श्री अजीत सिंह
(हमारे आग्रह पर श्री अजीत सिंह जी (पूर्व समाचार निदेशक, दूरदर्शन) हमारे प्रबुद्ध पाठकों के लिए विचारणीय आलेख, वार्ताएं, संस्मरण साझा करते रहते हैं। इसके लिए हम उनके हृदय से आभारी हैं। आज प्रस्तुत है गणतंत्रता दिवस पर विशेष ‘संविधान गीत…’।)
(The song is based on the preamble of the Indian constitution given below)
WE, THE PEOPLE OF INDIA, having solemnly resolved to constitute India into a SOVEREIGN, SOCIALIST, SECULAR DEMOCRATIC REPUBLIC and to secure to all its citizens:
JUSTICE, social, economic and political;
LIBERTY of thought, expression, belief, faith and worship;
EQUALITY of status and of opportunity; and to promote among them all
FRATERNITY assuring the dignity of the individual and the unity and integrity of the Nation;
IN OUR CONSTITUENT ASSEMBLY this twenty-sixth day of November, 1949, do HEREBY ADOPT, ENACT AND GIVE TO OURSELVES THIS CONSTITUTION.
☆ गणतंत्र दिवस विशेष – संविधान गीत – अजीत सिंह ☆
मेरा देश हिंदुस्तान,
मेरा बढ़िया संविधान
मेरी आन, मेरी शान,
इस पर जान भी कुर्बान।
संविधान से बना है भारत, संप्रभुता संपन्न।
संविधान ने दिया है हम को, प्रजातंत्र।
संविधान से मिला है हमको,
सर्व धर्म सम्भाव।
संविधान ने दिया है हमको,
समाजवाद का भाव।
संविधान ने दिए हैं,
तीन स्तंभ सरकार के,
विधायिका,
न्यायपालिका,
कार्यपालिका ,
ये हैं तीन स्तंभ सरकार के।
संविधान से मिलता,
इंसाफ,
सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक इंसाफ।
संविधान है देता आज़ादी, विचारों की,
धर्मों की, पूजा की,
त्योहारों की।
संविधान देता अवसर बराबरी के,
शिक्षा के, रोजगार के,
प्रगति के, व्यापार के।
ऊंच नीच का भेद न होगा,
गरीब अमीर का छेद न होगा,
कहीं किसी को खेद न होगा।
व्यक्ति का सम्मान होगा,
मूलभूत अधिकार होंगे।
समाज में भाईचारा होगा,
अनेकता में एकता से,
देश मेरा यह न्यारा होगा।
संसद कानून बनाएगी,
पर संविधान का मूल ढांचा, संसद भी बदल न पाएगी।
सुप्रीम कोर्ट न्याय करेगा,
प्रशासन हुकम बजाएगा,
कानून से राज चलाएगा।
राज करेगी,
भारत की जनता ।
सरताज रहेगी,
भारत की जनता।
यही है संदेश सबको
26 जनवरी का,
समझो और समझाओ मकसद,
26 जनवरी का।
संविधान है रूपरेखा,
हमारे आदर्शों की,
हमारे मूल्यों की,
हमारे सिद्धांतों की।
सुप्रीम कोर्ट प्रहरी
हमारे संविधान का,
हर नागरिक है रक्षक
इसकी आन बान का
मेरे देश का संविधान,
मेरे सपनों की उड़ान,
मंजिल बेशक दूर बड़ी है,
मुश्किल भी अगम खड़ी है
अभी तो बस दो कदम चले हैं,
अभी तो कदम कदम से मिले हैं।
रास्ता नहीं आसान,
फिर भी दिल में है अरमान
छूना चाहूं आसमान,
जब तक तन में है ये जान
देखूं सच्चा संविधान।
सही रास्ता दिखाया,
डॉक्टर अंबेडकर ने ,
बढ़िया संविधान बनाया,
डॉक्टर अंबेडकर ने ।
मेरे देश का संविधान,
मेरी आन, मेरी शान,
इस पर जान भी कुर्बान
जीवे मेरा संविधान
जीवे मेरा हिंदुस्तान।
जीवे मेरा संविधान
जीवे मेरा हिंदुस्तान।
🇮🇳 भारत माता की जय 🇮🇳
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© श्री अजीत सिंह
पूर्व समाचार निदेशक, दूरदर्शन हिसार।
मो : 9466647037
26.01.2025
(लेखक श्री अजीत सिंह हिसार से स्वतंत्र पत्रकार हैं । वे 2006 में दूरदर्शन केंद्र हिसार के समाचार निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए।)
≈ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈