सूचनाएँ/Information ☆ डॉ. मीना श्रीवास्तव द्वारा प्रो हेमंत सामंत के मूल लेखों से अनुवादित दो हिंदी पुस्तकें ज्येष्ठ स्वतंत्रता सेनानी डॉ. जी. जी. परिख के हाथों लोकार्पित☆

☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

डॉ. मीना श्रीवास्तव

☆ डॉ. मीना श्रीवास्तव द्वारा प्रो हेमंत सामंत के मूल लेखों से अनुवादित दो हिंदी पुस्तकें ज्येष्ठ स्वतंत्रता सेनानी डॉ. जी. जी. परिख के हाथों लोकार्पित ☆

१७ नवंबर २०२४ को महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय के स्मृति दिवस के दिन प्रो. हेमंत सामंत द्वारा अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों और उनके कार्यक्षेत्र से संबंधित मराठी लेखों पर आधारित डॉ मीना श्रीवास्तव द्वारा अनूदित “भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अनदेखे समरांगण” और “भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की अनकही कहानियां” इन दो हिंदी अनुवादित पुस्तकों का विमोचन  हुआ।  प्रत्येक पुस्तकों में ३८ अध्याय हैं, जो न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी क्रांतिकारियों द्वारा किये हुए स्वतंत्रता संघर्ष को दर्शाते हैं।

लेखक और अनुवादक के लिए यह बड़े ही गर्व की बात थी कि उम्र का शतक पार कर चुके बुजुर्ग स्वतंत्रता सेनानी डॉ. जी. पारिख ने मुंबई के ग्रांट रोड स्थित अपने आवास पर इन दोनों पुस्तकों का विमोचन किया। उनके प्राकृतिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, केवल कुछ व्यक्ति ही इस कार्यक्रम में शामिल हो पाए। हिंदी में  अनुवादित पुस्तकों की लेखिका डॉ. मीना श्रीवास्तव, मूल लेखक प्रो. हेमंत सामंत एवं लुपिन कंपनी के मॅन्युफॅक्चरिंग ऑपरेशन्स के अध्यक्ष श्री राजेंद्र चुनोडकर विमोचन के कार्यक्रम में उपस्थित थे। साथ ही लेखक द्वय के परिवारजन भी इस अवसर पर उपस्थित थे| उल्लेखनीय बात यह है कि इन दोनों पुस्तकों की प्रस्तावना ई-अभिव्यक्ति – www.e-abhivyakti.com के संपादक श्री हेमन्त बावनकर ने लिखी है|

इस अवसर पर संक्षिप्त मार्गदर्शन व्यक्त करते हुए श्री पारिख ने बिगड़ते पर्यावरण और जल के अपव्यय पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने अहम संदेश देते हुए कहा कि “समाज की सेवा के लिए सत्ता की जरूरत नहीं है, बल्कि देशभक्ति की भावना को प्रदीप्त करने की जरूरत है।” कुल मिलाकर, पुस्तक विमोचन का यह कार्यक्रम अनूठा रहा।

💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से डॉ. मीना श्रीवास्तव जी को इस विशिष्ट उप्लब्धि के लिए हार्दिक बधाई 💐

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ संपादकीय निवेदन ☆ स्व मीनाक्षी सरदेसाई – भावपूर्ण श्रद्धांजलि ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

🙏🏻💐 स्व मीनाक्षी सरदेसाई 💐🙏🏻

🙏🏻 निवेदन 🙏🏻

कळवण्यास अत्यंत दु:ख होत आहे की आपल्या ई-अभिव्यक्तीच्या अगदी सुरुवातीपासूनच्या सदस्य असलेल्या ज्येष्ठ साहित्यिका श्रीमती मीनाक्षी सरदेसाई यांचे काल दु:खद निधन झाले. त्यांच्या पवित्र आत्म्यास चिरशांती लाभो ही आपणा सर्वांतर्फे ईश्वरचरणी मनःपूर्वक प्रार्थना.

त्यांना भावपूर्ण श्रद्धांजली म्हणून आज पुनःप्रकाशित करत आहोत…… ई-अभिव्यक्तीसाठी पाठवलेल्या त्यांच्या पहिल्या साहित्यकृतीची लिंक.

मराठी साहित्य – कविता ☆ हिरवं घर ☆ सुश्री मीनाक्षी सरदेसाई  (20 मई 2020)

सरदेसाई कुटुंबियांच्या दुःखात ई-अभिव्यक्ती परिवार सहभागी आहे.

🙏💐भावपूर्ण श्रद्धांजली💐🙏

संपादक मंडळ, ई-अभिव्यक्ती (मराठी)

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनाएँ/Information ☆ ‘कौमी एकता साहित्य सम्मान’ से साहित्यकार श्री अरुण दुबे जी सम्मानित – अभिनंदन ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ ‘कौमी एकता साहित्य सम्मान’ से साहित्यकार श्री अरुण दुबे जी सम्मानित – अभिनंदन ☆

सागर। प्रति वर्षानुसार शहर की ईद दीपावली मिलन समारोह समिति के तत्वाधान में आयोजित एक भव्य समारोह में शहर के नामी शाइर श्री अरुण कुमार दुबे जी एवं कवि श्री कैलाश तिवारी ‘विकल’ जी को उनके द्वारा प्रदत्त साहित्यिक सेवाओं के लिए श्री शैलेश केसरवानी जी, राम सरोज ग्रुप एवं आयोजन समिति के श्री सुनील पटेल जी, राधे श्याम भवन, शाइर श्री अशोक मज़ाज़ जी द्वारा स्मृति चिन्ह, शाल, श्रीफल एवं नगद राशि भेंट कर ‘कौमी एकता साहित्य सम्मान’ से सम्मानित किया गया। सम्मान पत्र का वचन श्री आशीष ज्योतिषी जी ने किया।

इस अवसर पर श्री शैलेश केसरवानी जी ने कहा कि- “श्री अरुण दुबे जी (पूर्व डी. एस. पी) लम्बी पुलिस सेवा कर अब साहित्य सेवा में लगे हैं। यह सुखद आश्चर्य की बात है कि उनकी ग़ज़ल में समाज की समस्याएं, आम आदमी की पीड़ा एवं सर्वहारा वर्ग की पीड़ा का अनोखा संगम दिखता है।”

श्री अरुण दुबे जी ने अपनी यह उपलब्धि अपने उस्ताद जनाब मायूस सागरी जी,  जनाब सिराज सागरी जी एवं श्री गजाधर सागर जी को समर्पित किया है। समारोह में शहर के साहित्यकार बन्धुओं, समाज सेवियों एवं जन प्रतिनिधियों ने शामिल होकर गरिमा प्रदान की एवं दोनों सम्मानित साहित्यकारों को बधाई दी।

💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से श्री अरुण दुबे जी को इस विशिष्ट उप्लब्धि के लिए हार्दिक बधाई 💐

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ व्यंग्यम के आयोजन में हुआ व्यंग्य विधा पर विचार-विमर्श ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

व्यंग्यम के आयोजन में हुआ व्यंग्य विधा पर विचार-विमर्श

जबलपुर। व्यंग्यम्  परिवार, माध्यम साहित्यिक संस्था, और गुंजन कला सदन द्वारा आयोजित  श्रीजानकी रमण महाविद्यालय, जबलपुर में  व्यंग्य पर केंद्रित एक विशिष्ट कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिसमें प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट राजेश दुबे की हरिशंकर परसाई जी पर केंद्रित रचनाओं की  कार्टून प्रदर्शनी का उदघाटन अतिथियों के करकमलों द्वारा संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री जानकीरमण के प्राचार्य डॉ अभिजात त्रिपाठी एवं मुख्य अतिथि की आसंदी पर आचार्य भगवत दुबे जी विराजमान। आमंत्रित अतिथियों में माध्यम साहित्यिक संस्था के राष्ट्रीय महासचिव, अट्टहास पत्रिका लखनऊ के प्रधान संपादक अनूप श्रीवास्तव हास्य और व्यंग्य’पर बातचीत की। नई दिल्ली से पधारे व्यंग्यकार रामकिशोर उपाध्याय जी आज व्यंग्यकार के सामने चुनौतियां’ विषय पर अपनी राय रखी, वरिष्ठ व्यंग्यकार डॉ कुंदन सिंह परिहार ने समकालीन व्यंग्य पर विचार-विमर्श किया। व्यंग्यम परिवार के बारह व्यंग्यकारों को राष्ट्रीय स्तर का व्यंग्य गौरव अलंकार प्रख्यात अट्टहास पत्रिका लखनऊ और माध्यम राष्ट्रीय मंच द्वारा दिया गया। प्रतुल श्रीवास्तव एवं यशोवर्धन पाठक ने व्यंग्य और गुंजन का परिचय दिया, तदोपरांत कवि गंगाचरण मिश्र ने परसाई जी से संबंधित संस्मरण को प्रस्तुत किया तथा नाट्य निर्देशक श्री दविन्दर ग्रोवर परसाई जी की रचना टार्च बेचने वाला का पाठ किया। कार्यक्रम में लखनऊ से पधारे व्यंग्यकार अलंकार रस्तोगी ने व्यंग्य पाठ किया।

कार्यक्रम में उपस्थित देश के सुप्रसिद्धि रचनाकार श्री अनूप श्रीवास्तव, रामकिशोर उपाध्याय, अलंकार रस्तोगी, श्रीमती सीमा मिश्रा, श्री हरि नारायण शुक्ल, डॉ रश्मि बाजपेई आदि ने अपने विचार रखे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री जानकीरमण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अभिजित कृष्ण त्रिपाठी जी ने जबलपुर में चली आ रही व्यंग परंपरा का स्मरण करते हुए व्यंगम् संस्था के द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि व्यंगम् का यह प्रयास अनुकरणीय बताया। आयोजन का संयोजन, समन्वय और रूप रेखा में प्रतुल श्रीवास्तव, जय प्रकाश पाण्डेय, रमाकांत ताम्रकार, विजय तिवारी किसलय आदि का योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन अभिमन्यु जैन द्वारा और आभार सुरेश मिश्र विचित्र द्वारा किया गया। नगर के पत्रकार, व्यंग्यकार, वर्तिका के संयोजक विजय नेमा, मंनथनश्री के संतोष नेमा, जागरण के जैन साहब,

राज सागरी, आचार्य निरंजन द्विवेदी अजय मिश्रा मनोज चौरसिया, संजय पांडे, सुनील तोमर, विजय आनंद माहिर, , के पी  पांडे, यशोवर्धन पाठक, मनोज शुक्ल मनोज, यू एस दुबे आदि उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संपूर्ण संचालन श्री अभिमन्यु जैन था आभार सुरेश मिश्र विचित्र ने ज्ञापित किया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रतुल श्रीवास्तव, विजय जैसवाल, श्री राज सागरी, आचार्य निरंजन द्विवेदी अजय मिश्रा मनोज चौरसिया, संजय पांडे, सुनील तोमर, विजय आनंद माहिर, संतोष नेमा, के पी  पांडे, यशोवर्धन पाठक, मनोज शुक्ल मनोज, यू एस दुबे, गोपाल रैकवार, चंदन सेन उपस्थित रहे।

साभार – श्री जय प्रकाश पाण्डेय, जबलपुर  

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ व्यंग्य विधा पर ‘व्यंग्यम’ का विशिष्ट आयोजन ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ व्यंग्य विधा पर ‘व्यंग्यम’ का विशिष्ट आयोजन ☆

जबलपुर। व्यंग्य के उन्नयन के लिए समर्पित व्यंग्यम् द्वारा रविवार 10 नवंबर को अपराह्न 3 बजे से श्रीजानकी रमण महाविद्यालय, जबलपुर में  व्यंग्य पर केंद्रित एक विशिष्ट कार्यक्रम में प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट राजेश दुबे जी की हरिशंकर परसाई की रचनाओं पर केंद्रित कार्टून प्रदर्शनी का उदघाटन होगा। माध्यम साहित्यिक संस्था के राष्ट्रीय महासचिव, अट्टहास पत्रिका लखनऊ के प्रधान संपादक अनूप श्रीवास्तव जी,  ‘हास्य और व्यंग्य’ पर बातचीत करेंगे।

नई दिल्ली से पधारे व्यंग्यकार रामकिशोर उपाध्याय जी,  ‘आज व्यंग्यकार के सामने चुनौतियां’ विषय पर अपनी राय रखेंगे, वरिष्ठ व्यंग्यकार डॉ कुंदन सिंह परिहार जी, ‘समकालीन व्यंग्य’ पर विचार-विमर्श करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ अभिजात त्रिपाठी जी एवं मुख्य अतिथि आचार्य भगवत दुबे जी रहेंगे। लखनऊ के व्यंग्यकार श्री अलंकार रस्तोगी जी व्यंग्य पाठ करेंगे। अट्टहास पत्रिका एवं माध्यम साहित्यिक संस्था लखनऊ द्वारा व्यंग्यकारों को व्यंग्य गौरव अलंकरण से अलंकृत किया जाएगा। पत्रकार, कवि गंगाचरण मिश्र जी, परसाई जी से संबंधित संस्मरण सुनाएंगे, और नाट्य निर्देशक श्री दविन्दर ग्रोवर जी परसाई जी की रचना का पाठ करेंगे। सुल्तानपुर के साहित्यकार श्री हरिनाथ शुक्ल जी एवं फतेहपुर की साहित्यकार सीमा मिश्रा जी की उल्लेखनीय उपस्थिति रहेगी।

व्यंग्यम परिवार, माध्यम साहित्यिक संस्था, गुंजन कला सदन, श्रीजानकीरमण महाविद्यालय परिवार ने सभी आदरणीयों से उपस्थिति हेतु आग्रह किया है।

साभार – श्री जय प्रकाश पाण्डेय, जबलपुर  

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ श्री कन्हैयालाल ताम्रकार जी की सूफी ग़ज़ल एल्बम ‘दीवानगी’ लोकार्पित – अभिनंदन ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

श्री कन्हैयालाल ताम्रकार

☆ श्री कन्हैयालाल ताम्रकार जी की सूफी ग़ज़ल एल्बम ‘दीवानगी’ लोकार्पित – अभिनंदन ☆

ग़ज़ल जोड़ना सिखाती है
एल्बम-दीवानगी का लोकार्पण

जबलपुर। “ग़ज़ल रूह को शांति और जीवन दर्शन का मार्ग प्रकाशित करती है। मुझे सूफ़ी ग़ज़ल ने गुरु चरणों में बैठने का मार्ग दिया जिससे मैंने भी सूफ़ी ग़ज़ल लिखना प्रारम्भ किया।” उक्त उद्गार अपने एल्बम दीवानगी के लोकार्पण अवसर पर शायर श्री कन्हैया लाल ताम्रकार ने व्यक्त किए।

अध्यक्षीय आसंदी से बोलते हुए देश के सुप्रसिद्ध शायर श्री इरफान झाँस्वी ने कहा कि “श्री ताम्रकार जी की ग़ज़लें ईश्वर से जोड़ती है”।  देश के प्रसिद्ध युवा शायर ने श्री ताम्रकार की गजलों पर प्रकाश डाला। कवि पत्रकार श्री गंगा चरण मिश्र ने कहा कि “ग़ज़ल किसी को बाँटती नहीं है बल्कि जोड़ती है और आज जुड़ने का समय है।” डॉ. शिवकुमार सिंह ठाकुर ने शायर कन्हैयालाल ताम्रकार के ग़ज़ल संग्रह पर समीक्षात्मक व्याख्यान दिया।

देश के ख्यातिलब्ध कवि व साहित्यकार डॉ. विजय तिवारी ‘किसलय’ ने श्री ताम्रकार, श्री इरफान झाँस्वी, श्री यूनुस अदीब जी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। शायर श्री कन्हैयालाल ताम्रकार जी को संस्कारधानी की गतिशील संस्था गुंजन कला सदन, हिन्दी साहित्य संगम एवं माध्यम ने अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया। इसी क्रम में ग़ज़ल गायक श्री सलीम सिंगर और श्री शरफ को सम्मानित किया। सम्मान कर्ताओं में जयप्रकाश पाण्डेय, राजेश पाठक प्रवीण, संतोष नेमा, यशोवर्धन पाठक, प्रतुल श्रीवास्तव, विजय जायसवाल, राजीव गुप्ता, अभिमन्यु जैन, सुरेश विचित्र, इंजी. विनोद नयन की विशेष सहभागिता रही।
कार्यक्रम में देश के प्रसिद्ध फिल्मी गायक श्री सलीम सिंगर और श्री शरफ ओहाब ने शायर श्री ताम्रकार की ग़ज़लों को गा कर समाँ बाँध दिया.

कार्यक्रम में सर्वश्री डॉ. ललित बाबेल, डॉ. शिव कुमार सिंह ठाकुर, सूरज राय सूरज, प्रदीप उप्पल, पंकज स्वामी, मनोहर बिल्लोरे, शरफ, इकबाल, रियाज, अब्दुल गफ्फार सिद्दीकी, डॉ. हर्ष तिवारी, गीता गीत अनवर हुसैन, भूपेंद्र उपाध्याय आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम का विचार प्रवण संचालन प्रसिद्ध कवि पत्रकार गंगा चरण मिश्रा ने किया।

साभार – श्री जय प्रकाश पाण्डेय, जबलपुर  

💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से श्री कन्हैया लाल ताम्रकार जी को इस विशिष्ट उप्लब्धि के लिए हार्दिक बधाई 💐

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ की पुस्तकें हुईं मराठी में अनूदित – अभिनंदन ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ की पुस्तकें हुईं मराठी में अनुदित  – अभिनंदन ☆

सांगली, 30 अक्टूबर : जाने-माने लेखक ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ की दो पुस्तकें, “युक्तीने सुटका” और “भांडे फुटले” अब मराठी भाषा में भी उपलब्ध होंगी। इन पुस्तकों का मराठी अनुवाद श्रद्धा पाटील ने किया है।

यह एक महत्वपूर्ण पहल है जिसके तहत इन पुस्तकों को महाराष्ट्र के हर जिले के ए ग्रेड के पुस्तकालय में वितरित किया जाएगा। इतना ही नहीं, ये पुस्तकें तहसील स्तर के बी, सी और डी ग्रेड के पुस्तकालयों में भी पहुंचाई जाएंगी।

महाराष्ट्र सरकार द्वारा इन पुस्तकालयों को प्रतिवर्ष अनुदान दिया जाता है। ए ग्रेड के पुस्तकालयों को 4 लाख रुपये, बी ग्रेड को 3 लाख रुपये, सी ग्रेड को 2 लाख रुपये और डी ग्रेड को 1 लाख रुपये का अनुदान मिलता है।

लेखक के बारे में:
ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ हिंदी साहित्य जगत का जाना-माना नाम है। उनकी रचनाओं को पाठकों द्वारा खूब पसंद किया जाता है। गत वर्ष आपके एक बाल उपन्यास को चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट द्वारा सर्वोच्च पुरस्कार प्रदान किया गया था। मध्य प्रदेश सरकार ने श्रीहरिकृष्ण देवसरे बालासाहित्य पुरस्कार भी प्रदान किया था।

अनुवादक के बारे में:
श्रद्धा पाटील एक कुशल अनुवादक हैं जिन्होंने इन पुस्तकों का मराठी में सटीक अनुवाद किया है। आपने अभी तक बीसियों किताबों का अनुवाद किया है। जो महाराष्ट्र के विभिन्न विद्यालयों और पुस्तकालयों में पढ़ी और सराही जा रही है।

इस पहल का महत्व:
यह पहल महाराष्ट्र के पाठकों के लिए एक सौगात है। अब वे भी ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ की रचनाओं का आनंद मराठी भाषा में ले सकेंगे। साथ ही, यह राज्य केपुस्तकालयों को समृद्ध करने में भी मदद करेगा।

💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जी को इस विशिष्ट उप्लब्धि के लिए हार्दिक बधाई 💐

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ पाथेय साहित्य कला अकादमी के तत्वाधान में सुमित्र कथा एवं काव्य सम्मान समारोह आयोजित ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

श्री कन्हैयालाल ताम्रकार 

☆ पाथेय साहित्य कला अकादमी के तत्वाधान में सुमित्र कथा एवं काव्य सम्मान समारोह आयोजित

श्री पंकज स्वामी और श्री विवेक चतुर्वेदी सुमित्र सम्मान से सम्मानित

जबलपुर जीवन और जगत के विविध पक्षों का सृजन करते हुए डॉ राजकुमार सुमित्र ने सामाजिक दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया है उन्होंने अपने सृजन चिंतन से पीढ़ियों को मार्गदर्शन प्रदान किया है। उक्त बातें पाथेय साहित्य कला अकादमी के तत्वाधान में आयोजित सुमित्र कथा एवं काव्य सम्मान में समारोह की अध्यक्षता कर रहे आचार्य भागवत दुबे ने कला वीथिका में कही उन्होंने आगे कहा कि डॉ- सुमित्र की स्मृति में वर्तमान पीढ़ी के सशक्त हस्ताक्षर श्री पंकज स्वामी को कहानियों के लिए कथा सम्मान एवं कवि विवेक चतुर्वेदी को काव्य सृजन के लिए काव्य सम्मान से अलंकृत करना वर्तमान पीढ़ी के सृजन को सराहना है।

समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व महापौर प्रभात साहू , विशिष्ट अतिथि आनंद तिवारी भोपाल, साधना उपाध्याय, डॉ बैजनाथ गौतम, प्रतुल श्रीवास्तव, रिंकू विज एवं अमरीश मिश्रा थे।

वक्ताओं ने डॉ. सुमित्र के व्यक्तित्व कृतित्व प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ. सुमित्र ने लगभग 60-65 वर्षों से भी ज्यादा तक संस्कारधानी के सांस्कृतिक साहित्यिक गौरव का मान बढ़ाया है ।

अतिथियों का स्वागत डॉ. हर्ष तिवारी डॉ. भावना शुक्ल डॉ.कामना कौस्तुभ ,मोहिनी तिवारी, जगदीश कंथारिया राजेंद्र विश्वकर्मा, आराध्या तिवारी प्रियम ने किया।

कथा – काव्य सम्मान-

कार्यक्रम में सुमित्र कथा सम्मान पंकज स्वामी एवं काव्य सम्मान विवेक चतुर्वेदी को शाल श्रीफल अलंकरण मान पत्र एवं नगद राशि के साथ अतिथियों को प्रदान किया ।
इस अवसर पर डॉ कृष्ण कुमार दुबे, निर्मला तिवारी, मथुरा जैन उत्साही, छाया त्रिवेदी, यशोवर्धन पाठक, संतोष नेमा डॉ. ज्योति बसंत मिश्रा, प्रमोद कुशवाहा ,शिल्पा सुल्लेरे, आरती नायक को भी सम्मानित किया गया।

पाथेय साहित्य कला अकादमी के संयोजक राजेश पाठक ने कुशल संचालन करते हुए सम्मानित जनों का परिचय दिया सम्मान समारोह में नगर की विविध संस्थाओं के प्रतिनिधि सुभाष शलभ, विजय नेमा, विजय तिवारी किसलय ,विजय जायसवाल, विजय बागरी जी, बीके पाठक, रमेश बसोडिया जीआदि उपस्थित रहे।

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ सूफी ग़ज़ल एल्बम दीवानगी का लोकार्पण – कन्हैया की ग़ज़लें – अभिनंदन☆

☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

श्री कन्हैयालाल ताम्रकार 

☆ सूफी ग़ज़ल एल्बम दीवानगी का लोकार्पण कन्हैया की ग़ज़लें  – अभिनंदन ☆

जबलपुर। दिनांक 03 नवम्बर 2024 को संस्कारधानी में कैरव्ज के सौजन्य से तैयार हुए सूफी गजल के एल्बम दीवानगी का लोकार्पण कार्यक्रम कला वीथिका रानी दुर्गावती संग्रहालय में सायं 6.30 बजे से आयोजित है।

‘एल्बम-दीवानगी’ के शायर वयोवृद्ध गजलकार श्री कन्हैयालाल ताम्रकार है तथा फिल्मों में पार्श्व गायन करने वाले श्री सलीम द्वारा श्री ताम्रकार की सूफी गजलों का गायन किया है जिसका लोकार्पण विख्यात शायरगण श्री इरफान झांस्वी, मुख्य अतिथि तथा श्री युनुस अदीब विशिष्ट वक्ता के द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम में गजलों का गायन श्री सलीम एवं श्री शरफ द्वारा किया जावेगा।

कार्यक्रम में कन्हैया की गजले एल्बम दीवानगी आयोजन समिति के श्री विजय तिवारी किसलय, श्री गंगाचरण मिश्रा, श्री जय प्रकाश पाण्डेय,श्री राजीव गुप्ता, श्री शरफ ओहाब, श्री इकबाल आदि एवं हिन्दी साहित्य संगम, माध्यम साहित्यिक संस्थान जबलपुर ने उपस्थिति की अपील की है।

💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से श्री कन्हैया लाल ताम्रकार जी को इस विशिष्ट उप्लब्धि के लिए हार्दिक बधाई 💐

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ संपादकीय निवेदन ☆ दि. २१/१० ते २७/१०/२४ अंक बंद – सूचना 📖 ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

💐 संपादकीय निवेदन 💐

📖  दि. २१/१० ते २७/१०/२४ अंक बंद – सूचना 📖

काही अपरिहार्य कारणामुळे सोमवार दि. २१/१०/२४ ते रविवार दि. २७/१०/२४ पर्यन्त आपल्या अभिव्यक्तीच्या दैनिक अंकाचे प्रकाशन केले जाणार नाही, याबद्दल दिलगीर आहोत. सोमवार दि. २८/१०/२४ पासून अंक नियमित प्रकाशित होईल. आपल्या सर्वांच्या सहकार्याची खात्री आहे.

कृपया सर्वांनी नोंद घ्यावी.

– संपादक मंडळ

ई – अभिव्यक्ती, मराठी विभाग

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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