महत्वपूर्ण सूचना – ☆ महात्मा गांधी जी के150वीं जयंती पर विशेष – ☆ ई-अभिव्यक्ति – गांधी स्मृति विशेषांक ☆

 ☆ महत्वपूर्ण सूचना ☆

 ☆ ई-अभिव्यक्ति -गांधी स्मृति विशेषांक ☆

महात्मा गांधी जी के 150वीं जयंती पर ई-अभिव्यक्ति की विशेष प्रस्तुति “ई-अभिव्यक्ति -गांधी स्मृति विशेषांक”

 

इस विशेषांक में आप पढ़ सकेंगे अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के वरिष्ठ एवं साहित्य की विभिन्न विधाओं के सशक्त हस्ताक्षरों की रचनाएँ, जिनमें प्रमुख हैं :-

श्री राकेश कुमार पालीवाल, महानिदेशक (आयकर) हैदराबाद एवं प्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक, डॉ मुक्ता, पूर्व निदेशक हरियाणा साहित्य अकादमी एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ कुन्दन सिंह परिहार, डॉ सुरेश कान्त, श्री प्रेम जनमेजय, श्री संजीव निगम, श्रीमति सुसंस्कृति परिहार, श्री अरुण कुमार डनायक, सुश्री निशा नंदिनी भारतीय, श्री जय प्रकाश पाण्डेय, डॉ गुणशेखर शर्मा, श्री विनोद कुमार विक्की, श्री रमेश सैनी, श्री सदानंद आंबेकार, श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’, श्रीमती समीक्षा तैलंग, श्री मनोज जैन “मित्र”, श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश”, मराठी साहित्यकार कवीराज विजय यशवंत सातपुते, श्री सुजित कदम एवं अन्य सुप्रसिद्ध साहित्य की विभिन्न विधाओं के सशक्त हस्ताक्षर।

आशा है आपको निश्चित ही इस अंक की प्रतीक्षा रहेगी ।

 

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सूचना – वर्जिन साहित्यपीठ: लघुकथा मंजूषा – 4 हेतु लघुकथाएं आमंत्रित

वर्जिन साहित्यपीठ: लघुकथा मंजूषा – 4 हेतु लघुकथाएं आमंत्रित

 

(पुस्तक पेपरबैक और ईबुक, दोनों रूपों में प्रकाशित की जाएगी।)

रॉयल्टी: 50% लेखकगण + 30% संपादन मंडल + 20% साहित्यपीठ (पहली 10 प्रति की बिक्री साहित्यपीठ के पास रहेगी)। रॉयल्टी 11वीं प्रति की बिक्री से प्रारंभ होगी।

पारदर्शिता हेतु गूगल, पोथी और अमेज़न की सेल रिपोर्ट यहीं प्रति माह के प्रथम सप्ताह में शेयर की जाएगी।

नमस्कार मित्रों। सार्थक लेखन हेतु सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।

लघुकथा मंजूषा  – 1, 2 एवं 3 की सफलता के पश्चात वर्जिन साहित्यपीठ लघुकथाकारों  से लघुकथा मंजूषा – 4 हेतु लघुकथाएं आमंत्रित करता है। आप अपनी प्रकाशित/अप्रकाशित 2 बेहतरीन लघुकथाएं [email protected] पर भेज दें।  सब्जेक्ट में “लघुकथा मंजूषा – 4, 2019 हेतु” अवश्य लिखें।

प्लेटफॉर्म: ईबुक अमेज़न, गूगल प्ले स्टोर, और गूगल बुक्स के साथ सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी में उपलब्ध होगी जबकि पेपरबैक पोथी की वेबसाइट से अथवा हमसे मँगवा सकेंगे।

समय सीमा: लघुकथाएं भेजने की अंतिम तिथि है – 15 अगस्त, 2019।  31 अगस्त, 2019 तक संकलन प्रकाशित कर दिया जाएगा।

पाण्डुलिपि भेजने से पूर्व निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर अवश्य ध्यान दें:

  • लघुकथाएं मंगल/यूनिकोड फॉण्ट में भेजें
  • साथ में फोटो और संक्षिप्त परिचय भी अवश्य भेजें
  • भेजने से पूर्व अशुद्धि अवश्य जाँच लें। अधिक अशुद्धियाँ होने पर रचना अस्वीकृत की जा सकती है।
  • ईमेल में इसकी उद्घोषणा करें कि उनकी रचना मौलिक है और किसी भी तरह के कॉपीराइट विवाद के लिए वे जिम्मेवार होंगे।

सूची: चयनित लघुकथाकारों की सूची और अन्य सभी अपडेट 20 अगस्त को साहित्यपीठ के फेसबुक ग्रुप और पेज पर जारी की जाएगी। अतः पेज को फॉलो करें और ग्रुप जॉइन करें।

किसी भी तरह की जिज्ञासा अथवा शंका समाधान हेतु 9971275250 पर सम्पर्क करें।

धन्यवाद

वर्जिन साहित्यपीठ

9971275250

 

(टीप : www.e-abhivyakti.com  में  प्रकाशित उपरोक्त  सूचना  कोई  विज्ञापन नहीं  है। अपितु,  आपको एक  जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास है।)

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सूचनाएँ/Information – डायनामिक संवाद टी वी यूट्यूब चैनल) के लोगो  की लांचिंग

☆ सूचना ☆ 

 

 ☆ ✒ डायनामिक संवाद टी वी(यूट्यूब चैनल) के लोगो  की लांचिंग ✒ ☆

 

आज  दिनांक 7 जुलाई 2019 को जबलपुर शहर की साहित्यिक ,सामाजिक चेतना का  सूत्रपात  करने डायनामिक संवाद टी वी के लोगो की  लांचिग सुप्रसिद्ध साहित्य शिरोमणी  डॉ राजकुमार तिवारी  सुमित्र, जी के द्वारा  शरद चन्द्र  उपाध्याय , पंकज स्वामी,डॉ अरुण  दवे ,डॉ ललित पाण्डेय    वरिष्ठ पत्रकार राकेश मिश्र ,डॉ प्रवीण मिश्र ,राकेश श्रीवास,,राजेन्द्र तिवारी , आराध्या तिवारी प्रियम, मेहेर  प्रकाश उपाध्याय,व् अन्य गणमान्य अतिथियों की  उपस्थिति में आज सुपर मार्किट कॉफ़ी हाउस,जबलपुर  में  सम्पन्न हुई।
संस्काधानी नाम से  सुशोभित गोंड राजाओं की सशक्त कर्मभूमि के साहित्य,संगीत, संस्कृति  के क्षेत्र में  विश्वपटल पर अपने हस्ताक्षर से शहर जबलपुर की कीर्ति गाथा लिखने वाले  उदीयमान साधकों व् साहित्य शिल्पियों की  महिमा को सुनहरे चित्रपट पर उकेरने के उद्देश्य से एवम् विभिन्न समस्याओं को उनके  समाधान तक पहुचाने हेतु   इस  यूट्यूब चैनल को प्रस्तुत किया   जा रहा है।
इस अवसर पर चैनल डायरेक्टर डॉ हर्ष तिवारी जी द्वारा चैनल के  मालिक सुमित्र जी का आभार व्यक्त किया गया।
*डायनामिक संवाद टी वी अब शीघ्र ही जबलपुर से*
संस्कारों के शहर,
रानी दुर्गावती के बलिदानी नगर,
साहित्य, धर्म व पुरातत्व स्थली,
ओशो, महर्षि महेश और परसाई की कर्मभूमि,
समग्र साहित्यिक गतिविधियों व साहित्यकारों के सृजन को जन जन तक पहुँचाने
एवं
जबलपुर के सरोकारों को
हर दृष्टि से आपके समक्ष प्रस्तुत करने,
हर वर्ग, हर विषय, हर समस्याओं की आवाज उठाने,
हर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने अपने शहर में
 हमारे अपने ही ला रहे हैं बेहद प्रभावी और अत्याधुनिक तकनीक से युक्त
 “डायनामिक संवाद टी वी”
 जो जबलपुर को
नई पहचान दिलाएगा।
बस कुछ ही दिनों में आपकी पहुँच में होगा।
– डॉ विजय तिवारी ‘किसलय’
(आज डायनामिक संवाद टी वी ने मेरी कुछ कविताएँ रिकॉर्ड की, जिन्हें भी आप जल्दी ही देख पाएँगे)

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