
मंचासीन मुख्य अतिथि डॉ. विजय तिवारी ‘किसलय’, कार्यक्रम अध्यक्षा सामाजिक दर्पण की संस्थापिका श्रीमती शकुंतला तोमर, विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय सचिव श्री धर्मेंद्र सिंह तोमर, डॉ उषा कुमारी, डॉ महेंद्रनाथ अलंकार, श्री संजीव कुमार के साथ कृतिकार डॉ. रत्नेश्वर सिंह का सम्मान पत्र, शाॅल, पुष्पगुच्छ, पुष्पमाल्य आदि से अभिनंदन किया गया।
इस अवसर पर सोशल दर्पण फाउंडेशन की बिहार इकाई द्वारा श्रीमती शकुंतला तोमर को ‘वीरांगना लक्ष्मीबाई सम्मान’ एवं ‘भारत भारती सम्मान’ से सम्मानित किया गया। डॉ. रत्नेश्वर सिंह को सामाजिक दर्पण फाउंडेशन की ओर से ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित करते हुए सम्मान पत्र, अंग वस्त्र, पुष्पमाल्य आदि अर्पित किया गया।
जबलपुर से पधारें डॉ. विजय तिवारी ‘किसलय’ एवं पथगामिनी पटल की संस्थापिका मंजुला श्रीवास्तव द्वारा भी सम्मान पत्र, प्रतीक चिन्ह, अंग वस्त्र, श्रीफल, पुष्पगुच्छ आदि से डॉ. सिंह का अभिनंदन किया।
द्वितीय सत्र में 40 से अधिक सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक सरोकारों से जुड़े गणमान्य विद्वतजनों का अभिनंदन पटल की ओर से सम्मान पत्र, अंग वस्त्र एवं पुष्प गुच्छ प्रदान कर किया गया। सम्मान प्राप्त करने वाले विद्वानों में डॉ. भूदत्त शर्मा, श्रीमती मंजुला श्रीवास्तव, डॉ. रोशनी किरण, डॉ. उषा कुमारी, श्रीमती अनीता प्रसाद, श्री अवधेश प्रसाद, डॉ. अमरकांत कुमर, डॉ. सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह, डॉ. नरेंद्र प्रसाद सिंह, प्रो. शिवनंदन प्रसाद, अमित कुमार मिश्रा आदि अनेक लोग शामिल रहे। पटल की ओर से सम्मानित किए गए साहित्य-सेवियों का आगमन मुंबई, हरिद्वार, वाराणसी, जबलपुर, ग्वालियर, पटना, दरभंगा, मधेपुरा सहित भारत के अनेक राज्यों एवं शहरों से हुआ था। अधिवेशन के तृतीय सत्र में भारत के विभिन्न राज्यों से पधारे शताधिक कवि, गीतकार, ग़ज़लकारों ने गीत, ग़ज़ल, कविताओं से समा बाँधा।
इन सबके पूर्व सम्पन्न अधिवेशन में अध्यक्षा श्रीमती शकुंतला तोमर के मार्गदर्शन में बिहार इकाई के पदाधिकारियों का निर्वाचन के साथ ही आगामी रूपरेखा पर भी परिचर्चा की गई।
पहले और दूसरे सत्र का संचालन अमित कुमार मिश्रा ने किया। तीसरे सत्र का कुशल संचालन कार्यक्रम के संयोजक डॉ. रत्नेश्वर सिंह के द्वारा किया गया।
ई-अभिव्यक्ति की ओर से इस अभूतपूर्व सम्मान के लिए डॉ विजय तिवारी किसलय’ जी का अभिनंदन एवं हार्दिक बधाई
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
मराठी माणसाच्या मनात दिवाळीची चाहूल लागते ती फराळाच्या वासाने आणि दिवाळी अंकांच्या चर्चेने !
दिवाळी अंक म्हणजे महाराष्ट्राच्या सांस्कृतिक आणि साहित्यिक परंपरेचे प्रतिकच आहे. दिवाळी अंकात साहित्य प्रकाशित होणे हे प्रत्येक साहित्यिकाचे स्वप्न असते आणि चोखंदळ रसिक वाचकही दिवाळी अंकांची आतुरतेने वाट पहात असतात. असाच एक दर्जेदार दिवाळी अंक प्रकाशित करण्याचे ई-अभिव्यक्ती (मराठी) ने ठरवले आहे. साहित्यिकांनी आपली स्वतःची अप्रकाशित साहित्यकृती आमचेकडे पाठवून हा अक्षरसोहळा संपन्न करावा यासाठी हे आवाहन :
साहित्य पाठवताना खालील नियम विचारात घ्यावेत:
दिवाळी अंक पीडीएफ किंवा ई बुक पद्धतीने काढण्यात येईल.
प्रत्येक साहित्यिकाला कोणत्याही एका साहित्य प्रकारातील एकच रचना पाठवता येईल.
अंकात कथा, ललित लेख, कविता, कविता रसग्रहण, चित्रकाव्य आणि पुस्तक परिचय या साहित्य प्रकारांसाठी साहित्य स्विकारले जाईल.
कविता जास्तीत जास्त 20 ओळींची व चित्रकाव्य जास्तीत जास्त 12 ओळींचे असावे. अन्य सर्व साहित्य प्रकारातील लेखन जास्तीत जास्त 1500 शब्दांपर्यंत असावे. सर्व साहित्य व्हाट्सएप्प किंवा मेल ने वर्ड्स फॉर्मेट मध्ये पाठवावे.
चित्रकाव्य साठी संपादक मंडळाकडून दोन चित्रे दिली जातील. त्यावर आधारितच काव्य असावे.
साहित्य स्वतःचे व अप्रकाशित असावे. तसेच साहित्य दिवाळी अंकासाठी पाठवत आहे असा स्पष्ट उल्लेख केलेला असावा.
साहित्य निवडीचे सर्व अधिकार संपादक मंडळाकडे असतील.
तांत्रिक कारणामुळे दिवाळी अंकात समाविष्ट न झालेले दर्जेदार साहित्य ई अभिव्यक्ती च्या दैनंदिन अंकात घेतले जाईल.
आपले साहित्य दि.15 ऑगस्ट 2022ला संध्याकाळी सात पर्यंत आमचेकडे पोहोचेल अशा बेताने पाठवावे.त्यानंतर आलेल्या साहित्याचा दिवाळी अंकासाठी विचार केला जाणार नाही याची कृपया नोंद घ्यावी .
ही सेवा निःशुल्क आहे. साहित्यिकास मानधन दिले जाणार नाही.
आपले साहित्य हे धार्मिक, राजकीय किंवा अन्य कोणत्याही विवादास्पद विषयापासून अलिप्त असावे. सामाजिक सलोखा बिघडणार नाही याची काळजी घ्यावी.
साहित्य पाठवताना खालील व्यवस्था विचारात घेऊन त्यानुसारच साहित्य पाठवावे
कथा, पुस्तक परिचय सौ. उज्ज्वला केळकर यांचेकडे पाठवावे. संपर्क: 9403310170 किंवा [email protected]
ललित लेख सौ. मंजुषा मुळे यांचेकडे पाठवावे. संपर्कः 9822846762 किंवा [email protected]
कविता, रसग्रहण, चित्रकाव्यः सुहास पंडित यांचेकडे पाठवावे. संपर्क: 9421225491 किंवा [email protected]
सदर निवेदन आपण माहितीसाठी अन्य साहित्यिकांना व समुहांना पाठवू शकता.
चला, सर्वांच्या सहकार्याने, दर्जेदार साहित्य निर्मिती करून दिपावलीचा आनंद द्विगुणीत करूया.
संपादक मंडळ
ई अभिव्यक्ती मराठी
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
वंचित विकास संचलित ‘निर्मळ रानवारा’ कथास्पर्धेत आपल्या समुहातील ज्येष्ठ लेखिका श्रीमती मीनाक्षी सरदेसाई यांच्या बालकथेस द्वितीय क्रमांक प्राप्त झाला आहे. ई अभिव्यक्ती समुहातर्फे त्यांचे हार्दिक अभिनंदन!💐💐
श्रीमती मीनाक्षी सरदेसाई यांचे ई अभिव्यक्ती मराठी समुहातर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि पुढील लेखनासाठी शुभेच्छा
संपादक मंडळ
ई अभिव्यक्ती मराठी
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर ≈
‘साकव्य’ या संस्थेतर्फे आयोजित करण्यात आलेल्या अभंग लेखन स्पर्धेत आपल्या समुहातील ज्येष्ठ लेखिका व कवयित्री सौ.ज्योत्स्ना तानवडे यांच्या रचनेस सर्वोत्कृष्ट पुरस्कार प्राप्त झाला आहे.
💐 सौ.तानवडे यांचे ई अभिव्यक्ती मराठी समुहातर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि पुढील लेखनासाठी शुभेच्छा 💐
संपादक मंडळ
ई अभिव्यक्ती मराठी
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈