कैप्टन प्रवीण रघुवंशी, एन एम्
(हम कैप्टन प्रवीण रघुवंशी जी द्वारा ई-अभिव्यक्ति के साथ उनकी साहित्यिक और कला कृतियों को साझा करने के लिए उनके बेहद आभारी हैं। आईआईएम अहमदाबाद के पूर्व छात्र कैप्टन प्रवीण जी ने विभिन्न मोर्चों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर पर देश की सेवा की है। वर्तमान में सी-डैक के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एचपीसी ग्रुप में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं साथ ही विभिन्न राष्ट्र स्तरीय परियोजनाओं में शामिल हैं।
स्मरणीय हो कि विगत 9-11 जनवरी 2020 को आयोजित अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मलेन,नई दिल्ली में कैप्टन प्रवीण रघुवंशी जी को “भाषा और अनुवाद पर केंद्रित सत्र “की अध्यक्षता का अवसर भी प्राप्त हुआ। यह सम्मलेन इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, दक्षिण एशियाई भाषा कार्यक्रम तथा कोलंबिया विश्वविद्यालय, हिंदी उर्दू भाषा के कार्यक्रम के सहयोग से आयोजित किया गया था। इस सम्बन्ध में आप विस्तार से निम्न लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं :
हिंदी साहित्य – आलेख ☆ अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन ☆ कैप्टन प्रवीण रघुवंशी, एन एम्
☆ Anonymous Litterateur of Social Media # 17 सोशल मीडिया के गुमनाम साहित्यकार # 17 ☆
आज सोशल मीडिया गुमनाम साहित्यकारों के अतिसुन्दर साहित्य से भरा हुआ है। प्रतिदिन हमें अपने व्हाट्सप्प / फेसबुक / ट्विटर / यूअर कोट्स / इंस्टाग्राम आदि पर हमारे मित्र न जाने कितने गुमनाम साहित्यकारों के साहित्य की विभिन्न विधाओं की ख़ूबसूरत रचनाएँ साझा करते हैं। कई रचनाओं के साथ मूल साहित्यकार का नाम होता है और अक्सर अधिकतर रचनाओं के साथ में उनके मूल साहित्यकार का नाम ही नहीं होता। कुछ साहित्यकार ऐसी रचनाओं को अपने नाम से प्रकाशित करते हैं जो कि उन साहित्यकारों के श्रम एवं कार्य के साथ अन्याय है। हम ऐसे साहित्यकारों के श्रम एवं कार्य का सम्मान करते हैं और उनके कार्य को उनका नाम देना चाहते हैं।
सी-डैक के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एचपीसी ग्रुप में वरिष्ठ सलाहकार तथा हिंदी, संस्कृत, उर्दू एवं अंग्रेजी भाषाओँ में प्रवीण कैप्टन प्रवीण रघुवंशी जी ने ऐसे अनाम साहित्यकारों की असंख्य रचनाओं का कठिन परिश्रम कर अंग्रेजी भावानुवाद किया है। यह एक विशद शोध कार्य है जिसमें उन्होंने अपनी पूरी ऊर्जा लगा दी है।
इन्हें हम अपने पाठकों से साझा करने का प्रयास कर रहे हैं । उन्होंने पाठकों एवं उन अनाम साहित्यकारों से अनुरोध किया है कि कृपया सामने आएं और ऐसे अनाम रचनाकारों की रचनाओं को उनका अपना नाम दें।
कैप्टन प्रवीण रघुवंशी जी ने भगीरथ परिश्रम किया है और इसके लिए उन्हें साधुवाद। वे इस अनुष्ठान का श्रेय वे अपने फौजी मित्रों को दे रहे हैं। जहाँ नौसेना मैडल से सम्मानित कैप्टन प्रवीण रघुवंशी सूत्रधार हैं, वहीं कर्नल हर्ष वर्धन शर्मा, कर्नल अखिल साह, कर्नल दिलीप शर्मा और कर्नल जयंत खड़लीकर के योगदान से यह अनुष्ठान अंकुरित व पल्लवित हो रहा है। ये सभी हमारे देश के तीनों सेनाध्यक्षों के कोर्स मेट हैं। जो ना सिर्फ देश के प्रति समर्पित हैं अपितु स्वयं में उच्च कोटि के लेखक व कवि भी हैं। वे स्वान्तः सुखाय लेखन तो करते ही हैं और साथ में रचनायें भी साझा करते हैं।
☆ गुमनाम साहित्यकार की कालजयी रचनाओं का अंग्रेजी भावानुवाद ☆
(अनाम साहित्यकारों के शेर / शायरियां / मुक्तकों का अंग्रेजी भावानुवाद)
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ना आँखों से छलकतें हैं
ना काग़ज़ पर उतरतें हैं..
दर्द कुछ ऐसे होतें हैं
जो दिल को ही भर देते हैं…
Neither they ooze out of eyes
Nor do they emerge on paper
Some pains are like that
They just fill the heart…!
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बिछड़ा कुछ इस अदा से
कि रुत ही बदल गई
अकेला इक शख़्स ही सारे
शहर को वीरान कर गया…
Departed in such a way that
the ambiance itself has changed
Just one person leaving us has
Made the whole city deserted…
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इजहार-ए-इश्क करूं या
पूछ लूं तबियत उनकी,
ऐ दिल कोई तो बहाना बता
उनसे बात करने का…
Should I express my love
or inquire about her,
O’ heart! Atleast, tell me
some excuse to talk to her…
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ख्यालों का क्या है
आते हैं चले जाते हैं
मगर इलाज तो इन
यादों का होना चाहिए…
What to say of thoughts,
they keep coming and going
But find some treatment
for these lasting memories…!
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© Captain Pravin Raghuvanshi, NM