सूचना/Information ☆ संपादकीय निवेदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

?संपादकीय निवेदन?

ई-अभिव्यक्ती विविधांगी व्हावा या दृष्टीने आपण अनेक सदरे सुरू केली आहेत. लेखन कलेला वाव मिळावा, परस्परांचे साहित्य वाचता यावे, विविध विचार, कल्पना, मांडणी, अनुभवता यावेत हा उद्देश सफल होत आहेच. त्याच वेळेला आपल्या स्वतःच्या लेखनासंबंधी विचार करता येतो. सकस साहित्य निर्मितीसाठी प्रयत्न करत राहणे हा यामागचा मुख्य हेतू आहे.

मराठी साहित्यात कविता हा थोडासा चेष्टेचा विषय झाला आहे की काय अशी शंका हल्ली येऊ लागली आहे. कविता हा सर्वांत सोपा साहित्य प्रकार आहे अशी समजूत करून घेतल्यामुळे कवितेचे पीक उदंड येते असे वाटू लागले आहे. पण ते सकस किती असते? कविता ही जशी कला आहे तसे कवितेचे एक शास्त्रही आहे. कविता उत्स्फूर्तपणे सुचणे हे कविच्या संवेदनशील मनाचे प्रतिक आहे यात शंकाच नाही. पण ती रसिक वाचकांसमोर सादर करण्यापूर्वी त्यातील त्रुटींचा अभ्यास करावा व ती शक्यतो दोषमुक्त असावी. त्यामुळे कवितेचा दर्जा उंचावेल व चांगली कविता वाचायला मिळेल.

कवितेची उत्स्फूर्तता

आणि कलात्मकता याबरोबरच तिचे शास्त्र समजून घेता यावे यासाठी आम्ही एक नवीन सदर सुरू करीत आहोत.

काव्यलेखन: कला आणि शास्त्र

यामध्ये कविता लेखनाचे विविध प्रकार, वृत्ते, छंद इ. विषयी सोदाहरण माहिती आपल्यापर्यंत पोहोचवण्याचा प्रयत्न असेल. आपण सर्वांनी या सदरासाठी लेखन करून याविषयी चे आपले ज्ञान इतरांना उपलब्ध करून द्यावे ही विनंती.

तरी सदरासाठी लेखन करू इच्छिणा-यांनी कृपया कविता विभागाशी संपर्क साधावा.

या सदराचे नेमके स्वरूप, नियम याविषयी लवकरच कळविण्यात येईल.

संपर्कासाठी:

सुहास रघुनाथ पंडित

संपादक ई–अभिव्यक्ती (मराठी)

व्हाॅटस् ऍप नं. 9421225491

मेल – [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – नीला देवल – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? सौ. नीला देवल – अभिनंदन ?

? अभिनंदन! अभिनंदन! अभिनंदन! ?

अखिल भारतीय मराठी साहित्य परिषद नाशिक जिल्हा               

आयोजित पुस्तक स्पर्धा २०२०- २०२१

या स्पर्धेसाठी विविध साहित्य प्रकारातील एकेक पुस्तक निवडण्यात आले. या स्पर्धेत ई-अभिव्यक्तीच्या लेखिका सौ. नीला देवल यांच्या परिस- स्पर्श या कथासंग्रहास परितोषिक मिळाले.   

? ई – अभिव्यक्तीतर्फे त्यांचे अभिनंदन व पुढील वाटचालीसाठी शुभेच्छा. ?

 

संपादक मंडळ, ई-अभिव्यक्ती (मराठी)

श्रीमती उज्ज्वला केळकर 

Email- [email protected] WhatsApp – 9403310170

श्री सुहास रघुनाथ पंडित 

Email –  [email protected]WhatsApp – 94212254910

सौ. मंजुषा मुळे

Email –  [email protected] WhatsApp – 9822846762

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

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सूचना /Information ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेषांक 2019-20 ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय

☆ सूचना/Information ☆

 ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेषांक 2019-20 ☆

आदरणीय मित्रो,

हमने महात्मा गांधी जी के 150वें जन्मोत्सव के अवसर पर अग्रज वरिष्ठ साहित्यकार श्री जय प्रकाश पाण्डेय जी के अतिथि सम्पादन में दो भागों में गांधी जयंती विशेषांक का प्रकाशन किया था, जिसे आप सभी का भरपूर प्रतिसाद मिला।

पाठकों के विशेष अनुरोध पर हम उन दोनों विशेषांक में प्रकाशित रचनाओं के शॉर्ट लिंक्स प्रस्तुत कर रहे हैं। आप उन शॉर्ट लिंक्स पर क्लिक कर रचनाएँ पढ़ सकते हैं।

– हेमन्त बावनकर, ब्लॉग संपादक ई-अभिव्यक्ति

150वीं गांधी जयंती विशेष – 1

  1. हिन्दी साहित्य – ई-अभिव्यक्ति संवाद – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ अतिथि संपादक की कलम से ……. महात्मा गांधी प्रसंग ☆ – श्री जय प्रकाश पाण्डेय

http://bit.ly/2oiSiae

  1. हिन्दी साहित्य – आलेख – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ दक्षिण अफ्रीका : मिस्टर बैरिस्टर एम. के. गांधी से गांधी बनाने की ओर ☆ श्री मनोज मीता

http://bit.ly/2nuCAsA

  1. हिन्दी साहित्य – आलेख – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -1☆ गांधी विचार की वर्तमान प्रासंगिकता ☆ श्री राकेश कुमार पालीवाल

http://bit.ly/2nER7le

  1. हिन्दी साहित्य – आलेख – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ गांधी जी के मुख्य सरोकार ☆ डॉ.  मुक्ता

http://bit.ly/2oq2sFK

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -1☆ सपने में बापू ☆ डॉ कुन्दन सिंह परिहार

http://bit.ly/2mRKpbq

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ घोडा, न कि …. ☆ डॉ सुरेश कान्त

http://bit.ly/2mKLKR6

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ तेरा गांधी, मेरा गांधी; इसका गांधी, किसका गांधी! ☆ श्री प्रेम जनमेजय

http://bit.ly/2mIfXjI

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ राजघाट का मूल्य ☆ श्री संजीव निगम

http://bit.ly/2ok5wDC

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ गांधी जिन्दा हैं और रहेंगे ☆ श्रीमती सुसंस्कृति परिहार

http://bit.ly/2mKFfOc

  1. हिन्दी साहित्य – आलेख – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ चंपारण सत्याग्रह: एक शिकायत की जाँच ☆ श्री अरुण कुमार डनायक

http://bit.ly/2mO5eED

  1. हिन्दी साहित्य – कविता – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ अहिंसा का दूत ☆ सुश्री निशा नंदिनी भारतीय

http://bit.ly/2paYPEi

  1. हिन्दी साहित्य – संस्मरण – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ पकुआ के घर गाँधी जी ! ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय

http://bit.ly/2mI78q6

  1. मराठी साहित्य – कविता – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ बापू ☆ श्री सुजित कदम

http://bit.ly/2olLJn9

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष-1 ☆ क्योंकि मैं राष्ट्र मां नहीं ☆ श्रीमती समीक्षा तैलंग

http://bit.ly/2nDSYXD

 

150वीं गांधी जयंती विशेष -2  

 

  1. ई-अभिव्यक्ति: संवाद- 41 – ☆ ई-अभिव्यक्ति -गांधी स्मृति विशेषांक☆ – हेमन्त बावनकर

http://bit.ly/2n09wc7

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2 ☆ चौराहे पर गांधी! ☆ श्री प्रेम जनमेजय

http://bit.ly/2nQ2VBn

  1. हिन्दी साहित्य – आलेख – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2 ☆ महात्मा गांधी के सपनों का भारत ☆ डॉ भावना शुक्ल

http://bit.ly/2otaeiv

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2☆ बापू कभी इस जेब में कभी उस जेब में ☆ श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’

http://bit.ly/2oz1Bmg

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2☆ हे राम ! ☆ डॉ गंगाप्रसाद शर्मा ‘गुणशेखर’

http://bit.ly/2nS9GCz

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2☆ कहाँ चल दिए बापू ☆ श्री विनोद कुमार ‘विक्की’

http://bit.ly/2piJ9ic

  1. हिन्दी साहित्य – कविता – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -२ ☆ प्रश्नचिन्ह ☆ श्री रमेश सैनी

http://bit.ly/2nGgUtD

  1. हिन्दी साहित्य – लघुकथा – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2☆ मानव ☆ श्री सदानंद आंबेकर

http://bit.ly/2nPuieQ

  1. हिन्दी साहित्य – आलेख – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2☆ गांधी की खादी आज भी प्रासंगिक ☆ श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’

http://bit.ly/2mQoSji

  1. मराठी साहित्य – कविता – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2 ☆ महात्मा गांधी……! ☆ – कविराज विजय यशवंत सातपुते

http://bit.ly/2mSkCj8

  1. हिन्दी साहित्य – लघुकथा – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2 ☆ पूछ रहे बैकुंठ से बापू ☆ श्री मनोज जैन “मित्र”

http://bit.ly/2nG4L7Z

  1. हिन्दी साहित्य – लघुकथा – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2 ☆ दृष्टि ☆ श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश”

http://bit.ly/2pn1smx

  1. हिन्दी साहित्य – व्यंग्य लघुकथा – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2☆ महात्मा गाँधी की जय ☆ श्री घनश्याम अग्रवाल

http://bit.ly/2osqznA

  1. हिन्दी साहित्य – संस्मरण – ☆ 150वीं गांधी जयंती विशेष -2 ☆ बा और बापू ☆ श्रीमति हेमलता मिश्र “मानवी “

http://bit.ly/2nST8KT

 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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सूचना /Information – ☆ हिंदी आंदोलन परिवार  – 27वें स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ ☆

?हिंदी आंदोलन परिवार  – 27वें स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ ?

 

अंधेरा अभी गया नहीं है पर वातावरण में गूँज रही पंछियों के एक जोड़े की चहचहाट, भोर के आलोक की सुगबुगाहट बन रही है।

समय कितनी तीव्र गति से उड़ता है! स्मरण आता है कि ऐसी ही चहचहाट 27 वर्ष पूर्व भी हुई थी। आनंदमयी एवं संभावनाओं से परिपूर्ण चहचहाट। 30 सितम्बर 1995 को जन्मा हिन्दी आंदोलन परिवार, आज 27 वर्ष का गठीला युवा हो चुका।

हिंआंप को शिशु से युवा करने के इस यज्ञ में अपने समय एवं ऊर्जा की आहुति देनेवाले सभी निष्ठावान एवं समर्पित पदाधिकारियों, सहकर्मियों, कार्यकर्ताओं एवं हितैषियों के प्रति हम नतमस्तक हैं। आप हैं, सो हिंआंप है।

हिन्दी आंदोलन परिवार चिरंजीव हो।27वें स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।

उबूंटू!

? सुधा एवं संजय भारद्वाज?
संस्थापक, हिन्दी आंदोलन परिवार

27.9.2021, प्रात: 5:50 बजे।

? ई- अभिव्यक्ति परिवार की और से  हिंदी आंदोलन परिवार को 27वें स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ ?

 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ मॉडर्न महाविद्यालय, पुणे में हिंदी पखवाड़ा समापन समारोह संपन्न ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? मॉडर्न महाविद्यालय, पुणे में हिंदी पखवाड़ा समापन समारोह संपन्न  ?

हिंदी विभाग, मॉडर्न महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर, पुणे 05 के द्वारा दिनांक 28 सितंबर 2021 को हिंदी पखवाड़ा समापन समारोह का ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से आयोजन किया गया था l इस कार्यक्रम के अवसर पर हिंदी लेखक-कवि, हिंदी सेवी डॉ. विजयप्रकाश ओमप्रकाश शर्मा जी उपस्थित थे । हिंदी पखवाड़ा समापन के अवसर पर “हिंदी साहित्य की सामाजिक उपादेयता” विषय पर डॉ. विजयप्रकाश शर्मा जी ने अपने विचार अभिव्यक्त करते हुए मानवकल्याण का मार्ग बतानेवाले, विभिन्न समय पर लिखे गए हिंदी साहित्य के संदर्भ में विश्लेषण किया। उन्होंने यह कहा कि कबीर, तुलसीदास, मीराबाई के पद तथा संपूर्ण भक्तिकाल का साहित्य, रीतिकालीन हिंदी साहित्य ने भौतिकता की अपेक्षा आत्मिक सुख को महत्वपूर्ण माना और समाज को अंतर्मुखी बनाने का प्रयास किया है । हिंदी साहित्य में हमेशा लोककल्याण की भावना को जगाए रखने में अपना योगदान दिया है और वह भावना विरासत के रूप में अगली पीढ़ी तक पहुँचाने का महत्कार्य किया है । आत्मा की संपूर्णता पर हमारे हिंदी साहित्य ने बल दिया और इसी आधार पर सामाजिक रचना निर्माण हुई । हिंदी साहित्य ने हमारे जीवन को हारमनी प्रदान की है ।  हिंदी साहित्य के विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से डॉ. विजयप्रकाश शर्मा जी ने साहित्य की उपादेयता पर प्रकाश डाला और प्रासंगिक तौर पर हिंदी रचनाकार रामधारीसिंह दिनकर जी द्वारा लिखित ‘रश्मिरथी’ के कुछ अंश का अभिवाचन किया ।

प्रस्तुत कार्यक्रम में मॉडर्न महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र झुंजारराव, कला शाखा की उपप्राचार्या डॉ. अमृता ओक, हिंदी के अन्य प्राध्यापक उपस्थित थे । प्राचार्य डॉ. राजेंद्र झुंजारराव जी ने हन्दी विभाग द्वारा निरंतर आयोजित की जानेवाली विभिन्न गतिविधियों की प्रशंसा की और सफल कार्यक्रम के आयोजन हेतु हिंदी विभागाध्यक्षा डॉ. प्रेरणा उबाले और हिंदी विभाग को बधाई दी । संपूर्ण कार्यक्रम का संयोजन हिंदी विभागाध्यक्षा डॉ. प्रेरणा उबाले जी ने किया और सूत्रसंचालन प्रा. असीर मुलाणी ने किया । ऑनलाइन प्रणाली से आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित थे।

साभार – डॉ. प्रेरणा उबाले, हिंदी विभागाध्यक्षा, मॉडर्न महाविद्यालय, पुणे 05 Mob. 7028525378, [email protected])

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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सूचना/Information ☆ डॉ राजकुमार शर्मा का साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान रहा है – केशरीनाथ त्रिपाठी – अभिनंदन ☆

डॉ राजकुमार शर्मा का साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान रहा है, एक समर्पित समाजसेवी के रूप में उनकी सेवा सराहनीय है – केशरीनाथ त्रिपाठी

हिन्दुस्तानी एकेडमी के सभागार में शनिवार को साहित्यकार, पत्रकार डाॅ0 राजकुमार शर्मा केंद्रित ‘‘नूतन कहानियां’’ पत्रिका का विमोचन व डाॅ0 शर्मा जी का सम्मान किया गया। प्रयागराज से वर्ष 1976  में प्रकाशन प्रारम्भ करने वाली नूतन कहानियां मासिक पत्रिका को साहित्य की पत्रिका के रूप में रूपांतरित करते हुए लखनऊ के ब्यूरो प्रमुख वरिष्ठ पत्रकार श्री सुरेन्द्र अग्निहोत्री ने प्रयागराज के वरिष्ठ, वयोवृद्ध साहित्यकार लेखक डॉ राजकुमार शर्मा पर केंद्रित विशेषांक प्रकाशित करते हुए एक महत्वपूर्ण कार्य किया है। डॉ शर्मा के साहित्यिक योगदान को स्मरणीय बनाने में इस विशेषांक की महत्वपूर्ण भूमिका है जो भविष्य में उल्लेखनीय रहेगी। पत्रिका में सम्मिलित डॉ राजेन्द्र कुमार, डॉ जय कुमार जलज, श्री शैवाल सत्यार्थी, डॉ पूर्णिमा मालवीय आदि के लेखों ने उनकी साहित्यिक यात्रा को जिस तरह से रेखांकित किया है वह सराहनीय है। पत्रिका के विमोचन समारोह में बोलते हुये पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री केशरीनाथ त्रिपाठी जी ने ये बातें कहीं। त्रिपाठी जी ने शर्मा जी के व्यक्तित्व पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि इनसे नई पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। वे सदैव समर्पित भाव से बिना अपने गंतव्य की चिंता किये अनथक परिश्रम करते रहे। उन्होंने राजकुमार जी को पूर्णायु प्राप्त करने का आशीर्वाद दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हिंदुस्तानी एकेडमी के अध्यक्ष श्री उदय प्रताप सिंह ने इस मौके पर डॉ शर्मा के साहित्यिक जीवन की चर्चा करते हुए जल्दी ही हिंदुस्तानी एकेडमी की तरफ से उनका भव्य सम्मान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमें यह जानकारी नहीं थी, नूतन कहानियों के सम्पादक सुरेन्द्र अग्निहोत्री जी को अनेक साधुवाद कि उन्होंने हमारा परिचय एक वयोवृद्ध साहित्यकार से कराया।उन्होंने पुनः जल्दी ही उनका सम्मान करने की बात कही।

दूरदर्शन के पूर्व निदेशक श्री श्याम विद्यार्थी जी ने राजकुमार जी को एक सीधा सच्चा और सरल इंसान बताते हुए एक संस्मरण सुनाया। उन्होंने बताया कि उन्होंने अनेक लोगों को साहित्यकार बनाया पर जब मैने उनका साक्षात्कार दूरदर्शन पर प्रसारित करने की बात कही तो वे स्वयं कभी नहीं आए, हमेशा दूसरों को आगे बढ़ाया। उनके जैसा व्यक्तित्व आज के समय में मिलना दुर्लभ है। उन्होंने डाॅ0 राज कुमार शर्मा जी के साहित्य के क्षेत्र में उनके द्वारा उल्लेखनीय योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि श्री शर्मा जी जीवन से जुड़ी हुई यह नूतन कहानियों का संग्रह है, इसके लिए पत्रिका के प्रधान सम्पादक श्री अशोक भटनागर बधाई के पात्र है। उन्होंने साहित्य, कवि, नाटककार व पत्रकार के रूप में अपनी लेखनी से समाज को नई दिशा प्रदान की है। उन्होंने ने भी शर्मा जी के शतायु होने की कामना की।

साइंस फैकेल्टी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रो अनीता गोपेश ने अपने प्रिय चाचा जी के रूप में उनको याद करते हुए इनके जीवन पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम का सुंदर सफल संचालन लखनऊ से आए श्री प्रेमशंकर अवस्थी जी ने किया।इस मौके पर प्रयागराज के अनेक लेखक पत्रकार तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। इस अवसर पर पूर्णिमा मालवीय की पुस्तक कौस्तुभ मणि का विमोचन श्री केशरीनाथ त्रिपाठी जी ने किया।। इस अवसर पर अनीता गोपेश, सुरेन्द्र अग्निहोत्री, विजय लक्ष्मी विभा, शारदा पांडेय, मधु भटनागर, आदि रहे।

साभार – श्री डी के मिश्रा

? ई-अभिव्यक्ति की ओर से इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए डॉ राजकुमार शर्मा जी का अभिनंदन एवं हार्दिक बधाई ?

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय 

 

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सूचना/Information ☆ देशभर के साहित्यकार हुए उप जिलाधीश के हाथों सम्मानित – अभिनंदन ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

?  देशभर के साहित्यकार हुए उप जिलाधीश के हाथों सम्मानित ? 

सवाई माधोपुर । पत्र-लेखन कला को जीवित करने के उद्देश्य से स्थापित साहित्य मंच टोडारायसिंह के द्वारा गत कई सालों से प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक इस मंच ने कई विद्यालयों में पाती लेखन कार्यशाला आयोजित करके हजारों छात्रों को पुरस्कृत किया है। इसी क्रम में देश भर से पाती लेखन मुहिम के तहत कई प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई जाती रही है। यह मंच राजस्थान के कई प्रांतों में क्रियाशील है।

इसे के परिणाम स्वरूप देश-विदेश से प्राप्त पत्रों में से चयनित पत्रों को पुरस्कृत किया गया है। इसके फलस्वरूप “पाती शिक्षकों को”, “पाती मीत को” और “पाती प्रकृति को” नाम से 3 प्रतियोगिताओं में चयनित पत्रों को पुस्तकाकार प्रकाशित करके देशभर के रचनाकारों को सवाई माधोपुर में उप जिलाधीश और साहित्य मंच टोडारायसिंह के संरक्षक सूरजसिंह नेगी, उपवन संरक्षक जयराम पांडेय और श्री दादू पर्यावरण संस्था रानीपुर के सहयोग से होटल सिद्धिविनायक के सभागार में पुस्तक विमोचन और सम्मान समारोह आयोजित किया गया।

ओजोन परत संरक्षण दिवस- 2021 के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रसिद्ध बालसाहित्यकार श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप तीन पुस्तकें- जिन में चुनिंदा पत्रों को समहित किया गया था, के साथ तीन प्रमाणपत्र, रणथंबोर के सिद्धिविनायक गजानन की तस्वीर प्रदान की गई। देशभर से पधारे हुए 150 प्रतिभागियों का मेवाड की धरती राजस्थान में सम्मानित होना बड़े गौरव की बात है।

साभार –  श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’, पोस्ट ऑफिस के पास, रतनगढ़, जिला- नीमच (मध्य प्रदेश) पिनकोड- 458226, मोबाइल नंबर 9424079675

? ई-अभिव्यक्ति की ओर से सभी पुरस्कृत / सम्मानित साहित्यकारों का अभिनंदन एवं हार्दिक बधाई ?

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

 

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सूचना/Information ☆ 21 सप्टेंबर – संपादकीय ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

? 21 सप्टेंबर- संपादकीय ? 

आज  श्री लक्ष्मीकांत तांबोळी यांचा जन्मदिन (२१ सप्टेंबर) कविता, कथा, ललित  लेख  इ. बहुविध वाङमय प्रकार त्यांनी हाताळले. 

कविता संग्रह – अस्वस्थ सूर्यास्त ‘गोकुळवाटा, जन्मझुला, हुंकार इ. 

कथा – तवंग, सलामसाब, ललित लेख – कबिराचा शेला, सायसावल्या, इ. 

कादंबरी – कृष्णकमळ, गांधकाली, दूर गेलेले घर

समीक्षा – कवि वृत्ती आणि प्रवृत्ती इ. त्यांना अनेक पुरस्कार मिळाले. कलावंत कधी निवृत्त होत नसतात, असं ते म्हणत. 

आजच्या अंकात वाचा, त्यांची कविता ‘अनंता एवढे द्यावे.’

अनंता येवढे द्यावे 

अनंता येवढे द्यावे, फुलांचे रंग ना जावे.

उडाया पाखरांसाठी  जरा आभाळ ठेवावे.

घराला उंबरा राहोपेटती राहू दे चूल

कुणाही मायपदराशी  खेळते राहू दे मूल 

तान्हुल्या बाळओठांचा  तुटो ना दे कधी पान्हा

असू दे माय कोणाची  असू दे कोणता तान्हा 

चालता तिमिर वाटेने  सोबती चांदणे यावे

घणाचे घाव होताना   फुलांनी सांत्वना द्यावे. 

कितीही पेटू दे ज्वाळा  जळाचा जाळ न व्हावा 

बरसत्या थेंब थेंबाचा   भुईतूनी कोंब उगवावा.

अनंता येवढे द्यावे,   भुईचे अंग मी व्हावे

शेवटी श्वास जाताना  फुलांचे रंग मी व्हावे.

 कवी : श्री लक्ष्मीकांत तांबोळी

चित्र साभारLaxmikant Tamboli | Facebook 

आज कविवर्य सदानंद रेगे यांचा स्मृतिदिन. त्यांचा जन्म २१जूनच. कवी आणि भाषांतरकार म्हणून ते प्रसिद्ध आहेत.

 कविता संग्रह – अक्षरवेल, गंधर्व, देवापुढचा दिवा, बकूंशीचा पक्षी 

कथासंग्रह – काळोखाची पिसे, चांदणं, चंद्र सावली कोरतो 

अनुवादीत – जयकेतू (रूपांतर )राजा इदीपास, ज्याचे होते प्राक्तन शापित, गोची इ. 

अनुवादीत कविता – ब्लादिमिर मायकोव्ह्स्कींच्या कवितांचा सुंदर अनुवाद – पॅंट घातलेला ढग     बालकविता – चांदोबा चांदोबा, झोपाळयाची बाग  

सदानंद रेगे यांची २८ पुस्तके प्रकाशित आहेत. त्यापैकी पुस्तकांना महाराष्ट्र सरकारचा राज्य पुरस्कार प्राप्त झाला आहे. 

आजच्या अंकात वाचा सदानंद रेगे यांची कविता आणि राधिका भांडारकर यांनी त्या कवितेचं केलेलं रसग्रहण

 

संपादक मंडळ, ई – अभिव्यक्ती (मराठी)

 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

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?संपादकीय निवेदन?

नमस्कार,

 दि .१ ऑक्टोबर  —- आदरणीय  महान लेखक आणि महाकवी कै. श्री. ग. दि . माडगूळकर यांचा जन्मदिन—- त्यांना आदरांजली म्हणून त्यादिवशी आपण विशेषांक प्रस्तुत करणार आहोत. ज्यांना त्यासाठी आपले साहित्य पाठवायचे असेल, त्यांनी ते साहित्य संपादकांकडे उशिरात उशिरा रविवार दि. २६/०९/२१ पर्यंत पोहोचेल अशा बेताने पाठवावे. म्हणजे ते प्रकाशित करण्याचे व्यवस्थित नियोजन करता येईल. त्यानंतर आलेले साहित्य या विशेषांकात समाविष्ट करता येणार नाही याची कृपया नोंद घ्यावी. तसेच प्रत्येकाने आपल्याकडच्या विविध सदरांपैकी कोणत्याही फक्त एकाच सदरासाठी साहित्य पाठवावे ही विनंती, जेणेकरून सर्वांच्या साहित्याचा  या अंकात समावेश करणे शक्य होईल. कोणत्या संपादकांकडे कोणत्या सदरासाठी साहित्य पाठवायचे याची माहिती सर्वांना आहेच. आणि  यासंदर्भात शनिवार दि. १८/०९/२१ च्या अंकासोबतही  पुन्हा माहिती दिलेली आहे. कृपया त्यानुसारच साहित्य पाठवावे हे आग्रहाने नमूद करत आहोत. नेहेमीप्रमाणे सर्वांचा भरघोस प्रतिसाद मिळेल याची खात्री आहे.  

संपादक मंडळ, ई – अभिव्यक्ती (मराठी), 

दि. २०/०९/२१   

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? सम्पादकीय निवेदन ?

:: आवाहन ::

आपण देत असलेल्या उत्तम प्रतिसादाबद्द्ल सर्व साहित्यिकांचे मनःपूर्वक आभार! विषयांची विविधता असूनही आपण सर्वजण उत्साहाने लिहीत असता. त्यामुळे भरपूर साहित्य प्राप्त होते. सर्वांना व्यक्त होण्याची संधी मिळावी या हेतूने आम्ही शक्यतो सर्वांचे साहित्य प्रकाशित करण्याचा प्रयत्न करत असतो. पण साहित्याच्या दर्जाबाबत तडजोड करू नये असे आम्हाला वाटते. आपणही या मताशी सहमत असाल.आम्हाला येणा-या अडचणी लक्षात घेऊन आम्ही आपणाला काही सूचना करू ईच्छितो. त्याचा विचार करावा ही विनंती. : : :

  1. आपले साहित्य पाठवण्यापूर्वी शुद्धलेखन तपासून पहावे.
  2. आपले साहित्य विशिष्ट दिवशी किंवा त्या दरम्यान यावे यासाठी पुरेश्या कालावधी पूर्वी पाठवावे.पुढील आठ दिवसांचा आराखडा तयार असतो. त्यात ऐन वेळेला बदल करणे शक्य होत नाही. त्यामुळे आपले साहित्य मागे पडू शकते.
  3. एकाच विषयावर अनेक लेख, कविता आल्यानंतर साधारणपणे प्रथम आलेले साहित्य प्रथम प्रकाशित होईल.
  4. कोणते साहित्य कोणाकडे पाठवायचे यासंबंधी पूर्वी सूचना दिल्या आहेत. त्यांचे काटेकोरपणे पालन करावे. अन्यथा एका विभागाकडून दुस-या विभागाकडे पाठवण्यात परत वेळ जातो. तसेच एकच साहित्य संपादक मंडळातील सर्वांकडे पाठवू नये, ही विनंती.
  5. लेखनासाठी आपण मर्यादा ठरवून दिली आहे.साधारणपणे 500 ते 600 शब्दांपर्यत लेख किंवा कथा पूर्ण व्हावी अशी अपेक्षा आहे. एखादा लेख मोठा झाला तर त्याचे  योग्य ठिकाणी भाग पाडावेत. पुढचा भाग सुरू करताना पहिल्या भागाचा शेवट जोडून घ्यावा. त्यामुळे वाचताना वाचकाला सलगपणा जाणवेल. तसेच प्रत्येक भागाच्या सुरूवातीला भाग क्रमांक, लेखाचे नाव, प्रत्येक भागाच्या शेवटी लेखकाचे नाव लिहावे. प्रत्येक भाग वेगवेगळा पाठवावा कारण प्रत्येक भाग वेगवेगळ्या दिवशी प्रकाशित होत असतो.

येणा-या अडचणी लक्षात घेऊन या सूचना केल्या आहेत. सर्वांच्या सहकार्याने आपल्याला एक वैशिष्ट्यपूर्ण अंक प्रकाशित करायचा आहे. तरी कोणताही गैरसमज करून घेऊ नये, ही सर्वांना नम्र विनंती.

संपादक मंडळ
ई-अभिव्यक्ती (मराठी)

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈

 

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