☆ ई-अभिव्यक्ति में तकनीकी संवर्धन ☆ दिनांक 17 नवंबर 2023 से पुनः प्रकाशनारंभ☆
सम्माननीय लेखक एवं पाठक गण सादर अभिवादन,
हमारा प्रयास है कि हम समय-समय पर सम्माननीय लेखकों एवं पाठकों के सुझावों पर अमल करने का प्रयास करें. जैसे आवश्यकता अविष्कार की जननी है वैसे ही सायबर युग में आवश्यकता तकनीकी संवर्धन की भी जननी होती है. आपकी अपनी प्रिय वैबसाइट www.e-abhivyakti.com को भी बदलते समय के स्वरूप के अनुसार तकनीकी संवर्धन की आवश्यकता थी । अतः दिनांक 25 अक्तूबर 2023 से www.e-abhivyakti.com में वैबसाइट के तकनीकी संवर्धन के कारण रचनाओं के प्रकाशन पर विराम था।
हमें प्रसन्नता है कि तकनीकी संवर्धन का कार्य अपनी पूर्णता की ओर है एवं हम दिनांक 17 नवंबर 2023 से पुनः प्रकाशनारंभ कर रहे हैं।
मैं अभिभूत हूँ आपके अथाह प्रेम, स्नेह और ई-अभिव्यक्ति को इतना प्रतिसाद देने के लिए।आपसे सस्नेह विनम्र अनुरोध है कि आप ई-अभिव्यक्ति में प्रकाशित साहित्य को आत्मसात करें एवं अपने मित्रों से सोशल मीडिया पर साझा करें। आपके विचारों एवं सुझावों की हमें प्रतीक्षा रहेगी।
ईश्वर की अनुकम्पा और आपका स्नेह ऐसा ही यथावत रहे। इसी कामना के साथ।
सस्नेह
हेमन्त बावनकर
पुणे (महाराष्ट्र)
15 नवंबर 2023
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
☆ विजयादशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनायें ☆ ई-अभिव्यक्ति में तकनीकी संवर्धन ☆
सम्माननीय लेखक एवं पाठक गण सादर अभिवादन,
अक्टूबर माह ई-अभिव्यक्ति परिवार के लिए कई अर्थों में महत्वपूर्ण है। इसी माह 15 अक्टूबर 2018 को हमने अपनी यात्रा प्रारम्भ की थी। मुझे यह साझा करते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि 5 वर्ष 9 दिनों के इस छोटे से सफर में आपकी अपनी वेबसाइट पर 5,30,000 से अधिक विजिटर्स विजिट कर चुके हैं। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक 19,298 रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं।
हमारा प्रयास है कि हम समय समय पर सम्माननीय लेखकों एवं पाठकों के सुझावों पर अमल करने का प्रयास करें. जैसे आवश्यकता अविष्कार की जननी है वैसे ही सायबर युग में आवश्यकता तकनीकी संवर्धन की भी जननी होती है. आपकी अपनी प्रिय वैबसाइट www.e-abhivyakti.com को भी बदलते समय के स्वरूप के अनुसार तकनीकी संवर्धन की आवश्यकता है। अतः कल दिनांक 25 अक्तूबर 2023 से www.e-abhivyakti.com में एक सप्ताह के लिए वैबसाइट के तकनीकी संवर्धन हेतु रचनाओं के प्रकाशन पर विराम रहेगा। हम आपको पुनः प्रकाशनारंभ की सूचना से शीघ्र ही अवगत कराएंगे।
आपसे सस्नेह विनम्र अनुरोध है कि आप ई-अभिव्यक्ति में प्रकाशित साहित्य को आत्मसात करें एवं अपने मित्रों से सोशल मीडिया पर साझा करें। आपके विचारों एवं सुझावों की हमें प्रतीक्षा रहेगी।
मैं अभिभूत हूँ आपके अथाह प्रेम, स्नेह और ई-अभिव्यक्ति को इतना प्रतिसाद देने के लिए। ईश्वर की अनुकम्पा और आपका स्नेह ऐसा ही यथावत रहे। इसी कामना के साथ।
विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं
सस्नेह
हेमन्त बावनकर
पुणे (महाराष्ट्र)
24 अक्टूबर 2023
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
ई-अभिव्यक्ती लिंकसह दररोज प्रकाशित होत असतो. त्यामुळे तंत्रज्ञानात काही बदल किंवा सुधारणा झाल्यास त्यानुसार आपल्यालाही काही बदल करावे लागतात. यासाठी सलग काही दिवस त्याचा पाठपुरावा करावा लागतो.
या कारणास्तव पुढील काही दिवस आपला अंक लिंक शिवाय प्रकाशित होईल. अंक प्रकाशनात खंड पडू नये यासाठी अंकाचे प्रकाशन न थांबवता लिंक शिवाय प्रकाशित होईल याची सर्वांनी कृपया नोंद घ्यावी, ही विनंती.
संपादक मंडळ
ई-अभिव्यक्ती (मराठी)
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
🌸 हिंदी लघुकथा लेखन प्रतियोगिता और हिंदी विशेष अनुसंधान परियोजना : पुरस्कार समारोह संपन्न 🌸
दिनांक 13 अक्टूबर 2023 को हिंदी विभाग की ओर से सितंबर में हिंदी पखवाड़ा के उपलक्ष्य में संपन्न हिंदी लघुकथा लेखन प्रतियोगिता और हिंदी विशेष अनुसंधान परियोजना के पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया l कार्यक्रम का प्रास्ताविक हिंदी विभाग प्रमुख डॉ. प्रेरणा उबाळे ने किया l इस अवसर पर श्रीमती स्वरांगी साने (हिंदी कवियित्री, पत्रकार, यूट्यूबर, ब्लॉगर, नृत्यांगना, अभिनेत्री, अनुवादक, पुणे) प्रमुख व्याख्याता के रूप में उपस्थित थीं l
“आधुनिक तकनीक और हिंदी भाषा तथा हिंदी लघुकथा” विषय पर उनका सारगर्भित व्याख्यान संपन्न हुआ l मॉडर्न महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र झुंजारराव ने अपना मंतव्य प्रस्तुत किया और हिंदी विभाग की विभिन्न गतिविधियों की प्रशंसा की l प्राचार्य और प्रमुख अतिथि के शुभ करकमलों से हिंदी लघुकथा लेखन और हिंदी विशेष अनुसंधान परियोजना के पुरस्कार निम्नलिखित छात्रों को प्रदान किए गए –
■ लघुकथा- उत्कृष्ट लेखन पुरस्कार-
धनसंपदा जगताप – प्रथम वर्ष कला।(दादी की सीख)
अक्षय दोरे – प्रथम वर्ष वाणिज्य (जैसा करोगे, वैसा भरोगे)
3.अनिल मंजुले – प्रथम वर्ष विज्ञान, संगणक शास्त्र। (हमारी जिम्मेदारी)
वेदिका भामरे- प्रथम वर्ष बीसीए (वास्तविक आनंद)
वेदांगी लिंबेकर- प्रथम वर्ष माइक्रोबायोलॉजी ( नारायण सेवा ही सबसे श्रेष्ठ सेवा है)
सुनाक्षी शर्मा – प्रथम वर्ष बायोटेक्नोलॉजी (माँ – प्रेम और संघर्ष की विजयकथा)
■ हिंदी विशेष अनुसंधान पुरस्कार –
दीक्षा इंगळे – प्रथम वर्ष, कला विशेष हिंदी (भारतीय साहित्य में अंकित भारतीय जीवनमूल्य)
इमरती पालीवाल – प्रथम वर्ष, कला, विशेष हिंदी (मीराबाई और उनका साहित्य)
सुशील कांबळे – प्रथम वर्ष, कला (कार्यालयीन हिंदी के क्षेत्र)
अमित राऊत – द्वितीय वर्ष – सामान्य हिंदी (संस्कृति से संबंधित समाचार)
नोकसुनु थोल –द्वितीय वर्ष, सामान्य हिंदी (शिक्षासंबंधी समाचार )
ज्योति पावरा – द्वितीय वर्ष, हिंदी विशेष (हिंदी बोलियाँ)
ज्योति वांजळे – तृतीय वर्ष कला , हिंदी विशेष (उपमा अलंकार)
ऋतुजा वाल्हेकर – तृतीय वर्ष कला , हिंदी विशेष (उत्प्रेक्षा अलंकार)
श्रुतिका मुसळे – तृतीय वर्ष कला, सामान्य हिंदी (सृजनात्मक लेखन-अविस्मरणीय घटना)
आकाश साठे –तृतीय वर्ष कला, सामान्य हिंदी (सृजनात्मक लेखन-अविस्मरणीय घटना)
हिंदी लघुकथा लेखन प्रतियोगिता में मॉडर्न महाविद्यालय की सभी शाखाओं के 200 से अधिक विद्यार्थी सहभागी हुए तथा हिंदी विशेष अनुसंधान परियोजना में 100 से अधिक छात्र सहभागी हुए l इनमें प्रत्येक कक्षा से उत्कृष्ट लघुकथा लिखनेवाले और उत्कृष्ट अनुसंधान करने वाले छात्रों को सम्मान चिह्न और प्रमाणपत्र देकर पुरस्कृत किया गया l
उपर्युक्त प्रतियोगिताओं तथा कार्यक्रम का संयोजन हिंदी विभागप्रमुख डॉ. प्रेरणा उबाळे ने किया l कार्यक्रम का संचालन प्रा. सारिका मुंदडा और प्रा. सूरज बिरादार ने और आभार ज्ञापन प्रा. मुमताज पठाण ने किया l
साभार – डॉ. प्रेरणा उबाळे
सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभागाध्यक्षा, मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर, पुणे ०५
कळविण्यात अत्यंत दुःख होते की आपल्या समुहातील ज्येष्ठ लेखिका स्व.विद्या पराडकर यांचे मंगळवार दि.10 ऑक्टोबर 2023 रोजी दुःखद निधन झाल्याचे त्यांच्या कुटुंबीयांकडून कळविण्यात आले आहे.
🙏 ई-अभिव्यक्ती परिवारातील सर्व सदस्य पराडकर कुटुंबियांच्या दुःखात सहभागी आहेत. 🙏
संपादक मंडळ
ई अभिव्यक्ती मराठी
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे ≈
(आपके आत्मीय स्नेहनुसार अंतिम तिथि 10 अक्तूबर 2023 तक)
वार्षिकांक की श्रृंखला में शीघ्र प्रकाश्य बहुपठित ई-अभिव्यक्ति के दीपावली विशेषांक 2023 के लिए आपके प्रासंगिक/अराजनैतिक लेख, लघुकथा, कहानी, व्यंग्य, कविता, संस्मरण, नाटक आदि प्रतीक्षित हैं। (शब्द सीमा -लेख /व्यंग्य /कहानी >> अधिकतम – 2000 शब्द)
आप दीपावली विशेषांक 2022 यहाँ पढ़ सकते हैं 👇
कृपया वर्ड फाइल में अपने चित्र, पते, ईमेल /मोबाइल नंबर सहित रचनाएँ निम्नलिखित ईमेल पर 10 अक्तूबर 2023 तक प्रेषित कीजिए। विषय में दीपावली विशेषांक लिखना न भूलिए। (शब्द सीमा लेख / कहानी (2000 शब्द)
दीपावली विशेषांक ईबुक/फ्लिपबुक/पी डी एफ फॉर्मेट में प्रकाशित की जा सकती है ।
संपादक मण्डल – ई-अभिव्यक्ति
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर / संपादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव, भोपाल / श्री जय प्रकाश पाण्डेय, जबलपुर / संपादक (अंग्रेजी) कैप्टन प्रवीण रघुवंशी≈
🍁 शब्दसृष्टि प्रतिष्ठान” और “डॉ. विजया स्मृति अंतरराष्ट्रीय अनुवाद एवं अनुसंधान केंद्र” द्वारा “प्रकाश-पर्व” गौरव ग्रंथ लोकार्पित🍁
“शब्दसृष्टि प्रतिष्ठान” और “डॉ. विजया स्मृति अंतरराष्ट्रीय अनुवाद एवं अनुसंधान केंद्र, मुंबई” की ओर से आयोजित “प्रकाश-पर्व” गौरव ग्रंथ का लोकार्पण समारोह “मुंबई प्रेस क्लब” में संपन्न हुआ l इस समारोह का अध्यक्ष स्थान श्री दाजी पणशीकर जी (महाभारत के भाष्यकार व ज्येष्ठ चिंतक) ने विभूषित किया तो समारोह के प्रमुख अतिथि एवं वक्ता के रूप में श्री दिनकर गांगल जी (ज्येष्ठ पत्रकार, थिंक महाराष्ट्र आंदोलन के प्रर्वतक व “ग्रंथाली” के संस्थापक) उपस्थित थे तथा इस समारोह के प्रमुख आकर्षण अनुवाद-तपस्वी श्री प्रकाश भातम्ब्रेकर जी थे l
विश्व अनुवाद दिवस अर्थात 30 सितंबर के दिन इस कार्यक्रम का आयोजन मुंबई में किया गया था l
प्रमुख वक्ताओं के रूप में प्रा. सुहासिनी कीर्तिकर (मुंबई मराठी साहित्य संघ की अक्षरदालन की प्रमुख) तथा डॉ. सतीश पांडेय (अधिष्ठाता, कला शाखा, सोमैया कॉलेज, मुंबई) उपस्थित रहे l डॉ. सुहासिनी कीर्तिकर ने सांस्कृतिक दृष्टि से श्री. प्रकाश भातंब्रेकर ने सशक्त अनुवाद करने पर उन्हें बधाईयाँ दी l प्रमुख वक्ता डॉ. सतीश पांडे ने अपने व्याख्यान में कहा कि आदर्श अनुवाद के लिए रचना की भाषा में निहित समाज की मानसिकता को समझना जरूरी होता है l वरिष्ठ लेखक और कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री. दाजी पणशीकर ने साहित्य शाश्वत मूल्यों का होना आवश्यक है यह बताकर अनुवाद में भावानुवाद को सर्वश्रेष्ठ प्रतिपादित किया l सभी वक्ताओं ने “साहित्यिक अनुवाद” पर अपने विचार व्यक्त करते हुए अनुवाद तपस्वी श्री प्रकाश भातम्ब्रेकर जी से जुड़े अपने अनुभव साझा किए l अनुवाद-तपस्वी श्री प्रकाश भातम्ब्रेकर जी ने अपने मनोगत द्वारा अपनी “जीवनयात्रा व साहित्ययात्रा” पर प्रकाश डालते हुए अनुवादकों का मार्गदर्शन किया l
“शब्दसृष्टि प्रतिष्ठान” के संस्थापक-अध्यक्ष व “प्रकाश-पर्व” के प्रमुख संपादक प्रा. डॉ. मनोहर जी समारोह में प्रकृति अस्वास्थ्य के कारण उपस्थित नहीं रह पाए l उनके “संपादकीय मनोगत” का प्रस्तुतिकरण “शब्दसृष्टि प्रतिष्ठान” के न्यासी-कार्याध्यक्ष प्राचार्य मुकुंद आंधळकर जी द्वारा किया गया l
अनुवाद तपस्वी श्री प्रकाश भातम्ब्रेकर जी के मौलिक लेखन, साहित्य क्षेत्र के विद्वान व पारिवारिक सदस्यों द्वारा लिखित संस्मरण (हिंदी-मराठी-अंग्रेजी में) तथा उनके द्वारा अनूदित रचनाओं के अंश व उन रचनाओं की समीक्षा और उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर कुछ विशेष लेख, आदि रचनाओं के साथ “शब्दसृष्टि प्रतिष्ठान” की न्यासी व मानद सचिव सुश्री आशा रानी जी द्वारा विस्तृत “जीवन-परिचय”, आदि का प्रकाश-पर्व इस गौरव ग्रंथ में समावेश किया गया है l
इस गौरव ग्रंथ का प्रकाशन “शब्दसृष्टि प्रतिष्ठान” तथा “शब्द ग्राफिक्स” की ओर से किया गया l इसका मुख्य संपादन डॉ. मनोहर जी तथा संपादन सहयोग सुश्री आशा रानी, डॉ. उषा मिश्र और प्राचार्य मुकुंद आंधळकर जी ने किया l
इस ग्रंथ के निर्माण की संकल्पना प्रा. डॉ. मनोहर जी की थी. इसके फलस्वरूप अनुवादक-लेखक श्री प्रकाश भातम्ब्रेकर जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित प्रस्तुत ग्रंथ का निर्माण किया गया l इसके पूर्व अक्तूबर 2022 में हिंदी विभाग, मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय, पुणे में “श्री प्रकाश भातम्ब्रेकर गौरव विशेषांक के डिजिटल संस्करण का लोकार्पण हुआ था l
“शब्दसृष्टि प्रतिष्ठान” के न्यासी-कार्याध्यक्ष प्राचार्य मुकुंद आंधळकर जी ने अपने प्रास्ताविक वक्तव्य में “शब्दसृष्टि प्रतिष्ठान” की आज तक की गतिविधियों और आगामी आयोजनों के संदर्भ में जानकारी प्रस्तुत की l
“शब्दसृष्टि प्रतिष्ठान” की सहसचिव व पत्रिका की संपादक तथा “डॉ. विजया स्मृति अंतरराष्ट्रीय अनुवाद व अनुसंधान केंद्र” की सहनिदेशक डॉ. प्रेरणा उबाळे जी ने समारोह का कुशल संचालन किया. इस समारोह का संयोजन “शब्दसृष्टि प्रतिष्ठान” की सहसचिव सुश्री ज्योति कुलकर्णी जी तथा कार्यकारी सदस्य प्रा. विजय मोहिते जी ने किया l समारोह की सफलता के लिए प्रतिष्ठान के कार्यालय सहायक श्री घन:श्याम जोगळेकर जी व श्री रवींद्र महाडिक तथा तकनीकी टीम के सदस्य श्री प्रेम विश्वकर्मा जी व श्री रिषभ विश्वकर्मा ने विशेष प्रयत्न किए l इस समारोह में मराठी, हिंदी, गुजराती व अंग्रेजी के लेखक-कवि तथा मुंबई के विविध महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे l
साभार – डॉ. प्रेरणा उबाळे
सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभागाध्यक्षा, मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर, पुणे ०५
ई-अभिव्यक्ती समुहाचे मुख्य संपादक श्री हेमन्त बावनकर यांना जबलपूर येथील कादंबरी या संस्कृतिक, साहित्यिक आणि सामाजिक संस्थेने त्यांच्या शब्द …और कविता(बोधि प्रकाशन, जयपुर – वर्ष – 2015) या प्रथम काव्यसंग्रहाला पुरस्कार देऊन गौरविले आहे.
त्यांच्या या सन्मानाबद्दल अभिव्यक्ती समुहाकडून त्यांचे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि शुभेच्छा ! 💐
संपादक मंडळ
ई-अभिव्यक्ती मराठी
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈